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कार में आग लग जाए तो क्या करें?

ज्वलनशील लिक्विड, कुछ फ्रिक्शनल कंपोनेंट और कठिन इलेक्ट्रिकल वायरिंग की वजह से कार में आग लगना बहुत ही सामान्य दिक्कत है। वाहन के जरूरी कंपोनेंट को नुकसान पहुंचाने की क्षमता को देखते हुए कार में लगी आग काफी नुकसानदायक हो सकती है। 

इसलिए, कार में आग से बचाने के लिए इसके लगने की वजहों पर ध्यान देना जरूरी है। इसके साथ यह जानना भी जरूरी है कि कार में आग लग जाने पर क्या करें।

इससे संबंधित सभी जरूरी जानकारी के साथ कार में आग लगने की वजहें या तथ्य जानने के लिए आगे पढ़ें।

कार में आग लगने पर याद रखी जाने वाली बातें

जिस तरह एक कार में आग लगने के कई कारण होते हैं, उसी तरह कई ऐसी परिस्थितयां भी होती हैं जब किसी वाहन में आग लग सकती है।

नीचे ऐसी परिस्थितियों के साथ उन स्टेप के बारे में भी बताया गया है जो इन स्थितियों में फंसने पर अपनाए जानें चाहिए-

ड्राइविंग करते हुए अगर कार में आग लग जाए तो क्या करें?

अगर ड्राइव करते हुए कार में आग लग जाए तो खतरे से निकलने निम्न स्टेप अपनाने चाहिए-

इग्निशन को ऑफ करके वाहन से बाहर आ जाएं: ड्राइव करते हुए कार में आग लगने पर किसी को भी सबसे पहले इग्निशन ऑफ करके सड़क किनारे कार को रोक देना चाहिए।

इसके बाद जल्द से जल्द कार से बाहर आ जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, कार में बैठे अन्य सवारों को भी कार से बाहर निकलने में मदद करें। इग्निशन ऑफ करने से पहले खिड़की और दरवाजों को अनलॉक भी किया जा सकता है। 

जलती हुई कार से दूर रहें: वाहन से बाहर आने के बाद, किसी को भी जलती हुई कार से दूरी बना लेनी चाहिए। ऐसे चार पहिया वाहन में मौजूद ज्वलनशील लिक्विड की वजह से होता है जो आग की वजह बनता है। इसके अलावा, अगर संभव हो तो आसपास के ट्रैफिक को खग्तरे के बारे में बता दें। 

आग बुझाने वाले उपकरण का इस्तेमाल करें: क्योंकि कार में आग कभी भी लग सकती है इसलिए आग बुझाने वाले उपकरण को वाहन में ही रखना अच्छा हो सकता है। अगर आग बुझाने वाले उपकरण मौजूद है तो स्थिति हाथ से बाहर जाए, इससे पहले आग बुझाने की कोशिश करें, लेकिन तब ही जब यह सुरक्षित हो। 

बूट/बोनट खोलने से बचें: जब कार में आग लगी हो तो किसी को भी आग बुझाने के लिए अपना बूट/बोनट नहीं खोलना चाहिए। कार के नीचे या इंजन बे में आग लगना खतरनाक होता है। इसके साथ अगर कोई बूट/बोनट खोलने की कोशिश करता है तो आग फैलकर हाथों को जला सकती है।

ट्रैफिक पुलिस और फायर डिपार्टमेंट से संपर्क करें: अगर आग जरूरत से ज्यादा लग जाए तो फायर डिपार्टमेंट से संपर्क जरूर करना चाहिए। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस को भी जानकारी दे देनी चाहिए। इस दुर्घटना के संबंध में ट्रैफिक पुलिस को सूचना दें, ताकि वह आने वाले ट्रैफिक को आगाह कर सकें।

आधिकारिक कार सर्विस सेंटर से संपर्क करें: किसी को भी एक आधिकारिक वाहन सर्विस सेंटर से संपर्क करके दिक्कत के बारे में बताना चाहिए। रिपोर्टिंग करते हुए किसी को भी नुकसान की स्थिति के बारे में अच्छे से बता देना चाहिए। इसके अतिरिक्त वह दुर्घटनाग्रस्त वाहन को नजदीकी सर्विस सेंटर तक ले जाने के लिए खींचने वाले वाहन के बारे में भी पूछ सकते हैं। 

चलते ट्रैफिक का ध्यान रखें: किसी को भी जलती हुई कार से दूर किसी सुरक्षित जगह पर खड़े होना चाहिए, सड़क के बीच में नहीं। चलते ट्रैफिक से बचने के लिए ऐसा करना चाहिए।

वाहन इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी दें: आग बुझाने के बाद व्यक्ति को अपनी इंश्योरेंस कंपनी को दुर्घटना के बारे में बता देना चाहिए। नुकसान का भुगतान करने के लिए उनको तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि वहां ना आ जाए।

तब क्या करें जब पार्किंग या ट्रैफिक में रुकी हुई कार में आग लग जाए?

