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टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के बीच अंतर

हम जानते हैं कि आपके लिए आपका परिवार ही सबकुछ हैं, आप उन्हें खुश और आत्मनिर्भर देखना चाहते , फिर चाहे आप उनके साथ हों या नहीं।

टर्म इंश्योरेंस को किसी भी भावनात्मक व्यक्ति की भावनाओं का हल माना जाता है।  ये गलत है, अगर आप वार्षिक प्रीमियम राशि को बचा सकते हैं और अपने लिए मन की ये शांति खरीद सकते हैं  कि आपके जाने के बाद भी कोई होगा जो आपके परिवार का ध्यान रखेगा तो क्यों नहीं? और यही हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भी सच साबित होता है ।

अगर आप अपने परिवार के स्वास्थ्य सुधार के बारे में सोचते हैं और अगर ये जानते हैं कि आप सुपरह्यूमन नहीं हैं और बीमारी आपसे पूछ कर नहीं आएगी; तो आप निश्चित ही भारी भरकम मेडिकल बिल से दूर रहने के लिए छोटी कीमत देकर  अपने और अपने परिवार एक लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहेंगे

इससे पहले कि देर हो जाए स्मार्ट बनिए और प्लान कीजिए। इन दोनों पॉलिसी का विवरण देने के लिए हम यहां हैं ताकि आप निर्णय ले सकें कि आपको कौन सी पॉलिसी का चुनाव करना है।

 

हेल्थ इंश्योरेंस क्या होता है?

हमारी तेज रफ़्तार लाइफ में, हम बड़े होते हैं और खर्चा करते हैं, जीवन के बेहतर होते स्तर का मतलब हर दिन खर्च करना और बेहतर करते जाना है।

जब बैंक की ओर से सैलरी आने का मैसेज आता है तो हमारी ज्यादातर बचत महीने के पहले हफ्ते में ही खत्म हो जाती है।  बिलों का भुगतान करने के बाद जो आपके पास बचता है, क्या वो बुरे समय के लिए पर्याप्त होता है।   दुखद है लेकिन हममें से ज्यादातर लोगों के लिए जवाब नहीं है। 

इस स्थिति का सबसे डरावना हिस्सा, अनपेक्षित मेडिकल खर्चे होते हैं।  लंबे अस्पताल और इनके लंबे बिल।  हेल्थ इंश्योरेंस इस परिस्थिति से बचा लेते हैं। 

इस तरह का इंश्योरेंस आपके दोस्त जैसा होता है, जब इंश्योर्ड या उनके हेल्थ इंश्योरेंस में जुड़े लोग बीमार पड़ते हैं, उन्हें सर्जरी या फिर चिकित्सीय सहायता की जरूरत होती है तब मेडिकल से जुड़े सभी खर्चे रीइंबर्स हो जाते हैं और आपकी परेशानियां कम हो जाती हैं।

 

टर्म इंश्योरेंस क्या होता है?

अपने परिवार के सदस्य आपकी दुनिया हैं, उन्हें सबकुछ सबसे अच्छा देने के लिए आप कुछ कर जाने को तैयार हो जाएंगे।  आपके जाने के बाद उनका क्या होगा?  ये डरावना है लेकिन सच है। 

आप जानते हैं कि आप वहां हमेशा के लिए नहीं होंगे, लेकिन फिर भी आप उनकी मदद कर सकेंगे, मन को शांत करने वाला है न?  आपके मन को शांत करने का जवाब है टर्म इंश्योरेंस।

आपका  टर्म इंश्योरेंस आपके परिवार की आर्थिक जरूरतों का तब भी ध्यान रखेगा, जब आप वहां नहीं होंगे।  ये लाइफ इंश्योरेंस होता है जो इंश्योर्ड व्यक्ति के लाभार्थी/नॉमिनी को वित्तीय कवरेज देता है।

