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टायर मेंटेनेंस के लिए टॉप 10 टिप्स

आपके वाहन को चलाए रखने की बड़ी ज़िम्मेदारी गाड़ी के टायर के ऊपर होती है। चूंकि यह एकमात्र ऐसा कॉम्पोनेंट है जो सड़क के सीधे संपर्क में आता है, इसलिए इसकी सुरक्षा को सुनिश्चित रखना ज़रूरी हो जाता है। टायरों की मेंटेनेंस के कई तरीके हो सकते हैं। इनमें से कुछ आप खुद कर सकते हैं, जबकि कुछ तरीकों के लिए आपको प्रोफेशनल सर्विस की ज़रूरत पड़ेगी।

क्या आप टायर मेंटेनेंस के लिए बेस्ट टिप्स जानना चाहते हैं? इस लेख में टायर की लंबी लाइफ के लिए कुछ सबसे सुविधाजनक टिप्स शामिल किए गए हैं।

टायर मेंटेनेंस के लिए टॉप टिप्स क्या हैं?

कार के टायरों की लाइफ बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है यह कि आप उनकी लगातार निगरानी करें और पहली ज़रूरत पड़ते ही उनकी मरम्मत करें। यहां टायर मेंटेनेंस के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं जो लंबे समय तक टायर की क्वालिटी बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।

1. नियमित चेकअप करें

हमारी सलाह है कि आप महीने में कम से कम एक बार अपनी गाड़ी के टायरों को अच्छी तरह देख लें कि कहीं यह फटा तो नहीं है या इनमें कोई खराबी तो नहीं आई है। अगर आप खराब सड़क पर गाड़ी चलाते हैं, तो आपकी कार के टायर और ट्रेड को बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। दरारें आने, छेद होने, फूलने, गांठ पड़ने या हवा निकलने जैसे नुकसानों के मामले में टायर एक्सपर्ट से सलाह लें।

नुकसान को चेक करते रहने से आपको टायर की कंडीशन के बारे में अपडेट रहने और सही फैसला लेने में मदद मिलेगी। आमतौर पर अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा, तो टायर लगभग छह साल तक चलता है। अगर आपको टायर बदलने के सही समय की जानकारी है, तो आप हमेशा एक बेहतर राइड का आनंद ले सकते हैं।

2. टायर का प्रेशर चेक करें

टायर के अंदर मौजूद हवा की सही मात्रा आपके टायर की लॉन्ग लाइफ में सुधार करते हुए, आपकी ड्राइविंग को सुरक्षित बनाता है। इस तरह, हर 2-4 सप्ताह में कम-से-कम एक बार टायर का प्रेशर ज़रूर जांच लें। ड्राइविंग में होने वाली दिक्कतों से बचने के लिए इन्फ्लेशन प्रेशर को उचित पैरामीटर के अंदर रखें।

आप अपने टायर मैनुअल में अपने टायरों के लिए उचित पैरामीटर देख सकते हैं। टायर में अगर हवा कम है, तो इससे टायर को बहुत ज़्यादा नुकसान होता है और उसकी हवा निकल जाती है। दूसरी ओर, बहुत ज़्यादा इन्फ्लेशन, हार्डनेस को बढ़ाता है जिससे गाड़ी चलाते समय दिक्कतें बढ़ जाती है। इसलिए, टायर के प्रेशर को नियमित रूप से कंट्रोल करना ज़रूरी है।

3. टायर का आकार-प्रकार एक जैसा बनाएं रखें

टायर मेंटेनेंस के टिप्स पर विचार करते समय, आपको पता होना चाहिए कि टायर का आकार और प्रकार एक सामान बनाए रखना अक्सर टायर की सेहत बनाए रखने के लिए उपयोगी साबित होता है। आमतौर पर ज्यादातर पैसेंजर कारों में रेडियल टायर का इस्तेमाल होता है। टायर एक्सपर्ट के अनुसार, कार की चारों पोजीशन पर एक ही आकार और प्रकार के टायर का इस्तेमाल करना चाहिए। जब तक वाहन निर्माता अगले और पिछले पहियों के लिए अलग-अलग आकार के टायर की सलाह नहीं देता है, तब तक बेहतर परिणामों के लिए मिक्सिंग और मैचिंग से बचना चाहिए।

