भारत में कैंसर कवर के साथ हेल्थ इंश्योरेंस
भले ही आधुनिक इलाज आपको कम दर्द के होने का आश्वासन देते हैं, लेकिन कैंसर के इलाज की बात आने पर उनका नकारात्मक पक्ष, उनकी लंबी प्रक्रिया होती है। इसके इलाज के तरीके समय लेने वाले होते हैं और बार-बार अस्पताल जाने की मांग करते हैं। और बहुत, बहुत महंगे होते हैं। ऐसे में कैंसर कवर आपकी मदद करता है!
इंश्योरेंस कंपनियां अब आपको कैंसर ट्रीटमेंट इंश्योरेंस देती है, जिसमें आपका पूरा इलाज खर्च कवर किया जाना सुनिश्चित होता है। कैंसर की पहचान से लेकर कैंसर के इलाज जैसे कि कीमोथेरेपी, सर्जरी, अस्पताल में भर्ती, रेडिएशन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और अन्य खर्चों के साथ-साथ कई सालों तक डॉक्टर से दिखाने के खर्च तक।
निश्चिंत रहें, कैंसर इंश्योरेंस प्रभावित लोगों और उनके परिवारों को भावनात्मक, शारीरिक और सबसे महत्वपूर्ण रूप से आर्थिक तौर पर मजबूत रहने में मदद करता है।
सिर्फ भारत में ही हर साल 10 लाख कैंसर पीड़ितों की पहचान होती है।
साल 2035 तक यह संख्या दोगुनी हो सकती है, और साथ ही इसके इलाज का खर्च भी। कोई भी व्यक्ति चाहे वह उनकी जीवन शैली और पारिवारिक इतिहास कुछ भी हो, कैंसर का शिकार हो सकता है। इसलिए, आपको कैंसर इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दी जाती है, ताकि वित्तीय मामले में आप तनाव मुक्त रहें। आखिरकार, रोकथाम करना इलाज से बेहतर है!
अब राहत की सांस लेने का समय आ गया है। कैंसर ट्रीटमेंट इंश्योरेंस मोटे तौर पर, नीचे बताए गए प्रकार के कैंसर को कवर करता है।
जीवन पहले ही काफी जटिल है। शुक्र है, अपने लिए कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी चुनना आसान है!
यहां कैंसर इंश्योरेंस प्लान खरीदने से पहले ध्यान में रखी जाने वाली मददगार टिप्स दी गई हैं:
1. ज्यादा इंश्योरेंस राशि चुनें - कैंसर के इलाज का समय लंबा होता है। इसलिए, ज्यादा इंश्योरेंस राशि वाला कैंसर इंश्योरेंस प्लान चुनना बुद्धिमानी होती है।
2. आपके प्लान में कैंसर की हर स्टेज कवर होनी चाहिए - हालांकि कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी की दरें ज्यादा होती हैं, फिर भी ऐसा प्लान चुनें जो आपको कैंसर के सभी चरणों में कवर करे।
3. प्लान में प्रीमियम छूट और आय लाभ मिलना चाहिए - कैंसर के इलाज का ज्यादा खर्च स्वाभाविक तौर पर आपके आय पर असर डाल सकता है। इसलिए, ऐसा प्लान लें जो ऐसी स्थितियों में वित्तीय सुरक्षा के तौर पर काम करे।
4. पॉलिसी की प्रतीक्षा अवधि और सर्वाइवल के नियम और शर्तें पढ़ें - पॉलिसी की प्रतीक्षा अवधि यानी पॉलिसी का कवरेज मिलने से पहले आपको जिस समय अवधि का इंतजार करना होगा, उसकी अच्छी तरह जांच करें। साथ ही, ज्यादा से ज्यादा फायदा क्लेम करने के लिए पॉलिसी की सर्वाइवल अवधि की भी जांच करें।
5. परिवार का स्वास्थ्य इतिहास जांचें - अगर आपका पारिवारिक इतिहास कैंसर का है तो कैंसर इंश्योरेंस बहुत मायने रखता है। याद रखें कि कैंसर इंश्योरेंस कैंसर के लिए सिर्फ कवरेज दे सकता है। इसके साथ ही, हर साल कैंसर की स्क्रीनिंग से जोखिम से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी।
6. दोहरी पॉलिसी का मतलब दोहरा कवरेज नहीं होता - कॉम्पप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ अलग से एक कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी होने का मतलब यह नहीं है कि आप एक ही समय में दोनों पॉलिसी का फ़ायदा ले सकते हैं, ऐसा तब तक नहीं होता, जब तक कि आप कैंसर बेनीफिट का विकल्प नहीं चुनते। अगर कैंसर बेनीफिट पॉलिसी ली गई है, तो आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में अस्पताल में भर्ती होने के और इलाज के खर्च कवर होते हैं और कैंसर बेनीफिट प्लान के तहत एकमुश्त राशि के लिए क्लेम किया जा सकता है, जिससे दूसरे खर्चों में मदद मिलेगी।
महत्वपूर्ण: कोविड 19 हेल्थ इंश्योरेंस के फ़ायदे और इसके तहत आने वाले कवर के बारे में और जानें।
कैंसर इंश्योरेंस की मुख्य विशेषताएं और फ़ायदे
यह पॉलिसी ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीदी जा सकती है।
आप 'एक समान इंश्योर की गई राशि' का विकल्प या 'बढ़ती हुई इंश्योर की गई राशि' प्लान का विकल्प चुन सकते हैं।
कैंसर बेनीफिट और अस्पताल के खर्चों की पॉलिसी अपनी पसंद के मुताबिक चुनी जा सकती है।
यह पॉलिसी कैंसर के सभी चरणों के लिए एक अंतर्निहित प्रीमियम छूट के फ़ायदे के साथ आती है।
अगर किसी को शुरुआती चरण के कैंसर की पहचान होती है, तो इंश्योर की गई राशि का 25% एकमुश्त भुगतान के रूप में दिया जाएगा।
गंभीर स्टेज के कैंसर के मामले में पॉलिसीधारक को रोग की पहचान होने पर इंश्योरेंस राशि का 100% और अगले 10 सालों के लिए आय लाभ मिलेगा।
इस पॉलिसी की सामान्य प्रतीक्षा अवधि 60 से 180 दिनों की होती है। सर्वाइवल अवधि 7 से 30 दिनों की होती है।
इस पॉलिसी को 20 से 65 साल के व्यक्ति 10 से 30 साल की अवधि के लिए खरीद सकते हैं।
इस प्लान में कम से कम इंश्योर की गई राशि 10 लाख रुपए और ज्यादा से ज्यादा 50 लाख रुपए है।