जब कोई आधार कार्ड के लिए आवेदन करता है, तो एनरोलमेंट सेंटर उनकी जनसांख्यिकी विवरण जैसे नाम, पता और संपर्क नंबर रिकॉर्ड करता है। इसके साथ ही, यह उनका बायोमेट्रिक विवरण भी लेकर आधार कार्ड पर अंकित करता है।
आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा में होता है:
- व्यक्ति के हाथों की सभी दसों उंगलियों के फ़िंगरप्रिंट
- दोनों आंखों का आइरिस स्कैन
- चेहरे की फ़ोटो
इसीलिए, आधार कार्ड के लिए एनरोलमेंट करते समय आवेदक को यह बायोमेट्रिक डेटा देना होता है। इसके साथ ही, आधार से जुड़ी जानकारी लेने या उसे अपडेट करने के लिए उनको अपने फ़िंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन देने होते हैं।
तो, आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट क्या होता है?
अगर आपका बायोमेट्रिक विवरण पहले से ही यूआइडीएआई के पास संग्रहीत है और उसमें बदलाव किया गया है, तो आधार बायोमेट्रिक अपडेट ज़रूरी है। कुछ दुर्लभ मामलों में बायोमेट्रिक जानकारी बदल सकती है। उदाहरण के लिए, व्यक्ति किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं या किसी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं, जिसके नतीजतन बायोमेट्रिक बदलाव होते हैं, और जिसके बाद अपडेट की ज़रूरत होती है। इसके अलावा, बच्चों के मामले में भी बायोमेट्रिक विवरण बदलाव होते हैं क्योंकि उनकी उंगलियों के निशान और चेहरे की विशेषताएं उम्र के साथ विकसित होती हैं।
उदाहरण के लिए, निम्नलिखित मामलों में एक अपडेट ज़रूरत है:
- जब आधार कार्ड (बाल आधार) वाले शिशु 5 साल के होते हैं।
- आधार कार्ड वाले बच्चे 15 साल के होते हैं।
- आधार कार्डधारक को चोट या बीमारी का सामना करना पड़ा जिसके कारण उसके बायोमेट्रिक्स में बलदाव हुआ, जैसे कि नेत्र प्रत्यारोपण सर्जरी।
इसलिए, यूआइडीआई सभी कार्डधारकों को उनके बायोमेट्रिक डिटेल को हर 10 साल में अपडेट करने के लिए कहती है। परिणाम में, नई जानकारी मिलने से यूआइडीआई का डेटाबेस हमेशा अपडेट रहता है।
अब, जब आप आधार कार्ड बायोमेट्रिक को अपडेट करने से अच्छी तरह वाकिफ हैं, तो आइए इसे करने की प्रक्रिया जानते हैं।