जरूरी: कोविड 19 के लिए हेल्थ इंश्योरेंस  के फायदों के बारे में ज्यादा जानें

हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के बीच अंतर

टर्म इंश्योरेंस हेल्थ इंश्योरेंस
ये इंश्योर्ड व्यक्ति का उनके परिवार के लिए सुरक्षा कवर है। ये आप और आपके मेडिकल/हेल्थ पॉलिसी प्लान में जुड़े परिवार के सदस्यों को अनपेक्षित मेडिकल खर्चों से सुरक्षित रखता है।
अगर इंश्योर्ड की मृत्यु हो जाती है तो ये नॉमिनी को एक निश्चित राशि देता है। ये एक ना दिखने वाले हाथ की तरह है जो जरूरत के समय आपकी वित्तीय मदद करता है, इसमें कोई खास समयावधि नहीं होती है।
इसमें लगने वाला प्रीमियम काफी कम होता है। इसमें लगने वाला प्रीमियम काफी ज्यादा होता है।
प्रीमियम भुगतान आमतौर पर सालाना होते हैं, करीब एक करोड़ के कवर के लिए प्रति महीने की कीमत 500 INR से अंदर ही होती है। सामान्यतौर पर लोग सालाना भुगतान ही करते हैं क्योंकि आखिरी की राशि जेब पर ज्यादा असर नहीं डालती है। प्रीमियम भुगतान आमतौर पर मासिक होते हैं हालांकि कुछ इंश्योरेंस कंपनी तिमाही, छमाही या सालाना प्रीमियम भुगतान का ऑफर भी देती हैं।
ये पॉलिसी मैच्योरिटी की खासियतों के साथ नहीं आता है, ये इंश्योर्ड की मृत्यु के बाद परिवार के परेशान सदस्यों के लिए आर्थिक कवच होता है। अगर पॉलिसी की अवधि के बाद इंश्योर्ड व्यक्ति जीवित रहता है तो टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी समाप्त हो जाती है। ये नो-क्लेम मैच्योरिटी बोनस या इस्तेमाल में न आई राशि को अगली अवधि में ले जाने की सुविधा के साथ आता है जिसकी वजह से आने वाले साल में प्रीमियम का भुगतान कम ही होता है।
ये आपकी नियमित निवेश वाली पॉलिसी नहीं है, हालांकि अगर इंश्योर्ड व्यक्ति जीवित है और टर्म इंश्योरेंस प्लान प्रीमियम रिटर्न प्लान था तो पूरी अवधि के दौरान भुगतान किए गए प्रीमियम का दावा करने का फायदा मिलता है। वापस मिला प्रीमियम करमुक्त होता है और एक तरह से इसे गुल्लक में सुरक्षित पैसों की तरह माना जा सकता है। ये एक निवेश पॉलिसी है जो जरूरत पड़ने पर आपकी आर्थिक मदद करती है। कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मार्केट-लिंक्ड-इंवेस्टमेंट प्लान के साथ आती हैं।

पॉलिसी के प्रकार

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार

  • व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस - जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये एक ही व्यक्ति को कवर करता है।  व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस.प्लान के बारे में ज्यादा जानें।

  • फ़ैमिली फ़्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस - इसमें इंश्योर्ड सहित पूरा परिवार एक ही प्लान में कवर हो जाता है, प्रीमियम का भुगतान सालाना किया जाता है।   परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान  के बारे में ज्यादा जानें।

  • यूनिट-लिंक्ड हेल्थ प्लान - इंश्योरेंस कंपनी यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस के तहत ही कवरेज और निवेश ऑफर करती हैं। 

  • सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस - ये पॉलिसी बढ़ती उम्र वाले माता-पिता के लिए होती है, जब ग्राहक पॉलिसी खरीदना चाहते हैं तब हम अपने ग्राहकों को हर संभव फायदे देते हैं।   बूढ़े होने पर सामान्य इलाजों के लिए जरूरी अच्छे अस्पताल और सर्विस टाई-अप के साथ हम अपने ग्राहकों को सबसे अच्छे ऑफर देते हैं।   सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बारे में ज्यादा जानें।

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार

  • लेवल टर्म इंश्योरेंस प्लान - पूरी अवधि के दौरान इंश्योर की गई राशि बदलती नहीं है और इंश्योर्ड की मृत्यु के बाद परिवार को इसका भुगतान कर दिया जाता है।

  • प्रीमियम रिफंड टर्म इंश्योरेंस - अगर अवधि ख़त्म हो जाने के बाद इंश्योर्ड व्यक्ति जीवित रहता है तो वापस किया गया प्रीमियम करमुक्त होता है।

  •  टर्म इंश्योरेंस का बढ़ना  - इंश्योर्ड की मृत्यु के बाद मिलने वाले फायदे इंश्योरेंस की अवधि के माध्यम से बढ़ते जाते हैं। इंश्योर की हुई राशि के बढ़ने के साथ प्रीमियम भी बढ़ता जाता है।

