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इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस– अर्थ, प्रीमियम और फ़ायदे बताए गए

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस युवाओं के लिए तैयार की गई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है जिसमें वो तमाम तरह की बीमारियों, अस्पताल में भर्ती होने, बच्चे के जन्म वगैरह के खर्च और जीवन में आने वाली छोटी-बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर कवर पा सकते हैं।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को युवाओं के लिए बनाया गया है। इसमें परिवार शामिल नहीं है। फिर भी, आप अपने प्लान को कस्टमाइज करके इसमें अपने पर आश्रित परिजनों, जैसे बुजुर्ग माता पिता, जीवनसाथी और बच्चों को शामिल कर सकते हैं।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से मिलने वाले मेडिकल लाभ और टैक्स में फायदों के कारण आज ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खरीद रहे हैं।

क्योंकि कितनी भी दाल-रोटी आप खा लें, इससे सेहत और संपत्ति पूरी तरह सुरक्षित नहीं कर सकती।

यह बेहद महत्वाकांक्षी लेकिन तनाव में जीने वाली पीढ़ी के लिए है। यह उनके लिए है जो बिना किसी समझौते के दुनिया पर राज करना चाहते हैं। उनके लिए है जो स्वास्थ्य के लिए सतर्क होते जा रहे और अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों को तवज्जो देते हैं। उनके लिए है जिन्हें आराम और पैसा पसंद है, जिनके पास एक क्लिक की दूरी पर सबकुछ मौजूद है।

अपनी सेहत की सुरक्षा अब पहले से ज्यादा जरूरी क्यों है?

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में हर छठे व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य के लिए देखभाल की जरूरत है।

भारत में (40 साल से कम उम्र की) महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। ये वैश्विक औसत से ज्यादा है।

दिल की बीमारियों के बाद क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज भारत में हो रहीं सबसे ज्यादा मौतों का कारण है।

डिजिट के व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में क्या खास है?

आसान ऑनलाइन प्रक्रिया- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपर रहित, आसान, तेज और रुकावट रहित होती है। क्लेम के दौरान भी हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं पड़ती।

उम्र या जोन आधारित को-पेमेंट नहीं- हमारा हेल्थ इंश्योरेंस बिना उम्र या जोन आधारित को-पेमेंट के उपलब्ध है। इसका मतलब है कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के समय, आपको अपनी जेब से कुछ भी खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती।

कमरे के किराए की बाध्यता नहीं- हम समझते हैं कि हर किसी की अलग अलग प्राथमिक्ता होती है। इसीलिए हमारे यहां कमरे के किराए की बाध्यता नहीं है। अपनी पसंद से अस्पताल का कोई भी कमरा चुनें।

एसआई वॉलेट बेनिफ़िट- अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान आपकी इंश्योरेंस की राशि खत्म हो जाती है, तो हम आपके लिए उसे रीफ़िल कर देंगे।

किसी भी अस्पताल में उपचार कराएं- कैशलेस उपचार के लिए भारत में हमारे 10500+ नेटवर्क अस्पतालों में से चयन करनें या रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।

 वेलनेस बेनिफ़िट- सबसे बेहतरीन हेल्थ और वेलनेस पार्टनर के साथ कोलैबोरेशन करके डिजिट ऐप पर खास वेलनेस बेनिफ़िट पाएं।

हमारे हेल्थ इंश्योरेंस में क्या कवर किया जाता है?

कवरेज

डबल वॉलेट प्लान

इन्फ़िनिटी वॉलेट प्लान

वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान

खास बातें

सभी प्रकार की अस्पताल में भर्ती - दुर्घटना, बीमारी, गंभीर बीमारी या कोविड होने पर।

इसमें बीमारी, दुर्घटना, गंभीर बीमारी या कोविड 19 महामारी जैसे किसी भी कारण से अस्पताल में भर्ती होने के खर्च का कवर मिलता है। जब तक इंश्योरेंस की राशि पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसे कई बार अस्पताल में भर्ती होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

शुरुआती वेटिंग पीरियड

दुर्घटना के अलावा किसी भी तरह की बीमारी के उपचार के कवर के लिए आपको पॉलिसी लेने के पहले दिन से एक तय अवधि तक इंतजार करना होता है। इसे शुरुआती वेटिंग पीरियड कहते हैं।

वेलनेस प्रोग्राम

होम हेल्थकेयर, टेली कंसल्टेशन, योगा और माइंडफ़ुलनेस वगैरह कई खास वेलनेस बेनिफ़िट ऐप पर उपलब्ध हैं।

सम एश्योर्ड बैकअप

हम आपकी इंश्योरेंस की राशि की 100 % बैकअप इंश्योरेंस राशि देते हैं। इंश्योरेंस की राशि का बैकअप कैसे काम आता है? मान लीजिए कि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि 5 लाख रुपए है। आप 50,000 रुपए का क्लेम करते हैं। ऐसे में डिजिट अपने आप ही वॉलेट बेनिफ़िट दे देता है। तो अब आपके पास 4.5 लाख + 5 लाख रुपए की इंश्योरेंस राशि उस वर्ष उपलब्ध होगी। हालांकि ऐसे मामले में, एक क्लेम की राशि इंश्योरेंस की मूल कीमत से ज्यादा यानि दिए गए उदाहरण में 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती।

पॉलिसी की अवधि में एक बार संबंधित और असंबंधित बीमारी में उसी व्यक्ति को नो एक्ज्हॉशन क्लॉज में कवर किया जाता है।
पॉलिसी की अवधि में असीमित बहाली संबंधित और असंबंधित बीमारी में उसी व्यक्ति को नो एक्ज्हॉशन क्लॉज में कवर किया जाता है।

क्यूमिलेटिव बोनस
digit_special Digit Special

पॉलिसी वर्ष में क्लेम नहीं किया? आपको बोनस मिलता है- स्वस्थ्य और क्लेम मुक्त रहने के लिए आपकी इंश्योरेंस राशि में अतिरिक्त राशि शामिल की जाएगी।

हर क्लेम मुक्त वर्ष के लिए इंश्योरेंस की मूल राशि का 10% , सर्वाधिक 100%
हर क्लेम मुक्त वर्ष के लिए इंश्योरेंस की मूल राशि का 50%, सर्वाधिक 100%

कमरे के किराए की बाध्यता

अलग अलग श्रेणी के कमरे का किराया अलग अलग होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे होटल के कमरे में टेरिफ़ होता है। डिजिट में कमरे का किराया इंश्योरेंस राशि से कम होने पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं मिलती।

