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क्या समय पर मोटर इंश्योरेंस क्लेम फाइल करना महत्वपूर्ण है?

यदि आपकी कार को किसी प्रकार से नुकसान पहुँचता है या आपकी कार चोरी हो जाती है, तो शायद उस वक़्त आप अपना मोटर इंश्योरेंस क्लेम फाइल करने के बारे में सोच सकते हैं। हालाँकि, इस बात को हम अच्छे से समझ सकते हैं, कि उस वक़्त की स्थितियाँ थोड़ी अस्तव्यस्त हो सकती हैं, लेकिन आपको उस वक़्त की परिस्तिथियों को नियंत्रण में रखकर अपने इंश्योरेंस क्लेम को बिना समय गवाए फाइल कर देना चाहिए, ताकि आगे आपको अपना इंश्योरेंस क्लेम करने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

अधिकांश इंश्योरर अपने मोटर इंश्योरेंस में क्लेम फाइल करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित कर आपको आपकी कार के लिए इंश्योरेंस प्रदान करते हैं और अगर दुर्भाग्यवश भविष्य में आपके कार के साथ कुछ अनहोनी हो जाती, है तो आपको इंश्योरर द्वारा दिए गए समय सीमा सीमा के अंदर ही अपने इंश्योरेंस के लिए क्लेम फाइल करने की आवश्यकता पड़ेगी – क्लेम फाइल करने की यह समय सीमा अलग अलग इंश्योरेंस कंपनियों में कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ़्तों तक की हो सकती है।

क्लेम फाइल करने में किसी भी प्रकार की देरी या चूक आपके पुरे इंश्योरेंस क्लेम को ख़राब कर सकती है, इसलिए आपको समय को ध्यान में रखते हुए, हमेशा सही समय पर अपना इंश्योरेंस क्लेम फाइल करना चाहिए।

आपको समय पर मोटर इंश्योरेंस क्लेम क्यों फाइल करना चाहिए?

समय पर एक्सीडेंट के बाद अपने इंश्योरर को एक्सीडेंट की सुचना देते हुए एक क्लेम रिपोर्ट करना काफी महत्वपूर्ण होता है, और अगर आप अपने क्लेम को सही समय पर फाइल नहीं करते हैं तो, इंश्योरर द्वारा आपके इंश्योरेंस के क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को समय पर शुरू नहीं किया जा सकेगा, जिससे आगे चलकर आपको अपने इंश्योरेंस क्लेम के सेटलमेंट में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।

जैसे ही आप किसी दुर्घटना, या अपनी कार ​​के चोरी हो जाने के कारण खुद के हुए नुकसान की सूचना अपने इंश्योरर को देते हैं, वैसे ही आपके इंश्योरर द्वारा आपके फाइल किये गए क्लेम के लिए एक क्लेम रेफरेंस नंबर प्राप्त होगा, जो आगे चलकर आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को सही से पूरा करने में आपकी सहायता करेगा।

  • अगर दुर्भाग्य से आपकी कार किसी एक्सीडेंट का शिकार बन जाती है, तो बिना समय गवाए आपको तुरंत ही अपने इंश्योरर को संपर्क कर इस बात की सूचना देनी चाहिए, और उनके निर्देश के अनुसार किसी नज़दीकी गेराज में अपने कार को लेकर चले जाना चाहिए। 

  • इसके बाद आपको अपनी कार का एक सेल्फ-इंस्पेक्शन करना होगा, और कुछ मामलों में ऐसा भी हो सकता है की आपकी इंश्योरेंस कंपनी अपने किसी सर्वेक्षक को गैरेज का दौरा कर आपके कार को हुए नुकसान का आंकलन कर एक एस्टिमेटेड रिपोर्ट बनाने के लिए भेज सकती है, इसके बाद सर्वेक्षक आपसे क्लेम फॉर्म को भरने के लिए कह सकता है। 

  • क्लेम फॉर्म को पूरा कर, देते वक़्त आपको अन्य आवश्यक दस्तावेज भी साथ में अपने इंश्योरर के पास जमा कर देने चाहिए, एस्टिमेटेड रिपोर्ट और आपके द्वारा जमा किये गए फॉर्म तथा दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपके कार के क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।

अगर आपकी कार चोरी हो जाती है तो सबसे पहले आपको अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन में जा कर एक फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (FIR) फाइल करनी चाहिए, और FIR की एक कॉपी आपको अपने पास रख लेनी चाहिए, जो आगे चलकर आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को सही तरीके से आगे बढाकर पूरा करने में आपके काम आएगा।

