हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन

डिजिट इंश्योरेंस चुनें। 3 करोड़ से भी ज्यादा भारतीयों का भरोसा

भारत में ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिकल इंश्योरेंस एक प्रकार का जनरल इंश्योरेंस है जो किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण स्वास्थ्य समस्या या स्वास्थ्य आकस्मिकता होने पर आपको वित्तीय नुकसान से सुरक्षित करता है।

इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च, वार्षिक स्वास्थ्य जांच, मनोचिकित्सकीय सहयोग, गंभीर बीमारी, मैटरनिटी संबंधी और अन्य खर्च, आपके द्वारा कस्टमाइज किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के अनुसार शामिल हैं।

इसे उस दोस्त की तरह ही समझें जो हमेशा आपके ऐसे समय पर आपके लिए मौजूद होगा जब आप बीमार होंगे या कमजोर महसूस कर रहे होंगे।

“मुझे हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत नहीं है”

अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो आगे पढ़ें।

 

महामारी के परिणाम ने स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच का महत्व समझा दिया।

 

सुस्त जीवनशैली के कारण 61% लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

 

कम उम्र के कैंसर के मरीज दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं।

 

स्वस्थ्य सेवाओं की बढ़ती कीमतों के कारण उपचार करवाना महंगा हो चुका है।

 

भारत में मानसिक रोगों की समस्या बढ़ती जा रही है।

 

भारत में किसी अन्य नॉन कम्यूनिकेबल बीमारी की तुलना में ह्रदय रोग ने सबसे ज्यादा लोगों की जान ली है।

 

डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस में क्या खास है?

आसान ऑनलाइन प्रक्रिया- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपर रहित, आसान, तेज और रुकावट रहित होती है। क्लेम के दौरान भी हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं पड़ती।

उम्र या जोन आधारित को-पेमेंट नहीं- हमारा हेल्थ इंश्योरेंस बिना उम्र या जोन आधारित को-पेमेंट के उपलब्ध है। इसका मतलब है कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के समय, आपको अपनी जेब से कुछ भी खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती।

कमरे के किराए की बाध्यता नहीं- हम समझते हैं कि हर किसी की अलग अलग प्राथमिक्ता होती है। इसीलिए हमारे यहां कमरे के किराए की बाध्यता नहीं है। अपनी पसंद से अस्पताल का कोई भी कमरा चुनें।

एसआई वॉलेट बेनिफ़िट- अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान आपकी इंश्योरेंस की राशि खत्म हो जाती है, तो हम आपके लिए उसे रीफ़िल कर देंगे।

किसी भी अस्पताल में उपचार कराएं- कैशलेस उपचार के लिए भारत में हमारे 10500+ नेटवर्क अस्पतालों में से चयन करनें या रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।

 वेलनेस बेनिफ़िट- सबसे बेहतरीन हेल्थ और वेलनेस पार्टनर के साथ कोलैबोरेशन करके डिजिट ऐप पर खास वेलनेस बेनिफ़िट पाएं।

सबके अनुसार हेल्थ इंश्योरेंस विकल्प

हमारे हेल्थ इंश्योरेंस में क्या कवर किया जाता है?

कवरेज

डबल वॉलेट प्लान

इन्फ़िनिटी वॉलेट प्लान

वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान

खास बातें

सभी प्रकार की अस्पताल में भर्ती - दुर्घटना, बीमारी, गंभीर बीमारी या कोविड होने पर।

इसमें बीमारी, दुर्घटना, गंभीर बीमारी या कोविड 19 महामारी जैसे किसी भी कारण से अस्पताल में भर्ती होने के खर्च का कवर मिलता है। जब तक इंश्योरेंस की राशि पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसे कई बार अस्पताल में भर्ती होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

शुरुआती वेटिंग पीरियड

दुर्घटना के अलावा किसी भी तरह की बीमारी के उपचार के कवर के लिए आपको पॉलिसी लेने के पहले दिन से एक तय अवधि तक इंतजार करना होता है। इसे शुरुआती वेटिंग पीरियड कहते हैं।

वेलनेस प्रोग्राम

होम हेल्थकेयर, टेली कंसल्टेशन, योगा और माइंडफ़ुलनेस वगैरह कई खास वेलनेस बेनिफ़िट ऐप पर उपलब्ध हैं।

सम एश्योर्ड बैकअप

हम आपकी इंश्योरेंस की राशि की 100 % बैकअप इंश्योरेंस राशि देते हैं। इंश्योरेंस की राशि का बैकअप कैसे काम आता है? मान लीजिए कि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि 5 लाख रुपए है। आप 50,000 रुपए का क्लेम करते हैं। ऐसे में डिजिट अपने आप ही वॉलेट बेनिफ़िट दे देता है। तो अब आपके पास 4.5 लाख + 5 लाख रुपए की इंश्योरेंस राशि उस वर्ष उपलब्ध होगी। हालांकि ऐसे मामले में, एक क्लेम की राशि इंश्योरेंस की मूल कीमत से ज्यादा यानि दिए गए उदाहरण में 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती।

पॉलिसी की अवधि में एक बार संबंधित और असंबंधित बीमारी में उसी व्यक्ति को नो एक्ज्हॉशन क्लॉज में कवर किया जाता है।
पॉलिसी की अवधि में असीमित बहाली संबंधित और असंबंधित बीमारी में उसी व्यक्ति को नो एक्ज्हॉशन क्लॉज में कवर किया जाता है।

क्यूमिलेटिव बोनस
digit_special Digit Special

पॉलिसी वर्ष में क्लेम नहीं किया? आपको बोनस मिलता है- स्वस्थ्य और क्लेम मुक्त रहने के लिए आपकी इंश्योरेंस राशि में अतिरिक्त राशि शामिल की जाएगी।

हर क्लेम मुक्त वर्ष के लिए इंश्योरेंस की मूल राशि का 10% , सर्वाधिक 100%
हर क्लेम मुक्त वर्ष के लिए इंश्योरेंस की मूल राशि का 50%, सर्वाधिक 100%

कमरे के किराए की बाध्यता

अलग अलग श्रेणी के कमरे का किराया अलग अलग होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे होटल के कमरे में टेरिफ़ होता है। डिजिट में कमरे का किराया इंश्योरेंस राशि से कम होने पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं मिलती।

डे केयर प्रक्रिया

हेल्थ इंश्योरेंस में 24 घंटों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार खर्च का कवर मिलता है। डे केयर प्रक्रिया में वह उपचार आते हैं जिनमें उन्नत तकनीक के कारण 24 घंटों से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है जैसे मोतियाबिंद, डायलेसिस वगैरह।

विश्व भर में कवरेज
digit_special Digit Special

विश्व भर में कवरेज प्राप्त करके विश्व का सबसे अच्छा उपचार करवाएं। अगर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान भारत में आपका चिकित्सक आपकी किसी बीमारी का पता लगाते हैं, और आप उस बीमारी का उपचार विदेश में करवाना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद करेंगे। आपको कवर किया जाएगा।

×
×

स्वास्थ्य परीक्षण

हम आपके प्लान में बताई गई राशि तक स्वास्थ्य परीक्षण के खर्च का भुगतान करते हैं। जांच के प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। चाहें ईसीजी हो या थायरॉएड प्रोफ़ाइल। क्लेम लिमिट जानने के लिए पॉलिसी शेड्यूल को ध्यान से पढ़ें।

इंश्योरेंस की मूल राशि का 0.25%, हर दो वर्ष के बाद सर्वाधिक ₹1000 तक।
इंश्योरेंस की मूल राशि का 0.25%, हर वर्ष के बाद सर्वाधिक ₹1500 तक।

आकस्मिक एयर एंबुलेंस का खर्च

कभी ऐसी भी आकस्मिक परिस्थिति आ सकती है जिसमें जान जाने का खतरा हो और तुरंत ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो। हम इसे अच्छी तरह समझते हैं और हेलीकॉप्टर या हवाईजहाज से अस्पताल में भर्ती होने पर आपको खर्च का रिइम्बर्समेंट देते हैं।

×

उम्र/ज़ोन आधारित को-पेमेंट
digit_special Digit Special

को-पेमेंट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में साझा की जाने वाली राशि होती है जिसमें पॉलिसी धारक को स्वीकृत क्लेम की राशि के तय भाग का भुगतान अपनी जेब से करना होता है। इससे इंश्योरेंस की राशि कम नहीं हो जाती। यह भाग तमाम बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, या कभी कभी उस ज़ोन में जहां आप उपचार करवा रहे हैं, इसे ज़ोन आधारित को-पेमेंट कहते हैं। हमारे प्लान में, किसी भी प्रकार का उम्र या ज़ोन आधारित को-पेमेंट नहीं देना पड़ता।

को-पेमेंट नहीं
को-पेमेंट नहीं

रोड एंबुलेंस खर्च

अस्पताल में भर्ती होने पर, रोड एंबुलेंस पर आए खर्च का रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।

इंश्योरेंस की मूल राशि का 1%, सर्वाधिक ₹10,000 तक
इंश्योरेंस की मूल राशि का 1%, सर्वाधिक ₹15,000 तक

अस्पताल में भर्ती के पहले और बाद में

इस कवर में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च शामिल हैं जैसे डायग्नोसिस, जांच और रिकवरी।

30/60 दिन
60/180 दिन

अन्य खास बातें

पहले से मौजूद बीमारी (पीईडी) के लिए वेटिंग पीरियड

किसी बीमारी से आप पहले से ग्रसित हैं और पॉलिसी लेते वक्त हमें उसका पता चल गया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है तो प्लान के अनुसार उसका वेटिंग पीरियड होता है और यह आपकी पॉलिसी शेड्यूल में उल्लेखित होता है।

3 वर्ष
3 वर्ष
3 वर्ष

खास बीमारी का वेटिंग पीरियड

यह वह अवधि है जिसमें आपको किसी खास बीमारी के होने पर, उसका क्लेम करने से पहले इंतजार करना होता है। डिजिट में यह अवधि 2 वर्ष है और पॉलिसी सक्रीय होने वाले दिन से शुरू हो जाती है। एक्सक्लूजन की पूरी सूचि के लिए, अपनी पॉलिसी वर्डिंग का स्टैंडर्ड एक्सक्लूजन (ईएक्ससीएल02) पढ़ें।

2 वर्ष
2 वर्ष
2 वर्ष

इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर

पॉलिसी की अवधि के दौरान, दुर्घटना होने पर ऐसी चोट लगती है जो लंबे समय तक बनी रहती है और जो दुर्घटना होने से 12 महीनों के भीतर मृत्यु होने का सीधा और एकमात्र कारण है, तो पॉलिसी शेड्यूल में आपके प्लान और इस कवर के अंतर्गत हम आपको 100% इंश्योरेंस राशि का भुगतान करेंगे।

₹ 50,000
₹ 1,00,000
₹ 1,00,000

अंग दाता का खर्च
digit_special Digit Special

आपकी पॉलिसी में आपके अंग दाता को भी कवर किया जाएगा। डोनर के अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की खर्च भी हम वहन करते हैं। अंग दान सबसे बड़ा उपकार है, और हम ने सोचा कि क्यों न हम भी उसका हिस्सा बनें।

घर पर भर्ती

कभी कभी अस्पतालों में भी बेड कम पड़ सकते हैं और मरीज की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में हम वह खर्च भी वहन करते हैं जब आपको घर पर ही उपचार करवाना पड़े।

बेरिएट्रिक सर्जरी

मोटापा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हम इसे अच्छे से समझते हैं, और चिकित्सकीय तौर पर आवश्यक होने पर या चिकित्सक द्वारा सुझाई जाने पर कराई जाने वाले बेरिएट्रिक सर्जरी को कवर करते हैं। हालांकि, हम इसमें अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर नहीं करते हैं क्योंकि यह उपचार कॉस्मेटिक कारण से किया जाता है।

मनोरोग

ट्रॉमा के कारण, अगर सदस्य को मनोरोग के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है, तो इस बेनिफिट के तहत उसे आईएनआर 1,00,000 तक कवर देते हैं। साइकाइट्रिक इलनेस कवर में वेटिंग पीरियड उतना ही है जितना स्पेसिफ़िक इलनेस कवर का वेटिंग पीरियड है।

कंज्यूमेबल कवर

अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, पहले और बाद में, कई प्रकार के अन्य चिकित्सकीय उपचार और खर्च होते हैं जैसे वॉकिंग एड, क्रेप बैंडेज, बेल्ट वगैरह जिसके लिए आपको खर्च करना पड़ता है। यह कवर आपके इन सभी खर्चों का ख्याल रखता है या फिर इसे आपकी पॉलिसी से हटाया भी जा सकता है।

एडऑन के तौर पर उपलब्ध
एडऑन के तौर पर उपलब्ध
एडऑन के तौर पर उपलब्ध

क्या कवर नहीं किया जाता?

जन्म के पहले और बाद के खर्च

जन्म के पहले और बाद के खर्च जब तक अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती।

पहले से मौजूद बीमारी

पहले से मौजूद बीमारी होने पर,जब तक वेटिंग पीरियड खत्म नहीं हो जाता, उस बीमारी से संबंधित क्लेम नहीं किया जा सकता।

डॉक्टर के सुझाए बिना अस्पताल में भर्ती

किसी भी परिस्थिति में डॉक्टर के सुझाए बिना अस्पताल में भर्ती होने पर कवर नहीं मिलता।

क्लेम कैसे दर्ज करें?

 रिइम्बर्समेंट क्लेम- अस्पताल में भर्ती होेने के दो दिनों की भीतर हमें 1800-258-4242 पर जानकारी दें या  healthclaims@godigit.com पर ईमेल भेजें, इसके बाद हम आपको लिंक भेजेंगे जहां रिइम्बर्समेंट प्राप्त करने के लिए आप अपना अस्पताल का बिल और सभी संबंधित दस्तावजे अपलोड कर सकते हैं।

 

कैशलेस क्लेम- नेटवर्क अस्पताल चुनें। यहां आप नेटवर्क अस्पतालों की पूरी सूची देख सकते हैं। अस्पताल की हेल्प डेस्क पर ई हेल्थ कार्ड दिखाएं और उनसे कैशलेस रिक्वेस्ट फ़ॉर्म मांगें। अगर सब सही रहता है, तो आपका क्लेम उसी वक्त आगे बढ़ा दिया जाएगा।

 

अगर आप कोरोना वायरस के लिए क्लेम करते हैं, तो आपको पास आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी, पुणे के अधीकृत केंद्र की पॉज़िटिव टेस्ट रिपोर्ट होनी चाहिए।

डिजिट के कैशलेस नेटवर्क अस्पताल

10500+ नेटवर्क अस्पतालों की सूची >

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कैसे काम करता है?

हेल्थ इंश्योरेंस में नए हैं और समझ नहीं पा रहे कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कैसे काम करता है, खास तौर पर डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस? हम आपको आसानी से समझाते हैं।

क्लेम क्या होता है?

आपने यह शब्द सब जगह देखा होगा लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि यह असल में क्या होता है। आसान शब्दों में कहें तो, क्लेम वह होता है जो आपको उपचार के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के भुगतान लिए इंश्योरेंस कंपनी से चाहिए होता है।

प्लान किए हुए उपचार और अस्पताल में भर्ती के मामले में क्लेम के लिए पहले से सूचित करना होता है। वहीं आकस्मिक स्थिति में परिस्थिति अलग होती है, यह अपके क्लेम के प्रकार पर भी निर्भर करती है। डिजिट में, आप मुख्यत: दो प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं।

 

कैशलेस क्लेम

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, कैशलेस क्लेम वह क्लेम होते हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने पर आपको अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। आप सोच रहे होंगे कि “क्या मेरे इंश्योरेंस कर्ता को भुगतान करना होता है? ” जवाब है, हां।

हालांकि, आपके पास रिइम्बर्समेंट क्लेम का विकल्प भी है, जिसमें अस्पताल में भर्ती होते वक्त आपको खुद भुगतान करना होता है, बाद में 20 से 30 दिनों के भीतर आप इंश्योरेंस कंपनी से बिल का रिइम्बर्समेंट प्राप्त कर सकते हैं।

हालांकि, जब आप कैशलेस क्लेम का विकल्प चुनते हैं, तो आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि अस्पताल खुद ही आपके इंश्योरर तक बिल पहुंचा देता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यहां पढ़ सकते हैं।

