बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं कि उनका हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम को कैसे जोड़ा जाता है। आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी गई कई बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है:
1. आपकी उम्र: स्वास्थ्य समस्याएं युवाओं और बुजुर्गों, दोनों के बीच बढ़ती जा रही हैं। फिर भी, युवा अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इसके साथ ही आप जितने कम उम्र के होंगे, आपको मैटर्निटी या गंभीर बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड पूरा करने का समय उतना ज्यादा मिल जाएगा। इसलिए आपकी उम्र जितनी कम होगी, आपका प्रीमियम भी उतना ही कम होगा। अब आप जान गए होंगे कि क्यों लोगों को कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है।
2. जीवन शैली: आज के समय में सब कुछ आपकी जीवन शैली पर नर्भर करता है। हमारी सेहत भी हमारी चुनी जीवन शैली पर निर्भर करती है। आपकी अच्छी-बुरी आदतों के आधार पर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भी प्रभावित होता है।
इसलिए आप अपने जिम जाने से लेकर धूम्रपान करने या ना करने समेत सभी बातें बताएं। अगर आप गलत जानकारी देकर बचना चाहते हैं, तो भी क्लेम के दौरान इन सभी बातों के पता चलने की संभावना होती है। तब आपका क्लेम पूरी तरह से निरस्त किया जा सकता है।
3. पहले से मौजूद बीमारी- अगर आप अपनी पहली पॉलिसी के 48 महीने पहले से ही किसी बीमारी या घाव के लक्षण देख या महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपनी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त इसके बारे में बताने की जरूरत है। आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम प्रभावित होगी।
4. क्षेत्र: आपके रहने की जगह पर भी आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम निर्भर करता है क्योंकि अलग अलग शहरों का प्रदूषण स्तर, दुर्घटना की संभावना और स्वास्थ्य खर्च अलग-अलग होता है। जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों में ज्यादा प्रदूषण और हवा की गिरती गुणवत्ता के कारण को फेफड़ों की समस्या होने की आशंका ज्यादा होती है।
5. एड ऑन और कवर: अपने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को आप अपने और आपनी जीवन शैली के मुताबिक बनाने के लिए आप इसके खास कवर को सुरक्षा की तरह चुन सकते हैं।
इन कवर में गंभीर बीमारियां, मैटर्निटी, इंफर्टिलिटी के इलाज से जुड़े लाभ शामिल हैं। आपके चुने हुए कवर के हिसाब से आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है।
बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं कि उनका हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम को कैसे जोड़ा जाता है। आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी गई कई बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है:
1. आपकी उम्र: स्वास्थ्य समस्याएं युवाओं और बुजुर्गों, दोनों के बीच बढ़ती जा रही हैं। फिर भी, युवा अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इसके साथ ही आप जितने कम उम्र के होंगे, आपको मैटर्निटी या गंभीर बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड पूरा करने का समय उतना ज्यादा मिल जाएगा। इसलिए आपकी उम्र जितनी कम होगी, आपका प्रीमियम भी उतना ही कम होगा। अब आप जान गए होंगे कि क्यों लोगों को कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है।
2. जीवन शैली: आज के समय में सब कुछ आपकी जीवन शैली पर नर्भर करता है। हमारी सेहत भी हमारी चुनी जीवन शैली पर निर्भर करती है। आपकी अच्छी-बुरी आदतों के आधार पर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भी प्रभावित होता है।
इसलिए आप अपने जिम जाने से लेकर धूम्रपान करने या ना करने समेत सभी बातें बताएं। अगर आप गलत जानकारी देकर बचना चाहते हैं, तो भी क्लेम के दौरान इन सभी बातों के पता चलने की संभावना होती है। तब आपका क्लेम पूरी तरह से निरस्त किया जा सकता है।
3. पहले से मौजूद बीमारी- अगर आप अपनी पहली पॉलिसी के 48 महीने पहले से ही किसी बीमारी या घाव के लक्षण देख या महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपनी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त इसके बारे में बताने की जरूरत है। आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम प्रभावित होगी।
4. क्षेत्र: आपके रहने की जगह पर भी आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम निर्भर करता है क्योंकि अलग अलग शहरों का प्रदूषण स्तर, दुर्घटना की संभावना और स्वास्थ्य खर्च अलग-अलग होता है। जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों में ज्यादा प्रदूषण और हवा की गिरती गुणवत्ता के कारण को फेफड़ों की समस्या होने की आशंका ज्यादा होती है।
5. एड ऑन और कवर: अपने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को आप अपने और आपनी जीवन शैली के मुताबिक बनाने के लिए आप इसके खास कवर को सुरक्षा की तरह चुन सकते हैं।
इन कवर में गंभीर बीमारियां, मैटर्निटी, इंफर्टिलिटी के इलाज से जुड़े लाभ शामिल हैं। आपके चुने हुए कवर के हिसाब से आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है।