आप सोच रहे हैं कि "क्या पार्क की हुई कार में आग लग सकती है?" जवाब है हां।

इस खास परिस्थिति का सामना करना थोड़ा कठिन हो सकता है, और किसी को भी निर्णय लेने से पहले आसपास के माहौल को समझ लेना चाहिए।

ऐसी परिस्थिति में फंसने पर व्यक्ति को नीचे दी गईं बातें अपनानी चाहिए।

इंजिन बंद करें और कार से बाहर आ जाएं:आग या धुंआं देखने के बाद इंजिन और इग्निशन को ऑफ कर दें और वाहन से बाहर आ जाएं। वाहन की सवारियों को कार के सभी दरवाजे भी अनलॉक कर देने चाहिए। इस तरह से कार की आग बुझाना आसान हो जाता है।

बाहर निकलने के बाद, जलती हुई कार से दूर हट जाना चाहिए, जिससे सुरक्षित दूरी बनी रहे।

दूसरे वाहनों और राहगीरों को बताएं: सड़क के बीच में खड़ा जलता हुआ वाहन दुसरे के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसलिए सड़क पर मौजूद लोगों को जलती हुई कार के बारे में बता दें। इसके अतिरिक्त, उन्हें राहगीरों को कार से दूर रहने की सलाह भी देनी चाहिए।

फायर डिपार्टमेंट से सम्पर्क करें: सड़क के बीच में खड़ा जलता हुआ वाहन खतरनाक हो सकता है। इसलिए, फायर डिपार्टमेंट के साथ तुरंत संपर्क करें। यह विभाग आग को बुझाकर स्थिति को जल्द नियंत्रित कर लेगा।

आग खुद बुझाने की कोशिश ना करें: लोगों को आग खुद बुझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। सड़क के बीच में खड़ी कार को आते-जाते वाहनों से टक्कर लग जाने का ख़तरा बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा, आग की गंभीरता को समझे बिना इसको बुझाने की कोशिश असुरक्षित हो सकती है। 

वाहन से अपना सामान निकालने की कोशिश ना करें: लोगों को जलती हुई कार के पास जाकर सामान निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हानिकारक जहरीली गैस से प्रकृति को नुकसान पहुंचने के चलते जलता हुआ वाहन काफी खतरनाक हो सकता है। अगर जलती हुई कार से सही दूरी न बनाई जाए तो दुर्घटना में चोट भी लग सकती है।

सर्विस सेंटर और इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी दें: जब आग लग जाए तो लोगों को कार इंश्योरेंस कंपनी और सर्विस सेंटर से संपर्क करना चाहिए। इसके बाद उन्हें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक नुकसान का आंकलन करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी से प्रतिनिधि वहां ना आ जाए। इसके बाद आप नजदीकी सर्विस सेंटर तक अपनी कार खींच कर ले जा सकते हैं।

भिड़ंत या दुर्घटना के चलते कार में आग लगने पर क्या करें?

कार में भिड़ंत या दुर्घटना के चलते आग लग सकती है। दुर्घटना के बाद अगर कार में आग लग जाती है तो इससे निकलना काफी कठिन हो जाता है। वाहन में आग लगना जोखिम भरी स्थिति है क्योंकि सवारियों को इससे चोट लग सकती है।

"दुर्घटना के दौरान कार में आग क्यों लग जाती है" जैस सवाल सर्च करने वाले लोगों को निम्न पॉइंट मन में रखने चाहिए-

वाहन से बाहर आना: दुर्घटना के बाद कार में अगर आग लग जाती है तो सबसे पहले बाहर आ जाना चाहिए। अगर किसी को चोट लग जाती हैं तो जल्द से जल्द कार से बाहर आने की कोशिश करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि आग लगने से विस्फोट हो सकता है और इससे घातक चोटें लग सकती हैं।

इसके अतिरिक्त, वाहन से बाहर आने के बाद, लोगों को दूसरी सवारियों को बाहर निकलने में मदद करनी चाहिए। 

आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें: व्यक्ति को तुरंत ट्रैफिक पुलिसव, फायर डिपार्टमेंट और एंबुलेंस से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ स्थिति को मैनेज करना काफी मददगार हो सकता है। 

सर्विस सेंटर और कार इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करें: स्थिति नियंत्रण में आने के बाद सर्विस सेंटर और कार इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क किया जा सकता है।

जब कार में आग लग जाए तो आग बुझाने वाले उपकरण का इस्तेमाल कैसे करें?