तरह-तरह के टायरों और आकारों का इस्तेमाल करने से टायरों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, एक वाहन में टायरों की मिक्सिंग और मैचिंग करने और मेंटेनेंस के सही तरीकों को न जानने से टायर की लाइफ कम हो सकती है।

4. टायर रोटेट करने की कोशिश करें

टायर एक्सपर्ट वाहन चलाते समय टायर को रोटेट करने की सलाह देते हैं। अगर आपको हर 5000 किमी के बाद टायर घिसता हुआ दिखाई देता है, तो इन्हें रोटेट करने की कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक टायर को सड़क पर चलने का एक जैसा मौका मिले। यह आपके ड्राइविंग फ्लो को बाधित नहीं करते हुए, किसी एक टायर को बहुत ज़्यादा घिसने से बचाएगा।

रेगुलर टायर बदलने से टायर की सेहत का पता चलता है। चूंकि सभी टायर समान रूप से घिसते हैं, इसलिए राइड आरामदेह रहती है। इसके अलावा, इस प्रक्रिया से टायर की लाइफ भी बढ़ जाती है।

5. व्हील बोल्ट के साइज़ पर ध्यान दें

व्हील बोल्ट आमतौर पर निर्माता द्वारा वाहन मालिक को दिए जाते हैं। इससे उनके साइज़ का आपको कम ही पता होता है। हालांकि, सामान्य तौर पर, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टायरों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बोल्ट बहुत छोटे या लंबे नहीं हैं। सभी प्रकार के टायरों के साथ फिट होने के लिए उनका साइज़ मीडियम होना चाहिए।

अगर बोल्ट सही आकार के नहीं हैं, तो उनके खराब होने की संभावना है। नतीजतन, व्हील बाहर निकल सकते हैं। वह आपके वाहन के सस्पेंशन को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, हमेशा यह सलाह दी जाती है कि कार खरीदने के बाद किसी एक्सपर्ट से बोल्ट को चेक करवा लें।

6. स्मूथ ड्राइविंग बनाए रखें

टायर के मेंटेनेंस का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा केयरफुल और स्मूथ ड्राइवर भी हो सकता है। हमारी सलाह है कि आप थोड़ी सतर्कता बरतें और जितना हो सके रैश ड्राइविंग से बचें। उदाहरण के लिए, अगर आप तेज स्पीड से गाड़ी चला रहे हैं और इमरजेंसी ब्रेक लगा रहे हैं, तो टायरों को बड़ा नुकसान होगा। 

इसलिए टायर की क्वालिटी बनाए रखने के लिए एक समान स्पीड से वाहन चलाना बेहतर होता है। इसके लिए अचानक ब्रेक लगाने की ज़रूरत नहीं होगी और टायर भी कम से कम घिसेंगे। इसके अलावा, खराब सड़क पर चलाने से बचने से भी टायर के नुकसान को कम किया जा सकता है।

7. व्हील एलाइनमेंट सर्विस के लिए जाएं

अगर आप अपनी कारों को लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं तो व्हील एलाइनमेंट को चेक कराना और समय से सर्विस करना अनिवार्य है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सभी व्हील एंगल निर्माता द्वारा डिज़ाइन वाहन के अन्य पार्ट्स के साथ एलाइन हैं। टायर एक्सपर्ट कैम्बर, कास्टर और टो एंगल से व्हील एलाइनमेंट को चेक करते हैं।

ज्यादातर मामलों में, टायर एक्सपर्ट ड्राइवरों को हर 5,000 किमी पर कम से कम एक बार व्हील एलाइनमेंट को चेक कराने की सलाह देते हैं। अन्यथा, वह इस पर तब भी विचार कर सकते हैं जब वह टायर को एक तरफ से घिसा पाते हैं। पहियों का लगातार एलाइनमेंट टायरों की टूट-फूट को कम करने में मदद करता है।

