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राजस्थान में पेट्रोल टैक्स के बारे में हर बात जानें

Source: businesstoday

इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आखिरी बार 21 अक्टूबर, 2022 को अपडेट की गई थी।

भारतीय ईंधन उपभोक्ताओं को पेट्रोल के बढ़े दामों से छुटकारा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी में ₹5 प्रति लीटर की कमी की गई।  

कई राज्यों जैसे राजस्थान ने अपने हिसाब से पेट्रोल में वैट को कम करने का कदम बढ़ाया है। यहां पेट्रोल पर  ₹30.51 प्रति लीटर का सेल्स टैक्स लिया जाता है।  राजस्थान में पेट्रोल टैक्स के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं? आगे पढ़ते रहिए!

राजस्थान में पेट्रोल पर कितना टैक्स लगाया जाता है?

राजस्थान में पेट्रोल पर लगने वाला स्टेट टैक्स इस ईंधन का ₹28.61 प्रति लीटर है (अक्टूबर 2022 तक)

राजस्थान में पेट्रोल पर टैक्स कम करने के बावजूद यहां पर पेट्रोल पर वैट लगाया जाता है।

स्टेट वैट से इतर, कई दूसरे कंपोनेंट ईंधन की खुदरा कीमत का निर्धारण करते हैं। भारत में पेट्रोल की कीमत का पूरा ब्रेकडाउन दिखाने वाली टेबल नीचे देखें-

एलिमेंट 21 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी (₹ प्रति लीटर में)
डीलरों से लिया जाने वाला मूल्य ₹57.35 प्रति लीटर
एक्साइज ड्यूटी (केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया) ₹19.90 प्रति लीटर
औसत डीलर कमीशन ₹2.21 प्रति लीटर
वैट (राज्य सरकार की ओर से लगाया गया) ₹28.61 प्रति लीटर {36% का (डीलर के लिए ईंधन की कीमत + एक्साइज ड्यूटी + औसत डीलर कमीशन)}
राजस्थान में खुदरा बिक्री मूल्य ₹108.07 प्रति लिटर

(नोट: ऊपर लिखी गई टेबल पेट्रोल टैक्स ब्रेक अप को समझाने का उदाहरण है। इसमें विश्वसनीय और आधिकारिक सूत्रों से लिए गए डाटा का इस्तेमाल हुआ है। असल कीमत अलग हो सकती है, क्योंकि ईंधन की कीमत, डीलर का कमीशन, सेस और दूसरे पहलू समय-समय पर बदलते रहते हैं। राजस्थान में ईंधन की नवीनतम कीमतों की जांच करें)

राजस्थान में पेट्रोल टैक्स कौन लगाता है?

केंद्र सरकार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। ठीक इसी तरह राजस्थान की राज्य सरकार ईंधन पर वैट लगाती है। हालांकि, पेट्रोल पर वैट हर स्टेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।  

राजस्थान में पेट्रोल टैक्स को प्रभावित करने वाले पहलू कौन से हैं?

राजस्थान में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करने वाले निम्न पहलुओं पर ध्यान दें-

1. डीलर का कमीशन

OMCs एक खास कमीशन का मुगतान ईंधन के डीलर को करता है। कमीशन डीलर की पूरी कमाई, फायदा और लागत को कवर करता है। ये पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करता है

2. एक्साइज ड्यूटी और वैट

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी हमेशा निश्चित होती है, क्योंकि ये पेट्रोल की कीमत पर लगाया गया पुर्वनिर्धारित शुल्क है। ठीक इसी तरह पेट्रोल पर वैट हर राज्य के हिसाब से अलग-अलग होता है। राज्य सरकार वैट का निर्धारण करने से पहले कुछ पहलुओं पर ध्यान देती है, जैसे एक्साइज ड्यूटी, डीलर का कमीशन वगैरह।  

3. पेट्रोल की मांग और सप्लाई

सड़कों में बढ़ते वाहनों के साथ पेट्रोल की मांग भी बढ़ी है। ऑयल रिफाइनरी कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार से क्रूड ऑयल लेकर पेट्रोल में इसे प्रोसेस करती हैं। मांग कभी पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए, अगर मांग सप्लाई से ज्यादा हो तो इकोनॉमिक के नियमों के मुताबिक पेट्रोल के दाम बढ़ जाते हैं या फिर इसका उल्टा भी होता है।

4. भारतीय रुपए बनाम यूएस डॉलर का मूल्य

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का लेनदेन अमेरिकी डॉलर में होता है। इसलिए यूएस डॉलर में हुए बदलाव का असर सीधे तौर पर पेट्रोल की कीमतों पर पड़ता है।  

5. रिफाइनरियों की उपलब्धता

क्रूड ऑयल को पेट्रोल में प्रोसेस करने के लिए रिफाइनरी में भेजा जाता है। हालांकि, कम रिफाइनरी होने के चलते बढ़ती मांग की तुलना में पेट्रोल की उपलब्धता और सप्लाई कम होगी। इसके परिणामस्वरुप पेट्रोल की कीमत बढ़ेगी।

क्या राजस्थान के सभी शहरों में पेट्रोल टैक्स एक जैसा है?

हां, राजस्थान का पेट्रोल टैक्स सभी शहरों में एक जैसा है। हालांकि, पेट्रोल की कीमत हर शहर में अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए जयपुर में पेट्रोल की कीमत ₹111.06 प्रति लीटर है। जबकि इसी समय जैसलमेर में कीमत ₹114.33 प्रति लीटर है। ये डीलर के कमीशन में हुए बदलाव और हर शहर से जुड़े दूसरे तथ्यों पर निर्भर करता है

राजस्थान में राज्य के अधिकारियों ने पेट्रोल की कम कीमत को देखते हुए वैट रेवेन्यु में ₹1,800 करोड़ की कुल हानि का अंदाजा लगाया है। हालांकि, राज्य सरकार नागरिकों को राहत देने के लिए आर्थिक भार खुद वहन करने के लिए तैयार है। राजस्थान में पेट्रोल टैक्स पर नजर बनाए रखें क्योंकि पेट्रोल की कीमत बदलती रहती है। ये ऊपर बताए गए फैक्टर पर निर्भर करती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या राजस्थान में लगने वाले पेट्रोल टैक्स में रोड डेवलपमेंट सेस शामिल है?

राजस्थान में पेट्रोल पर लगने वाले वैट में ₹1500/केएल रोड डेवलपमेंट सेस भी शामिल है (अक्टूबर 2022 तक)।