रिइम्बर्समेंट क्लेम

जैसा कि ऊपर बताया गया, रिइम्बर्समेंट क्लेम ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम होते हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने के दौरान आपको अपने बिल अदा करने होते हैं, और बाद में, डिस्चार्ज के बाद आप अपने इंश्योरर से संपर्क करके अस्पताल का बिल रिंबर्स करवा सकते हैं।

डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस के फ़ायदे

को-पेमेंट नहीं
कमरे के किराए की बाध्यता नहीं
कैशलेस अस्पताल पूरे भारत में 10500+ नेटवर्क अस्पताल
इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर हां
वेलनेस बेनिफ़िट 10+ वेलनेस पार्टनर
शहर आधारित डिस्काउंट 10% तक डिस्काउंट
विश्व भर में कवरेज हां*
गुड हेल्थ डिस्काउंट 5% तक डिस्काउंट
कंज्यूमेबल कवर एडऑन के रूप में उपलब्ध

*केवल वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान में उपलब्ध

 

भारत में हेल्थ इंश्योरेंस विकल्पों के प्रकार

फ़ैमिली फ़्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस

फ़ैमिली फ़्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस पूरे परिवार को शामिल करने वाला हेल्थ इंश्योरेंस है।

 

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस स्वतंत्र रूप से आपके अनुसार कस्टमाइज किया जाता है।

 

वरिष्ठ नागरिक के लिए हेल्थ इंश्योरेंस

कस्टमाइज सीनियर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान 60 से ज्यादा उम्र के लोगों के हिसाब से तैयार किया गया है।

 

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस

सुपर टॉप-अप प्लान तब आपके काम आता है जब आप अपना कॉरपोरेट प्लान की राशि खत्म कर देते हैं और अपनी जेब से भुगतान करने में सक्षम नहीं हो पाते।

 

ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस

गु्रप मेडिकल इंश्योरेंस कई लोगों के लिए खरीदा जा सकता है जैसे एक कंपनी के कर्मचारी।

 

मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस

मैटर्निटी हेल्थ इंश्योरेंस आपके घर खुशियां आने के लिए अस्पताल में भर्ती के खर्च के लिए तैयार किया गया है।

 

पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस

पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस चोट सड़क पर एक्सिडेंट होने पर कवर प्रदान करता है।

 

आरोग्य संजीवनी पॉलिसी

यह एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस है जो किफ़ायती इंश्योरेंस की तलाश वालों के लिए बनाया गया है। आरोग्य संजीवनी एक बेहतर विकल्प है।

 

कोरोना कवच

कोरोना वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर एक बार आपको कवर मिलेगा।

 

कोरोना रक्षक

यह ऐसा कोरोना वायरस हेल्थ इंश्योरेंस है जिसमें आपको कोविड होने पर उपचार में आने वाले खर्च की लमसम कीमत प्राप्त हो जाती है।

 

आपको हेल्थ इंश्योरेंस क्यों करवाना चाहिए?

भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस क्यों करवा रहे हैं, इसके कारण यहां बताए गए हैं।

क्योंकि इसमें चिकित्सकीय खर्चों को कवर किया जाता है!

हेल्थ इंश्योरेंस का मुख्य लाभ यह है कि किसी भी दुर्घटना, बीमारी की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के खर्चों को कवर किया जाता है जिनका बोझ आपके बैंक खाते पर भारी पड़ सकता था। इसमें कोरोना वायरस के उपचार का खर्च भी शामिल है, जिसकी भारत में बेहद जरूरत है।

क्योंकि इससे टैक्स में बहुत ज्यादा बचत होती है!

किसे टैक्स में अतिरिक्त बचत नहीं चाहिए होती? इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के अनुसार, कोई व्यक्ति जो अपने या अपने माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता है वह वार्षिक प्रीमियम पर टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकता है।

क्योंकि यह आपको गंभीर बीमारी में सुरक्षा प्रदान करता है

मान्यता को झुठलाते हुए, अब बहुत सी गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर और ह्रदय रोग आज 40 वर्ष की आयु से कम लोगों को होने लगी हैं। हेल्थ इंश्योरेंस आपको सुनिश्चित करता है कि ऐसी किसी परिस्थिति में भी आपको कवर किया जाएगा।

क्योंकि यह आपको वित्तीय तौर पर सुरक्षित रखता है!

किसी भी बात से बढ़कर यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस एक समझदारी भरा निवेश है, जो न कवेल आपके जरूरत पर वित्तीय तौर पर उपलब्ध होने से आपकी सेहत का ख्याल रखता है, साथ ही यह आपको नो क्लेम बोनस जैसे बेनिफ़िट भी देता है जो लंबे समय में आपके लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

क्योंकि यह आपको सही समय पर सही उपचार के लिए सुनिश्चित करता है!

सोचिए अगर किसी कारण से आपको या आपके परिवार को उपचार की जरूरत है लेकिन धन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण आपको कुछ समय के लिए उपचार टालना पड़ता है। इससे समस्या और बढ़ सकती है।

हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी होता है क्योंकि इसकी वजह से ऐसी नौबत आने नहीं पाती, और आप समय पर उपचार करवा पाते हैं। साथ ही, हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण को शामिल करने पर, आप हमेशा ही अपनी सेहत के बारे में जानकारी रखेंगे जो अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती है।

क्योंकि इससे आपके मन को शांति मिलती है!

