उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक जहां आप इन छूटों से विशेष रूप से फ़ायदा उठा सकते हैं वह है हेल्थकेयर। देश में हेल्थकेयर की बढ़ती लागत के कारण सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर टैक्स बेनिफ़िट की पेशकश की है, जो इलाज की फाइनेंशियल लायबिलिटी को काफी हद तक कम कर सकती है।
निम्नलिखित कुछ सामान्य टैक्स डिडक्शन और बेनिफ़िट हैं जिनका फ़ायदा 60 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोग वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए उठा सकते हैं।
60 वर्ष से ज्यादा उम्र के पेंशनभोगी केवल अपनी पेंशन पर 'सैलरी से इनकम ' मद के तहत 50,000 रुपये की मानक डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। पारिवारिक पेंशनभोगी ₹15,000 तक की मानक डिडक्शन का भी क्लेम कर सकते हैं।
- सेक्शन 80डीडीबी के तहत कटौती
केंद्रीय बजट 2018-19 में किए गए बदलावों के अनुसार, सीनियर सिटिजन विशिष्ट गंभीर बीमारियों के मेडिकल खर्च के लिए ₹ 1 लाख तक की डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं।
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इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत, सीनियर सिटिजन मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए ₹50,000 तक की डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं, जो अन्य लोगों के लिए ₹25,000 है।
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सेक्शन 80टीटीबी के तहत, बचत बैंक खातों, बैंक डिपॉज़िट, डाकघर डिपॉज़िट या सहकारी बैंकों डाकघर और बैंक में डिपॉज़िट से उत्पन्न इंटरेस्ट इनकम पर डिडक्शन को 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए बढ़ाकर ₹ 10,000 तथा सीनियर सिटिजन के लिए ₹ 50,000 टैक्स दिया गया है। यह बेनिफ़िट विभिन्न फिक्स और रिकरिंग डिपॉज़िट स्कीम से ब्याज इनकम पर भी लागू होता है।
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इस स्कीम के तहत, सीनियर सिटिजन को जीवन भर के लिए अपना घर गिरवी रखने पर मिलने वाली नियमित किश्तें, जबकि स्वामित्व और कब्ज़ा उनके पास रहता है, पूरी तरह से इनकम टैक्स से मुक्त है।
इस तरह के इनकम टैक्स बेनिफ़िट के साथ सरकार ने देश के सीनियर और सुपर-सीनियर सिटिजन पर टैक्स के बोझ को कम करने का प्रयास किया है। इसलिए, अपने इनकम टैक्स का भुगतान करने से पहले लागू टैक्सस्लैब, छूट और बाद के टैक्स बेनिफ़िट को जान लें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप अपने स्वर्णिम वर्षों में फाइनेंशियल रूप से स्वतंत्र जीवन जी सकें।
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