डे केयर प्रक्रिया

हेल्थ इंश्योरेंस में 24 घंटों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार खर्च का कवर मिलता है। डे केयर प्रक्रिया में वह उपचार आते हैं जिनमें उन्नत तकनीक के कारण 24 घंटों से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है जैसे मोतियाबिंद, डायलेसिस वगैरह।

विश्व भर में कवरेज
digit_special Digit Special

विश्व भर में कवरेज प्राप्त करके विश्व का सबसे अच्छा उपचार करवाएं। अगर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान भारत में आपका चिकित्सक आपकी किसी बीमारी का पता लगाते हैं, और आप उस बीमारी का उपचार विदेश में करवाना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद करेंगे। आपको कवर किया जाएगा।

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स्वास्थ्य परीक्षण

हम आपके प्लान में बताई गई राशि तक स्वास्थ्य परीक्षण के खर्च का भुगतान करते हैं। जांच के प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। चाहें ईसीजी हो या थायरॉएड प्रोफ़ाइल। क्लेम लिमिट जानने के लिए पॉलिसी शेड्यूल को ध्यान से पढ़ें।

इंश्योरेंस की मूल राशि का 0.25%, हर दो वर्ष के बाद सर्वाधिक ₹1000 तक।
इंश्योरेंस की मूल राशि का 0.25%, हर वर्ष के बाद सर्वाधिक ₹1500 तक।

आकस्मिक एयर एंबुलेंस का खर्च

कभी ऐसी भी आकस्मिक परिस्थिति आ सकती है जिसमें जान जाने का खतरा हो और तुरंत ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो। हम इसे अच्छी तरह समझते हैं और हेलीकॉप्टर या हवाईजहाज से अस्पताल में भर्ती होने पर आपको खर्च का रिइम्बर्समेंट देते हैं।

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उम्र/ज़ोन आधारित को-पेमेंट
digit_special Digit Special

को-पेमेंट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में साझा की जाने वाली राशि होती है जिसमें पॉलिसी धारक को स्वीकृत क्लेम की राशि के तय भाग का भुगतान अपनी जेब से करना होता है। इससे इंश्योरेंस की राशि कम नहीं हो जाती। यह भाग तमाम बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, या कभी कभी उस ज़ोन में जहां आप उपचार करवा रहे हैं, इसे ज़ोन आधारित को-पेमेंट कहते हैं। हमारे प्लान में, किसी भी प्रकार का उम्र या ज़ोन आधारित को-पेमेंट नहीं देना पड़ता।

को-पेमेंट नहीं
को-पेमेंट नहीं

रोड एंबुलेंस खर्च

अस्पताल में भर्ती होने पर, रोड एंबुलेंस पर आए खर्च का रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।

इंश्योरेंस की मूल राशि का 1%, सर्वाधिक ₹10,000 तक
इंश्योरेंस की मूल राशि का 1%, सर्वाधिक ₹15,000 तक

अस्पताल में भर्ती के पहले और बाद में

इस कवर में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च शामिल हैं जैसे डायग्नोसिस, जांच और रिकवरी।

30/60 दिन
60/180 दिन

अन्य खास बातें

पहले से मौजूद बीमारी (पीईडी) के लिए वेटिंग पीरियड

किसी बीमारी से आप पहले से ग्रसित हैं और पॉलिसी लेते वक्त हमें उसका पता चल गया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है तो प्लान के अनुसार उसका वेटिंग पीरियड होता है और यह आपकी पॉलिसी शेड्यूल में उल्लेखित होता है।

3 वर्ष
3 वर्ष
3 वर्ष

खास बीमारी का वेटिंग पीरियड

यह वह अवधि है जिसमें आपको किसी खास बीमारी के होने पर, उसका क्लेम करने से पहले इंतजार करना होता है। डिजिट में यह अवधि 2 वर्ष है और पॉलिसी सक्रीय होने वाले दिन से शुरू हो जाती है। एक्सक्लूजन की पूरी सूचि के लिए, अपनी पॉलिसी वर्डिंग का स्टैंडर्ड एक्सक्लूजन (ईएक्ससीएल02) पढ़ें।

2 वर्ष
2 वर्ष
2 वर्ष

इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर

पॉलिसी की अवधि के दौरान, दुर्घटना होने पर ऐसी चोट लगती है जो लंबे समय तक बनी रहती है और जो दुर्घटना होने से 12 महीनों के भीतर मृत्यु होने का सीधा और एकमात्र कारण है, तो पॉलिसी शेड्यूल में आपके प्लान और इस कवर के अंतर्गत हम आपको 100% इंश्योरेंस राशि का भुगतान करेंगे।

₹ 50,000
₹ 1,00,000
₹ 1,00,000

अंग दाता का खर्च
digit_special Digit Special

आपकी पॉलिसी में आपके अंग दाता को भी कवर किया जाएगा। डोनर के अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की खर्च भी हम वहन करते हैं। अंग दान सबसे बड़ा उपकार है, और हम ने सोचा कि क्यों न हम भी उसका हिस्सा बनें।

घर पर भर्ती

कभी कभी अस्पतालों में भी बेड कम पड़ सकते हैं और मरीज की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में हम वह खर्च भी वहन करते हैं जब आपको घर पर ही उपचार करवाना पड़े।

बेरिएट्रिक सर्जरी

मोटापा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हम इसे अच्छे से समझते हैं, और चिकित्सकीय तौर पर आवश्यक होने पर या चिकित्सक द्वारा सुझाई जाने पर कराई जाने वाले बेरिएट्रिक सर्जरी को कवर करते हैं। हालांकि, हम इसमें अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर नहीं करते हैं क्योंकि यह उपचार कॉस्मेटिक कारण से किया जाता है।

मनोरोग

ट्रॉमा के कारण, अगर सदस्य को मनोरोग के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है, तो इस बेनिफिट के तहत उसे आईएनआर 1,00,000 तक कवर देते हैं। साइकाइट्रिक इलनेस कवर में वेटिंग पीरियड उतना ही है जितना स्पेसिफ़िक इलनेस कवर का वेटिंग पीरियड है।

कंज्यूमेबल कवर

अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, पहले और बाद में, कई प्रकार के अन्य चिकित्सकीय उपचार और खर्च होते हैं जैसे वॉकिंग एड, क्रेप बैंडेज, बेल्ट वगैरह जिसके लिए आपको खर्च करना पड़ता है। यह कवर आपके इन सभी खर्चों का ख्याल रखता है या फिर इसे आपकी पॉलिसी से हटाया भी जा सकता है।

एडऑन के तौर पर उपलब्ध
एडऑन के तौर पर उपलब्ध
एडऑन के तौर पर उपलब्ध

क्या कवर नहीं किया जाता?

