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कार के ईंधन की खपत कैलकुलेट करने की गाइड

अगर आप एक कार मालिक हैं, तो आपको ईंधन की बढ़ती कीमतों के बारे में पता होना चाहिए। इससे कार का रखरखाव करना आर्थिक रूप से ज्यादा कठिन हो जाता है। इस संबंध में, आपके वाहन की ईंधन खपत के स्तर का पता लगाना आपके लिए मददगार हो सकता है। इससे आपको आगे योजना बनाने और अपने खर्चों को कम करने में मदद मिलेगी।

क्या आप ईंधन की खपत कैलकुलेट करने का तरीका जानना चाहते हैं? आपको यहां इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त होगी।

कार के ईंधन की खपत क्या है?

ईंधन की खपत शब्द मुख्य रूप से एक निश्चित दूरी की यात्रा के दौरान एक कार द्वारा खपत किए गए ईंधन की मात्रा को मापता है। आमतौर पर इसे लीटर प्रति 100 किलोमीटर में दर्शाया जाता है। अगर ईंधन की खपत ज्यादा होगी तो वाहन के रख-रखाव का आपका खर्चा भी बढ़ने लगेगा।

पूरे ईंधन का इस्तेमाल केवल कार को ऊर्जा देने के लिए नहीं किया जाता। वाहन के रोलिंग अस्सिटेंस में लगभग 3-11% ईंधन की खपत होती है। इसके अलावा, ड्राइविंग के तरीके भी ईंधन की खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं।

ईंधन की खपत कैसे कैलकुलेट करें?

ईंधन की खपत कैलकुलेट करने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है। हालांकि, खर्चों को प्रबंधित करने के लिए आप अपनी कार को जो ईंधन दे रहे हैं, उस पर नज़र रखना ज़रूरी है। यहां तीन तरीके हैं जिनसे आप यह यह कर सकते हैं।

विधि 1: तय की गई दूरी के आधार पर

अगर आप प्रति किमी ईंधन खपत कैलकुलेट करने की प्रक्रिया सीखना चाहते हैं, तो यह विधि आपकी मदद कर सकती है। तय की गई दूरी से इस्तेमाल की गई गैस की मात्रा को डिवाइड करें। आप हर 100 किमी पर ओडोमीटर को ट्रैक करके यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

नीचे दिया गया ईंधन खपत का फ़ॉर्मूला आपके काम आ सकता है।

(इस्तेमाल किया गया लीटर X 100) / तय किये गए किमी = लीटर प्रति 100 किमी

विधि 2: "ट्रिप ओडोमीटर" को रीसेट करना

इन दिनों कारें डैशबोर्ड या सेंटर कंसोल पर एक छोटे बटन के रूप में ट्रिप ओडोमीटर के साथ आती हैं। इसमें चालक के पास अपनी इक्षा से किसी भी समय ज़ीरो पर रीसेट करने का विकल्प होता है। हर बार जब आप वाहन में गैस भरते हैं, तो ओडोमीटर को ज़ीरो पर रीसेट करें और अपनी यात्रा की दूरी के आधार पर खपत की जांच करते रहें। अगर आपके पास ट्रिप ओडोमीटर नहीं है, तो आप खपत को ट्रैक करने के लिए शुरुआती माइलेज रिकॉर्ड कर सकते हैं।

विधि 3: अंतिम माइलेज के आधार पर

इस विधि से, आप अपने ओडोमीटर पर माइलेज को अंतिम माइलेज के रूप में रिकॉर्ड कर सकते हैं। वाहन को गैस स्टेशन से भरने से पहले ऐसा करना आपके लिए मददगार होगा । अगर आपकी कार में ओडोमीटर नहीं है तो शुरुआती माइलेज और मौजूदा माइलेज के बीच के अंतर से भी आप इसका पता लगा सकते हैं।

कार के ईंधन की खपत को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?

ईंधन की खपत को प्रभावित करने वाले कई कारक हो सकते हैं। इनके बारे में जानने से आपको इन्हें नियंत्रित करने और भविष्य में अपने उपभोग को कम करने में मदद मिलेगी। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित सूचि आपकी मदद करेगी।

1. वाहन का आकार और वजन

आपकी कार का वजन इसकी ईंधन खपत को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक है। वजन से पता चलता है कि आपकी कार को चलने के लिए कितनी ऊर्जा की जरुरत है, जो बदले में आवश्यक ईंधन की मात्रा को दर्शाता करता है। वाहन का आकार भी इस संबंध में एक भूमिका निभाता है।

उदाहरण के लिए, एक कॉम्पैक्ट वाहन का वजन ट्रक या एसयूवी से कम होता है। इसके अलावा, इसमें एक छोटा इंजन हो सकता है और कम ईंधन और ऊर्जा के साथ काम कर सकता है। अगर दो वाहन समान आकार के हैं, तो उनके हिस्से और सामग्री ईंधन की खपत का निर्धारण करेंगे।

2. वाहन डिसप्लेसमेंट

डिसप्लेसमेंट हवा की मात्रा के बारे में बताता है जो एक कार का इंजन एक रेवोल्यूशन में इस्तेमाल करता है। इस प्रक्रिया में जितनी ज़्यादा हवा की जरूरत होगी, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा लगेगी। डिस्प्लेसमेंट की माप लीटर में होती है। स्वाभाविक रूप से, ज़्यादा डिस्प्लेसमेंट में ज़्यादा ईंधन खर्च होगा।

3. मैकेनिकल रेजिस्टेंस

हर वाहन का मैकेनिकल रेजिस्टेंस का अपना सेट होता है। यह निर्धारित करता है कि किसी वाहन को ड्राइवट्रेन के सभी भागों को चलने के लिए कितनी ऊर्जा चाहिए होती है। ट्रांसमिशन, व्हील बेयरिंग, एक्सल आदि घटक कार की गति को प्रभावित करते हैं।

इन्हें एक साथ रखते हुए, इंजीनियर गति में आने वाले भागों के लिए ज़रूरी ऊर्जा को कम करने के लिए सिस्टम को रिफ़ाइन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैनुअल ट्रांसमिशन में ऑटोमैटिक की तुलना में कम ऊर्जा की लगती है। यह ईंधन की खपत को प्रभावित कर सकता है।

4. एयरोडायनामिक क्षमता

जब कार चलती है तब हवा प्रतिरोध करती है। घुमावदार अच्छी डिज़ाइन और आकार वाली कारों को इस प्रतिरोध से बचने में मदद मिलती है। उदाहरण के तौर पर, ट्रकों में कुछ घुमाव होते हैं। स्वाभाविक रूप से, उन्हें आगे बढ़ने के लिए ज़्यादा ईंधन की ज़रूरत होती है। इस प्रकार, ज़्यादा घुमाव और बेहतरीन डिजाइन वाले कार एक्सटीरियर ईंधन की खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं।

ईंधन की ज़्यादा खपत होने के कारण क्या हैं?

अब जब आप कार के ईंधन की खपत को प्रभावित करने वाले कारकों को जान चुके हैं, तो आपको अतिरिक्त ईंधन खपत के कारणों के बारे में भी जानना चाहिए। इस संबंध में निम्नलिखित सूची आपके काम आएगी।

  • अत्यधिक छोटी यात्राएं: एक कार का इंजन गर्म होने पर सबसे अच्छा काम करता है। हालांकि, जब आप अपनी कार को कई छोटी यात्राओं के लिए इस्तेमाल करते हैं तो इंजन को ठीक से गर्म होने का समय नहीं मिलता है। स्वाभाविक रूप से, यह सामान्य से ज़्यादा ईंधन की खपत करता है।
  • भारी एक्सेलरेशन पर ब्रेक लगाना: आपका ड्राइविंग का तरीका भी ईंधन की खपत को प्रभावित कर सकता है। तेज़ी से वाहन चलाने से ईंधन की खपत ज़्यादा हो सकती है। अगर आप तेज़ी से ब्रेक लगाते हैं, तो ईंधन की बचत में कमी जाएगी।
  • ठंड का मौसम: अगर आप बहुत ज़्यादा ठंडे मौसम में अक्सर ड्राइव करते हैं, तो आपकी कार के इंजन को गर्म होने में काफी समय लगेगा। ऐसे समय ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सही तापमान नहीं मिल पता। इससे वाहन की ईंधन क्षमता कम हो जाएगी।
  • गति: ईंधन की ज़्यादा खपत का एक बड़ा कारन गति है। अगर आप 80 किमी प्रति घंटे से ज़्यादा की गति पर गाड़ी चलाने के आदी हैं, तो आपकी कार काम समय में ज़्यादा गैस का इस्तेमाल करेगी। हालांकि, इससे एयर रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिससे ईंधन की क्षमता काम हो जाती है।
  • ख़राब इंजन: अगर आप पेट्रोल इंजन के साथ कार चलाते समय खराब हो चुके एयर क्लीनर, स्पार्क प्लग या ईंधन फिल्टर को हैं, तो इंजन खराब हो जाएगा। डीजल इंजन में गंदे ईंधन इंजेक्टर और एयर क्लीनर तत्व इसी तरह की समस्या पैदा कर सकते हैं। यह स्थिति ईंधन की खपत को बढ़ा सकती है।
  • खराब इंजन ऑयल: आपके वाहन की बढ़ती ईंधन आवश्यकता के पीछे गुणवत्ता वाला इंजन ऑयल भी एक प्रमुख कारण हो सकता है। अगर आपका इंजन ऑयल ज़रूरत से ज़्यादा गाढ़ा है, तो आप चिपचिपाहट वाले गलत मोटर तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे इंजन पर लोड बढ़ जाता है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है।
  • टायर की गुणवत्ता और रखरखाव: अगर आप इसकी ईंधन खपत को कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो वाहन का उचित रखरखाव अनिवार्य है। अगर टायर घिसे हुए हैं, तो वे तेजी से घूमेंगे, जिससे आपके ईंधन पर असर पड़ेगा।
  • गियर और क्लच की समस्या: अगर आप ज़रूरत से कम गियर में हैं तो ज़्यादा ईंधन बर्बाद होने की संभावना है। इस प्रकार, सही गियर लगाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, घिसे-पिटे क्लच के कारण टायर फिसल जाता है, जो क्लच और प्रेशर प्लेट के बीच अपर्याप्त संपर्क का संकेत देता है।

ईंधन की अत्यधिक खपत को कैसे रोकें?

जैसा कि आप देख सकते हैं, ईंधन की ज़्यादा खपत के कई कारण होते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको ज़्यादा खपत को रोकने और खर्चों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

  • एक्सेलरेशन और ब्रेकिंग में स्थिरता बनाए रखें: वाहन चलाते समय, ब्रेक लगाने या गति बढ़ाने में झटकों या तेज़ी से बचें। अपने पैर को ब्रेक पैडल पर रखकर स्थिर ब्रेकिंग बनाए रखें। इस तरह, आप हार्ड ब्रेकिंग से बच सकते हैं और ईंधन की खपत कम कर सकते हैं।
  • छोटी यात्राओं से बचें: अगर आपकी कार धीमे चलती है तो आप लगातार ईंधन खोते हैं। इसलिए, धीमी गाडी चलने और अगर आप गाड़ी नहीं चला रहे हैं तो इंजन बंद कर दें। इसके अलावा, छोटी यात्राओं से बचने से आपको कार की बैटरी और इंजन की ऊर्जा बचने में मदद मिलेगी, क्यूंकि उनके लिए ज़्यादा ईंधन लगता है।
  • राजमार्गों पर क्रूज नियंत्रण का प्रयोग करें: कॉन्स्टेंट वेलोसिटी बनाए रखने के लिए, आपको क्रूज नियंत्रण का उपयोग करना चाहिए। इससे इंजन पर कम दबाव पड़ता है और उसे चलाने में कम ईंधन की जरूरत पड़ती है। 
  • ड्रैग कम करें: अगर आप रूफ़ बॉक्स या कार्गो कैरियर के साथ गाड़ी चला रहे हैं तो आप अनचाहे ड्रैग के कारण ईंधन की खपत को न चाहते हुए भी बढ़ा देते हैं। इन गैर जरूरी एक्सेसरीज हटाकर गाड़ी चलाने से आप ईंधन बचा सकते हैं।
  • कार के एसी का रखरखाव करें: आपको एसी चलाकर कार चलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि खुली खिड़कियों से विंड रजिस्टेंस होता है। हालांकि, एसी का तापमान बहुत ज्यादा न होकर सामान्य होना चाहिए। इस प्रकार आप अपनी कार के ईंधन की बचत कर सकते हैं। 
  • टायर इंफ़्लेशन का रखरखाव करें: खराब टायर में रोलिंग रजिस्टेंस ज्यादा होता है, जिसे ईंधन क्षमता कम हो जाती है। इसलिए आपको टायर का रखरखाव बेहतर रखना चाहिए। आप टायर के प्रेशर को मापने के लिए प्रेशर गॉज का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रकार, आप पता कर सकते हैं कि टायर में दवाब सही है या नहीं। 
  • वाहन में वजन बढ़ाने से बचें: अपनी कार और टायर का लोड इंडेक्स देखें, और उसे सही रखें। कोई से सभी गैर जरूरी सामान हटा दें। अगर आपकी कार हल्की है, तो इंजन पर दबाव कम होगा, जिससे ईंधन की खपत भी कम होगी। 

उम्मीद है, कि अब आप अपनी कार के ईंधन की खपत का पता लगा सकते हैं। यह एक बेहद जरूरी चरण है जिससे आप ड्राइविंग के दौरान गलती करने से बच सकते हैं, और अपनी कार के रखरखाव के खर्च को कम कर सकते हैं। अगर आप लेख में बताए गए सुझावों का पालन करते हैं, तो आप ईंधन बचा सकते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

वाहन की ईंधन क्षमता का कैसे पता चलता है?

ईंधन क्षमता या फ़्यूल डेंसिटी को क्वांटिटेटिव वैल्यू से दर्शाया जाता है। अगर वॉल्यू के हर यूनिट के लिए ईंधन की ज्यादा क्षमता लगती है तो कार की ईंधन क्षमता ज्यादा होगी।

इंजन का आकार किस प्रकार ईंधन की खपत को प्रभावित करता है?

बड़े आकार का इंजन एक मिनट में जितने रेवोल्यूशन (आरपीएम) लेता है उस हिसाब से ज्यादा ईंधन खर्च करता है। कम आरपीएम वाला छोटा इंजन उतनी ही दूरी पर कम ईंधन की खपत करता है।