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झारखंड में पेट्रोल टैक्स के बारे में पूरी जानकारी

Source: dnaindia

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच भारतीय नागरिकों को राहत देने के लिए, केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ₹5 प्रति लीटर कम कर दिया। सरकार ने दूसरे राज्यों से भी पेट्रोल पर वैट की दर, कम करने की मांग की। हालांकि झारखंड ऐसे राज्यों में है, जिसने पेट्रोल पर वैट की दर को कम करने से मना कर दिया।

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झारखंड में पेट्रोल पर कितना टैक्स लिया जाता है?

फ़िलहाल, झारखंड सरकार पेट्रोल पर 22% वैट ले रही है, जो 2016 से जस का तस है। झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने राज्य के इस काम को यह कहते हुए सही ठहराया कि पेट्रोल की कीमतें उनके पड़ोसी राज्यों के मुक़ाबले कम है।

नीचे दी गई इस टेबल को देखें जिसमें राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा ली जाने वाली टैक्स दर और झारखंड में पेट्रोल की कीमत तय करने वाली कुछ और वजहों को दिखाया गया है:

घटक 21 अक्टूबर 2022 को लागू (₹ प्रति लीटर में)
डीलर से ली गई कीमत ₹ 57.35 प्रति लीटर
उत्पाद शुल्क (केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया) ₹ 19.90 प्रति लीटर
औसत डीलर कमीशन ₹ 5.06 प्रति लीटर
वैट (राज्य सरकार द्वारा लगाया गया) ₹ 18.12 रुपये प्रति लीटर {(डीलरों से ली जाने वाली फ़्यूल की कीमत + उत्पाद शुल्क + औसत डीलर कमीशन) का 22%} (पेट्रोल की कीमत पर ₹1 प्रति लीटर का अतिरिक्त सेस लगता है)
झारखंड में पेट्रोल की खुदरा बिक्री दर ₹ 100.43 प्रति लीटर

(नोट: ऊपर दी गई टेबल 21 अक्टूबर 2022 तक के भरोसेमंद और वैधानिक स्रोतों से लिए गए आंकड़ों से पेट्रोल टैक्स ब्रेकअप को समझाने के सिर्फ़ एक उदाहरण की तरह है। हालांकि, असल कीमतें जैसे ईंधन की कीमत, डीलर का कमीशन, सेस और ऐसी दूसरी चीज़ें समय-समय पर बदलती रहती हैं।)

झारखंड में पेट्रोल पर टैक्स कौन लगाता है?

केंद्र सरकार पेट्रोल पर (₹19.90 प्रति लीटर) उत्पाद शुल्क लगाती है, जबकि झारखंड सरकार (लगभग ₹18.12 रुपये प्रति लीटर) का वैट लगाती है। राज्य में कच्चे तेल की कीमत, डीलर की कमीशन वगैरह जैसे दूसरे निर्धारक तत्वों के अलावा इन टैक्स की दरों का असर पेट्रोल की कीमत पर पड़ता है।

झारखंड में पेट्रोल टैक्स पर असर डालने वाले कौन-से कारक हैं?

झारखंड में पेट्रोल टैक्स पर असर डालने वाले कारक नीचे बताए गए हैं:

1. कच्चे तेल की कीमत

कच्चा तेल दूसरे देशों से लाया जाता है और इसकी कीमत में बदलाव से भारत में पेट्रोल की कीमत पर सीधा असर पड़ता है। आमतौर पर, कच्चे तेल की मांग और आपूर्ति, तेल भंडार और उनकी आपूर्ति, और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक संबंध कुछ कारक हैं जिनका असर कच्चे तेल की कीमत पर पड़ता है।

2. पेट्रोल की मांग और आपूर्ति

पेट्रोल की मांग और आपूर्ति से भी झारखंड में पेट्रोल की कीमत पर असर पड़ता है। कम रिफ़ाइनरी और कच्चे तेल की ज़्यादा कीमत कुछ ऐसी वजह हैं जिससे अक्सर पेट्रोल की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे उसकी बढ़ी हुई मांग पूरी नहीं हो पाती। इस तरह, अर्थशास्त्र के मुताबिक, बाजार में पेट्रोल की कीमत बढ़ जाती है।

3. डीलर का कमीशन

तेल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल पंप मालिकों को कमीशन देती हैं। ईंधन डीलर से लिया जाने वाला यह कमीशन झारखंड में पेट्रोल की कीमत तय करता है।

4. डीलर के लिए कीमत

तेल मार्केटिंग कंपनियां कच्चे तेल को खरीदकर बांटती हैं और रिफ़ाइन करने की कीमत और भाड़े के हिसाब से, वे डीलर से कीमत लेती हैं। डीलर से ली जाने वाली यह कीमत झारखंड में पेट्रोल की कीमत तय करने वाला एक ज़रूरी हिस्सा है।

5. उत्पाद शुल्क और बिक्री कर

केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क लगाती है। हर राज्य सरकार उत्पाद शुल्क, डीलर के कमीशन वगैरह के बाद पेट्रोल पर वैट या बिक्री कर लगाती है। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा लगाई गईं ये टैक्स दरें, पेट्रोल की कीमतों पर असर डालने में ज़रूरी किरदार निभाती करती हैं।

6. अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय मुद्रा की कीमत

अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपये की कीमत भारत में पेट्रोल की कीमत पर असर डालती है क्योंकि कच्चे तेल को अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीदा जाता है और कीमत डॉलर में चुकायी जाती है।

क्या झारखंड में सभी जगहों पर पेट्रोल टैक्स एक ही है?

हां, राज्य सरकार पूरे झारखंड में पेट्रोल पर वैट की एक ही दर ली जाती है। इसलिए, वहां रहनेवाला हर कोई पूरे राज्य में पेट्रोल की एक ही वैट दर चुकाता है। हालांकि, डीलर से लिए जाने वाले कमीशन में फ़र्क होने की वजह से झारखंड के हर शहर में पेट्रोल की कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं।

तो ये थी झारखंड में पेट्रोल टैक्स के बारे में जानकारी। हालांकि, टैक्स की दरें और पेट्रोल की कीमतें समय के साथ अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए, उसके बारे में जानना ज़रूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या झारखंड सरकार ने टू व्हीलर मालिकों के लिए पेट्रोल की कीमतों में कमी की घोषणा की थी?

हां, झारखंड के मुख्य मंत्री ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ₹25 प्रति लीटर की कमी जताई थी। यह सिर्फ़ टू व्हीलर के गरीब मालिकों के लिए है, और राज्य हर महीने 10 लीटर पेट्रोल तक यह रियायत देगा।

क्या झारखंड में पेट्रोल पर वैट जीएसटी मिलाकर है?

नहीं, पेट्रोल जीएसटी व्यवस्था के दायरे में नहीं आता है, और पेट्रोल पर वैट लगाने की ज़िम्मेदारी झारखंड सरकार की होती है।