प्रसव के पहले और बाद के खर्च

अगर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत न आए तो प्रसव के पहले और बाद के खर्चों को कवर नहीं किया जाएगा।

पहले से मौजूद बीमारी

पहले से मौजूद बीमारी में वेटिंग पीरियड खत्म होने से पहले उस बीमारी के लिए क्लेम नहीं लिया जा सकता।

डॉक्टर की सलाह के बिना भर्ती होना

ऐसी कोई भी परिस्थिति जिसमें आप डॉक्टर की सलाह के बिना भर्ती होते हैं, उसे कवर नहीं किया जाएगा।

क्लेम कैसे दर्ज करें?

 रिइम्बर्समेंट क्लेम- अस्पताल में भर्ती होेने के दो दिनों की भीतर हमें 1800-258-4242 पर जानकारी दें या  healthclaims@godigit.com पर ईमेल भेजें, इसके बाद हम आपको लिंक भेजेंगे जहां रिइम्बर्समेंट प्राप्त करने के लिए आप अपना अस्पताल का बिल और सभी संबंधित दस्तावजे अपलोड कर सकते हैं।

 

कैशलेस क्लेम- नेटवर्क अस्पताल चुनें। यहां आप नेटवर्क अस्पतालों की पूरी सूची देख सकते हैं। अस्पताल की हेल्प डेस्क पर ई हेल्थ कार्ड दिखाएं और उनसे कैशलेस रिक्वेस्ट फ़ॉर्म मांगें। अगर सब सही रहता है, तो आपका क्लेम उसी वक्त आगे बढ़ा दिया जाएगा।

 

अगर आप कोरोना वायरस के लिए क्लेम करते हैं, तो आपको पास आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी, पुणे के अधीकृत केंद्र की पॉज़िटिव टेस्ट रिपोर्ट होनी चाहिए।

डिजिट के व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस के मुख्य लाभ

को-पेमेंट नहीं
कमरे के किराए की बाध्यता नहीं
कैशलेस अस्पताल पूरे भारत में 10500+ नेटवर्क अस्पताल
इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर हां
वेलनेस बेनिफ़िट 10+ वेलनेस पार्टनर
शहर आधारित डिस्काउंट 10% तक डिस्काउंट
विश्व भर में कवरेज हां*
गुड हेल्थ डिस्काउंट 5% तक डिस्काउंट
कंज्यूमेबल कवर एडऑन के रूप में उपलब्ध

*केवल वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान में उपलब्ध

 

युवाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी क्यों है?

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस के कवरेज की जानकारी

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस किसी व्यक्तिगत व्यक्ति के लिए कस्टमाइज की गई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है। इसे खास तौर पर 40 साल से कम उम्र के लोगों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें वो खुद को तमाम तरह की बीमारियों, अस्पताल में भर्ती होने और जीवन में दूसरी आकस्मिक स्वास्थ्य समस्याएं आने पर कवर ले सकते हैं। व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस खास तौर पर युवाओं के लिए तैयार किया गया है। इसमें परिवार शामिल नहीं है। फिर भी, आप इसमें खुद पर निर्भर लोगों जैसे, बुजुर्ग माता पिता, जीवन साथी और दो बच्चों को जोड़ सकते हैं। साथ ही अगर आप जल्दी ही शादी या बच्चे की सोच रहे हैं तो आपको पहले से मैटर्निटी लाभ शामिल कर लेना चाहिए जिससे आपका वेटिंग पीरियड समय पर पूरा हो जाए।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस किसी व्यक्तिगत व्यक्ति के लिए कस्टमाइज की गई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है। इसे खास तौर पर 40 साल से कम उम्र के लोगों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें वो खुद को तमाम तरह की बीमारियों, अस्पताल में भर्ती होने और जीवन में दूसरी आकस्मिक स्वास्थ्य समस्याएं आने पर कवर ले सकते हैं।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस खास तौर पर युवाओं के लिए तैयार किया गया है। इसमें परिवार शामिल नहीं है। फिर भी, आप इसमें खुद पर निर्भर लोगों जैसे, बुजुर्ग माता पिता, जीवन साथी और दो बच्चों को जोड़ सकते हैं।

साथ ही अगर आप जल्दी ही शादी या बच्चे की सोच रहे हैं तो आपको पहले से मैटर्निटी लाभ शामिल कर लेना चाहिए जिससे आपका वेटिंग पीरियड समय पर पूरा हो जाए।

मुझे व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान ऑनलाइन क्यों लेना चाहिए?

हेल्थ इंश्योरेंस को आम तौर पर जटिल प्रक्रिया समझा जाता है। ज्यादातर लोग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी टैक्स में छूट के लिए लेते हैं और वो उसके दूसरे फायदे नहीं समझ पाते। जैसे, उसके साथ वो खुद को तमाम बीमारियों और स्वास्थ्य इमर्जेंसी के दौरान कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि, अब समय बदल गया है और ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अब ऑनलाइन की जा रही हैं। इससे न केवल इंश्योरेंस खरीदने की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है, बल्कि इससे आपको उसके बारे में बेहतर जानकारी भी मिल जाती है। आप प्लान की तुलना कर सकते हैं और भविष्य में अपनी जरूरतों के हिसाब से उसे कस्टमाइज भी कर सकते हैं। ये पूरी प्रक्रिया पेपर रहित है और बस कुछ जगहों पर क्लिक करने भर से प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

हेल्थ इंश्योरेंस को आम तौर पर जटिल प्रक्रिया समझा जाता है। ज्यादातर लोग हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी टैक्स में छूट के लिए लेते हैं और वो उसके दूसरे फायदे नहीं समझ पाते। जैसे, उसके साथ वो खुद को तमाम बीमारियों और स्वास्थ्य इमर्जेंसी के दौरान कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

हालांकि, अब समय बदल गया है और ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अब ऑनलाइन की जा रही हैं। इससे न केवल इंश्योरेंस खरीदने की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है, बल्कि इससे आपको उसके बारे में बेहतर जानकारी भी मिल जाती है। आप प्लान की तुलना कर सकते हैं और भविष्य में अपनी जरूरतों के हिसाब से उसे कस्टमाइज भी कर सकते हैं। ये पूरी प्रक्रिया पेपर रहित है और बस कुछ जगहों पर क्लिक करने भर से प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

आपको अपने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस के लिए डिजिट पर भरोसा क्यों करना चाहिए?

ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस आसान है: डिजिट का एक बड़ा फायदा यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और आसान है। इसका मतलब है कि आप घर बैठे, आराम से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद और कस्टमाइज कर सकते हैं। साथ ही, यह ऑनलाइन प्रक्रिया यह भी सुनिश्चित करती है कि सब कुछ पारदर्शी रहे, ताकि आपको पता रहे कि आपको क्या उम्मीदें रखनी चाहिए। कैशलेस सेटलमेंट उपलब्ध: कैशलेस सेटलमेंट का मतलब है कि आप अपनी जेब से बिना खर्च किए, क्लेम कर सकते हैं। इससे न केवल आपकी क्लेम प्रक्रिया आसान हो जाती है, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि आपको अपनी तरफ से पैसे खर्च करने की जरूरत न पड़े। ऐसा तभी संभव है जब आप डिजिट के नेटवर्क अस्पतालों की सेवाएं लेंगे। अस्पतालों का विस्तृत नेटवर्क: कैशलेस सेटेलमेंट के लिए आपके पास नेटवर्क अस्पतालों के ढेरों  विकल्प मौजूद होना जरूरी हैं। डिजिट अपने पॉलिसी होल्डर को देश भर में कई पार्टनर अस्पताल उपलब्ध कराता है, जहां से वे इलाज करवा सकते हैं। कस्टमाइज हेल्थ प्लान: जब आप डिजिट से ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं तो आप अपनी जरूरतों के हिसाब से अपने प्लान को कस्टमाइज कर सकते हैं। जैसे, आप अपने एक पॉलिसी टर्म में इंश्योरेंस की राशि को कस्टमाइज कर सकते हैं। आपकी जरूरतों को आपसे बेहतर और कौन समझ सकता है! आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत का खयाल: डिजिट में हम न केवल आपकी शारीरिक बल्कि, मानसिक सेहत को भी कवर करते हैं। हम मानते हैं कि किसी के संपूर्ण सुख और स्वास्थ्य के लिए दोनों का बराबर ध्यान रखना चाहिए।

ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस आसान है: डिजिट का एक बड़ा फायदा यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और आसान है। इसका मतलब है कि आप घर बैठे, आराम से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद और कस्टमाइज कर सकते हैं। साथ ही, यह ऑनलाइन प्रक्रिया यह भी सुनिश्चित करती है कि सब कुछ पारदर्शी रहे, ताकि आपको पता रहे कि आपको क्या उम्मीदें रखनी चाहिए।

कैशलेस सेटलमेंट उपलब्ध: कैशलेस सेटलमेंट का मतलब है कि आप अपनी जेब से बिना खर्च किए, क्लेम कर सकते हैं। इससे न केवल आपकी क्लेम प्रक्रिया आसान हो जाती है, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि आपको अपनी तरफ से पैसे खर्च करने की जरूरत न पड़े। ऐसा तभी संभव है जब आप डिजिट के नेटवर्क अस्पतालों की सेवाएं लेंगे।

अस्पतालों का विस्तृत नेटवर्क: कैशलेस सेटेलमेंट के लिए आपके पास नेटवर्क अस्पतालों के ढेरों  विकल्प मौजूद होना जरूरी हैं। डिजिट अपने पॉलिसी होल्डर को देश भर में कई पार्टनर अस्पताल उपलब्ध कराता है, जहां से वे इलाज करवा सकते हैं।

कस्टमाइज हेल्थ प्लान: जब आप डिजिट से ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं तो आप अपनी जरूरतों के हिसाब से अपने प्लान को कस्टमाइज कर सकते हैं। जैसे, आप अपने एक पॉलिसी टर्म में इंश्योरेंस की राशि को कस्टमाइज कर सकते हैं। आपकी जरूरतों को आपसे बेहतर और कौन समझ सकता है!

आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत का खयाल: डिजिट में हम न केवल आपकी शारीरिक बल्कि, मानसिक सेहत को भी कवर करते हैं। हम मानते हैं कि किसी के संपूर्ण सुख और स्वास्थ्य के लिए दोनों का बराबर ध्यान रखना चाहिए।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की तुलना करें

अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस कभी भी ऑनलाइन नहीं खरीदा है, तो हमें पता है कि आप थोड़े कश्मकस में पड़ सकते हैं। इसलिए, हमने आपके लिए इंश्योरेंस को समझना बेहद आसान बनाया है। यहां हम आपको एक जल्दी पढ़ने लायक गाइड सामग्री देंगे, जिससे आप जान पाएंगे कि आप किस तरह अलग-अलग इंश्योरेंस प्लान की ऑनलाइन तुलना कर सकते हैं। इससे आप अपने लिए उपयुक्त इंश्योरेंस प्लान चुन सकेंगे। इंश्योरेंस की राशि: यह सबसे जरूरी बात है। आखिर, यही वो धनराशि है जो आपको क्लेम के वक्त मिलेगी। इसलिए अच्छी राशि पाने के लिए अपना प्लान समझदारी से चुनें। केवल सस्ते प्रीमियम के लिए चक्कर में कोई ऐसा प्लान न चुनें जो आपके काम ना आ सके। आमतौर इसका मतलब होता है कि इंश्योरेंस की राशि भी कम होगी) असल लाभ: व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते वक्त पॉलिसी के नियम व शर्तें ध्यान से पढ़ें। बहुत से लाभ आकर्षित तो करते हैं लेकिन जब आप उन पर क्लेम करते हैं, तो आपको अहसास होता है कि क्लेम की प्रक्रिया बेहद कठिन है क्योंकि उन लाभों में कई तरह के अगर मगर शामिल होते हैं। क्लेम सेटेलमेंट रिकॉर्ड: हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के क्लेम सेटेलमेंट रिकॉर्ड को जरूर देखें। उसकी प्रक्रिया क्या है? वो क्लेम को कितनी तेजी से आगे बढ़ाते हैं? क्या सभी काम आसान हैं? क्या वो पूरी तरह से डिजिटल हैं या उनमें पेपर वर्क की भी जरूरत है? शुरू से ही इन बातों की सही जानकारी आपको अपने लिए सबसे उपयुक्त और अच्छी पॉसिली चुनने में मदद करती है। प्रीमियम: जी हां, ये आप जरूर देखेंगे। लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि कहीं आप केवल कम प्रीमियम की वजह से सबसे सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस प्लान न चुन लें। बल्कि इंश्योरेंस की क्या राशि है, फायदे और सेवाएं क्या मिल रहीं हैं, इन जैसी बातों के हिसाब से तय करें कि आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद पॉलिसी कौन सी होगी।

  • अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस कभी भी ऑनलाइन नहीं खरीदा है, तो हमें पता है कि आप थोड़े कश्मकस में पड़ सकते हैं। इसलिए, हमने आपके लिए इंश्योरेंस को समझना बेहद आसान बनाया है। यहां हम आपको एक जल्दी पढ़ने लायक गाइड सामग्री देंगे, जिससे आप जान पाएंगे कि आप किस तरह अलग-अलग इंश्योरेंस प्लान की ऑनलाइन तुलना कर सकते हैं। इससे आप अपने लिए उपयुक्त इंश्योरेंस प्लान चुन सकेंगे।
  • इंश्योरेंस की राशि: यह सबसे जरूरी बात है। आखिर, यही वो धनराशि है जो आपको क्लेम के वक्त मिलेगी। इसलिए अच्छी राशि पाने के लिए अपना प्लान समझदारी से चुनें। केवल सस्ते प्रीमियम के लिए चक्कर में कोई ऐसा प्लान न चुनें जो आपके काम ना आ सके। आमतौर इसका मतलब होता है कि इंश्योरेंस की राशि भी कम होगी)
  • असल लाभ: व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते वक्त पॉलिसी के नियम व शर्तें ध्यान से पढ़ें। बहुत से लाभ आकर्षित तो करते हैं लेकिन जब आप उन पर क्लेम करते हैं, तो आपको अहसास होता है कि क्लेम की प्रक्रिया बेहद कठिन है क्योंकि उन लाभों में कई तरह के अगर मगर शामिल होते हैं।
  • क्लेम सेटेलमेंट रिकॉर्ड: हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के क्लेम सेटेलमेंट रिकॉर्ड को जरूर देखें। उसकी प्रक्रिया क्या है? वो क्लेम को कितनी तेजी से आगे बढ़ाते हैं? क्या सभी काम आसान हैं? क्या वो पूरी तरह से डिजिटल हैं या उनमें पेपर वर्क की भी जरूरत है? शुरू से ही इन बातों की सही जानकारी आपको अपने लिए सबसे उपयुक्त और अच्छी पॉसिली चुनने में मदद करती है।
  • प्रीमियम: जी हां, ये आप जरूर देखेंगे। लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि कहीं आप केवल कम प्रीमियम की वजह से सबसे सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस प्लान न चुन लें। बल्कि इंश्योरेंस की क्या राशि है, फायदे और सेवाएं क्या मिल रहीं हैं, इन जैसी बातों के हिसाब से तय करें कि आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद पॉलिसी कौन सी होगी।

कैशलेस क्लेम क्या है?

जैसा कि नाम से पता चलता है, कैशलेस क्लेम में आपको अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि ऐसा तभी संभव है जब आप हमारे नेटवर्क अस्पतालों में इलाज करवाते हैं।

जैसा कि नाम से पता चलता है, कैशलेस क्लेम में आपको अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि ऐसा तभी संभव है जब आप हमारे नेटवर्क अस्पतालों में इलाज करवाते हैं।

कैशलेस हेल्थ क्लेम कैसे सेटेल करें?

1.   पहले से प्लान करके अस्पताल में भर्ती होने के 72 घंटों के अंदर फोन या मेल के जरिए हमसे संपर्क करें। अगर इमर्जेंसी में या किसी कारणवश अचानक भर्ती होना पड़े, तो हमसे 24 घंटों के अंदर संपर्क करें। 2.   अपने हेल्थ कार्ड/ई-कार्ड की कॉपी आईडी प्रूफ के साथ अस्पताल के संबंधित अधिकारी को दें और अस्पताल से प्री ऑथराइजेशन फॉर्म लें। 3.   फॉर्म भरकर हस्ताक्षर करें और उसे अस्पताल के संबंधित अधिकारी को सौंप दें। 4.   सुनिश्चित करें कि अस्पताल आपके हस्ताक्षर किए फॉर्म को आगे की प्रक्रिया के लिए थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन (TPA) या सर्विस प्रोवाइडर को पहुंचा दे। 5.   आपके फॉर्म पर कार्यवाही के बाद टीपीए क्लेम मंजूर करके, अस्पताल को सीधे ही नियम व शर्तों के साथ एक मंजूरी पत्र जारी करता है। 6.   एक बार हर चीज को मंजूरी मिलने और आपको प्रक्रिया आगे बढ़ाने की सहमति मिलने के बाद, फॉर्म भरने से 15 दिनों के भीतर इलाज शुरू होना जरूरी होता है।

1.   पहले से प्लान करके अस्पताल में भर्ती होने के 72 घंटों के अंदर फोन या मेल के जरिए हमसे संपर्क करें। अगर इमर्जेंसी में या किसी कारणवश अचानक भर्ती होना पड़े, तो हमसे 24 घंटों के अंदर संपर्क करें।

2.   अपने हेल्थ कार्ड/ई-कार्ड की कॉपी आईडी प्रूफ के साथ अस्पताल के संबंधित अधिकारी को दें और अस्पताल से प्री ऑथराइजेशन फॉर्म लें।

3.   फॉर्म भरकर हस्ताक्षर करें और उसे अस्पताल के संबंधित अधिकारी को सौंप दें।

4.   सुनिश्चित करें कि अस्पताल आपके हस्ताक्षर किए फॉर्म को आगे की प्रक्रिया के लिए थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन (TPA) या सर्विस प्रोवाइडर को पहुंचा दे।

5.   आपके फॉर्म पर कार्यवाही के बाद टीपीए क्लेम मंजूर करके, अस्पताल को सीधे ही नियम व शर्तों के साथ एक मंजूरी पत्र जारी करता है।

6.   एक बार हर चीज को मंजूरी मिलने और आपको प्रक्रिया आगे बढ़ाने की सहमति मिलने के बाद, फॉर्म भरने से 15 दिनों के भीतर इलाज शुरू होना जरूरी होता है।

प्रतिपूर्ति (रिइंबर्समेंट) क्लेम क्या है?