8. व्हील बैलेंस को रेगुलर चेक करें

जैसा कि शायद आप जानते हैं, पहियों और टायरों के अच्छे ढंग से काम करने के लिए सही तरह से बैलेंस होना ज़रूरी है। यह पहियों और टायरों को बिना फ्रिक्शन के घूमने देता है, स्वाभाविक रूप से टायरों की बहुत ज़्यादा टूट-फूट को कम करता है। जब आप खराब सड़क पर लंबे समय तक ड्राइव करते हैं, तो टायरों के व्हील के डिसबैलेंस होने की संभावना होती है।

इससे बचने के लिए व्हील बैलेंसिंग सर्विस लेने की सलाह दी जाती है। टायर एक्सपर्ट रिम के विपरीत दिशा में काउंटरवेट लगाकर संतुलन वापस ला सकते हैं। टायरों में बेहतर संतुलन आपको लंबे समय तक टायर की सेहत बनाए रखने में मदद करेगा।

9. टायर बदलने के बारे में सोचें

टायर की लाइफ वाहन और टायर के प्रकार के आधार पर अलग- अलग होती है। इसलिए, अपने ड्राइविंग पैटर्न और आदत को ध्यान में रखते हुए कार और उसके टायरों को चुनना ज़रूरी है। अग़र आप बारिश के मौसम में या खराब सड़कों पर ड्राइविंग करते हैं, तो टायर के ज़्यादा घिसने की संभावना होती है। ऐसी परिस्थितियों में, जब भी ट्रेड वियर इंडिकेटर दिखाई दे, आपको टायरों को बदल देना चाहिए।

10. मानसून हाइड्रोप्लानिंग से बचें

मानसून के मौसम में टायरों के समय से पहले टूटने-फूटने का खतरा ज़्यादा होता है। खासकर ऐसे टायरों से पानी भरे इलाकों में गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। इसमें हाइड्रोप्लानिंग का रिस्क भी होता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि ड्राइवर योजना बनाएं और इससे निपटने के उपायों के साथ ऐसी स्थितियों से बचें।

यहां सबसे अच्छा उपाय ट्रेड वियर से बचना है। अगर आपका टायर ट्रेड घिस गया है, तो हाइड्रोप्लानिंग से बचने के लिए मानसून की शुरुआत से पहले इसे बदलने की कोशिश करें। इस तरह, आप बिना किसी बड़ी रुकावट के खराब सड़क पर भी ड्राइव कर सकते हैं।

11. कार जैक का प्रयोग करें

हर बार जब आप अपने वाहन के टायरों की अदला-बदली कर रहे हों तो हाइड्रोलिक कार जैक का इस्तेमाल करना सुनिश्चित करें। अगर आप किसी प्रोफेशनल की मदद नहीं ले रहे हैं तो ऐसा करना हमेशा सुरक्षित और ज़्यादा विश्वसनीय होता है। अग़र आपको हाइड्रोलिक जैक नहीं मिल रहा है, तो मैन्युफैक्चरर से मिले रेगुलर जैक का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि जिस आधार पर आप पंचर टायर की अदला-बदली कर रहे हैं वह मजबूत और सीधा है।

12. टायरों को सुरक्षित जगह स्टोर करें

अगर आप अपने टायरों को लंबे समय तक बनाए रखने की योजना बना रहे हैं, तो उन्हें सही जगहों पर रखना ज़रूरी है। ग्रीस और पेट्रोलियम जैसे रसायनों और पदार्थों से दूर ठंडी और सूखी जगह टायरों को स्टोर करने के लिए आइडियल मानी जाती है। इसके अलावा, यह क्षेत्र गर्मी, धूप और बिजली के पाइप से मुक्त होने चाहिए। टायरों को स्टोर करते समय पानी भरने वाली जगह से बचना सुनिश्चित करें।

टायर मेंटेनेंस के लिए अतिरिक्त टिप्स

यहां कुछ अतिरिक्त टिप्स दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।

  • अगर आप अपने वाहन में रेडियल और नॉन-रेडियल दोनों फिट कर रहे हैं, तो उन्हें एक ही एक्सल में इस्तेमाल करने से बचें।

