फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स की प्रीमियम की गणना के बारे में और अधिक जानें
आपकी और आपके परिवरीजनों की आयु: उम्र अधिक होने के साथ लोगों के बीमार होने की सम्भावनाएं भी बढ़ती जाती है, इसलिए हमें प्रीमियम निर्धारित करते समय उम्र को ध्यान में रखना पड़ता है।
जीवनशैली: आपकी जीवनशैली और कुछ खास तरह की आदतें बीमारियों को बढ़ाती हैं, इसलिए ये आपके प्रीमियम को भी प्रभावित करती हैं। ध्यान रखें कि आपको पॉलिसी कराते समय खुद के और परिवार के सभी सदस्यों की आदतों व लाइफस्टाइल की पूरी जानकारी ईमानदारी से देनी चाहिए क्योंकि बाद में क्लेम के समय जाँच होने पर ये साफ पता चल जाता है कि रोग किसी आदत जैसे कि स्मोकिंग, ड्रिंकिंग आदि के वजह से हुआ है या साधारण रोग है। ऐसे में आपको क्लेम मिलने में दिक्कत हो सकती है।
पहले से मौजूद बीमारी: अगर किसी भी तरह की बीमारी या इन्जरी (आपको और आपके परिवार के लोगों को) है और जिसकी वजह से आप अभी भी प्रभावित हैं, या जिस बीमारी का इलाज इन्शुरन्स खरीदने के पिछले 48 महीनों के भीतर हुआ है, तो आपको फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदते समय इन्शुरन्स कम्पनी को इसके बारे में बताना होता है।
पुराने रोग आपके प्रीमियम राशि पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन लाइफस्टाइल वाले मामले की तरह आपको ये भी इन्शुरन्स करवाने के पहले बताना होता है, जिससे कि आपको वेटिंग पीरियड का लाभ मिल सके। (वह समय जिसमें किसी रोग या बीमारी के लिए क्लेम नहीं किया जा सकता, उसे वेटिंग पीरियड कहते हैं)
उपचार का शहर: अलग-अलग शहरों में प्रदूषण का स्तर, दुर्घटना की संभावना और इलाज के खर्चे आदि अलग-अलग होते हैं। इसीलिए आप और आपका परिवार जिस शहर में रहते हैं, वहाँ के अनुसार आपको प्रीमियम की राशि कम और ज्यादा हो सकती है।
फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स की प्रीमियम की गणना के बारे में और अधिक जानें
आपकी और आपके परिवरीजनों की आयु: उम्र अधिक होने के साथ लोगों के बीमार होने की सम्भावनाएं भी बढ़ती जाती है, इसलिए हमें प्रीमियम निर्धारित करते समय उम्र को ध्यान में रखना पड़ता है।
जीवनशैली: आपकी जीवनशैली और कुछ खास तरह की आदतें बीमारियों को बढ़ाती हैं, इसलिए ये आपके प्रीमियम को भी प्रभावित करती हैं। ध्यान रखें कि आपको पॉलिसी कराते समय खुद के और परिवार के सभी सदस्यों की आदतों व लाइफस्टाइल की पूरी जानकारी ईमानदारी से देनी चाहिए क्योंकि बाद में क्लेम के समय जाँच होने पर ये साफ पता चल जाता है कि रोग किसी आदत जैसे कि स्मोकिंग, ड्रिंकिंग आदि के वजह से हुआ है या साधारण रोग है। ऐसे में आपको क्लेम मिलने में दिक्कत हो सकती है।
पहले से मौजूद बीमारी: अगर किसी भी तरह की बीमारी या इन्जरी (आपको और आपके परिवार के लोगों को) है और जिसकी वजह से आप अभी भी प्रभावित हैं, या जिस बीमारी का इलाज इन्शुरन्स खरीदने के पिछले 48 महीनों के भीतर हुआ है, तो आपको फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदते समय इन्शुरन्स कम्पनी को इसके बारे में बताना होता है।
पुराने रोग आपके प्रीमियम राशि पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन लाइफस्टाइल वाले मामले की तरह आपको ये भी इन्शुरन्स करवाने के पहले बताना होता है, जिससे कि आपको वेटिंग पीरियड का लाभ मिल सके। (वह समय जिसमें किसी रोग या बीमारी के लिए क्लेम नहीं किया जा सकता, उसे वेटिंग पीरियड कहते हैं)
उपचार का शहर: अलग-अलग शहरों में प्रदूषण का स्तर, दुर्घटना की संभावना और इलाज के खर्चे आदि अलग-अलग होते हैं। इसीलिए आप और आपका परिवार जिस शहर में रहते हैं, वहाँ के अनुसार आपको प्रीमियम की राशि कम और ज्यादा हो सकती है।