  • FIR फाइल करने के बाद, आपको सबसे पहले अपने इंश्योरर के पास अपने कार के चोरी हो जाने की सुचना देनी चाहिए, और इसके साथ ही आपको रोड ट्रांसपोर्टेशन ऑफिस (RTO) को भी इस बात देनी चाहिए जिससे किसी भी प्रकार के अनऑथोराइज़्ड ओनरशिप ट्रांसफर से आपके कार को सुरक्षित किया जा सके। 

  • इसके बाद आपको सारे आवश्यक दस्तावेज़ अपनी इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा कर देने चाहिए, ताकि उसके आधार पर कंपनी आपके चोरी हो चुके कार का पता लगाने के लिए किसी स्पेशल इन्वेस्टिगेटर को हायर कर उसे यह काम सौप सके। 

  • अगर रिपोर्ट करने के एक महीने के अंदर आपको अपनी चोरी हो चुकी कार की कोई सूचना नहीं मिलती है तो आप पुलिस से अपनी कार के लिए एक ‘अनट्रेस्ड व्हीकल रिपोर्ट’ की मांग कर सकते हैं। 

  • बिना समय गवाए प्राप्त हुए रिपोर्ट को आपको अपने मोटर इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा कर देना चाहिए, इसके बाद कंपनी आपके कार इंश्योरेंस के अप्रूवड अमाउंट के भुगतान के लिए आपके द्वारा फाइल किये गए क्लेम के सेटलमेंट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए आपकी कार के लिए की आईडीवी बनाने की प्रक्रिया को शुरू करेगी। 

अगर किसी एक्सीडेंट में आपको या आपकी कार को किसी थर्ड-पार्टी द्वारा किसी प्रकार का नुकसान होता है, तो आप उस व्यक्ति से इस एक्सीडेंट से हुए अपने नुकसान के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम की मांग कर सकते हैं।

  • किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर आपको सबसे पहले अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इस बात की सुचना देते हुए एक FIR फाइल करनी चाहिए, और साथ ही आपको कुछ ऐसे सबूत भी जमा करने चाहिए जिससे आप यह सिद्ध कर सकें की आपके कार को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नुकसान पहुँचा है (इसके लिए आप किसी फोटो, मेडिकल फाइल या किसी ऐसे व्यक्ति को सबूत के तौर पर अपने साथ रख सकते हैं, जो उस वक़्त घटनास्थल पर मौजूद था)

  • इसके बाद जिस व्यक्ति द्वारा आपके कार को नुकसान पहुँचा है, आपको उस व्यक्ति से उसके मोटर इंश्योरेंस से संबंधित जानकारी की मांग करनी चाहिए, जिससे आप अपनी कार को पहुँचे नुकसान के लिए इंश्योरेंस कंपनी से थर्ड -पार्टी इंश्योरेंस क्लेम की मांग कर सकें। 

  • इसके बाद आप किसी मोटर क्लेम लॉयर को हायर कर उन्हें इस घटना के लिए मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) में थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कंपनी पर कंपनसेशन क्लेम फाइल करने के लिए बोल सकते हैं, इसके बाद MACT आपके कंपनसेशन क्लेम पर दोनों ही पक्षों की बात को सुनेगी, और इस निष्कर्ष पर पहुंचेगी की आपके द्वारा फाइल किये गए क्लेम के लिए आपको कंपनसेशन प्राप्त होगा या नहीं। 

जैसा आपने ऊपर हर स्थिति में देखा की सबसे पहले आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी को कार के एक्सीडेंट की सुचना देनी पड़ेगी, लेकिन इसके बावजूद भी इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया को कंपनी द्वारा सेटल होनेमें महीनों लग जाते हैं। 

इसलिए ऐसे में अगर आप समय पर अपना मोटर इंश्योरेंस क्लेम फाइल नहीं करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को सही से पूरा करने में काफी समय लग सकता है, और कई मामलों में केवल समय पर क्लेम फाइल न करने की वजह से इंश्योरेंस कंपनी आपके द्वारा फाइल किये गए क्लेम को रद्द भी कर दिया जाता है। 

अगर मैं देर से क्लेम करता हूँ तो क्या होगा?

