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मध्यप्रदेश में पेट्रोल टैक्स से संबंधित जानकारी

Source: dnaindia.com

इस लेख में मौजूद जानकारी आखिरी बार 21 अक्टूबर 2022 को अपडेट हुई थी।

भारतीय नागरिकों को मुद्रस्फीति, कृषकों को रबी की फसल की खेती में मदद करने और अर्थव्यवस्था में खपत की दर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर ₹5 प्रतिलीटर एक्साइज़ ड्यूटी घटा दी है। इसी कारण, मध्यप्रदेश की सरकार ने भी मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर टैक्स घटा दिया।

राज्य सरकार ने कितना टैक्स कम किया है और अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? अगर हां, तो आगे पढ़ें!

मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर कितना टैक्स लगाया जाता है?

मध्यप्रदोश में ₹31.55 प्रतिलीटर टैक्स लगता था जो भारत में सबसे ज्यादा था।

हालांकि, केंद्र सरकार के पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी घटाने के बाद, राज्य सरकार ने भी पेट्रोल पर 4% वैट और अन्य टैक्स ₹2 प्रतिलीटर तक घटा दिया। वैट और एक्साइज़ ड्यूटी के घटने से मध्यप्रदेश में पेट्रोल की कीमत ₹7 प्रतिलीटर तक कम हो जाएगी।

नीचे दी गई सारणी में मध्यप्रदेश की खुदरा मूल्य में शामिल सभी टैक्स कंपोनेंट और अन्य मानक बताए गए हैं

घटक 21 अक्टूबर से प्रभावी (₹प्रति लीटर में)
डीलर से ली जाने वाली कीमत ₹ 57.35 प्रति लीटर
एक्साइज़ ड्यूटी (केंद्र सरकार द्वारा लागू) ₹19.90 प्रति लीटर
डीलर का औसत कमीशन ₹ 7.78 प्रति लीटर
वैट (राज्य सरकार द्वारा लागू) ₹24.67 प्रतिलीटर {(डीलर से लिया जाने वाला फ़्यूल चार्ज + एक्साइज़ ड्यूटी + डीलर का औसत कमीशन) का 29%) + ₹ 2.50}
मध्यप्रदेश में खुदरा बिक्री की कीमत ₹ 109.70 प्रति लीटर

(नोट: ऊपर दी गई सारणी पेट्रोल टैक्स ब्रेकअप का उदाहरण हैं, इसका डाटा 21 अक्टूबर 2022 तक विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त किया गया है। हालांकि, असल कीमत, फ्यूल की कीमत, डीलर के कमीशन, सेस और अन्य कारणों से समय समय पर बदल सकती है।

मध्यप्रदेश में पेट्रोल टैक्स कौन लगाता है?

मध्यप्रदेश में राज्य सरकार पेट्रोल पर (लगभग ₹ 24.67 प्रतिलीटर) वैट या सेल्स टैक्स लगाती है। इसके अलावा केंद्र सरकार पेट्रोल पर (₹19.90 प्रतिलीटर) एक्साइज़ ड्यूटी लगाती है। इनके अलावा कुछ अतिरिक्त घटक जैसे डीलर का कमीशन, क्रूड ऑयल की कीमत वगैरह को मिलाकर मध्यप्रदेश में पेट्रोल की कीमत निर्धारित होती है।

मध्यप्रदेश में पेट्रोल टैक्स की कीमत को प्रभावित करने वाले घटक क्या हैं?

मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर टैक्स की कीमत को प्रभावित करने वाली बातें नीचे दी गई हैं :

1. क्रूड ऑयल की कीमत

क्रूड ऑयल की कीमत मांग और पूर्ति, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और भविष्य के लिए ऑयल रिजर्व और पूर्ति पर निर्भर करती है। इनकी कीमत में अंतर आने से पेट्रोल की कीमत पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

2. एक्साइज़ ड्यूटी

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से भारत में पेट्रोल की कीमत पर प्रभाव पड़ता है। यह पर्सेंटेज नहीं बल्कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गई कीमत है। इसलिए यह बदलती नहीं है और फ्यूल की कीमत बदलने पर भी इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

3. सेल्स टैक्स या वैट

एक्साइज़ ड्यूटी से इतर, वैट के दाम हर राज्य में बदलते रहते हैं। हर राज्य की सरकार डीलर का कमीशन, एक्साइज ड्यूटी वगैरह को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल पर वैट या सेल्स टैक्स लगाती है।

4. फ्यूल की मांग और पूर्ति

भारत में ऑयल रिफ़ायनरी कंपनियां क्रूड ऑयल की पूर्ति की कमी के कारण अक्सर पेट्रोल की बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पाती हैं। चूंकि, पेट्रोल क्रूड ऑयल से प्राप्त होता है, इसलिए इसकी पूर्ती में होने वाली कमी से पेट्रोल की पूर्ती में भी कमी आ जाती है। इस तरह से, पेट्रोल की बढ़ती मांग और कम पूर्ति के कारण पेट्रोल की कीमत बढ़ जाती है।

5. डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये की कीमत

अंतर्राष्ट्रीय बाजार क्रूड ऑयल सप्लाई करता है। यह लेन देन यूएस डॉलर में होता है। इसलिए, इसमें होने वाले बदलाव भारतीय रुपए की कीमत को प्रभावित करते हैं। इससे उत्पाद की कुल कीमत बढ़ जाती है।

6. रिफ़ायनरी की उपलब्धता

पेट्रोल की प्रोसेसिंग के लिए क्रूड ऑयल को रिफ़ायनरी ले जाया जाता है। लेकिन, अगर कम रिफ़ायनरी हैं, तो पेट्रोल की पूर्ति कम हो जाती है। इस कारण पेट्रोल की कीमत बढ़ जाती है।

क्या मध्यप्रदेश के सभी शहरों में पेट्रोल टैक्स एक समान है?

हां, जैसा कि पहले बताया गया है, राज्य सरकार पूरे राज्य में एकसमान वैट लगाती है। लेकिन डीलर के कमीशन के तौर पर होने वाले भुगतान के कारण मध्यप्रदेश अलग अलग शहरों में इसकी कीमत में अंतर आ सकता है।

मध्यप्रदेश में पेट्रोल टैक्स से संबंधित यह संपूर्ण जानकारी है। पेट्रोल टैक्स में ताजा अपडेट लेना न भूलें क्योंकि वे समय के साथ बदलते रहते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मध्यप्रदेश में फ़्यूल पर से वैट कम करने के बाद रेवेन्यू में कितनी कमी आई है?

2021-2022 में पेट्रोल पर वैट घटाने के बाद मध्यप्रदेश में राज्य सरकार को लगभग ₹1,948 करोड़ का रेवेन्यू में घाटा होगा।

क्या डीलर का कमीशन पेट्रोल टैक्स को प्रभावित करता है?

ऑयल मार्केटिंग कंपनी पेट्रोल पंप मालिकों को कमीशन देती हैं जसे भरत में पेट्रोल के टैक्स को प्रभावित करता है।