सबसे ज्यादा किया जाने वाला क्लेम प्रतिपूर्ति का दावा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप चाहे हमारे नेटवर्क अस्पताल जाएं या नहीं, आप भारत के किसी भी अस्पताल में इलाज करवाने पर ये क्लेम कर सकते हैं। आपको केवल तयशुदा समय सीमा के अंदर अपने जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे और आपको हमसे प्रतिपूर्ति मिल जाएगी।

सबसे ज्यादा किया जाने वाला क्लेम प्रतिपूर्ति का दावा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप चाहे हमारे नेटवर्क अस्पताल जाएं या नहीं, आप भारत के किसी भी अस्पताल में इलाज करवाने पर ये क्लेम कर सकते हैं। आपको केवल तयशुदा समय सीमा के अंदर अपने जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे और आपको हमसे प्रतिपूर्ति मिल जाएगी।

रिइंबर्समेंट क्लेम सेटल करने की क्या प्रक्रिया है?

1.   अस्पताल में भर्ती होने या अस्पताल में किसी तरह का इलाज करवाने के 48 घंटों के अंदर हमें या टीपीए को इसकी जानकारी दें। 2.   डिस्चार्ज के 30 दिनों के अंदर अपने सभी असली दस्तावेज और अस्पताल के बिल जमा करें। 3.   हमारी टीम आपके जमा किए सभी डॉक्यूमेंट जांचेगी और आपको 30 दिनों के अंदर इंश्योरेंस की राशि मिल जाएगी। अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हम आपको मौजूदा बैंक ब्याज दर से 2% ज्यादा देने के लिए जिम्मेदार होंगे।

1.   अस्पताल में भर्ती होने या अस्पताल में किसी तरह का इलाज करवाने के 48 घंटों के अंदर हमें या टीपीए को इसकी जानकारी दें।

2.   डिस्चार्ज के 30 दिनों के अंदर अपने सभी असली दस्तावेज और अस्पताल के बिल जमा करें।

3.   हमारी टीम आपके जमा किए सभी डॉक्यूमेंट जांचेगी और आपको 30 दिनों के अंदर इंश्योरेंस की राशि मिल जाएगी। अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हम आपको मौजूदा बैंक ब्याज दर से 2% ज्यादा देने के लिए जिम्मेदार होंगे।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रीमियम कैसे जोड़ा जाता है?

बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं कि उनका हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम को कैसे जोड़ा जाता है। आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी गई कई बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है: 1.   आपकी उम्र: स्वास्थ्य समस्याएं युवाओं और बुजुर्गों, दोनों के बीच बढ़ती जा रही हैं। फिर भी, युवा  अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इसके साथ ही आप जितने कम उम्र के होंगे, आपको मैटर्निटी या गंभीर बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड पूरा करने का समय उतना ज्यादा मिल जाएगा। इसलिए आपकी उम्र जितनी कम होगी, आपका प्रीमियम भी उतना ही कम होगा। अब आप जान गए होंगे कि क्यों लोगों को कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है। 2.   जीवन शैली: आज के समय में सब कुछ आपकी जीवन शैली पर नर्भर करता है। हमारी सेहत भी हमारी चुनी जीवन शैली पर निर्भर करती है। आपकी अच्छी-बुरी आदतों के आधार पर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भी प्रभावित होता है। इसलिए आप अपने जिम जाने से लेकर धूम्रपान करने या ना करने समेत सभी बातें बताएं। अगर आप गलत जानकारी देकर बचना चाहते हैं, तो भी क्लेम के दौरान इन सभी बातों के पता चलने की संभावना होती है। तब आपका क्लेम पूरी तरह से निरस्त किया जा सकता है। 3.   पहले से मौजूद बीमारी- अगर आप अपनी पहली पॉलिसी के 48 महीने पहले से ही किसी बीमारी या घाव के लक्षण देख या महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपनी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त इसके बारे में बताने की जरूरत है। आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम प्रभावित होगी। 4.   क्षेत्र: आपके रहने की जगह पर भी आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम निर्भर करता है क्योंकि अलग अलग शहरों का प्रदूषण स्तर, दुर्घटना की संभावना और स्वास्थ्य खर्च अलग-अलग होता है। जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों में ज्यादा प्रदूषण और हवा की गिरती गुणवत्ता के कारण को फेफड़ों की समस्या होने की आशंका ज्यादा होती है। 5.   एड ऑन और कवर: अपने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को आप अपने और आपनी जीवन शैली के मुताबिक बनाने के लिए आप इसके खास कवर को सुरक्षा की तरह चुन सकते हैं। इन कवर में गंभीर बीमारियां, मैटर्निटी, इंफर्टिलिटी के इलाज से जुड़े लाभ शामिल हैं। आपके चुने हुए कवर के हिसाब से आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है।

बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं कि उनका हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम को कैसे जोड़ा जाता है। आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी गई कई बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है:

1.   आपकी उम्र: स्वास्थ्य समस्याएं युवाओं और बुजुर्गों, दोनों के बीच बढ़ती जा रही हैं। फिर भी, युवा  अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इसके साथ ही आप जितने कम उम्र के होंगे, आपको मैटर्निटी या गंभीर बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड पूरा करने का समय उतना ज्यादा मिल जाएगा। इसलिए आपकी उम्र जितनी कम होगी, आपका प्रीमियम भी उतना ही कम होगा। अब आप जान गए होंगे कि क्यों लोगों को कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है।

2.   जीवन शैली: आज के समय में सब कुछ आपकी जीवन शैली पर नर्भर करता है। हमारी सेहत भी हमारी चुनी जीवन शैली पर निर्भर करती है। आपकी अच्छी-बुरी आदतों के आधार पर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भी प्रभावित होता है।

इसलिए आप अपने जिम जाने से लेकर धूम्रपान करने या ना करने समेत सभी बातें बताएं। अगर आप गलत जानकारी देकर बचना चाहते हैं, तो भी क्लेम के दौरान इन सभी बातों के पता चलने की संभावना होती है। तब आपका क्लेम पूरी तरह से निरस्त किया जा सकता है।

3.   पहले से मौजूद बीमारी- अगर आप अपनी पहली पॉलिसी के 48 महीने पहले से ही किसी बीमारी या घाव के लक्षण देख या महसूस कर रहे हैं, तो आपको अपनी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त इसके बारे में बताने की जरूरत है। आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम प्रभावित होगी।