  • डीपर ट्रेड वाले टायरों को रियर एक्सल पर फिट किया जाना चाहिए।

  • एक वाहन में अलग-अलग स्पीड रेटिंग के टायर लगाने से बचें।

  • टायर बदलते समय रिम की चौड़ाई के बारे में डीलर्स और प्रोफेशनल्स से सलाह लें और प्रोडक्ट को समझदारी से चुनें।

  • परफॉर्मेंस वाहनों के लिए स्नो टायर या ऑल-सीजन टायर फिट करते समय हमेशा चार के सेट का इस्तेमाल करें।

टायर सर्विसिंग का क्या महत्व है?

अब जब आप टायर मेंटेनेंस गाइड को बेहतर ढंग से समझ गए हैं, तो आपको टायर सर्विसिंग के महत्व को भी जानना चाहिए। टायर की सेहत बनाए रखने के लिए टायर की सर्विसिंग पर विचार करने के कुछ ज़रूरी कारण यहां दिए गए हैं।

बेहतर काम करने की स्थिति: कार के टायरों को रेगुलर सर्विसिंग एफिशिएंसी और काम करने की बेहतर स्थिति बनाए रखने में मदद करती है। टायर बेहतर सड़क से पकड़ बना कर रखते हैं और राइड में ड्राइविंग सुरक्षा काफी बढ़ जाती है।

ब्रेकिंग परफॉर्मेंस: टायर सड़क के सीधे संपर्क में होते हैं और इसलिए ब्रेकिंग के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब आप रेगुलर सर्विसिंग कराते रहते हैं, तो टायर स्किडिंग के बिना पूरी तरह से ब्रेकिंग परफॉर्म करेंगे। दूसरी ओर, खराब मेंटेनेंस वाले टायरों के साथ ब्रेकिंग पर आपका कंट्रोल कम हो जाएगा।

टायर की लॉन्ग लाइफ: जैसा कि पहले ही चर्चा की जा चुकी है, रेगुलर मेंटेनेंस स्वाभाविक रूप से टायरों की लॉन्ग लाइफ में बढ़ोतरी करेगा। घिसाव और ट्रेड को नुकसान कम होने पर उनकी ड्यूरेबिलिटी बढ़ जाती है। इससे आपको कार के टायरों पर होने वाले खर्च को कम करने में मदद मिलेगी।.

सड़क सुरक्षा: सड़क सुरक्षा के पीछे टायर एक प्रमुख कारण हैं। रेगुलर सर्विस इनमें होने वाले नुकसान को कम करेंगी, जिससे इनकी हाई-परफॉर्मेंस क्वालिटी सुनिश्चित होगी। यह टायर के परफॉर्मेंस और रोड ग्रिप के रिस्क के साथ सड़क पर ड्राइविंग के किसी भी रिस्क या खतरे को कम करेगा।

वाहन मेंटेनेंस: कार के टायरों के खराब होने और खराब परफॉर्म करने से कार के अन्य हिस्सों पर भी असर पड़ने की संभावना है। उदाहरण के लिए, वह आपके वाहन के सस्पेंशन को प्रभावित कर सकते हैं। टायरों की परफॉर्मेंस के कारण पहियों के रिम्स भी प्रभावित होते हैं। इसलिए, टायर सर्विसिंग आपको अपने वाहन के रिपेयर पर पैसे बचाने में मदद कर सकता है।

टायर बदलने के क्या-क्या संकेत हैं?

अगर आपको अपने वाहन में नीचे दी गई समस्याएं नजर आती हैं, तो यह इंडिकेट करते है कि आपको सड़क सुरक्षा के लिए अपने टायरों को तुरंत बदल देना चाहिए।

ट्रेड में घिसे-पिटे निशान: ट्रेड टायर की सतहों पर कुछ ट्रेड बने होते हैं जो टायर और सड़क के बीच पकड़ को बढ़ाते हैं। यह टायर और सड़क के बीच वाटर फॉर्मेशन से बचने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे गाड़ी चलाते समय आपका कंट्रोल कम हो जाता है। इसलिए, चलने पर घिसे-पिटे निशान टायर को तुरंत बदलने की ज़रूरत को इंडिकेट करते हैं।

