हालांकि यह समझना जरूरी है कि किसे आईटीआर-4 फॉर्म फाइल करने की जरूरत है, लेकिन ऐसे व्यक्तियों की भी एक कैटेगरी है जिन्हें यह फॉर्म फाइल करने की जरूरत नहीं है। एनुअल इयर 2021-22 के लिए ये लोग कौन हैं, इसकी सूची नीचे दी गई है:
आईटीआर-4 रिटर्न उस व्यक्ति की तरफ से फाइल नहीं किया जाना चाहिए जो:
- भारत के बाहर स्थित किसी भी खाते पर हस्ताक्षर करने का अधिकार है
- 2020-21 वर्ष में असूचीबद्ध इक्विटी शेयर है
- भारत के बाहर किसी भी स्रोत से इनकम
- एक कंपनी के निदेशक हैं
- अगर कोई वित्तीय संपत्ति भारत से बाहर स्थित है
इसके अलावा, सेक्शन-बी के अनुसार कोई व्यक्ति इन रिटर्न का उपयोग नहीं कर सकता है अगर उसे पिछले वर्ष में अर्जित निम्नलिखित श्रेणियों में से किसी से इनकम हुई हो:
- बिजनेस या पेशे से इनकम, ब्रोकरेज, कमीशन, एजेंसी, या सट्टा व्यवसाय आदि से हुए इनकम प्रॉफिट, गेन जिनका कैलकुलेशन इनकम टैक्स ऐक्ट की सेक्शन44एडी, 44एडीए, 44एई के तहत करना जरुरी नहीं है।
- कैपिटल गेन
- एक से ज्यादा गृह संपत्ति से इनकम
- लॉटरी में जीत से इनकम
- घुड़दौड़ के घोड़ों के मालिक होने या उनके रखरखाव से होने वाली इनकम
- सेक्शन115बीबीडीए या सेक्शन115बीबीई जैसे विशेष मामलों के तहत टैक्सेबल इनकम
- इनकम जिसे सेक्शन5ए के तहत विभाजित किया जाना है
- कृषि से ₹5,000 से ज्यादा इनकम
इसके अलावा ऐक्ट-सी निर्दिष्ट करती है कि अगर कोई व्यक्ति निम्नलिखित कैटेगरी के तहत
लॉस/डिडक्शन/रिलीफ/टैक्स क्रेडिट का क्लेम करता है तो वह इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकता है:
- कोई भी लॉस जो किसी इनकम हेड के अंतर्गत लाई गई हो या आगे बढ़ाई गई हो
- अन्य स्रोतों से इनकम के अंतर्गत लॉस
- सेक्शन90, 90ए, या 91 से कोई रिलीफ का क्लेम
- सेक्शन57 के तहत कोई डिडक्शनका दावा
- किसी अन्य व्यक्ति के हाथों स्रोत पर काटे गए टैक्स का कोई डिडक्शन क्लेम
इन कैटेगरी के अंतर्गत आने वाले लोगों को आईटीआर-4 कैटेगरी के तहत टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरुरत नहीं है।