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि आग बुझाने वाला उपकरण अगर कार में हो तो काफी फायदेमंद हो सकता है। ठीक इसी समय पर, लोगों को इसे चलाने का तरीका भी समझ लेना चाहिए।

आमतौर पर, हर पाउडर फायर इक्स्टिंगग्विशर एक ही तरीके से चलता है। सिर्फ इसकी आग बुझाने वाले उपकरण की पिन/चाभी खींचनी होती है, फिर आग पर निशाना बनाकर हैंडल को बड़ा दें। लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह आग बुझाने वाला उपकरण तब ही इस्तेमाल करें, जब ऐसा करना सुरक्षित हो।

कार में आग लगने के चेतावनी संकेत

कार में आग लगने का संकेत देने वाले लक्षणों को पहचनना जरूरी है। समाधान निकालने के लिए यह जरूरी है।

चेतावनी वाले संकेतों की सूची नीचे दी गई है 

  • फ्लूइड का कम स्तर: आग लगने की स्थिति में तेल, ईंधन और फ्लूइड के स्तर में तेजी से कमी आती है। तेल और ईंधन गेज में अचानक हुए उतर-चढ़ाव पर नजर बनाकर रखनी चाहिए। 
  • टायर फेल होना: वाहन में आग लगने के वजह से टायर फट सकते हैं। 
  • फ्यूज उड़ना: ज्यादा गर्माहट या इलेक्ट्रिकल कनेक्शन की वजह से फ्यूज उड़ सकते हैं। ड्राइव करते अगर फ्यूज उड़ता दिखे तो वाहन के नीचे या इंजिन बे में आग लगी हो सकती है। 
  • जोर की आवाज: यदि कार के पिछले हिस्से में या उसके नीचे आग लगी है तो निकास से तेज धमाके जैसी आवाज सुनाई दे सकती है।
  • इंजिन का तापमान: इंजिन बे या बोनेट के नीचे आग लगने पर इंजिन का तापमान अचानक से बढ़ सकता है।
  • जलने की महक: अगर वाहन में आग लगी होगी तो रबड़ या प्लास्टिक के जलाने की महक आ सकती है।

कार में आग लगने की वजहें

कुछ तथ्यों की वजह से कार में आग लग सकती है। इनमें से कुछ निम्न हैं  -

  • मशीनी खराबी: एक कार में मैकेनिकल कंपोनेंट होते हैं जो घर्षण की वजह से गर्मी उत्पन्न करते हैं। इनमें से किसी भी कंपोनेंट के खराब होने की वजह से आग लग सकती है।
  • इलेक्ट्रिकल खराबी: कार में कठिन इलेक्ट्रिकल वायरिंग और अन्य कंपोनेंट जैसे इलेक्ट्रोनिक फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम, बैट्री, लाइट वगैरह होते हैं। इनमें किसी भी तरह की खराबी की वजह से आग लग सकती है।
  • फ्लूइड लीकेज: जरूरी फ्लूइड जैसे ट्रांसमिशन फ्लूइड, पॉवर स्टीयरिंग फ्लूइड, कूलेंट आदि में लीकेज की वजह से कार में आग लग सकती है। इसलिए कार के साथ सड़क पर आने से पहले किसी भी तरह की लीकेज को हमेशा जांच लें।
  • ऑयल फिलर कैप का खोना/ढीला होना: ऑयल फिलर कैप के खोने या ढीले होने पर पूरे इंजिन में तेल फैल सकता है। ज्यादा तापमान की वजह से इंजिन ऑइल में आग लग सकती है, जिसके चलते ड्राइविंग करते हुए दुर्घटना हो सकती है। 
  • बेकार कंपोनेंट का इस्तेमाल: वाहन में खराब गुणवत्ता के कंपोनेंट या मटेरियल का इस्तेमाल भी आग की वजह हो सकता है। कार के मैकेनिकल कंपोनेट पर बहुत दबाव होता है और अगर इनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी तो यह खराब हो जाएंगे या आग लगने की वजह बनेंगे।
  • ढीली/खराब वायरिंग: तारों का कनेक्शन खराब या ढीला होने पर शॉर्ट सर्किट हो सकता है। इसकी वजह से आग लग सकती है। इसके अलावा, खुले तारों से भी चिंगारी निकलने का जोखिम रहता है, इसके चलते फिर से आग लग सकती है।
  • तेल फैलना: अगर बदलते हुए तेल इंजिन बे में गिर जाता है तो इंजिन का तापमान बढ़ने पर इसमें आग लग सकती है। तो हमेशा ध्यान रखें कि इंजिन बे में तेल ना फैले।
  • ढीले/घिसे हुए होज: टूटे/ढीले/घिसे हुए होज इंजिन में बड़ा नुकसान कर सकते हैं क्योंकि वह इंजिन तक फ्लूइड ले जाते हैं। कुलेंट या फ्यूल लीकेज के चलते खराब रेडिएटर, फ्यूल होज आदि आग की वजह बन सकते हैं ।

