हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी

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भारत में पोर्ट हेल्थ इंश्योरेंस: फायदे और कैसे ट्रांसफर करें

अपनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी को डिजिट में पोर्ट क्यों करें?

  • साधारण ऑनलाइन प्रक्रिया  - हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम करने तक की प्रक्रिया पेपरलेस, आसान, जल्द और बिना किसी परेशानी के होती है! क्लेम के लिए भी कोई हार्ड कॉपी नहीं!
  • आयु-आधारित या जोन-आधारित को-पेमेंट नहीं  - हमारा हेल्थ इंश्योरेंस आयु-आधारित या जोन-आधारित कोपेमेंट के बिना आता है। इसका मतलब है, हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के दौरान आपको अपनी जेब से कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा।
  • नो रूम रेंट कैपिंग - हम समझते हैं कि सबकी अपनी अलग प्राथमिकताएं होती हैं। इसलिए हमारे  पास कमरे के किराए पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अपनी पसंद से कोई भी हॉस्पिटल रूम चुन जा सकता है।
  • एसआई वॉलेट के फायदे - अगर आपने पॉलिसी अवधि  के दौरान सम इंश्योर्ड इस्तेमाल कर लिया है तो हम आपके लिए इसे रिफिल कर देंगे।
  • किसी भी अस्पताल में इलाज कराएं - कैशलेस इलाज के लिए भारत में हमारे 16400+ नेटवर्क हॉस्पिटल में से चुनें या रिम्बर्समेंट का चुनाव करें।
  • वेलनेस बेनिफिट – टॉप-रेटेड हेल्थ और वेलनेस पार्टनर के कोलेबरेशन में डिजिट ऐप पर खास वेलनेस बेनिफिट पाएं।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को डिजिट में पोर्ट करने की प्रक्रिया क्या है?

आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या-क्या पोर्ट कर सकते हैं?

Port Health Insurance Online
  • सभी मौजूदा इंश्योर्ड मेंबर
  • इंश्योर की गई मौजूदा रकम
  • जमा हुआ आपका क्यूम्यलेटिव बोनस
  • पहले से मौजूद बीमारी के लिए इंतजार का समय
  • किसी खास बीमारी के लिए इंतजार का समय
  • मैटरनिटी से जुड़े फायदों के लिए इंतजार का समय (अगर चुना गया है)

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए पॉलिसीहोल्डर (यानी आप!) के अधिकार

Porting a Health Insurance Policy
  • आईआरडीएआई (IRDAI) के मुताबिक, हर पॉलिसीहोल्डर को अपनी पॉलिसी (निजी और पारिवारिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लागू) को एक सामान्य या विशेष हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर से दूसरे में पोर्ट करने का अधिकार है।
  • आईआरडीएआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नया हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर पॉलिसीहोल्डर को कम से कम पहले से इंश्योर की गई रकम देने के लिए जिम्मेदार है।
  • सबसे जरूरी बात यह है कि नया हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर अपने पॉलिसीहोल्डर को वह फायदे देने के लिए जिम्मेदार है जिनके लिए इंतजार का समय पूरा हो चुका है। इसका मतलब है कि हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी में व्यक्ति के पास जमा हुए नो क्लेम बोनस और इंतजार के समय को भी ट्रांसफर करने की सुविधा है।
  • यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी नए और पुराने इंश्योरर की है कि संबंधित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को आईआरडीएआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सफलतापूर्वक ट्रांसफर कर दिया गया है।

आईआरडीएआई द्वारा निर्धारित हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के नियम - आसानी से समझें

पॉलिसी के प्रकार पर

आप अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को सिर्फ उसी प्रकार की पॉलिसी में पोर्ट कर सकते हैं। इसका मतलब है कि दूसरी कंपनी  में स्विच करते समय, आप कवरेज, प्लान या पॉलिसी के प्रकार को पूरी तरह से नहीं बदल सकते।

इंश्योरेंस कंपनी पर

इंश्योरेंस कंपनियों को आम तौर पर या तो लाइफ़ इंश्योरेंस या सामान्य इंश्योरेंस कंपनियों के रूप में देखा जाता है। जब आप पोर्ट करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप एक समान प्रकार की कंपनी में पोर्ट करें। डिजिट एक सामान्य इंश्योरेंस कंपनी है।

अंतराल पर

अगर आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करना चाहते हैं, तो आपको रिन्यूअल के दौरान इसे पोर्ट करना होगा। आप बीच में पॉलिसी की अवधि समाप्त नहीं कर सकते, क्योंकि इससे पोर्ट का प्रस्ताव खारिज हो सकता है।

अपनी इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करने पर

जब भी आप अपनी पॉलिसी को पोर्ट करने की योजना बनाएं, तो अपनी वर्तमान इंश्योरेंस कंपनी को अवश्य सूचित करें। यह लिखित रूप में किया जाना चाहिए, वह भी पॉलिसी रिन्यू होने से कम से कम 45 दिन पहले।

