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लद्दाख में पेट्रोल टैक्स के बारे में सबकुछ

केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी ₹5 प्रति लीटर कम कर दी थी। इसी का पालन करते हुए लद्दाख प्रबंधन ने भी पेट्रोल पर वैट कम कर दिया था। इस वजह से इस केंद्रशासित प्रदेश में पेट्रोल के दाम कम हो गए थे। इस अर्टिकल में लद्दाख में पेट्रोल टैक्स और इससे जुड़े दूसरे तथ्यों के बारे में बताया गया है। अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो पढ़ते रहिए!

लद्दाख में कितना पेट्रोल टैक्स लिया जाता है?

लद्दाख प्रशासन ने पेट्रोल पर वैट को संशोधित किया था और इसको ₹7.66 प्रति लीटर कम कर दिया था।

पेट्रोल पर कम की हुई एक्साइज ड्यूटी और वैट ने मिलकर केंद्रशासित प्रदेश में पेट्रोल की कीमत ₹13.43 प्रति लीटर तक कम कर दी थी

नीचे दी गई टेबल को देखें इसमें जरूरी कंपोनेंट जैसे केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगाए गए  टैक्स रेट वगैरह के बारे में बताया गया है। जिनकी वजह से केंद्रशासित प्रदेश में पेट्रोल की कीमत तय होती है:

एलिमेंट 21 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी (₹ प्रति लीटर में)
डीलर के लिए कीमत ₹57।35 प्रति लीटर
एक्साइज ड्यूटी (केंद्र सरकार की ओर से लागू) ₹19।90 प्रति लीटर
औसत डीलर कमीशन ₹8।22 प्रति लीटर
वैट (राज्य सरकार की ओर से लागू) ₹14.63 प्रति लीटर {(डीलर के लिए ईंधन की कीमत + एक्साइज ड्यूटी + औसत डीलर कमीशन) का 17.06% } (₹5 रति लीटर का अतिरिक्त रोजगार उपकर और ₹2.5 प्रति लीटर की कमी लागू)
लद्दाख में पेट्रोल का खुदरा बिक्री मूल्य ₹100।10 प्रति लीटर

(नोट: ऊपर लिखी टेबल 21 अक्टूबर, 2022 तक अपडेट किए गए विश्वसनीय और आधिकारिक सूत्रों से लिए गए डाटा के साथ पेट्रोल टैक्स के ब्रेकअप को समझने के लिए उदाहरण मात्र है। असल कीमत हालांकि अलग हो सकती है क्योंकि पेट्रोल की कीमत, डीलर का कमीशन, उपकर और ऐसे दूसरे पहलू समय-समय पर बदल सकते हैं।)

लद्दाख में पेट्रोल टैक्स कौन लगाता है?

केंद्र सरकार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी (₹19.90 प्रति लीटर) लेती है जबकि लद्दाख का प्रशासन पेट्रोल पर वैट (करीब ₹14.63 प्रति लीटर) लागू करता है। दोनों अथॉरिटी की ओर से लगाई जाने वालीं ये दो टैक्स दरें अतिरिक्त फैक्टर जैसे क्रूड ऑयल, डीलर के कमीशन वगैरह के अलावा लद्दाख में पेट्रोल की कीमत का निर्धारण करती हैं।

लद्दाख में पेट्रोल टैक्स को प्रभावित करने वाले फैक्टर कौन से हैं?

लद्दाख में पेट्रोल टैक्स को प्रभावित करने वाले फैक्टर निम्न हैं:

1. क्रूड ऑयल की कीमत

क्रूड ऑयल की मांग और सप्लाई, अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक रिश्ते, तेल भंडार और उनकी सप्लाई अक्सर क्रूड ऑयल की कीमत को प्रभावित करते हैं। इसकी कीमत में कोई भी बदलाव घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करता है।

2. पेट्रोल की मांग और सप्लाई

भारतीय सड़कों पर चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ पेट्रोल की मांग भी बढ़ती जा रही है।   हालांकि, ऑयल रिफाइनरी कंपनियां पेट्रोल की कम सप्लाई के चलते मांग को पूरा नहीं कर पाती हैं, इस वजह से पेट्रोल की कीमत बढ़ जाती है।

3. डीलर का कमीशन

ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल पम्प मालिकों को उनकी कमाई, खर्चे और फायदों को कवर करते हुए कमीशन देती हैं। डीलर की ओर से लिया गया ये कमीशन पेट्रोल की कीमत पर असर डालता होता है। 

4. डीलर के लिए लागत

ऑयल मार्केटिंग कंपनियां क्रूड ऑयल खरीदती और वितरित करती हैं। रिफाइनिंग लागत, भाड़े वगैरह के मुताबिक वो डीलर से कीमत लेती हैं। डीलर से ली जाने वाली कीमत लद्दाख में पेट्रोल की कीमत तय करने में अहम होती हैं।

5. पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट

केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है और हर राज्य के साथ केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन पेट्रोल पर वैट लगाता है। ये टैक्स रेट लद्दाख में पेट्रोल की कीमत तय करने के लिए अहम होते हैं।

6. भारतीय रुपए के मुकाबले यूएस डॉलर का मूल्यांकन

क्रूड ऑयल को दूसरे देशों से आयात किया जाता है और लेनदेन डॉलर में किया जाता है। इसलिए भारत में पेट्रोल की कीमत का आंकलन करने के लिए भारतीय रुपए और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट जरूरी हो जाता है।

क्या लद्दाख की सब जगहों पर पेट्रोल टैक्स समान है?

जवाब है हां, केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन लद्दाख में पेट्रोल पर वैट की एक सी दर लागू करता है। हालांकि, समय के साथ लद्दाख में पेट्रोल पर टेक्स रेट बदल सकता है, जिसका असर कुल कीमत पर पड़ता है।  

नवंबर, 2021 में पेट्रोल पर वैट कम किए जाने के बाद लद्दाख में पेट्रोल की कीमतें काफी कम हुई थीं। हालांकि जैसा कि पहले भी बताया गया है, लद्दाख में समय के साथ पेट्रोल टैक्स बदल सकता है, जिसका असर कीमत पर पड़ता है। इसलिए इसके बारे में ताजा अपडेट जरूर रखें।

अक्सर पूछे जाने वाला सवाल

नवंबर, 2021 में कम किए जाने से पहले लद्दाख में प्रशासन पेट्रोल पर कितना वैट लेता था?

नवंबर, 2021 में कम किए जाने से पहले लद्दाख का प्रशासन 24% के वैट के साथ ₹5 प्रति लीटर (वैट पर ₹2।5 प्रति लीटर की कटौती लागू) का रोजगार उपकर भी लेता था।

पेट्रोल पर वैट की गणना करते हुए राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कौन से फैक्टर पर विचार करते हैं?

राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पेट्रोल पर वैट लगाने से पहले एक्साइज ड्यूटी और डीलर कमीशन पर विचार करते हैं।