हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन
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हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिकल इंश्योरेंस एक प्रकार का जनरल इंश्योरेंस है जो किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण स्वास्थ्य समस्या या स्वास्थ्य आकस्मिकता होने पर आपको वित्तीय नुकसान से सुरक्षित करता है।
इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च, वार्षिक स्वास्थ्य जांच, मनोचिकित्सकीय सहयोग, गंभीर बीमारी, मैटरनिटी संबंधी और अन्य खर्च, आपके द्वारा कस्टमाइज किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के अनुसार शामिल हैं।
इसे उस दोस्त की तरह ही समझें जो हमेशा आपके ऐसे समय पर आपके लिए मौजूद होगा जब आप बीमार होंगे या कमजोर महसूस कर रहे होंगे।
अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो आगे पढ़ें।
कवरेज
डबल वॉलेट प्लान
इन्फ़िनिटी वॉलेट प्लान
वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान
खास बातें
इसमें बीमारी, दुर्घटना, गंभीर बीमारी या कोविड 19 महामारी जैसे किसी भी कारण से अस्पताल में भर्ती होने के खर्च का कवर मिलता है। जब तक इंश्योरेंस की राशि पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसे कई बार अस्पताल में भर्ती होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
दुर्घटना के अलावा किसी भी तरह की बीमारी के उपचार के कवर के लिए आपको पॉलिसी लेने के पहले दिन से एक तय अवधि तक इंतजार करना होता है। इसे शुरुआती वेटिंग पीरियड कहते हैं।
होम हेल्थकेयर, टेली कंसल्टेशन, योगा और माइंडफ़ुलनेस वगैरह कई खास वेलनेस बेनिफ़िट ऐप पर उपलब्ध हैं।
हम आपकी इंश्योरेंस की राशि की 100 % बैकअप इंश्योरेंस राशि देते हैं। इंश्योरेंस की राशि का बैकअप कैसे काम आता है? मान लीजिए कि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि 5 लाख रुपए है। आप 50,000 रुपए का क्लेम करते हैं। ऐसे में डिजिट अपने आप ही वॉलेट बेनिफ़िट दे देता है। तो अब आपके पास 4.5 लाख + 5 लाख रुपए की इंश्योरेंस राशि उस वर्ष उपलब्ध होगी। हालांकि ऐसे मामले में, एक क्लेम की राशि इंश्योरेंस की मूल कीमत से ज्यादा यानि दिए गए उदाहरण में 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती।
पॉलिसी वर्ष में क्लेम नहीं किया? आपको बोनस मिलता है- स्वस्थ्य और क्लेम मुक्त रहने के लिए आपकी इंश्योरेंस राशि में अतिरिक्त राशि शामिल की जाएगी।
अलग अलग श्रेणी के कमरे का किराया अलग अलग होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे होटल के कमरे में टेरिफ़ होता है। डिजिट में कमरे का किराया इंश्योरेंस राशि से कम होने पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं मिलती।
हेल्थ इंश्योरेंस में 24 घंटों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार खर्च का कवर मिलता है। डे केयर प्रक्रिया में वह उपचार आते हैं जिनमें उन्नत तकनीक के कारण 24 घंटों से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है जैसे मोतियाबिंद, डायलेसिस वगैरह।
विश्व भर में कवरेज प्राप्त करके विश्व का सबसे अच्छा उपचार करवाएं। अगर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान भारत में आपका चिकित्सक आपकी किसी बीमारी का पता लगाते हैं, और आप उस बीमारी का उपचार विदेश में करवाना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद करेंगे। आपको कवर किया जाएगा।
हम आपके प्लान में बताई गई राशि तक स्वास्थ्य परीक्षण के खर्च का भुगतान करते हैं। जांच के प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। चाहें ईसीजी हो या थायरॉएड प्रोफ़ाइल। क्लेम लिमिट जानने के लिए पॉलिसी शेड्यूल को ध्यान से पढ़ें।
कभी ऐसी भी आकस्मिक परिस्थिति आ सकती है जिसमें जान जाने का खतरा हो और तुरंत ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो। हम इसे अच्छी तरह समझते हैं और हेलीकॉप्टर या हवाईजहाज से अस्पताल में भर्ती होने पर आपको खर्च का रिइम्बर्समेंट देते हैं।
को-पेमेंट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में साझा की जाने वाली राशि होती है जिसमें पॉलिसी धारक को स्वीकृत क्लेम की राशि के तय भाग का भुगतान अपनी जेब से करना होता है। इससे इंश्योरेंस की राशि कम नहीं हो जाती। यह भाग तमाम बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, या कभी कभी उस ज़ोन में जहां आप उपचार करवा रहे हैं, इसे ज़ोन आधारित को-पेमेंट कहते हैं। हमारे प्लान में, किसी भी प्रकार का उम्र या ज़ोन आधारित को-पेमेंट नहीं देना पड़ता।
अस्पताल में भर्ती होने पर, रोड एंबुलेंस पर आए खर्च का रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।
इस कवर में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च शामिल हैं जैसे डायग्नोसिस, जांच और रिकवरी।
अन्य खास बातें
किसी बीमारी से आप पहले से ग्रसित हैं और पॉलिसी लेते वक्त हमें उसका पता चल गया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है तो प्लान के अनुसार उसका वेटिंग पीरियड होता है और यह आपकी पॉलिसी शेड्यूल में उल्लेखित होता है।
यह वह अवधि है जिसमें आपको किसी खास बीमारी के होने पर, उसका क्लेम करने से पहले इंतजार करना होता है। डिजिट में यह अवधि 2 वर्ष है और पॉलिसी सक्रीय होने वाले दिन से शुरू हो जाती है। एक्सक्लूजन की पूरी सूचि के लिए, अपनी पॉलिसी वर्डिंग का स्टैंडर्ड एक्सक्लूजन (ईएक्ससीएल02) पढ़ें।
पॉलिसी की अवधि के दौरान, दुर्घटना होने पर ऐसी चोट लगती है जो लंबे समय तक बनी रहती है और जो दुर्घटना होने से 12 महीनों के भीतर मृत्यु होने का सीधा और एकमात्र कारण है, तो पॉलिसी शेड्यूल में आपके प्लान और इस कवर के अंतर्गत हम आपको 100% इंश्योरेंस राशि का भुगतान करेंगे।
आपकी पॉलिसी में आपके अंग दाता को भी कवर किया जाएगा। डोनर के अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की खर्च भी हम वहन करते हैं। अंग दान सबसे बड़ा उपकार है, और हम ने सोचा कि क्यों न हम भी उसका हिस्सा बनें।
कभी कभी अस्पतालों में भी बेड कम पड़ सकते हैं और मरीज की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में हम वह खर्च भी वहन करते हैं जब आपको घर पर ही उपचार करवाना पड़े।
मोटापा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हम इसे अच्छे से समझते हैं, और चिकित्सकीय तौर पर आवश्यक होने पर या चिकित्सक द्वारा सुझाई जाने पर कराई जाने वाले बेरिएट्रिक सर्जरी को कवर करते हैं। हालांकि, हम इसमें अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर नहीं करते हैं क्योंकि यह उपचार कॉस्मेटिक कारण से किया जाता है।
ट्रॉमा के कारण, अगर सदस्य को मनोरोग के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है, तो इस बेनिफिट के तहत उसे आईएनआर 1,00,000 तक कवर देते हैं। साइकाइट्रिक इलनेस कवर में वेटिंग पीरियड उतना ही है जितना स्पेसिफ़िक इलनेस कवर का वेटिंग पीरियड है।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, पहले और बाद में, कई प्रकार के अन्य चिकित्सकीय उपचार और खर्च होते हैं जैसे वॉकिंग एड, क्रेप बैंडेज, बेल्ट वगैरह जिसके लिए आपको खर्च करना पड़ता है। यह कवर आपके इन सभी खर्चों का ख्याल रखता है या फिर इसे आपकी पॉलिसी से हटाया भी जा सकता है।
भारत के 10500+ अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्राप्त करें।
हेल्थ इंश्योरेंस में नए हैं और समझ नहीं पा रहे कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कैसे काम करता है, खास तौर पर डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस? हम आपको आसानी से समझाते हैं।