आपको कैसा लगेगा जब आपको पता चलेगा कि आपके मुशकिल समय पर आपको सहारा देने के लिए हमेशा कोई आपके साथ है? सुकून महसूस होगा न? हमारी सेहत के मामले में भी- आप हेल्थ इंश्योरेंस को भी अपना सहारा मान सकते हैं जो मुशकिल समय में आपके काम आएगा।

 

मुझे ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस क्यों खरीदना चाहिए?

ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना तेज प्रक्रिया है जिसे कुछ ही मिनटों में पूरा किया जा सकता है।

डिजिटल फ़्रेंडली प्रक्रिया के कारण, ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का मतलब है कि उसमें किसी को छूने की संभावना खत्म हो जाती है और एजेंट से मिलने और फ़ॉर्म भरने की तुलना में किसी से कम मिलना पड़ता है।

 

सभी जानकारी आपके पास चुटकियों मे हाजिर होती है, इसलिए अपने घर पर आराम से बैठे हुए भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का आकलन कर सकते हैं और सोचा समझा निर्णय ले सकते हैं।

 

हेल्थ इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदने से आपकी प्रीमियम में कुछ बचत हो सकती हैं क्योंकि इसमें कोई बिचौलिया नहीं होता।

केवल ऐसे मामले जिनमें चिकित्सकीय जांच की जरूरत पड़ती है, उनके अलावा ज्यादातर मामलों में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन आपके डीटेल भरते और प्रीमियम का भुगतान करते ही दे दी जाती हैं।

 

सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी टर्मेनोलॉजी को आसानी से समझें

वेटिंग पीरियड

अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के किसी भी बेनिफ़िट का इस्तेमाल करने से पहले आपको जितने समय के लिए इंतजार करना होता है।

 

को-पेमेंट

को-पेमेंट का मतलब होता है कि बिल आप और आपके इंश्योरर के बीच बाटा जाता है, यानि, एक तरफ जहां बिल का बड़ा हिस्सा इंश्योरर को अदा करना होता है वहीं उसका कुछ हिस्सा आपको अदा करना होता है।

पहले से मौजूद बीमारी

कोई भी ऐसी बीमारी जिसके लक्षण आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले आ रहे हों या पॉलिसी लेने से पहले आपने उस बीमारी का उपचार कराया हो, उसे पहले से मौजूद बीमारी कहते हैं।

डे-केयर प्रोसीजर

जब किसी को ऑपरेशन या उपचार के लिए अस्पताल में 24 घंटों से कम समय के लिए भर्ती होना पड़ता है। ऐसे उपचारों को डे केयर प्रोसीजर कहते हैं।

प्री-हॉस्पिटलाइजेशन खर्चे

अस्पताल में रहने पर आपको जितना भुगतान करना चाहिए, मेडिकल बिल उससे कहीं ज्यादा हो जाते हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले के मेडिकल बिल को प्री-हॉस्पटिलाइजेशन एक्सपेंस कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर जांच में होने वाले खर्च।

क्यूमिलेटिव बोनस

जब आप साल भर में इंश्योरेंस क्लेम नहीं करते हैं, तो आपका इंश्योरर प्रीमियम बढ़ाए बिना ही आपकी इंश्योरेंस राशि को बढ़ा देता है। इंश्योरेंस राशि की इस बढ़ी हुई कीमत को क्यूमिलेटिव बोनस कहते हैं।

डिडक्टिबल

कुछ इंश्योरेंस प्लान आपको कवर देने से पहले कुछ राशि का भुगतान आपकी अपनी जेब से करवाते हैं। इस कीमत को डिडक्टिबल कहते हैं। आमतौर पर यह कीमत आपके द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त निर्धारित की जाती है।

 

सम इंश्योर्ड

सम इंश्योर्ड वह सर्वाधिक राशि होती है जिसका भुगतान आपका इंश्योरर एक वर्ष में आपको कर सकता है।

 

पोर्टेबिलिटी

जब आप अपने मौजूदा इंश्योरर से खुश नहीं होते और दूसरे का चुनाव करना चाहते हैं। साथ ही, वेटिंग पीरियड का नुकसान नहीं होने देना चाहते। हेल्थ इंश्योरेंस में इसे पोर्टेबिलिटी कहते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले ध्यान रखी जाने वाली बातें

  • अपना प्रीमियम बचाने के लिए इंश्योरेंस की कम राशि का चुनाव न करें। आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कितने लोगों को शामिल करते हैं, आपकी सेहत संबंधी जरूरतें, आपकी उम्र के आधार पर आपको हमेशा इंश्योरेंस की सही राशि चुननी चाहिए।
  • आपको हमेशा यह जांचना चाहिए की आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या-क्या बातें कवर की जा रही हैं और क्या नहीं। साथ ही, सभी नियम व शर्तोें को ध्यान से पढेंÞ ताकि आपको किसी बात से हैरानी न हो। हम समझते हैं कि इतना सब कुछ पढ़ना आपके लिए बोरिंग हो सकता है, इसलिए डिजिट में हमने छोटी समरी और पॉलिसी के आसान डॉक्यूमेंट तैयार किए हैं, ताकि आप आसानी से सभी बातें समझ सकें।
  • अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस प्लान कस्टमाइज करने का विकल्प है, तो आपको यह जरूर करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर आप बेहतर कवरेज के लिए अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को तमाम एड-ऑन्स के साथ कस्टमाइज कर सकते हैं।
  • हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में बहुत देर नहीं करनी चाहिए। जीवन में जल्द ही आपको हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ले लेना चाहिए, इससे प्रीमियम की कीमत घट जाती है। साथ ही, आपका वेटिंग पीरियड भी जल्द खत्म हो जाता है।
  • हेल्थ इंश्योरेंस एक जरूरी वित्तीय निर्णय है, इसलिए पहला विकल्प दिखते ही उसे खरीदने से पहले आपको ऑनलाइन तमाम विकल्पों में तुलना कर लेनी चाहिए।

हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में तुलना करने के टिप्स

ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लान खरीदने का एक फायदा यह है कि आप जी भरकर रिसर्च कर सकते हैं और ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में तुलना कर सकते हैं।

आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया और आसान बनाने के लिए, यहां पर उन सभी बातों की सूचि दी गई है जिनकी तुलना करते हुए आप सबसे अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं :

  • कवरेज की जानकारी : हेल्थ इंश्योरेंस का उद्देश्य चिकित्सा पर आए खर्च का सर्वाधिक कवरेज प्राप्त करना होता है। इसलिए आपको हमेशा यह देखना चाहिए कि आपको किस प्रकार का कवरेज मिल रहा है और इंश्योरेंस की राशि में तुलना करें। आखिरकार, इससे आपको पता चलेगा कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको कितनी कीमत तक कवर करता है।
  • सर्विस बेनिफिट: कुछ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान बुनियादी कवरेज देते हैं, तो वहीं कुछ बेहतर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बेनिफ़िट भी देते हैं। इसलिए अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर द्वारा दी जाने वाली सर्विस बेनिफ़िट  में तुलना करें और अपने लिए सबसे बेहतर चुनें
  • अस्पतालों का नेटवर्क: हर हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर के पास अस्पतालों का नेटवर्क होता है जहां आप जाकर जरूरत के समय कैशलेस क्लेम करके उपचार प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में तुलना करके यह देख सकते हैं कि क्या आपको उनमें कैशलेस क्लेम की सुविधा मिल रही है कि नहीं और किस हद तक मिल रही है
  • हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम: यह कोई कहने की बात नहीं। यह तो आपको करना ही होेगा। हालांकि आपको यह पता लगाना जरूरी है कि प्रीमियम आपके चुने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के हिसाब से है या नहीं। आंख बंद करके सस्ते प्रीमियम वाला प्लान न लें, आपको हमेशा ही कवरेज की जानकारी पता होनी चाहिए जिसके हिसाब से आप प्रीमियम में तुलना करके आप उचित निर्णय ले सकते हैं।

आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करने वाली बातें

आप सोच रहे होंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम अलग-अलग क्यों होते हैं। तमाम कारकों के मेल के आधार पर, आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी बातों से तय होता है:

·       उम्र - युवाओं और बुजुर्गों दोनों के लिए स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, फिर भी मजबूत इम्यून सिस्टम के चलते युवा ज्यादा सेहतमंद होते हैं। साथ ही, आपकी उम्र जितन कम होगी, किसी बीमारी के लिए कवर प्राप्त करने के लिए वेटिंग पीरियड पूरा करने का उतना ज्यादा समय आपको मिल जाता है। इसलिए, अगर आपकी उम्र कम होगी, तो प्रीमियम भी कम होगा।

·       जीवनशैली - भारत में 61% से ज्यादा मृत्यु जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के कारण होती हैं, जिसमें प्रदूषण का स्तर भी शामिल है। इसलिए आपकी आदतें भी आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करती हैं, जैसे कि आप धूम्रपान करते हैं या नहीं।

·        पहले से मौजूद बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति - अगर आप पहले से ही किसी खास तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं, या फ़ैमिली हिस्ट्री में किसी खास बीमारी मौजूद है, तो बीमारी का खतरा ज्यादा होने के कारण आपका हेल्थ इंश्योरेंस भी ज्यादा होगा।

·       स्थान - आप कौन से शहर में रहते हैं इससे भी आपके हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि जोखिम और स्वास्थ्य खर्चों के आधार पर हर शहर अलग होता है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को फ़ेफ़ड़ों की बीमारी जल्दी होती है, क्योंकि यहां प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है।

·        अतिरिक्त कवर - व्यक्ति अपनी जरूरतों और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर इंश्योरेंस प्लान को कस्टमाइज करवा सकते हैं। इसलिए, अगर आप मैटर्निटी बेनिफ़िट या आयुष बेनिफ़िट जैसे अतिरिक्त कवर लेते हैं, तो आपका प्रीमियम थोड़ा बढ़ जाता है।

इंश्योरेंस की सही कीमत कैसे चुनें?

  •  जीवन का पड़ाव: जब जीवन के पड़ाव बदलते हैं, तो आपको इंश्योरेंस की ज्यादा राशि की जरूरत पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी शादी हो रही है या आप बच्चे को जन्म देने के बारे में सोच रहे हैं।
  • आश्रितों की संख्या: परिवार को भविष्य में चिकित्सा के कारण वित्तीय समस्या से बचाने के लिए पूरे परिवार की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी करवाना एक बेहतर विकल्प है।
  • स्वास्थ्य स्थिति: अगर परिवार में हेरिडिटी के कारण कोई बीमारी है या व्यक्ति जिस शहर में रहता है वहां पर बढ़ रही कोई बीमारी के कारण आपको ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस चुनना चाहिए।
  • जीवनशैली: अगर आप प्रदूषण से भरे मेट्रो शहर में रहते हैं, रोज़ाना ट्राफ़िक में फ़सते हैं या ऑफ़िस का तनाव झेलते हैं, तो आपके बीमार पड़ने की संभावना भी ज्यादा होती है। जिसका मतलब है कि आपको अपने लिए बेहतर कवर चाहिए।