बहुत ज़्यादा और जगह-जगह टूट-फूट: अगर आप अक्सर खराब सड़कों पर चलते हैं, तो टायर जगह-जगह से टूट-फूट से परेशान रहते होंगे। इसके अलावा, खराब व्हील एलाइनमेंट और हाई-स्पीड कॉर्नरिंग भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं। अगर आप देखते हैं कि एक तरफ ट्रेड की गहराई दूसरी तरफ से ज़्यादा है तो ऐसे में अपने टायर को बदलने पर विचार करें। 

टायर ग्रिप: सड़क पर सही पकड़ बनाए रखने के लिए टायरों के कई फेक्टर जिम्मेदार होते हैं, जो आपकी सड़क सुरक्षा को बढ़ाते हैं। इनमें ट्रेड पैटर्न, स्टीयरिंग लिंकेज, इन्फ्लेशन प्रेशर और रबर कंपाउंड के प्रकार शामिल हैं। इसके अलावा, व्हील एलाइनमेंट और बैलेंसिंग भी यहां जरूरी है। इस प्रकार, अगर आपको लगता है कि गाड़ी चलाते समय टायर की ग्रिप में कमी आ रही है, तो आपको तुरंत चेक कराने के लिए जाना चाहिए।

व्यापक इस्तेमाल: अगर आप अपने वाहन रोजाना या दुर्गम इलाकों में बहुत ज्यादा चलते हैं, तो टायरों को भारी नुकसान होने की संभावना है। आपको इस मामले में नज़र बनाए रखनी चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर टायर बार-बार पंचर होते हैं, तो यह इंडिकेट करता है कि वह घिस चुके हैं। इसके अलावा, यह कितने किलोमीटर चल चुके हैं, इसे ट्रैक करना भी जरूरी है। अगर आपके टायर रेकमेंड की गई दूरी से ज्यादा चल चुके हैं, तो यह बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होने का इंडिकेशन है।

साइडवॉल डैमेज: टायर के ट्रेड और बीड के बीच के एरिया को साइडवॉल कहा जाता है। अगर आपको साइडवॉल में दरार, गड्ढा या बुलबुला होने जैसे नुकसान के इंडिकेशन मिलते हैं, तो आपको अपनी कार के टायर बदलने की ज़रूरत है। इससे हाईवे स्पीड में टायर लीक या टायर फटने का खतरा रहता है।

परफॉरमेंस कम होना: अगर आपको लगता है कि आपका टायर सही काम नहीं कर सकता है, तो इसे बदलने का समय आ सकता है। इसमें ब्रेक लगाते समय फिसलना या मीडियम दर्जे की सड़क में भी बार-बार पंक्चर होना शामिल हो सकता है।

इसलिए, अगर आप वाहन के मालिक हैं तो टायर मेंटेनेंस आपकी प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए। रेगुलर चेकअप के ज़रिए टायर की स्थिति पर नज़र रखना सुनिश्चित करें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो सर्विस सेंटर की सहायता लें। आखिरकार यह प्रक्रिया आपकी कार की परफॉर्मेंस क्वालिटी पर पैसे बचाने में आपकी मदद करेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

स्वस्थ टायरों को प्रतिदिन कितनी दूरी तय करनी चाहिए?

अच्छी परिस्थितियों में और सही मेंटेनेंस के साथ, टायर कम से कम 40,000- 50,000 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होते हैं। अगर आप पाते हैं कि वह ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो कार सर्विसिंग पर विचार करें।

टायर की ट्रेड डेप्थ कैसे चेक करें?

आपको अपनी कार के टायर पर ट्रेड डेप्थ इंडिकेटर मिलेगा। फिर, अपनी शेष ट्रेड डेप्थ को चेक करें और दोनों की तुलना करें। अन्यथा, आप ट्रेड में एक रुपये का सिक्का डाल सकते हैं और जांच सकते हैं कि गहराई रेकमेंडेड लेवल से कम है या नहीं।