आपने यह शब्द सब जगह देखा होगा लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि यह असल में क्या होता है। आसान शब्दों में कहें तो, क्लेम वह होता है जो आपको उपचार के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के भुगतान लिए इंश्योरेंस कंपनी से चाहिए होता है।
प्लान किए हुए उपचार और अस्पताल में भर्ती के मामले में क्लेम के लिए पहले से सूचित करना होता है। वहीं आकस्मिक स्थिति में परिस्थिति अलग होती है, यह अपके क्लेम के प्रकार पर भी निर्भर करती है। डिजिट में, आप मुख्यत: दो प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं।
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, कैशलेस क्लेम वह क्लेम होते हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने पर आपको अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। आप सोच रहे होंगे कि “क्या मेरे इंश्योरेंस कर्ता को भुगतान करना होता है? ” जवाब है, हां।
हालांकि, आपके पास रिइम्बर्समेंट क्लेम का विकल्प भी है, जिसमें अस्पताल में भर्ती होते वक्त आपको खुद भुगतान करना होता है, बाद में 20 से 30 दिनों के भीतर आप इंश्योरेंस कंपनी से बिल का रिइम्बर्समेंट प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, जब आप कैशलेस क्लेम का विकल्प चुनते हैं, तो आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि अस्पताल खुद ही आपके इंश्योरर तक बिल पहुंचा देता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यहां पढ़ सकते हैं।
जैसा कि ऊपर बताया गया, रिइम्बर्समेंट क्लेम ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम होते हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने के दौरान आपको अपने बिल अदा करने होते हैं, और बाद में, डिस्चार्ज के बाद आप अपने इंश्योरर से संपर्क करके अस्पताल का बिल रिंबर्स करवा सकते हैं।
को-पेमेंट |
नहीं |
कमरे के किराए की बाध्यता |
नहीं |
कैशलेस अस्पताल |
पूरे भारत में 10500+ नेटवर्क अस्पताल |
इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर |
हां |
वेलनेस बेनिफ़िट |
10+ वेलनेस पार्टनर |
शहर आधारित डिस्काउंट |
10% तक डिस्काउंट |
विश्व भर में कवरेज |
हां* |
गुड हेल्थ डिस्काउंट |
5% तक डिस्काउंट |
कंज्यूमेबल कवर |
एडऑन के रूप में उपलब्ध |
*केवल वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान में उपलब्ध
भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस क्यों करवा रहे हैं, इसके कारण यहां बताए गए हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस का मुख्य लाभ यह है कि किसी भी दुर्घटना, बीमारी की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के खर्चों को कवर किया जाता है जिनका बोझ आपके बैंक खाते पर भारी पड़ सकता था। इसमें कोरोना वायरस के उपचार का खर्च भी शामिल है, जिसकी भारत में बेहद जरूरत है।
किसे टैक्स में अतिरिक्त बचत नहीं चाहिए होती? इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के अनुसार, कोई व्यक्ति जो अपने या अपने माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता है वह वार्षिक प्रीमियम पर टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकता है।
मान्यता को झुठलाते हुए, अब बहुत सी गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर और ह्रदय रोग आज 40 वर्ष की आयु से कम लोगों को होने लगी हैं। हेल्थ इंश्योरेंस आपको सुनिश्चित करता है कि ऐसी किसी परिस्थिति में भी आपको कवर किया जाएगा।
किसी भी बात से बढ़कर यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस एक समझदारी भरा निवेश है, जो न कवेल आपके जरूरत पर वित्तीय तौर पर उपलब्ध होने से आपकी सेहत का ख्याल रखता है, साथ ही यह आपको नो क्लेम बोनस जैसे बेनिफ़िट भी देता है जो लंबे समय में आपके लिए फ़ायदेमंद होते हैं।
सोचिए अगर किसी कारण से आपको या आपके परिवार को उपचार की जरूरत है लेकिन धन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण आपको कुछ समय के लिए उपचार टालना पड़ता है। इससे समस्या और बढ़ सकती है।
हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी होता है क्योंकि इसकी वजह से ऐसी नौबत आने नहीं पाती, और आप समय पर उपचार करवा पाते हैं। साथ ही, हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण को शामिल करने पर, आप हमेशा ही अपनी सेहत के बारे में जानकारी रखेंगे जो अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती है।
आपको कैसा लगेगा जब आपको पता चलेगा कि आपके मुशकिल समय पर आपको सहारा देने के लिए हमेशा कोई आपके साथ है? सुकून महसूस होगा न? हमारी सेहत के मामले में भी- आप हेल्थ इंश्योरेंस को भी अपना सहारा मान सकते हैं जो मुशकिल समय में आपके काम आएगा।
ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लान खरीदने का एक फायदा यह है कि आप जी भरकर रिसर्च कर सकते हैं और ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में तुलना कर सकते हैं।
आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया और आसान बनाने के लिए, यहां पर उन सभी बातों की सूचि दी गई है जिनकी तुलना करते हुए आप सबसे अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं :
आप सोच रहे होंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम अलग-अलग क्यों होते हैं। तमाम कारकों के मेल के आधार पर, आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी बातों से तय होता है:
· उम्र - युवाओं और बुजुर्गों दोनों के लिए स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, फिर भी मजबूत इम्यून सिस्टम के चलते युवा ज्यादा सेहतमंद होते हैं। साथ ही, आपकी उम्र जितन कम होगी, किसी बीमारी के लिए कवर प्राप्त करने के लिए वेटिंग पीरियड पूरा करने का उतना ज्यादा समय आपको मिल जाता है। इसलिए, अगर आपकी उम्र कम होगी, तो प्रीमियम भी कम होगा।
· जीवनशैली - भारत में 61% से ज्यादा मृत्यु जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के कारण होती हैं, जिसमें प्रदूषण का स्तर भी शामिल है। इसलिए आपकी आदतें भी आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करती हैं, जैसे कि आप धूम्रपान करते हैं या नहीं।
· पहले से मौजूद बीमारी या स्वास्थ्य स्थिति - अगर आप पहले से ही किसी खास तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं, या फ़ैमिली हिस्ट्री में किसी खास बीमारी मौजूद है, तो बीमारी का खतरा ज्यादा होने के कारण आपका हेल्थ इंश्योरेंस भी ज्यादा होगा।
· स्थान - आप कौन से शहर में रहते हैं इससे भी आपके हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि जोखिम और स्वास्थ्य खर्चों के आधार पर हर शहर अलग होता है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को फ़ेफ़ड़ों की बीमारी जल्दी होती है, क्योंकि यहां प्रदूषण की मात्रा ज्यादा है।
· अतिरिक्त कवर - व्यक्ति अपनी जरूरतों और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर इंश्योरेंस प्लान को कस्टमाइज करवा सकते हैं। इसलिए, अगर आप मैटर्निटी बेनिफ़िट या आयुष बेनिफ़िट जैसे अतिरिक्त कवर लेते हैं, तो आपका प्रीमियम थोड़ा बढ़ जाता है।
हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित जाने-माने भ्रम
अस्वीकरण #1: *ग्राहक बीमा लेते समय विकल्प चुन सकता है। प्रीमियम राशि तदनुसार भिन्न हो सकती है। बीमाधारक को प्रस्ताव फॉर्म में पॉलिसी जारी करने से पहले किसी भी पूर्व-मौजूदा स्थिति या चल रहे उपचार का खुलासा करना आवश्यक है।
अस्वीकरण #2: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए जोड़ी गई है और इंटरनेट पर विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई है। डिजिट इंश्योरेंस यहां किसी भी चीज का प्रचार या सिफारिश नहीं कर रहा है। कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले जानकारी की पुष्टि करें।