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जब कार इंजिन लाइट सिग्नल ऑन होता है तो क्या करें?

बिस्वास को ध्यान में रखते हुए आप अपनी कार ड्राइव कर रहे हैं और अचानक से आपको अपने वाहन के डैशबोर्ड में लाइट जलती हुई नजर आती है। एक संकेत कार इंजिन को दिखाता है और इस संकेत के आगे 'चेक' या 'चेक इंजिन' भी नजर आ सकता है। यही चेक इंजिन लाइट है

अगर आप वाहन के मालिक हैं और कभी भी ऐसी स्थिति से गुजरे हैं तो यह आर्टिकल आपकी कार की चेक इंजिन लाइट के बारे में जानकारी बटोरने में आपकी मदद करेगा।

चेक इंजिन लाइट का क्या मतलब होता है और यह कहां पर होती है?

वाहन से जुड़ी चेक इंजिन लाइट को आमतौर पर डायग्नॉस्टिक सिस्टम कहा जाता है। तकनीकी प्रगति के साथ अब कम्प्यूटर वाहन की परफॉर्मेंस देखने के साथ इंजन की गति, इग्निशन टाइमिंग और ईंधन मिश्रण को नियंत्रित कर सकते हैं।

हालांकि, जब इलेक्ट्रोनिक-कंट्रोल सिस्टम में किसी ऐसी दिक्कत से इसका सामना होता है जिसको सुधारा नहीं जा सकता है, तो यह पीली चेतावनी वाली लाइट में बदल जाती है। इसको 'सर्विस इंजिन सून' या 'चेक इंजिन' या 'चेक पॉवरट्रेन' का नाम दिया जाता है। अगर नहीं तो इंजिन की फोटो दिख सकती है, इसमें 'चेक' लिखा होगा। आधुनिक वाहनों में इसको चेक इंजिन लाइट या मेलफंक्शन इंडिकेटर लाइट कहा जाता है।

हर आधुनिक चार-पहिया वाहन के डैशबोर्ड या इन्स्ट्रमेंटल पैनल पर इंजिन लाइट का संकेत दिखता है।

चेक इंजिन लाइट ऑन होने की पीछे क्या कारण होते हैं ?

निम्न वजहों से इंजन लाइट सिंबल फ्लैश होता है-

  • कैटलिटिक कन्वर्टर में खराबी - कैटलिटिक कन्वर्टर टॉक्सिक गैस और हानिकारक हायड्रोकार्बन को कम जहरीली गैसों में बदलता है। यह खराबी पॉवर में कमी और खराब माइलेज की भी वजहे बन सकती है। 
  • मास एयरफ्लो के कारण सेंसर की खराबी - यह तब होता है, जब कोई एयर फिल्टर को नहीं बदलता है, जिसकी वजह से इंजिन में एयरफ्लो चोक हो जाता है। इसके परिणामस्वरुप खराब माइलेज, खराब आइडलिंग और कार रुकने भी लगती है।
  • ईंधन का खुला ढक्कन - सुनने में बेतुका लगता है लेकिन ईंधन का खुला या बंद ढक्कन वाहन की परफॉर्मेंस पर असर डालता है। इससे सिस्टम और लाइन में बाव बना रहता है। इससे उत्सर्जन बढ़ता है और वाहन का माइलेज कम होता है।
  • पुराने और खराब हो चुके स्पार्क प्लग - स्पार्क प्लग इंजिन के कम्बस्चन चैंबर में ईंधन मिश्रण और हवा को प्रज्ज्वलित करता है।
  • ऑक्सीजन सेंसर में खराबी - ऑक्सीजन सेंसर में खराब रीडिंग की वजह से वाहन की परफॉर्मेंस भी खराब हो सकती है। इसके चलते कैटलिटिक कन्वर्टर में भी खराबी आ सकती है।

सॉलिड और फ्लैशिंग चेक इंजिन लाइट का मतलब होता है?

एक सॉलिड सीईएल का मतलब है कि वाहन के इंजिन में कोई तो परेशानी है। हालांकि, इस दिक्कत में तुरंत ध्यान देने की जरूरत बिलकुल नहीं है। लेकिन यह ध्यान रखें कि इस दिक्कत को हल करने में ज्यादा देर की जाए तो समस्या बढ़ भी सकती है। 

फ्लैशिंग इंजिन लाइट इंजन की उस दिक्कत को दिखाती है जिसको तुरंत हल करने की जरूरत होती है। ऐसी परिस्थिति में, वाहन मालिक को अपनी कार तुरंत पेशेवर ऑटोमोबाइल वर्कशॉप तक ले जानी चाहिए। हालांकि, ऐसे मामले में ड्राइवर का खुद ही अपना वाहन चलाना असुरक्षित हो सकता है। अगर ऐसी परिस्थिति आती है तो उनको अपना वाहन नजदीकी ऑटोमोबाइल गैराज तक खींच कर ले जाना चाहिए।

फ्लैशिंग इंजिन लाइट का मतलब है कि इन क्षेत्रों में दिक्कत है-

  • फ़्यूइल इंजेक्टर
  • ऑक्सीजन सेंसर
  • एयरफ्लो सेंसर
  • इग्निशन क्वॉइल
  • स्पार्क प्लग या प्लग वायर
  • कैटलिटिक कन्वर्टर
  • इंजिन वॉल्व

क्या चेक इंजिन लाइट ऑन रखते हुए ड्राइव करना सुरक्षित होता है?