आपकी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी से प्रतिक्रिया पर

जब आप अपनी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी को सूचित कर देते हैं, तो उनके पास आपके हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करने के लिए तीन दिन का समय होता है।

पोर्टिंग शुल्क चार्ज करने पर

आईआरडीएआई के नियमों के मुताबिक, कोई भी इंश्योरेस कंपनी (न ही आपकी वर्तमान इंश्योरेंस कंपनी और न ही नई कंपनी जिसमें आप पोर्ट करना चाहते हैं) आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने की प्रक्रिया की फीस ले सकती है।

प्रीमियम में बदलाव पर

हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम का निर्धारण एक इंश्योरेंस कंपनी अलग-अलग कारकों के आधार पर करती है, क्योंकि हर इंश्योरर की सर्विस के फायदे में कुछ खास होता है। ऐसा हो सकता है कि आपके नए इंश्योरर के प्रीमियम में बदलाव हो जाए, भले ही आपने समान पॉलिसी चुनी हो।

ग्रेस पीरियड पर

जब आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी प्रोसेस में होती है, तो आपको अतिरिक्त ग्रेस पीरियड मिलता है यानी आपकी पुरानी पॉलिसी के एक्टिव होने के समय के आधार पर आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम लिया जाएगा।

आपकी इंश्योरेंस राशि और कवरेज की लिमिट पर

पॉलिसी को पोर्ट करते समय आपके पास इंश्योर की गई रकम को बढ़ाने का विकल्प होता है। हालांकि, आपके नए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर द्वारा इसकी अनुमति मिलनी जरूरी है।

वेटिंग पीरियड पर

आम तौर पर, पॉलिसी को पोर्ट करते समय इंतजार के समय पर कोई असर नहीं पड़ता, अगर आपने नया कवरेज ऐसा न चुना हो जिसका आपके पिछले इंश्योरर की तुलना में इंतजार का समय अलग हो। उदाहरण के लिए, कुछ खास बीमारियों या पहले से मौजूद बीमारियों के लिए आपके इंतजार के समय पर असर नहीं पड़ सकता, क्योंकि वे ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं का हिस्सा होते हैं। हालांकि, अगर आपने पोर्टिंग के दौरान मैटरनिटी कवर का विकल्प चुना है, तो आपको नए इंश्योरर के साथ इंतजार का समय पूरा करना होगा।

आपको अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कब पोर्ट करनी चाहिए?

अपना हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने से पहले जानने योग्य 3 बातें

हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करने के क्या फायदे और नुकसान हैं?

फायदे

नुकसान

निरंतर मिलने वाले फायदों का आनंद लें - हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को पोर्ट करने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको कोई भी फायदा छोड़ने की जरूरत नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर आपके नए हेल्थ इंश्योरर के पास खास बीमारियों के लिए 3 साल के इंतजार का समय है और आप पहले से ही 2 साल का समय पिछले प्लान में पूरा कर चुके हैं, तो आपको उन खास बीमारियों का क्लेम करने के लिए सिर्फ 1 साल और इंतजार करना होगा, जबकि अगर आप एक नई पॉलिसी खरीदते हैं, तो आपको फिर से इंतजार का समय शुरू करना होता है!

आप सिर्फ रिन्यूअल के समय ही पोर्ट कर सकते हैं - इसमें एक कमी यह है कि आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को सिर्फ तभी पोर्ट कर सकते हैं, जब आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यूअल का समय हो। हालांकि, अगर आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करना चाहते हैं, तो अपने रिन्यूअल से 2 महीने पहले विकल्प देखना शुरू कर दें, ताकि आपके पास निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय हो और फिर अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए आवेदन दें।

नो क्लेम बोनस रखें - कोई भी अपना नो क्लेम बोनस नहीं छोड़ना चाहता और ऐसा लगता है कि इंश्योरेंस प्रोवाइडर इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। इसलिए, हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करने का एक यह फायदा है कि आपको अपने नो क्लेम बोनस को छोड़ने की जरूरत नहीं है। इसे आपकी नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में जोड़ा जाएगा।

आपके प्लान में सीमित बदलाव - आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को एक बेहतर हेल्थ इंश्योरर और प्लान में पोर्ट कर सकते हैं, लेकिन आप ज्यादा बदलाव नहीं कर सकते हैं और आपको एक समान योजना को ही चुनना होगा। प्लान और कवरेज में ज्यादा बदलाव के लिए आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और उससे जुड़े नियम और शर्तें भी बदल जाएंगी।

इंश्योरर में बदलाव करने के बावजूद आपके इंतजार के समय पर कोई असर नहीं पड़ता है - चूंकि आप पोर्टिंग के दौरान निरंतर मिलने वाले फायदे लेते हैं, इसलिए जब आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करते हैं, तो आपके इंतजार के समय पर कोई असर नहीं होती। आपने अपने पिछले हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर के साथ कितना समय पूरा किया है, इसके आधार पर उन्हें तय किया जाता है।

अगर आप अपनी पिछले प्लान की तुलना में कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज चाहते हैं, तो आपका प्रीमियम भी अलग हो सकता है।

भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल