इलेक्ट्रिक मोटर फ्यूल से एनर्जी को पैदा करने वाले इंटरनल कम्बशन के बजाय एक इलेक्ट्रिक व्हीकल को संचालित करने का काम करती है। बढ़ते प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग आदि अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए फ्यूल से चलने वाले ऑटोमोबाइल का एक अच्छे विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
दिल्ली सरकार ने 2021 तक EV पॉलिसी के तहत दिल्ली के 100 अलग अलग स्थानों पर 500 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने का निर्णय लिया है। दिल्ली ही नहीं, यहां तक की केंद्र सरकार ने भी करीब दो साल पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वाले व्यक्तियों के लिए टैक्स में भारी छूट की घोषणा की थी।
फायदे:
यह फ्यूल से चलने वाले ऑटोमोबाइल की तुलना में 62% तक की हाइ एफिशिएंसी प्रदान करता है।
यह जीरो-एमिशन के साथ प्रदूषण को कम करने का काम भी करता है।
यह कम मेंटेनेंस कॉस्ट के साथ ही एक अच्छे ड्राइविंग परफॉर्मेंस को भी प्रदान करता है।
फ्यूल पर भारतीय आबादी की निर्भरता को ध्यान में रखते हुए, इलेक्ट्रिक व्हीकल पेट्रोल की तुलना में CO2 एमिशन में 10% की गिरावट को करने के साथ वातावरण को शुद्ध रखने का भी काम करती है।
नुकसान:
इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित निम्नलिखित दिए गए नुकसानों पर भी एक नज़र डालें:
इलेक्ट्रिक व्हीकल एक निश्चित दूरी तक की ही यात्रा को कवर करने में सक्षम है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को पूरी तरह से चार्ज होने में करीब 30 मिनट तक का समय लगता है।
इसके अलावा ये फ्यूल से चलने वाले व्हीकल्स की तुलना में अधिक महंगा है।
यह इन वाहनों के लिए उत्तम है: यह आमतौर पर उन क्षेत्रों के लिए अच्छी मानी जाती है जहां पर पर्याप्त मात्रा में चार्जिंग स्टेशन कि उपलब्धता हो। भारत सरकार द्वारा पूरे देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए करीब 15,000 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई जा रहा है।
कीमत प्रति लीटर: इलेक्ट्रिक कारों की कॉस्ट 13.99 लाख से लेकर 2.04 करोड़ रुपये तक है। वहीं, स्टेशनों पर आपके EV को चार्ज करने के लिए ₹200 से ₹400 तक का भुगतान करना पड़ सकता है।