अगर आप किसी भी प्रकार के एक्सीडेंट या चोरी की सुचना अपने इंश्योरेंस कंपनी को समय पर नहीं देते हैं तो आपको आगे चलकर आपको किसी भारी नुकसान का सामना कर पड़ सकता है, क्यूंकि जैसा हमने आपको ऊपर बताया की कई बार समय पर क्लेम न करने की वजह से आपके द्वारा फाइल किये गए इंश्योरेंस क्लेम को कंपनी द्वारा रद्द कर दिया जाता है। 

अगर आप एक्सीडेंट के तुरंत बाद अपने इंश्योरेंस कंपनी को हादसे की सूचना देते हैं, तो वे आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने में आपकी सहायता तो करेंगे ही, और इसके साथ ही वे आपको सबसे करीबी गेराज में आपकी कार को ले जाने के लिए गाइड भी करेंगे, और अगर आपकी कार को काफी ज्यादा नुकसान पहुँचा है तो ऐसी परिस्थिति में आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपके कार को गेराज तक पहुँचाने में आपकी मदद भी करेगी। 

लेकिन अगर आप जल्दबाज़ी में खुद से अपनी कार को गेराज में लेकर चले जाते हैं और गेराज में अपनी कार को रिपेयर करने की सहमति दे देते हैं, और अगर इसके बाद आप अपने इंश्योरेंस कंपनी को घटनाक्रम की सुचना देते हैं तो, कई बार ऐसे मामलों में कंपनी आपके द्वारा फाइल किये गए क्लेम को रद्द कर देती है, इसलिए ऐसी स्थिति में आपको खुद कुछ भी नहीं करना चाहिए। 

इसी के साथ आपको सारे आवश्यक दस्तावेज़ भी सही समय पर अपने इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा कर देने चाहिए, क्यूंकि अगर आप दुर्भाग्य से सारे आवश्यक दस्तावेजों को कंपनी में जमा करने से चूक जाते हैं तो, आपका इंश्योरेंस क्लेम कंपनी द्वारा रद्द भी किया जा सकता है। 😞

इनके बारे में जाने:

इंश्योरेंस क्लेम कितना लेट फाइल किया जा सकते हैं?

किसी भी तरह के एक्सीडेंट जैसी दुर्घटना के घटित होने के बाद जितनी जल्दी हो सके, आपको अपनी कार के लिए इंश्योरेंस क्लेम फाइल कर देना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही आपको अपने इंश्योरर द्वारा बताई गई समय सीमा को भी ध्यान में रखना चाहिए ताकि आप समय पर अपना इंश्योरेंस क्लेम फाइल कर सकें। 

जैसा हम कहते हैं: जितनी जल्दी हो उतना अच्छा, इसलिए अगर मुमकिन हो तो घटना के तुरंत बाद ही आपको अपने इंश्योरेंस कंपनी को कॉल कर इस बारे में सूचना देनी चाहिए ताकि वो अपने स्तर पर आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को शुरू कर आगे का काम कर सकें। 

घटना के घटित होने से अगले 24 घंटे के अंदर ही आपको अपनी कार के लिए इंश्योरेंस क्लेम फाइल कर देना चाहिए, और इसके साथ ही आपको अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन में जाकर पुरे घटनाक्रम की सुचना देकर एक FIR भी फाइल कर देना चाहिए। इसके साथ ही आपको बिना समय गवाए अपने इंश्योरेंस क्लेम को फाइल कर देना चाहिए ताकि आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके और इस प्रक्रिया के दौरान आपको किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। 

अब दुर्भाग्य से आगे चलकर जब भी आपके साथ कुछ ऐसा घटित होता है तो, आपको सबसे पहले अपने मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए क्लेम फाइल कर देना चाहिए, और अगर मुमकिन हो तो मौके पर ही आपको अपने इंश्योरेंस कंपनी को पुरे घटनाक्रम की जानकारी दे देनी चाहिए, ऐसा करने से न केवल आपके क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया जल्दी शुरू होगी, बल्कि साथ ही आपको अपना इंश्योरेंस क्लेम भी जल्दी से प्राप्त हो सकता है। 

सही समय पर केवल एक कॉल करके आप अपने क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को समय पर पूरा कर सकते हैं, इसलिए अगली बार से ऐसे मौकों पर आप इन चीज़ों का खासा ध्यान रखे ताकि आगे होने वाली किसी भी प्रकार की परेशानि से आप खुद को बचा सकें।