  • घटता टर्म इंश्योरेंस - हर जाते साल के साथ इंश्योर की हुई राशि निश्चित प्रतिशत के साथ घटता जाता है, प्रीमियम वही रहता है लेकिन जोखिम कवर प्रभावित/कम होता है।

  •  कंवर्टिबल टर्म प्लान - थोड़े अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके इंश्योर्ड अपने प्लान को एंडाउमेंट एश्योरेंस प्लान में बदल सकता है।

  • राइडर के साथ टर्म प्लान - इंश्योर की हुई राशि से इतर, इंश्योर्ड को अतिरिक्त कवरेज और फायदे मिलते हैं, इसके साथ उनका आधारभूत टर्म इंश्योरेंस मजबूत होता है।

भारत में मौजूद  इंश्योरेंस के प्रकार  और  जनरल इंश्योरेंस के प्रकार के बारे में ज्यादा जानें।

हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस के फायदे

हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के फायदे

  • हेल्थ इंश्योरेंस  मेडिकल खर्चों से भी सुरक्षा देता है

  • बहाली के फायदे - आपके हेल्थ इंश्योरेंस में एक कवरेज होती है जिसमें अगर आपकी इंश्योर की हुई राशि बीमारी के इलाज में इस्तेमाल हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी इसे बहाल कर देती है।

  • गंभीर बीमारी के लिए कवर - अगर एक ऐड-ऑन या प्लान  के हिस्से के तौर पर लिया जाए तो ये गंभीर बीमारी के खर्चों को कवर करता है। 

  • डेली हॉस्पिटल कैश कवर - मेडिकल इमर्जेंसी के मामले में ये कवर मेडिकल बिल से इतर हुए खर्चों को वहन करने में मदद करता है। 

  • मैटरनिटी बैनेफिट - इस फायदे के साथ मां बनने वाली महिला को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराने और इससे जुड़े खर्चों को कवर किया जा सकता है. स्थिति गंभीर होने पर किसी भी जरूरी इलाज के खर्चे का ध्यान इस फायदे के साथ रखा जा सकता है। 

  • घर पर होने वाले इलाज - अगर आपके माता-पिता या परिवार के सदस्य को उस स्थिति में घर पर इलाज की जरूरत है, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए था, तब ये फायदा आपके लिए ही है।

  • अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के खर्चे - हम जानते हैं, ऐसे कई खर्चे होते हैं जो हेल्थ इंश्योरेंस में कवर नहीं होते हैं जैसे एक्सरे, स्कैन, दवाएं, हम कोशिश करते हैं कि इन खर्चों का भी ख्याल रखें। 

  • दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती होना - ये फायदा एंबुलेंस, डेकेयर प्रक्रिया, अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के खर्चों को कवर करता है, इनमें आईसीयू,दवाएं, ओटी, फिजिशियन की फीस, डायग्नोस्टिक और दुर्घटना के मामले में और भी बहुत कुछ शामिल है।

टर्म इंश्योरेंस प्लान के फायदे

  • ये आपके परिवार के लिए खासतौर पर तब आर्थिक मदद का काम करता है, जब आप उनकी जिंदगियों में नहीं होंगे। 

  • इसमें प्रीमियम काफी कम होता है। 

  • टर्म इंश्योरेंस के साथ कर के फायदे मिलते हैं हालांकि टर्म पॉलिसी खरीदने की वजह कर की बचत नहीं होनी चाहिए।  इस पॉलिसी में कर क़ानून के मुताबिक कर के फायदे और छूट ऑफर किए जाते हैं।

  • कम प्रीमियम के साथ हाई लाइफ कवर।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बहुत से ऐड-ऑन और फायदों के साथ आती हैं, जरूरी है कि इन्हें सही इंश्योरेंस कंपनी के साथ ढूंढा जाए।   डिजिट में हम अपने ग्राहकों को सबसे अच्छे ऐड- ऑन और फायदे देने में विश्वास करते हैं, ताकि वो अपनी पॉलिसी का ज्यादा से ज्यादा फायदा ले पाएं। 

कुल मिलाकर, अगर आप इन दोनों के फायदे करीब से समझें तो आप ये भी समझेंगे कि हमें इन दोनों ही पॉलिसी की जरूरत देर-सबेर होगी ही।  इससे पहले कि देर हो जाए, बेहतर यही है कि सही समय पर सही निर्णय लिया जाए।