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कार ब्रेकडाउन के कारण और इससे बचने के उपाय

कोई भी अपनी कार चलाते समय भारत की व्यस्त सड़कों पर बीच सड़क में फंसना और परेशानी बढ़ाना नहीं चाहता है। अगर कार मालिक अपनी कार की समय-समय पर सर्विसिंग नहीं कराते हैं, तो कार का बार-बार खराब होना सामान्य बात होती है। वाहन के खराब होने का मतलब वाहन का अपनी सीमा तक पहुंचना होता है। लेकिन, कार मालिक अगर सावधानी बरतें तो इससे आसानी से बच सकते हैं। इसके लिए आपको कार खराब होने के कारण जानने चाहिए।

कार खराब होने के कारण क्या होते हैं?

मालिकों के लिए कार खराब होना बहुत तनाव भरा होता है, खासकर तब जब उन्हें कहीं तुरंत पहुंचना होता है। यहां कार खराब होने के कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

1. खत्म हो चुकी या खराब बैटरी

यह वाहन के खराब होने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है खत्म हो चुकी कार बैटरी से ड्राइवर के लिए कार का इंजन शुरू करना मुश्किल हो जाता है, और ऐसे में ड्राइवर वहीं फंस जाएगा जहां उसने कार खड़ी की है। आमतौर पर, कार की बैटरी औसत 3-5 साल तक चलती है। लेकिन, अगर मालिक बहुत गर्म या ठंडी जगह पर रहता है तो यह बैटरी कम चल सकती है।

लोगों को अपनी कार को हर 3 साल में मैकेनिक के पास ले जाना चाहिए ताकि वे इसकी जांच कर सके। इसके अलावा, कार की बैटरी खराब होने के कुछ चेतावनी संकेत होते हैं; केबिन लाइट, हेडलाइट और पावर विंडो का धीमा होना।

2. इंजन की दिक्कतें

कार का इंजन उसका दिल होता है जो उसके ठीक से काम करने में मदद करता है। कार मालिकों को अपनी कार के इंजन के काम करने से कोई समझौता नहीं करना चाहिए और समय-समय पर इसकी जांच करवाते रहना चाहिए। कार के इंजन के खराब होने से जुड़े कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:

  • ऑइल पंप का खराब होना

  • कचरा और ऑइल जमा होना

  • लुब्रिकेशन की कमी होना

  • ईंधन या एयर कंप्रेशन कम होना

  • इंजन रेडिएटर का जाम होना

  • इंजन कूलेंट का लीक होना

  • ऑक्सीजन सेंसर खराब होना

  • ज्यादा देर तक इंजन चालू रहना

  • पुराने स्पार्क प्लग

इन कारणों से कार चलाते समय उसका इंजन ज्यादा गर्म हो सकता है। आगे चलकर इसकी वजह से बीच सड़क पर चलते हुए कार खराब हो सकती है।

3. खराब अल्टरनेटर

अल्टरनेटर महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह कार की बैटरी को उसके इंजन की ऊर्जा से रिचार्ज करता है। साथ ही, यह पूरी कार के अन्य बिजली के उपकरणों को भी ऊर्जा देता है। अगर अल्टरनेटर खराब हो जाता है, तो इससे बैटरी और कार के अन्य बिजली के उपकरणों के लिए समस्याएं पैदा होंगी। अगर गाड़ी चलाते समय किसी की कार की इग्निशन वार्निंग लाइट जल रही है और इंजन का तापमान तेजी से बढ़ गया है, तो मतलब है कि अल्टरनेटर को चलाने वाली बेल्ट टूट गई है।

4. खराब टायर और पहिए

हम अक्सर कार के खराब होने को टायर का फटना समझते हैं। टायर का पंक्चर/फ्लैट होना कार खराब होने का सामान्य कारण हो सकता है। टायर खराब होने का मुख्य कारण अंडर-इन्फ्लेशन है जिससे टायर ज़्यादा गरम हो जाते हैं। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति नोटिस करता है कि उनकी कार के टायरों को अक्सर हवा की जरूरत होती है, तो इसमें वाल्व की दिक्कत या स्लो पंचर होता है। नतीजतन, आपको अपनी कार के टायर प्रेशर और ट्रेड की नियमित जांच करवानी चाहिए। ड्राइव के लिए बाहर ले जाने से पहले आपको कार के टायर में हुई किसी भी तरह की खराबी भी चेक करनी चाहिए।

5. इलेक्ट्रिकल दिक्कतें

जिस कार के फीचर्स जितने एडवांस और ज्यादा होते हैं, उन कारों में उतनी ही ज्यादा इलेक्ट्रिकल समस्याएं होने लगती हैं। इन इलेक्ट्रिकल समस्याएं का पता लगाना मुश्किल होता है और इन्हें बीच सड़क में ठीक नहीं किया जा सकता है। बिजली के शॉर्ट सर्किट से कार की बैटरी खराब हो सकती है। इसके अलावा, शॉर्ट सर्किट की जांच करने के लिए पहले सर्किट की समस्या का पता लगाने की जरूरत होती है और फिर लीकिंग करंट को ठीक करें। इसलिए, इलेक्ट्रिक समस्या की वजह से कार खराब होने से बचाने के लिए कार की पहले से जांच करवा लेनी चाहिए।

