नीचे दी गई बातें तमिलनाडु में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करती हैं-
1. क्रूड ऑयल की कीमत
क्रूड ऑयल की मांग और पूर्ति में आने वाला फर्क उसकी कीमत को प्रभावित करता है। इसके साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और भविष्य के लिए ऑयल रिजर्व और उसकी सप्लाई भी फ़्यूल की कीमत को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं।
भारत अंर्ताराष्ट्रीय बाजार से पर्याप्त मात्रा में क्रूड ऑयल आयात करता है। इसके अनुसार ही, देश को क्रूड ऑयल की बढ़ती वैश्विक कीमत अदा करनी पड़ती है, जिसका सीधा असर तमिलनाडु में पेट्रोल और डीजल की कीमत पर पड़ता है।
2. फ़्यूल की मांग और पूर्ति
भारतीय सड़कों पर ऑटोमोबाइल की बढ़ती संख्या के कारण पेट्रोल की मांग भी बढ़ती जा रही है। इंडियन ऑयल रिफ़ायनरी कंपनी अंतर्राष्ट्रीय बाजार से क्रूड ऑयल खरीदती हैं। लेकिन बढ़ती मांग के कारण, कई बार पूर्ति में कमी आ जाती है। इसलिए, अर्थशास्त्र के नियम के अनुसार, फ़्यूल की कीमत भी बढ़ जाती है, और पूर्ति बढ़ने पर घट जाती है।
3. डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये की कीमत
अंतर्राष्ट्रीय बाजार क्रूड ऑयल सप्लाई करता है। यह लेन देन यूएस डॉलर में होता है। इसलिए, इसमें होने वाले बदलाव भारतीय रुपए की कीमत को प्रभावित करते हैं। डॉलर की जितनी ज्यादा होगी, क्रूड ऑयल को खरीदने की कीमत भी उतनी ज्यादा होगी। इसी अनुसार, पूरे उत्पाद यानी पेट्रोल की कीमत भी ज्यादा हो जाएगी, और इसका उलटा होने पर कीमत घट जाएगी।
4. रिफ़ायनरी की उपलब्धता
क्रूड ऑयल से रिफ़ायनरी में पेट्रोल निकाला जाता है। अगर रिफ़ायनरी की संख्या कम होगी, तो फ़्यूल की सप्लाई भी मांग की तुलना में कम हो जाएगी। इसके अनुसार, पेट्रोल की कीमत बढ़ जाएगी।
5. सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और वैट
वैट और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी दोनों ही तमिलनाडु में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करते हैं। लेकिन मौजूदा टैक्स को कम करने की व्यवस्था से पहले, लगभग 52% पेट्रोल कीमतों से टैक्स की भरपाई की जाती है। इससे भारतीय चालकों को ऊंची कीमत पर पेट्रोल खरीदने में परेशानी आती है।