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आधार कार्ड और पैन कार्ड में अंतर

source: dnaindia

2017 की सरकारी अधिसूचना के अनुसार, आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करना जरूरी है। सरकार ने टैक्स भरने वाले नागरिकों के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया है। इस मामले में, ज्यादातर करदाताओं को आधार कार्ड और पैन कार्ड के महत्व के बारे में पता होना चाहिए।

अगर आप पैन कार्ड बनाम आधार कार्ड के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो पढ़ना जारी रखें!

आधार कार्ड क्या है?

आधार एक 12 अंकों वाला पहचान पत्र है जो सभी भारतीयों को जारी किया जाता है। आधार नंबर जारी करने के लिए, अधिकारी आपकी पूरी जानकारी लेते हैं और उसे डेटाबेस में सुरक्षित करते हैं। इस जानकारी को यूआईडीएआई द्वारा देखा जाता है।

पैन कार्ड क्या है?

पैन कार्ड (स्थायी खाता नंबर) 10 अंकों का नंबर होता है जिसे देश का आयकर विभाग, करदाताओं के लिए जारी करता है। इस हिसाब से, हर नागरिक के लिए पैन नंबर अलग-अलग होता है और लेन-देन के मामले में यही अंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आम आदमी की भाषा में कहा जाए, तो पैन कार्ड में किसी भी कंपनी या व्यक्ति के सभी वित्तिय अधिकारों की जानकारी होती है।

इसके अतिरिक्त, भारत सरकार इन दोनों ही दस्तावेजो को अहम मानती है इसलिए, आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के लिए कहा गया है।

आधार कार्ड और पैन कार्ड के बीच कौन-कौन से अंतर हैं?

आधार और पैन कार्ड के बीच में विस्तार से अंतर नीचे दी गई टेबल में बताया गया है-

पैरामीटर आधार कार्ड पैन कार्ड
इनके द्वारा प्रमाणित किया गया यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएई) भारतीय आयकर विभाग
अंक 12 10 (अल्फान्यूमेरिक)
डेटा तस्वीर, दस फिंगरप्रिंट, आंखों का स्कैन, नाम, पता, जन्म तारीख, हस्ताक्षर खाता संख्या, जन्म तारीख, पता, नाम, हस्ताक्षर
उद्देश्य धोखेबाजी और पहचान से जुड़े अपराधों पर लगाम लगाने के लिए हर भारतीय की पहचान करना और उससे जुड़े डेटा सुरक्षित करना अज्ञात आर्थिक लेन-देन के जरिये होने वाले आर्थिक अपराधों को रोकना
उपयोग योजनाओं और जनहित की योजनाओं में पहचान के तौर पर आर्थिक लेन-देन की पहचान के लिए
किन लोगों को मिलता है केवल भारतीय नागरिकों या यहां रहने वालों को ही दिया जाता है गैर-भारतीयों को भी दिया जा सकता है जो भारत में व्यापार करना चाहते हैं

पैन कार्ड का पहला काम है कि किसी भी व्यक्ति के आर्थिक लेन-देन पर नज़र रखना। आयकर विभाग, सीबीडीटी की देखरेख में यह नंबर जारी करता है और पैन कार्ड से यह भी पक्का होता है कि हर नागरिक जिम्मेदारी से अपना आयकर चुकाता है।

दूसरी तरफ, आधार कार्ड यूनिक अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) जारी करती है। इसकी मदद से, भारत सरकार हर नागरिक की जानकारी अपने पास रखती है। आधार में, निजी जानकारी के अलावा फिंगरप्रिंट, तस्वीर, आंखों का स्कैन वगैरह भी होते हैं। इसलिए, किसी भी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि आधार की मदद से बिना किसी परेशानी के की जा सकती है।

इसलिए, भारतीय नागरिकों के लिए आधार और पैन कार्ड दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हैं। साथ ही, दोनों में कई अंतर हैं जिनके बारे में ऊपर बताया गया है। इन सब के अलावा, आपको यह भी पता होना चाहिए कि आधार पहचान पत्र के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है और इसे अब लगभग हर जगह इस्तेमाल किया जाने लगा है।

आधार बनाम पैन कार्ड से जुड़े अक्सर पूछा जाने वाले सवाल

आधार और पैन कार्ड कौन जारी करता है?

पैन कार्ड भारतीय आयकर विभाग द्वारा और आधार कार्ड यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए जाते हैं।

क्या सभी के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है?

पहचान के लिए आधार कार्ड को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन सबके पास आधार कार्ड होना अनिवार्य नहीं है।

क्या आधार और पैन कार्ड सिर्फ 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए है?

नहीं। एक बच्चे का भी आधार कार्ड बनवाया जा सकता है। हालांकि, एक तय समय के बाद जरूरी बायोमैट्रिक डेटा अपडेट करवाना होता है। दूसरी तरफ, माता-पिता चाहे तो अपने नाबालिग बच्चे के लिए पैन कार्ड का आवेदन कर सकते हैं।