पुराने दिनों में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सिर्फ ऐसे ट्रीटमेंट और अस्पताल में भर्ती होने को ही कवर करती थीं जिसमें 24 घंटे से ज्यादा का समय लगा हो। हालांकि, चिकित्सीय क्षेत्र में हुई प्रगति और तकनीक के चलते बहुत से ट्रीटमेंट पहले के मुकाबले बेहद कम समय में हो सकते हैं।
इसमें मोतियाबिंद सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी, डायलेसिस, हाइमेनेक्टॉमी और आर्थ्रोस्कोपिक, नी एस्पिरेशन के साथ कई अन्य प्रक्रिया शामिल हैं।
तथ्य यह है कि ऐसे कई ट्रीटमेंट हैं जो 24 घंटों के अंदर किए जा सकते हैं और ना सिर्फ बहुत से मरीजों को इसकी जरूरत होती है, बल्कि इसमें स्वास्थ्य देखभाल के खर्चे भी बहुत होते हैं, आईआरडीएआई (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) की ओर से इसे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में लाया गया है।
इसके लिए भगवान का शुक्रिया! इस प्रकार, डे केयर प्रक्रिया से मतलब उस ट्रीटमेंट से है जिसमें मेडिकल क्षेत्र में हुई प्रगति के चलते सिर्फ 24 घंटों के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है।
इसका अच्छा उदाहरण होगा कि जब किसी को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया जाता है, जिसके बाद उनका अस्पताल में ख्याल रखा जाएगा और उसी दिन उन्हें डिसचार्ज भी कर दिया जाएगा।