कार की आग से बचने के लिए सुरक्षा सुझाव

कार की आग से बचने के सुरक्षा सुझाव ढूंढने वाले लोग नीचे बताए गए तरीकों का इस्तेमाल करके अपने वाहन में आग लगने से बचा सकते हैं-

  • वाहन में ईंधन भरवाते हुए इंजिन को बंद कर दें। ईंधन की वाष्प इंजिन से निकलने वाली गर्माहट के संपर्क में आ सकती है और आग लग सकती है।
  • वाहन के अंदर ज्वलनशील चीजें ना ही रखें ना ही इनके साथ सफर करें। बंद कार के अंदर तापमान काफी बढ़ सकता है और ज्वलनशील पदार्थों की वजह से आग लग सकती है। 
  • ईंधन की लाइन लीकेज या घिसने की जांच नियम से करते रहें। बहुत ज्यादा ज्वलनशील होने की वजह से फ्यूल लीकेज काफी खतरनाक होती है।
  • वाहन के लिए आग बुझाने वाला उपकरण लें और इसे ड्राइवर की सीट के पास रख दें। 
  • वाहन के अंदर ध्रूमपान बिल्कुल ना करें। कार के इंटीरियर में प्लास्टिक और अन्य मटेरियल होते हैं जिनमें आग जल्दी लगती है, बल्कि हल्की सी चिंगारी भी इसमें आग की वजह बन सकती है।
  • अगर वाहन के नीचे से प्लास्टिक या रबड़ जलने की महक आए तो इंजिन को तुरंत बंद कर दें।
  • वाहन को सुरक्षित जगह पर पार्क कर दें। इसे छांव में खड़ी करें, खासतौर पर गर्मी के मौसम में।
  • आफ्टरमार्किट एक्सेसरी को इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इनकी वजह से वाहन की मूल वायरिंग खराब हो सकती है।
  • कार की सर्विसिंग नियमित या निर्माता की ओर से बताए गए अंतराल में जरूर कराएं। फ्ल्यूइड को अपने आदर्श स्तर पर रखा जाना चाहिए और यह भी सुनिश्चित करें कि हर कंपोनेंट अच्छे से काम कर रहा हो।
  • अगर अप ब्रेक या बोनेट से धुंआ आता देखें तो कार को तुरंत रोक दें।
  • ज्वलनशील फ्लूइड या गैस के पास कार को पार्क ना करें । जब कार पार्क की गई होती है इसका इंजिन आमतौर पर गरम होता है और यह निश्चित तौर पर अच्छा होगा कि इसे ज्वलनशील चीजों से दूर ही पार्क किया जाए।

इसलिए, व्यक्तियों को उपरोक्त महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए कि कार में आग कैसे लगती है और अन्य संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी। इसके साथ कार में लगी खतरनाक आग से बचने और अगर ऐसा होता है तो परिस्थिति को सँभालने में मदद मिलेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या कार की बैटरी में आग लग सकती है?

हां, कार की बैटरी में आग लगने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। जंग लगे हुए कनेक्टिंग पॉइंट, ढीले कनेक्टर्स आदि की वजह से चिंगारी पैदा हो सकती है, इसके चलते बैटरी में आग लग जाती है। हालांकि, बैटरी का अच्छे से रखरखाव हो तो इसको ऐसी आग से बचाया जा सकता है।

क्या कार में आग लगने पर विस्फोट हो सकता है?

आग की वजह से कार में विस्फोट होने की संभावनाएं बेहद कम होती हैं। हालांकि, अगर वाहन सीएनजी पर चलता हो तो सीएनजी सिलिंडर आग की वजह से फट सकता है। क्योंकि डीजल/पेट्रोल टैंक दबाव वाले चैंबर में नहीं होते हैं इसलिए उनमें विस्फोट की संभावना कम ही होती है।