4.   क्षेत्र: आपके रहने की जगह पर भी आपकी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम निर्भर करता है क्योंकि अलग अलग शहरों का प्रदूषण स्तर, दुर्घटना की संभावना और स्वास्थ्य खर्च अलग-अलग होता है। जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों में ज्यादा प्रदूषण और हवा की गिरती गुणवत्ता के कारण को फेफड़ों की समस्या होने की आशंका ज्यादा होती है।

5.   एड ऑन और कवर: अपने व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को आप अपने और आपनी जीवन शैली के मुताबिक बनाने के लिए आप इसके खास कवर को सुरक्षा की तरह चुन सकते हैं।

इन कवर में गंभीर बीमारियां, मैटर्निटी, इंफर्टिलिटी के इलाज से जुड़े लाभ शामिल हैं। आपके चुने हुए कवर के हिसाब से आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है।

सही इंश्योरेंस राशि कैसे चुनें?

उम्र: अगर आप जल्द शादी करने जा रहे हैं तो आप ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस प्लान चुनें। आपकी उम्र जितनी कम होगी आपका प्रीमियम भी उतना कम होगा और आपका वेटिंग पीरियड भी समय से पूरा हो जाएगा। साथ ही, आपको मैटर्निटी लाभ जैसी सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी। उम्र का पड़ाव: आप अपनी उम्र के पड़ाव के हिसाब से इंश्योरेंस की राशि चुन सकते हैं। क्या आप पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी है, आप शारीरिक तौर पर कितने फिट हैं, आप सिंगल हैं, जल्द शादी करने जा रहे हैं, परिवार शुरू करने जा रहे हैं? आप इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस की राशि चुन सकते हैं। कितने लोग आप पर निर्भर हैं: व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस आपके लिए तैयार किया गया है, लेकिन आप इसमें खुद पर निर्भर लोगों को शामिल कर सकते हैं। जैसे, आपके माता-पिता, जीवनसाथी और बच्चे। खुद पर निर्भर लोगों और क्लेम के दौरान आपको जरूरत पड़ने वाली राशि के आधार पर आप इंश्योरेंस की राशि चुनें। मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति: अगर आपके परिवार में कोई वंशानुगत चलने वाली बीमारी मौजूद है या कोई बीमारी आपके शहर में फैल रही है, तो ऐसी बीमारी को कवर करने के लिए आप ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस चुन सकते हैं। आपकी जीवन शैली: अगर आप प्रदूषण वाले मेट्रो शहरों में रहते हैं, जहां आप ट्रैफिक से जूझते और ऑफिस का तनाव झेलते हैं, तो आपमें बीमार पड़ने की संभावना भी ज्यादा होगी। इसका मतलब है कि आपको बेहतर कवर की जरूरत है, इसलिए आपको ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस कवर चुनना चाहिए।


उम्र: अगर आप जल्द शादी करने जा रहे हैं तो आप ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस प्लान चुनें। आपकी उम्र जितनी कम होगी आपका प्रीमियम भी उतना कम होगा और आपका वेटिंग पीरियड भी समय से पूरा हो जाएगा। साथ ही, आपको मैटर्निटी लाभ जैसी सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी।

उम्र का पड़ाव: आप अपनी उम्र के पड़ाव के हिसाब से इंश्योरेंस की राशि चुन सकते हैं। क्या आप पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी है, आप शारीरिक तौर पर कितने फिट हैं, आप सिंगल हैं, जल्द शादी करने जा रहे हैं, परिवार शुरू करने जा रहे हैं? आप इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस की राशि चुन सकते हैं।

कितने लोग आप पर निर्भर हैं: व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस आपके लिए तैयार किया गया है, लेकिन आप इसमें खुद पर निर्भर लोगों को शामिल कर सकते हैं। जैसे, आपके माता-पिता, जीवनसाथी और बच्चे। खुद पर निर्भर लोगों और क्लेम के दौरान आपको जरूरत पड़ने वाली राशि के आधार पर आप इंश्योरेंस की राशि चुनें।

मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति: अगर आपके परिवार में कोई वंशानुगत चलने वाली बीमारी मौजूद है या कोई बीमारी आपके शहर में फैल रही है, तो ऐसी बीमारी को कवर करने के लिए आप ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस चुन सकते हैं।

आपकी जीवन शैली: अगर आप प्रदूषण वाले मेट्रो शहरों में रहते हैं, जहां आप ट्रैफिक से जूझते और ऑफिस का तनाव झेलते हैं, तो आपमें बीमार पड़ने की संभावना भी ज्यादा होगी। इसका मतलब है कि आपको बेहतर कवर की जरूरत है, इसलिए आपको ज्यादा राशि वाला इंश्योरेंस कवर चुनना चाहिए।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में क्या ध्यान रखें?

ग्राहकों की समीक्षा और प्रशंसापत्र: उन लोगों पर भरोसा करें जिन्होंने पहले से सेवाएं ले रखी हैं। आप सोशल मीडिया या इंश्योरेंस प्रदाता की वेबसाइट पर लोगों के ब्रांड से संबंधित रिव्यू देख सकते हैं और उनके अनुभव जान सकते हैं। अस्पतालों का नेटवर्क: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का खास फायदा यह है कि आप इंश्योरेंस प्रदाता के नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस सेटेलमेंट कर सकते हैं। इसलिए ये भी देखें कि उनके नेटवर्क में किस तरह के अस्पताल हैं और वो आपके लिए कितने सुविधाजनक हैं। क्लेम प्रक्रिया: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का लक्ष्य होता है कि आपको मेडिकल क्लेम मिल सके। इसलिए इंश्योरर की क्लेम प्रक्रिया पर जरूर ध्यान दें। जैसे, कहीं उसमें बहुत ज्यादा कागजी कार्यवाही तो नहीं? क्या वो डिजिटल फ्रेंडली है? उसमें कितना समय लगता है? वगैरह। कवरेज लाभ: इंश्योरेंस प्रोवाइडर और आपकी अपनी जरूरतों के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान बदलते रहते हैं। इसलिए ये जरूर देखें कि आपको किस तरह का कवरेज मिल रहा है और यह आपके लिए पर्याप्त है या नहीं। अन्य लाभ: बेसिक कवरेज के अलावा ये भी देखें कि आपका इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपको किस तरह के सर्विस लाभ और अन्य लाभ देता है।

