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कार खरीदना बेहतर है या किराए पर कैब लेना?

आजकल, उंगलियों की ऐप-आधारित कैब तक आसान पहुंच लोगों को दुविधा में डाल सकती है कि कार खरीदने और किराए पर कैब लेने में ज्यादा किफायती क्या है। इन दोनों ही विकल्पों के फ़ायदे और नुकसान हैं, और निष्कर्ष निकालना चुनौती भरा हो सकता है।

यहां लोगों को यह तय करने में मदद करने के लिए एक विस्तृत लेख दिया गया है कि कार खरीदना चाहिए या किराए पर कैब लेना चाहिए। आपके लिए कौन सा सबसे अच्छा विकल्प है, यह तय करने के लिए पढ़ते रहें।

कार खरीदना या कैब लेना - ज्यादा किफायती क्या है?

सोच रहे हैं कि कार किराए पर लेना बेहतर है या खरीदना? इस निजी और प्राइवेट परिवहन के इस्तेमाल की लागत की गणना करके सबसे अच्छा उत्तर मिल सकता है। 

साफ आइडिया पाने के लिए यह अनुमानित खर्चों की तुलना टेबल देखें:

आधार कार खरीदने की लागत कैब किराए पर लेने की लागत
कारों के शुरुआती दाम शुरुआत ₹ 6 लाख से शुरुआत ₹ 1,000 प्रति दिन से
यात्रा की लागत (50 किमी रोज, 1500 किमी मासिक) ₹ 5,38,680 (5 सालों के लिए) ₹ 13,23,000 (5 सालों के लिए)
रखरखाव की लागत ₹ 1,00,000 (5 सालों के लिए) ₹ 0 (5 सालों के लिए)
इंश्योरेंस की लागत ₹ 90,000 (5 सालों के लिए) ₹ 0 (5 सालों के लिए)
कुल स्वामित्व की संभावित लागत ₹ 13,28,680 (5 सालों के बाद) ₹ 13,23,000 (5 सालों के बाद)
अनुमानित रीसेल वैल्यू ₹ 3,00,000 (4-5 सालों के बाद) ₹ 0 (4-5 सालों के बाद)
5 सालों के बाद रुपयों का निवेश ₹ 10,28,680 ₹ 13,23,000
ऊपर टेबल में दी गई गणना और अनुमान के बारे में नीचे की टेबल में समझाया गया है।

कार के लिए

  • यात्रा खर्च

डीज़ल कार 15 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती हैं। अगर डीजल का दाम ₹ 89.78/लीटर ** है, तो 5 सालों के लिए 1500 किमी की मासिक औसत यात्रा के लिए कुल ईंधन लागत - होगी।

1500 किमी की यात्रा करने के लिए औसत डीज़ल की जरुरत = 1500 किमी/15 किमी/लीटर = 100 लीटर

कुल डीज़ल का दाम= 100 X ₹ 89.78 प्रति लीटर = ₹ 8,978

फिर, 5 साल के लिए 1500 किमी की यात्रा करने की लागत = ₹ 8,978 X 5 X 12 = ₹ 5,38,680 (1 साल = 12 महीने तो 5 साल = 5 X 12)

**नोट-18.01.2022 को कोलकाता में डीज़ल के दाम ₹89.78/लीटर थे। तेल की दामों में बदलाव आते रहते हैं और इसी मुताबिक हर अलग-अलग भी हो सकते हैं। इसके अलावा, यह सिर्फ एक उदाहरण है और पेट्रोल, इलेक्ट्रिक और इंजन कारों के साथ बदलता रहता है।

  • रखरखाव की सालाना लागत

मान लीजिए कि एक कार के रखरखाव की सालाना लागत ₹ 20,000 है। तब, 5 साल के लिए रखरखाव की लागत ₹ 1,00,000 होगी।

  • इंश्योरेंस की लागत

अगर इंश्योरेंस की लागत ₹ 18,000 प्रति साल है, तो 5 साल की इंश्योरेंस लागत ₹ 90,000 होगी

  • स्वामित्व की कुल लागत

वाहन की लागत = ₹ 6,00,000 

5 सालों के लिए कुल ईंधन लागत = ₹ 5,38,680 

5 सालों के लिए रखरखाव लागत = ₹ 1,00,000

5 सालों के लिए इंश्योरेंस की लागत = ₹ 90,000

इन सबको मिलाकर आपके स्वामित्व की कुल लागत निकलेगी।

₹ 6,00,000 + ₹5,38,680 + ₹ 1,00,000 + ₹ 90,000 = ₹ 13,28,680

  • रीसेल वैल्यू

4- 5 साल पुरानी कारों का मूल्यह्रास = 50%। फिर, मूल 6 लाख रुपए के लिए कार मालिकों को 5 साल बाद 3 लाख रुपए मिलेंगे।