6. स्टार्टर मोटर में समस्या

अगर इंजन को चालू करते समय या एक साधारण क्लिक के दौरान कर्कश आवाज आती है, तो ये स्टार्टर मोटर की समस्या का संकेत है। हालांकि, क्लिक की आवाज भी खराब बैटरी का संकेत हो सकती है। स्टार्टर मोटर की दिक्कत बिना किसी समय सीमा के आती है, लेकिन यह 2,00,000 किमी तक बिना किसी समस्या के चल सकती है। हालांकि, 3,00,000 किमी चलने के बाद इसमें दिक्कतें आना शुरू हो जाएंगी। वाहन को समय पर सर्विस के लिए ले जाने जैसे उपाय करने के अलावा कार मालिक ऐसा होने से रोकने के लिए और कुछ नहीं कर सकता है।

7. खराब क्लच वायर

यह सब जानते हैं कि मैनुअल कारें चलने और ट्रांसमिशन के लिए क्लच पर निर्भर होती हैं। अगर क्लच में कोई खराबी आती है, तो यह वाहन के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करेगा, और अगर तार टूट जाता है, तो कार चलना बंद हो जाएगी। क्लच डैमेज की ओर इशारा करने वाले कुछ संकेत हैं:

  • जब गियर बदलते समय आपको हर गियर के बीच में घिसाव महसूस होता है।

  • आराम की स्थिति में क्लच पैडल ऊंचा दिखाई देता है।

  • जब ड्राइवर पैडल दबाता है तो क्लच में बदलाव महसूस होता है।

8. ब्रेक में समस्या

अगर आपका ब्रेक पैडल सामान्य तरीके से काम नहीं देता है, तो निश्चित तौर पर कार के ब्रेक सिस्टम में कोई समस्या है। इसके अलावा, अगर चालक को ब्रेक लगाने के लिए बहुत कोशिश करनी पड़ती है, तो व्यक्ति को तुरंत मदद के लिए फोन करना चाहिए या कार को नजदीकी सर्विस स्टेशन पर ले जाना चाहिए। ब्रेक की अन्य समस्याओं में ब्रेक पैडल पर दबाने पर स्टीयरिंग व्हील का हिलना या ब्रेक लगाने पर वाहन एक तरफ खिंच जाना शामिल है।

9. ईंधन की समस्या

लंबी दूरी की सड़क से यात्रा करते समय हमेशा अपनी कार के ईंधन टैंक को ऊपर तक भरने में समझदारी होती है। ईंधन कम होने पर आपकी कार खराब हो सकती है, और ईंधन के बिना, आपका वाहन एक इंच भी नहीं चलेगा क्योंकि यह ईंधन है जो इंजन को ऊर्जा देता है। कार के ईंधन टैंक में गलत ईंधन भरना भी एक अन्य आम समस्या होती है। अगर आपने अपनी कार में गलत इंजन ऑयल डाला है, तो सलाह दी जाती है कि एक इंच भी न हिलें क्योंकि इससे इंजन को नुकसान हो सकता है। ईंधन से जुड़ी समस्याओं में ईंधन टैंक को गलत स्तर तक भरना भी शामिल है।

10. कार की चाबियों का खोना

आपकी कार की चाबियां खो जाना कार खराब होने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। आपकी कार की चाबियां वाहन के अंदर लॉक हो सकती हैं और या सड़क पर गिर सकती हैं। आजकल, ज्यादातर कारों में एक माइक्रोचिप होती है, जिससे मालिकों के लिए खोई हुई चाबी को बदलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि माइक्रोचिप वाहन को चोरी होने से बचाती है। अगर आप अपनी कार की चाबियां खो देते हैं, तो इस बात की बहुत संभावना है कि आपकी कार वहीं फंसी रहेगी जहां आपने इसे कुछ समय पहले पार्क किया था, जब तक कि आपको दूसरी चाबी न मिल जाए।

अपनी कार को खराब होने से कैसे बचाएं?

अब जब आप कार खराब होने के सभी सामान्य कारण जान गए हैं, तो आपको इससे बचने के कुछ उपायों के बारे में पता होना चाहिए। तो यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनका पालन करके आप अपनी कार को खराब होने से बचा सकते हैं:

1. अपनी कार का इंजन ऑयल भरकर रखें

आपकी कार के ठीक से काम करने के लिए इंजन ऑयल जरूरी है। यह इंजन को गर्म होने और घिसने से रोकता है और चलते पार्ट को ठीक से काम करने में मदद करता है। गाड़ी चलाते समय अगर आप अपने इंजन ऑयल की लाइट जलते हुए देखते हैं, तो रुकें और किनारे पार्क करके कार के नीचे चेक करें। अगर आपको कोई तरल पदार्थ नीचे गिरता हुआ दिखता है, तो आपको गाड़ी चलाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि आपकी कार किसी भी समय खराब हो सकती है। इसके अलावा, आपको अपनी कार को नजदीकी सर्विस स्टेशन पर ले जाना होगा। हालांकि, अगर आपको कोई तरल टपकता नहीं दिखता है, तो नजदीकी गैरेज में जाएं और अपने इंजन ऑयल को पूरा भरें।

2. अपनी कार में रखे गैर-जरूरी वजन को हटा दें

रोड ट्रिप पर जाना बहुत रोमांचक हो सकता है, लेकिन लोगों को भी वाहन को ओवरलोड न करना याद रखना चाहिए क्योंकि इससे कार को ठीक न किया जा सकने वाला नुकसान होगा। ज्यादातर लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि सामान और यात्रियों के साथ वे अपनी कार पर कितना दबाव डाल रहे हैं। ओवरलोड की वजह से यांत्रिक पुर्जों जैसे स्ट्रट्स और वाहन के पिछले हिस्से पर गैर-जरूरी दबाव पड़ता है।

3. पर्याप्त द्रव स्तर सुनिश्चित करें

बतौर एक कार मालिक आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कार के सभी फ्लूएड पूरे के निशान तक भरे हों। सभी वाहनों को काम करने और सुचारू रूप से चलने के लिए पर्याप्त फ्लूएड की जरूरत होती है। वाहन के ज्यादातर पार्ट को घिसने और ज्यादा गर्म होने से बचने के लिए बार-बार फ्लूएड भरने की जरूरत होती है। इससे सभी चलने वाले पार्ट सहजता से काम करते हैं। कार मालिकों को अपनी कारों के फ्लूएड स्तर को पर्याप्त रखने के लिए सही ब्रेक ऑइल, कूलेंट और इंजन ऑइल भरकर रखना चाहिए।

4. कार की सर्विसिंग में देरी न करें

अगर व्यक्ति अपनी कारों की नियमित रूप से सर्विस करवाते हैं, तो उन्हें ऊपर बताई गई कार खराब होने वाली किसी भी दिक्कत से नहीं गुजरना पड़ेगा। अगर कार मालिक सर्विस में देरी करता है या सर्विस नहीं कराता है, तो वह कार को सिर्फ खतरे में डालता है। अगर अल्टरनेटर फट जाता है, तो बैटरी चार्ज नहीं होगी क्योंकि अल्टरनेटर इंजन से ऊर्जा लेता है। समय पर बिजली न मिलने पर बैटरी भी खराब हो जाती है। कार मालिक को सभी खराब स्पेयर पार्ट के लिए भुगतान करना होगा।

5. वाहन सावधानी से चलाएं

कार मालिक की ड्राइविंग की आदतें सीधे उनकी कार और कार के पुर्जों को प्रभावित कर सकती हैं। ड्राइवर को तेजी से स्टार्ट और स्टॉप करने से बचना चाहिए, और अपनी कार के क्लच पर पैर रखे रहने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रोटार और ब्रेक पैड घिस जाएंगे। एक और गंभीर गलती जो ड्राइवर करते हैं वह है ढलान पर गाड़ी चलाते समय ब्रेक लगाना। यह कार के ब्रेकिंग सिस्टम में गर्मी पैदा करता है और महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचता है।

साथ ही इन सभी निवारक उपायों के अलावा, कार मालिक ब्रेकडाउन इंश्योरेंस कवर भी ले सकते हैं। अगर आपका वाहन बीच सड़क में खराब हो जाता है तो यह काम आएगा। ऐसे में इंश्योरेंस सभी कार सर्विसिंग खर्चों को कवर करेगा और इंश्योरेंसकर्ता के सर्विस सेंटर से भी संपर्क करेगा। इसके अलावा, आप ऐसे सर्विस स्टेशनों के संपर्क में रह सकते हैं जो आकर कार ठीक करते हैं। उम्मीद है, कार खराब होने की वजहें और इससे बचने के अलग-अलग उपाय आपको अपने वाहन को ठीक बनाए रखने के तरीकों बारे में जानकारी देंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कार ब्रेकडाउन (खराब होना) क्या होता है?

कार ब्रेकडाउन का मतलब वाहन का इलेक्ट्रिक या यांत्रिक तौर पर काम न करना होता है। ऐसी स्थिति में कार या तो चलती नहीं है या कार के चलने के लिए स्थिति खतरनाक होती है।

कितना चलने के बाद कार खराब हो जाती हैं?

अगर कोई अपने वाहन को अच्छी तरह से रखता है और समय-समय पर इसे सर्विसिंग के लिए ले जाता है, तो कोई कार को 2,00,000 मील से ज्यादा दूर तक चला सकता है।