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के टिप्स

युवाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के टिप्स

  • जीवन में जल्द ही इंश्योरेंस करवाएं
  • ज्यादा कीमत वाला इंश्योरेंस चुनें, जिससे आपको एक्सिडेंट के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर ज्यादा राशि प्राप्त हो सकती है।
  • आपकी पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस का कवर भी होना चाहिए।
  • अगर आप भविष्य में परिवार बनाना चाहते हैं, तो मेटर्निटी बेनिफ़िट चुनें ताकि समय रहते आपका वेटिंग पीरियड पूरा हो सके।

परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के टिप्स

  • रिवार से सभी सदस्योें का इंश्योरेंस करवाएं।
  • इंश्योरेंस की ज्यादा राशि चुनें क्योंकि वह परिवार के हर सदस्य में बट जाती है। आप हर व्यक्ति के लिए 10 लाख रुपए के हिसाब से इंश्योरेंस की राशि गिन सकते हैं।
  • अगर आपके पास फ़्लोटर प्लान है तो, तो रीस्टोरेशन बेनिफ़िट वाले प्लान को अपनाएं।
  •  दिए जाने वाले सभी बेनिफ़िट का वेटिंग पीरियड देखें।
  • अगर आप अपने माता पिता का इंश्योरेंस करवाना चाहते हैं, तो देखें कि उसमें सामान्य उपचार कवर किए जाते हैं या नहीं जैसे घुटनों का रिप्लेसमेंट, मोतियाबिंद की सर्जरी।

बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के टिप्स

  • उम्र के साथ इंश्योरेंस की कीमत भी बढ़ जाती है। तो अगर आप इंश्योरेंस लेना चाहते हैं, तो आप टॉप अप प्लान के साथ इंश्योरेंस राशि बढ़ा सकते हैं।
  • यह देखना न भूलें कि आपको किस तरह का हॉस्पिटल टाइ अप और सर्विस टाइ अप दिया जा रहा है।
  • देखें कि प्लान में सामान्य उपचारों का कवर मिल रहा है या नहीं जैसे घुटनों का रिप्लेसमेंट, मोतियाबिंद की सर्जरी।
  • दिए जाने वाले बेनिफ़िट की सबलिमिट देखें।
  • पहले से मौजूद अलग अलग बीमारियों का वेटिंग पीरियड देखें।

स्वास्थ्य बीमा के बारे में लोकप्रिय मिथक

हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित जाने-माने भ्रम

  • हेल्थ इंश्योरेंस में केवल गंभीर बीमारियों को कवर किया जाता है: बहुत लोग सोचते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस में केवल गंभीर बीमारियों को कवर किया जाता है। हालांकि, यह बात सच नहीं है। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में सामान्य बीमारी, दुर्घटना, मनोचिकित्सा, बच्चे का जन्म और सालाना होने वाला सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण भी कवर किया जाता है।
  • मुझे हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत नहीं, क्योंकि मैं युवा हूं और अभी मुझे बीमारी नहीं होगी: यह बात अब पुरानी हो चुकी- क्योंकि अब व्यक्ति किसी भी उम्र में बीमार हो सकता है। खास तौर पर, आज के समय में, ज्यादा से ज्यादा युवा मौसम में बदलाव के कारण जीवनशैली में बदलाव और खराब खानपान के चलते बीमारियों का शिकार हो रहे हैं जैसे पीसीओएस, कैंसर और फ़ेफ़ड़ों की बीमारी।
  • हेल्थ इंश्योरेंस प्रक्रिया में बहुत समय लगता है: हकीकत में यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का हेल्थ इंश्योरेंस और इंश्योरेंस प्रोवाइडर चुन रहे हैं। तकनीक को धन्यवाद, अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान अब तेजी से बिना रुकावट लिए जा सकते हैं।
  • अगर आपके पास बचत है तो आपको हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत नहीं : हम कभी कभी कितने आशावादी हो जाते हैं। हमारी बचत समय पर हमारी मदद कर सकती हैं, लेकिन जरूरत कितनी पड़ सकती है इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। वहीं, एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान एक बेहतर निवेश की तरह है जो आप सिर्फ़ अपनी सेहत कि लिए करते हैं ताकि आपको भविष्य में जरूरत पड़ने पर वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।

भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस में क्या खास है?

ऑनलाइन और डिजिटल फ़्रेंडली होने के अलावा, डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में आपको अनोखे बेनिफ़िट मिलते हैं, जैसे कस्टमाइजेशन, कॉमप्लिमेंट्री एनुअल हेल्थ चेकअप, कमरे के किराए पर बाध्यता नहीं, डेली हॉस्पिटल कैश अलॉन्स, मनोचिकित्सा, और बहुत कुछ जिससे आप और आपके परिवार की सेहत का भरपूर ख्याल रखा जा सके।

 

क्या मुझे पहले से मौजूद बीमारी के लिए कवर किया जाएगा?

यह बीमारी के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। डिजिट में, हम कैंसर, एचआईवी, पारकिंसन डिजीज, थेलेसेमिया, न्यूरोपैथी, लिवर और किडनी संबंधी बीमारी, डाउन सिंड्रोम, एल्ज़ाइमर जैसी कई और बीमारियों को पहले से होने पर कवर नहीं करते हैं।

 

क्लेम करने के लिए मुझे कौन से दस्तावेज चाहिए?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसा क्लेम कर रहे हैं। कैशलेस क्लेम के लिए, आपको अस्पताल में बस टीपी द्वारा दिया गया एक फ़ॉर्म भरना होता है वहीं रिइम्बर्समेंट के मामले में, आपको अपने उपचार संबंधी बिल अपलोड या जमां करने होते हैं।

 

क्या मैं नॉन नेटवर्क अस्पताल में भर्ती हो सकता हूं?