ग्राहकों की समीक्षा और प्रशंसापत्र: उन लोगों पर भरोसा करें जिन्होंने पहले से सेवाएं ले रखी हैं। आप सोशल मीडिया या इंश्योरेंस प्रदाता की वेबसाइट पर लोगों के ब्रांड से संबंधित रिव्यू देख सकते हैं और उनके अनुभव जान सकते हैं।

अस्पतालों का नेटवर्क: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का खास फायदा यह है कि आप इंश्योरेंस प्रदाता के नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस सेटेलमेंट कर सकते हैं। इसलिए ये भी देखें कि उनके नेटवर्क में किस तरह के अस्पताल हैं और वो आपके लिए कितने सुविधाजनक हैं।

क्लेम प्रक्रिया: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का लक्ष्य होता है कि आपको मेडिकल क्लेम मिल सके। इसलिए इंश्योरर की क्लेम प्रक्रिया पर जरूर ध्यान दें। जैसे, कहीं उसमें बहुत ज्यादा कागजी कार्यवाही तो नहीं? क्या वो डिजिटल फ्रेंडली है? उसमें कितना समय लगता है? वगैरह।

कवरेज लाभ: इंश्योरेंस प्रोवाइडर और आपकी अपनी जरूरतों के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान बदलते रहते हैं। इसलिए ये जरूर देखें कि आपको किस तरह का कवरेज मिल रहा है और यह आपके लिए पर्याप्त है या नहीं।

अन्य लाभ: बेसिक कवरेज के अलावा ये भी देखें कि आपका इंश्योरेंस प्रोवाइडर आपको किस तरह के सर्विस लाभ और अन्य लाभ देता है।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने की सबसे सही उम्र क्या है?

दरअसल, जितना जल्दी उतना बेहतर है। इस स्थिति में आपका प्रीमियम कम होगा और खास फायदों के लिए आपका वेटिंग पीरियड भी पूरा हो जाएगा। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कम उम्र के लोगों में मानसिक सेहत की समस्याएं बढ़ रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य खर्च कम नहीं हो रहे हैं।

दरअसल, जितना जल्दी उतना बेहतर है। इस स्थिति में आपका प्रीमियम कम होगा और खास फायदों के लिए आपका वेटिंग पीरियड भी पूरा हो जाएगा। हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहां स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कम उम्र के लोगों में मानसिक सेहत की समस्याएं बढ़ रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य खर्च कम नहीं हो रहे हैं।

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस के साथ अपना इनकम टैक्स बचाएं

आपकी सेहत को सुरक्षित करने के साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस आपको टैक्स में छूट दिलाने की वजह से आपकी बचत भी बढ़ाता है। यह नीचे दिए तरीकों से संभव है: 1.   प्रिवेंटिव स्वास्थ्य जांच के जरिए: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के अनुसार, एक पॉलिसी पीरियड में एक व्यक्ति अपनी प्रिवेंटिव स्वास्थ्य जांच करवाकर 25,000 रुपए तक टैक्स में छूट पा सकता है। 2.   अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अपने माता-पिता को शामिल करके: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अपने माता-पिता को अपने आश्रित के तौर पर शामिल करता है और अपने बुजुर्गों के लिए प्रीमियम भरता है, तो उसे टैक्स में हर साल 50,000 रुपए तक की छूट मिल सकती है। 3.   अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए कैश भुगतान से बचें: अपने हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए टैक्स में छूट पाने के लिए जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित सभी भुगतान बैंक ट्रांसफर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके या ऑनलाइन/नेट बैंकिंग के जरिए किए जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि कैश भुगतान को टैक्स में छूट के लिए गिना नहीं जाता है।  

आपकी सेहत को सुरक्षित करने के साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस आपको टैक्स में छूट दिलाने की वजह से आपकी बचत भी बढ़ाता है। यह नीचे दिए तरीकों से संभव है:

1.   प्रिवेंटिव स्वास्थ्य जांच के जरिए: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के अनुसार, एक पॉलिसी पीरियड में एक व्यक्ति अपनी प्रिवेंटिव स्वास्थ्य जांच करवाकर 25,000 रुपए तक टैक्स में छूट पा सकता है।

2.   अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अपने माता-पिता को शामिल करके: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अपने माता-पिता को अपने आश्रित के तौर पर शामिल करता है और अपने बुजुर्गों के लिए प्रीमियम भरता है, तो उसे टैक्स में हर साल 50,000 रुपए तक की छूट मिल सकती है।

3.   अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए कैश भुगतान से बचें: अपने हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए टैक्स में छूट पाने के लिए जरूरी है कि हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित सभी भुगतान बैंक ट्रांसफर, डेबिट/क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके या ऑनलाइन/नेट बैंकिंग के जरिए किए जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि कैश भुगतान को टैक्स में छूट के लिए गिना नहीं जाता है।

 

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?

जीवन शैली से जुड़ी बढ़ती समस्याओं और आसमान छूते स्वास्थ्य खर्चों के कारण हेल्थ इंश्योरेंस करवाकर सुरक्षित होना, लगभग सबके लिए जरूरी है। इससे उन्हें अपने छोटे-बड़े स्वास्थ्य खर्चों को कवर करने में मदद मिलेगी। इसीलिए आपके स्वास्थ्य खर्चों में अपनी बचत गंवाने से सुरक्षित करने के लिए ही नहीं, बल्कि हर साल 25,000 रुपए से 50,000 रुपए तक की टैक्स में छूट पाकर अपनी बचत बढ़ाने के लिए भी व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी है।

व्यक्तिगत हेल्थ पॉलिसी खरीदने के लिए किन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है?

डिजिट में सबकुछ ऑनलाइन है इसलिए हमें आपके आधार कार्ड/पैन कार्ड (ये टैक्स में बचत में मदद करता है) के अलावा कोई कागजात नहीं चाहिए । इसके अलावा हो सकता हो आपकी सेहत के हिसाब से हम आपसे कुछ स्वास्थ्य जांचों की रिपोर्ट मांगे।

क्या हेल्थ इंश्योरेंस पहले से मौजूद बीमारी को कवर करता है?

ये आपकी सेहत पर निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपको पहले से कैंसर डायग्नोस हो चुका है, तो हम आपको नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं कर पाएंगे। हालांकि, अगर आप शराब पीने या धूम्रपान करने वाले व्यक्ति हैं तो आपको अतिरिक्त प्रीमियम के साथ कवर मिल सकता है।