  • 5 साल के बाद निवेश किया गया पैसा/ कार के मालिक होने की वास्तविक लागत

₹ 13,28,680 - ₹ 3,00,000= ₹ 10,28,680

कैब के लिए

  • कुल रेट

अगर उबर की प्रति किमी लागत ₹14.7 है, तो 5 सालों के लिए 1500 किमी की मासिक दूरी के लिए लागत ₹13,23,000 के बराबर होगी। 

नोट: देर रात की फीस और अधिभार जैसे शुल्क जरूरत के हिसाब से किराए पर कैब लेने की इस लागत में जुड़ जाएंगे। 

ऊपर की गई चर्चा से लोग कार खरीदने और किराए पर कैब लेने की लागत और प्रभाव के बारे में साफ आइडिया ले सकते हैं। आइए, अब प्राइवेट और निजी परिवहन को चुनने की सुविधा पर बात करें।

कार खरीदना या किराए पर कैब लेना - क्या ज्यादा सुविधाजनक है?

इस सवाल का जबाब यात्रियों और उनके यात्रा पैटर्न पर निर्भर करता है। अगर लोगों को ऑफिस तक पहुंचने के लिए रोज लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, तो कार खरीदना बेहतर होगा। व्यस्त घंटों के दौरान कैब की मांग ज्यादा होती है, और ड्राइवर के साथ तालमेल बैठाने और वाहन के आने का इंतजार करने में काफी समय लग सकता है। साथ ही, कैब के दाम बढ़ सकते हैं और इसलिए कुल लगता काफी ज्यादा हो सकती है।

दूसरी तरफ, कार खरीदने के अपने नुकसान होते हैं। इनमें कार चलाने के व्यस्त घंटों के दौरान भारी यातायात भी शामिल है। सबसे महत्वपूर्ण, हमेशा बढ़ते यातायात के बीच गाड़ी खड़ी करने की जगह ढूंढना थकाऊ हो सकता है। वैकल्पिक तौर पर, लोग अपने ऑफिस या कहीं भी कैब में बैठकर बिना किसी ज्यादा परेशानी के जा सकते हैं।

कार खरीदने बनाम किराए पर कैब लेने के बारे में चर्चा करते हुए स्वतंत्रता, स्वामित्व की भावना और आपात स्थिति के दौरान लोगों को फ़ायदा पहुंचाने की क्षमता जैसे कारकों पर ध्यान देना चाहिए।

कार बनाम कैब: कौन ज्यादा स्वतंत्रा देती है और आपात स्थिति में मददगार होती है?

यहां, जबाब का अंदाजा कोई भी आसानी से लगा सकता है। कार खरीदने से आपको स्वामित्व की भावना का एहसास होता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि एक कार का मालिक होना निस्संदेह स्वतंत्रता की भावना देता है क्योंकि व्यक्ति किसी भी समय बाहर जा सकते हैं और अपनी जरूरतों के मुताबिक कई जगहों पर जा सकते हैं।

हालांकि, ऐप-आधारित कैब सेवाओं के मामले अगर लोग कई जगह जाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जरूरतों को अपडेट करना होगा, और यह प्रक्रिया थकाऊ हो सकती है और हमेशा सफल नहीं हो सकती है।

उदाहरण के लिए, जब व्यक्ति के पास अपनी कार होती है, तो वे चिकित्सा आपात के दौरान तुरंत अस्पताल पहुंचने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरी ओर, चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान कैब पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है।

उम्मीद है, निजी और प्राइवेट परिवहन के फ़ायदों और नुकसानों के साथ ही, कार खरीदने बनाम किराए पर कैब लेने पर ऊपर की गई की चर्चा से आपको एक जानकारी भरा निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या कैब से चलने के बजाय कार खरीदने से रुपयों की बचत हो सकती है?

हां, किसी की जरूरतों के आधार पर कार किराए पर लेने के बजाय कार खरीदने से ज्यादा पैसे बच सकते हैं।

कार और कैब में से कौन सा निजी/प्राइवेट परिवहन सभी जगहों तक पहुंच सकता है?

कार सभी जगहों तक पहुंच सकती हैं। लेकिन, कैब सभी शहर या ग्रामीण इलाकों में नहीं पहुंच सकती हैं।