हां, आप हो सकते हैं। हालांकि, ऐसे मामले में, आपको रिइम्बर्समेंट करवाना होगा क्योंकि कैशलेस सुविधा केवल नेटवर्क अस्पतालों में उपलब्ध होती है।

 

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की क्या उम्र होती है?

इसका जवाब आसान है। आप जितने जवान होंगे, आपके प्रीमियम की राशि उतनी ही कम होगी। साथ ही, आपके युवा होने पर, तमाम कवर प्राप्त करने के लिए आपका वेटिंग पीरियड भी आसानी से पार हो जाएगा। इसलिए, इन दो कारणों से आपको जीवन में जल्द इंश्योरेंस करवाना फ़ायदेमंद हो सकता है।

युवाओं को कवर प्राप्त करने का दूसरा कारण यह भी है कि बीमारियां और दुर्घटनाएं केवल ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही नहीं होती, युवा भी इसके शिकार हो सकते हैं।

युवा वित्तीय तौर पर सुरक्षित नहीं होते, ऐसे में अस्पताल और अन्य चिकित्सकीय खर्च उनके लिए भारी पड़ सकते हैं।

इमर्जेंसी में अस्पताल में भर्ती होने पर मुझे कहां कॉल करना चाहिए?

दिन और समय कुछ भी हो, हम आपके लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। बस हमें 1800-258-4242 पर कॉल करें और हम आपके लिए सब कुछ आसान कर देंगे।

 

लाइफ़ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस में क्या अंतर है?

लाइफ़ इंश्योरेंस एक लॉन्ग टर्म पॉलिसी है जिसमें इंश्योरेंस प्राप्त व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके परिजन राशि के लिए क्लेम कर सकते हैं। वहीं हेल्थ इंश्योरेंस में व्यक्ति को बीमारी, दुर्घटना होने पर स्वास्थ्य उपचार करवाने के लिए आर्थिक सहायता मिलती है।

 

क्या मेरी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पूरे भारत में मान्य होगी?

हां, डिजिट की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पूरे भारत में मान्य है।

 

क्या हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट या अस्वीकार किया जा सकता है?

हां, हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम हमारी पॉलिसी की नियम व शर्तों के अनुरूप नहीं होगा, तो अस्वीकार किए जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप वेटिंग पीरियड पूरा किए बिना पहले से मौजूद किसी बीमारी के लिए क्लेम करते हैं, तो उसे अस्वीकार किया जाएगा।

 

क्या मेरे पास एक से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हो सकती हैं?

हां, आपके पास एक से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हो सकती हैं।

 

अगर अस्पताल में 24 घंटों से कम भर्ती होना पड़े तो भी क्या मैं क्लेम कर सकता हूं?

हां, आप डे केयर प्रक्रिया या ओपीडी के लिए क्लेम कर सकते हैं- अगर आपने अपने हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी कवर लिया है।

 

अगर मैं समय पर अपना रिन्यूअल प्रीमियम का भुगतान नहीं कर पाता तो क्या होगा?

अरे नहीं, अगर आप समय पर अपना रिन्यूअल प्रीमियम नहीं भर पाते, तो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायरी हो जाती और आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की पूरी प्रक्रिया फिर से करनी होगी।

 

क्या मैं पहले दिन से ही अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का इस्तेमाल करना शुरू कर सकता हूं?

नहीं, आपको 30 दिन के शुरुआती वेटिंग पीरियड का इंतजार करना होता है। हालांकि, दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित क्लेम के लिए, कोई भी शुरुआती वेटिंग पीरियड नहीं होता, और पॉलिसी खरीदने के बाद आप कभी भी उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सही उम्र क्या होनी चाहिए?

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सही उम्र आपकी युवा अवस्था है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस दौरान प्रीमियम काफ़ी कम होता है और आप जल्द ही अपना वेटिंग पीरियड पूरा कर लेते हैं। साथ ही, चिकित्सा की बढ़ती कीमतों के दौर में, अगर आपको कभी किसी बीमारी के लिए उपचार कराना हो तो हेल्थ इंश्योरेंस की मदद से आपको अपनी बचत खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिसे आप कभी यात्रा करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

आप कितने लोगों के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं?

ग्रुप हेल्थ पॉलिसी खरीदने के लिए सदस्यों की न्यूनतम संख्या हर इंश्योरर की अलग अलग होती है। डिजिट में आप न्यूनतम 10 लोगों के लिए ग्रुप हेल्थ पॉलिसी खरीद सकते हैं।

 

जोन आधारित डिस्काउंट के लिए क्या मुझे कभी भी अपने निवास का जोन साबित करने की जरूरत पड़ेगी?

नहीं, आपको अपने प्रीमियम में जोन आधारित डिस्काउंट के लिए किसी भी प्रकार का प्रमाण जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, क्लेम के समय, आपको अपना पता प्रमाण देना होगा जिससे आप साबित कर सकें कि आपका जोन बी है, साबित न कर पाने पर आपको 10% को-पेमेंट का भुगतान करना होगा। अगर आप जरूरी प्रमाण दे देते हैं तो किसी प्रकार के को-पेमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी।