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पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स में बारे में हर बात जानें

इस लेख में दी गई जानकारी, आखिरी बार 21 अक्टूबर 2022 को अपडेट की गई थी।

COVID महामारी की वजह से देश की अर्थव्यव्यस्था में आई गिरावट की वजह से भारत सरकार के खजानें में नकदी पर असर पड़ा है। इसकी वजह से देश में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। पिछले कुछ समय में, पेट्रोल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं और इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ा है। फ़िलहाल, पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये से ऊपर पहुंच गई हैं।

अब, पेट्रोल पर लगने वाला टैक्स इसकी कीमत को और बढ़ा रहा है। यहां हम उन टैक्स और कारणों पर चर्चा करेंगे जो पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमत पर असर डाल रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर कौन से टैक्स लगते हैं?

पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर लगने वाला कुल टैक्स, वैट (VAT) और सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी से मिलकर बना होता है। अब, केंद्र सरकार जहां एक्साइज़ ड्यूटी वसूलती है वहीं राज्य सरकार वैट (VAT) लागू करती है। इन टैक्स के लगने के बाद, जो भी अंतिम कीमत होती है वो हम चुकाते हैं।

हालांकि, इसी साल अक्टूबर में एक्साइट ड्यूटी में कटौती की गई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने वैट (VAT) को लेकर कोई फैसला नहीं किया।

यहां हमने पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स के साथ उसकी मौजूदा कीमत की जानकारी दी है

सेक्शन 21 अक्टूबर से प्रभावी (रुपये प्रति लीटर में)
डीलर से लिया गया शुल्क 57.35 रुपये प्रति लीटर
एक्साइज़ ड्यूटी (केंद्र सरकार द्वारा लागू) 19.90 रुपये प्रति लीटर
डीलर का औसत कमीशन 4.10 रुपये प्रति लीटर
वैट (राज्य सरकार द्वारा लागू) 19.69 रुपये प्रति लीटर {(तेल की डीलर द्वारा ली जाने वाली कीमत+एक्साइज ड्यूटी+ डीलर का औसत कमीशन) का 24.2%}
अन्य (पंप मालिकों से लिया जाने वाला कमीशन वगैरह) 5.78 रुपये प्रति लीटर
पश्चिम बंगाल में तेल की खुदरा कीमत 106.82 रुपये प्रति लीटर

(ध्यान दें: ऊपर दी गई टेबल सिर्फ़ पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स की जानकारी के लिए है। इसमें दिया गया डेटा, भरोसेमंद और आधिकारिक स्रोतो से लिया गया है जो 21 अक्टूबर 2022 तक का है। पेट्रोल की असल कीमत, रोज होने वाले बदलावों, डीलर के कमीशन, सेस और ऐसे ही अन्य कारणों की वजह से समय-समय पर बदल सकती है। पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की मौजूदा कीमतें यहां देखें)

पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर टैक्स कौन लगाता है?

पिछले कुछ समय में, देश में पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर टैक्स कौन लगाता है?

राज्य में दो तरह के टैक्स लगते हैं और वो हैं एक्साइज ड्यूटी और वैट पेट्रोल की अंतिम कीमत इन दो टैक्स और डीलर के कमीशन जैसे अन्य शुल्क को मिलाकर तय होती है।

कौन, कौन सा शुल्क लेता है?

सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी केंद्र सरकार लागू करती है वहीं राज्य सरकार सेल्स टैक्स या वेल्यू एडेड टैक्स लागू करती है। अब, एक्साइज़ ड्यूटी (19.90 रुपये) जो हर राज्य में एकसमान है, लेकिन वैट हर राज्य में अलग-अलग है।

महामारी ने देश के हर राज्य पर असर डाला है और पश्चिम बंगाल भी इससे बचा नहीं है। जीएसडीपी का राज्य का राजकोषिय घाटा 3.86% था

इस सब की वजह से केंद्र और राज्य सरकार, पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर टैक्स नहीं घटा पाई। हालांकि, हाल ही में केंद्र ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 5 रुपये की कटौती की है

पश्चिम बंगाल में पेट्रोल टैक्स पर कौन सी चीज़ें असर डाल रही हैं?

आगे वो कारण बताए गए हैं जिनकी वजह से पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमत प्रभावित होती है।

1. क्रूड ऑयल की कीमत

दुनियाभर में क्रूड ऑयल की कीमत अलग-अलग हैं। जब भी इसकी कीमत में कोई बदलाव होता है, तो इसका असर पेट्रोल और डीजल की कीमत पर भी होता है। यहां हमने उन चीज़ों के बारे में बताया है जिनकी वजह से क्रूड ऑयल की कीमत प्रभावित होती है-

  • क्रूड ऑयल की मांग और आपूर्ति
  • अंतरराष्ट्रीय राजनीति
  • भविष्य के ऑयल रिज़र्व और सप्लाय

2. डीलर का कमीशन

ओएमसी (OMC) पेट्रोल पंप को कुछ कमीशन देती है। इन कमीशन में उनकी कमाई, फायदा और दूसरे खर्च शामिल हैं। इसलिए, पश्चिम बंगाल में एक डीलर का कमीशन, पेट्रोल की कीमत पर असर डालता है।

3. सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी

केंद्र सरकार, पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी वसूल करती है। एक्साइज ड्यूटी पहले से तय होती है और वैट की तरह अलग-अलग नहीं होती। क्रूड ऑयल की कीमतों में बदलाव का इस पर कोई असर नहीं होता।

4. डीलर का दाम

अलग-अलग मार्केटिंग कंपनियां या ओएमसी, बाजार में क्रूड ऑयल वितरित करती हैं। यह संगठन, डीलर्स से इसकी एक तय कीमत वसूलते हैं। यह कीमतें, रिफायनिंग के खर्च, माल भाड़े जैसी चीज़ों पर निर्भर करती हैं।

5. राज्य का सेल्स टैक्स

पश्चिम बंगाल सरकार, पेट्रोल पर वेल्यू एडेड टैक्स लगाती है जो पेट्रोल और डीजल दोनों पर लगता है। राज्य के इस सेल्स टैक्स की गणना तेल की मूल कीमत+एक्साइज ड्यूटी के आधार पर की जाती है। पश्चिम बंगाल सरकार, क्रूड ऑयल की कीमतों के अलावा डीलर के कमीशन और अन्य चीज़ों को ध्यान में रखकर पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स को तय करती है।

6 .ईंधन की मांग और आपूर्ति

कोविड के बाद, वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वाहनों की मांग में तेज़ी के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल की भी मांग बढ़ी है। तेल की बढ़ती हुई मांग के बीच, यह ज़रूरी नहीं की क्रूड ऑयल की आपूर्ति उस हिसाब से हो। इसका नतीजा यह है कि तेल की मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हो जाता है। इसलिए, तेल की कम आपूर्ति और बढ़ी हुई मांग की वजह से इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो जाती है।

क्रूड ऑयल को प्रोसेस करने की भी ज़रूरत होती है। इसलिए, इसे पहले रिफायनरी को भेजा जाता है। अगर रिफायनरी की संख्या कम है, तो तेल की आपूर्ति में कमी आएगी. नतीजतन, इससे तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी।

7. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का मूल्य

ज़्यादातर वैश्विक बिजनेस और आर्थिक लेन-देन अमेरिकी डॉलर में होते हैं। साथ ही, क्रूड ऑयल के लिए होने वाले कई तरह के लेन-देन भी यूएसडी में होते हैं। इसलिए, जब भी अमेरिकी डॉलर के मूल्य में कोई बदलाव होता है तो इसका असर भारतीय रुपये पर होता है। उदाहरण के लिए, अगर डॉलर का मूल्य बढ़ता है, तो क्रूड ऑयल खरीदने के लिए ज़्यादा दाम चुकाने होंगे। इसलिए, इसकी वजह से क्रूड ऑयल की अंतिम कीमत बढ़ जाएगी।

क्या पश्चिम बंगाल के सभी शहरों में पेट्रोल टैक्स एक समान है?

जी हां, पश्चिम बंगाल के सभी शहरों में पेट्रोल पर लगने वाला वैट एकसमान है। इसलिए, पूरे पश्चिम बंगाल में आपको पेट्रोल पर एक ही टैक्स चुकाना होगा।

हालांकि, तेल की अंतिम कीमत जगह के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। साथ ही, पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. इसलिए, इसकी कीमतों पर लगातार नज़र बनाए रखें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की मौजूदा कीमत कैसे पता करें?

शैल या इंडियन ऑयल या भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के मोबाइल ऐप्स के जरिये पेट्रोल की मौजूदा कीमत का पता लगाया जा सकता है। हर रोज सुबह 6 बजे इनमें बदलाव होता है और नई कीमतें अपडेट कर दी जाती हैं।