ड्राइविंग करते हुए सीईएल ऑन आए तो यह दिक्कत वाली बात हो सकती है। हालांकि, परेशान होने की जरूरत नहीं है, कुछ दूर तक्क आप अपना वाहन ड्राइव कर सकते हैं। जांचें क्या वहां कोई अजीब सी आवाज आ रही है या वाहन अजीब तरह से चल रहा है। सड़क पर ज्यादा खर्चे वाली या गंभीर दिक्कतों से बचने के लिए जल्द से जल्द इंजिन के निरिक्षण के लिए अपॉइंटमेंट तय करें।

चेक इंजिन लाइट ऑन हो तो क्या करें?

अगर आपकी चेक इंजिन लाइट ऑन हैं तो यह काम करें-

  • सुनिश्चित करें कि कोई ऐसी गंभीर दिक्कत न हो, जिसमें तुरंत सुधार की जरूरत हो। डैशबोर्ड गेज पर कम तेल, ज़्यादा गरम होने और दबाव के संकेत को जांचें। इन परेशानियों को जल्द से जल्द सुधारें।
  • अपने ईंधन या गैस कैप को अच्छे से बंद करने की कोशिश करें। 
  • अगर आपके सामने फ्लैशिंग सीइएल या पॉवर की कमी जैसी परफॉर्मेंस से जुड़ी दिक्कते हैं तो वाहन की और इंजिन पर लोड स्पीड कम करने की कोशिश करें। ज्यादा खर्चों से बचने के लिए जल्द से जल्द इंजिन की जांच कराएं ।
  • कई आधुनिक वाहनों में बिल्ट-इन डायग्नॉस्टिक सुविधाओं का इस्तेमाल करने का प्रयास करें।

चेक इंजिन लाइट को कैसे बंद करें?

चेक इंजिन लाइट को बंद करने के कई तरीके हैं। इनमें से कुछ हैं-

  • अपना वाहन चलें और देखें लाइट क्या अपने आप बंद हो जाती है। तीन दिन के बाद अगर आप देखते हैं कि इंजिन लाइट ऑन है तो नजदीकी गैराज पर जाएं या नीचे दिए गए तरीकों को अपनाएं।
  • जब कार ऑन होती है और लगातार तीन बार बंद होती है कई बार परेशान करने वाले कोड रीसेट हो जाते हैं। ऐसा करने के लिए, इग्निशन में चाभी डालें, कार को कुछ पलों के लिए ऑन करें और कुछ पलों के लिए बंद कर दें। ऐसा लगातार दो बार करें, फिर अपनी कार को सामान्य तरीके से ड्राइव करें और देखें कि क्या लाइट रिसेट हुई है या नहीं।
  • अपनी कार का बोनट खोलें और रिंच का इस्तेमाल करके कार बैट्री से पॉजिटिव पॉवर को डिसकनेक्ट कर दें। कम से कम 15 मिनट के लिए इसे डिसकनेक्ट रहने दें। इसके बाद इग्निशन में चाभी डालें और तीन बार इसको ऑन करें। फिर जांचने कि कार कि चेक इंजिन लाइट रिसेट हुई है या नहीं।
  • ओबीडी कोड रीडर का इस्तेमाल करें। यह कोड रीडर आंकलन करके वाहन के इंजिन से परेशां करने वाले कोड हटा देते हैं।

इन तरीकों से कार की चेक इंजिन लाइट को रिसेट करने में मदद मिलती है। हालांकि, अगर परेशानी बनी रहती है तो पेशेवर ऑटोमोबाइल वर्कशॉप पर जाएं और जल्द से जल्द इंजिन को चेक कराएं। यह आपको बहुत सा पैसा बचाने में मदद करेगा, जिसका किसी भी तरह की सड़क पर हुई दिक्कत के चलते आपको भुगतान करना पड़ता।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ओबीडी का क्या मतलब होता है?

ओबीडी का फुल फॉर्म होता है ऑन-बोर्ड डायग्नॉस्टिक। यह ऑटोमोबाइल इलेक्ट्रोनिक सिस्टम रिपोर्टिंग की क्षमताएं और ऑटोमोबाइल सेल्फ-डायग्नोसिस देता है।

अगर चेक इंजिन लाइट ऑन है तो क्या मैं ड्राइव कर सकता हूं?

देखिए, अगर कार अजीब तरह से परफॉर्म कर रही है या वाहन से कोई अलग तरह की आवाज आ रही है। अगर इनमें से कोई भी स्थिति आपके सामने आती है और आपकी कार की चेक इंजिन लाइट ऑन दिखती है तो तुरंत किसी पेशेवर ऑटोमोबाइल गैरेज में इसकी जांच करा लें।