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आधार ई-केवाईसीः आधार को ऑनलाइन कैसे वेरिफ़ाई करें?

Source: kalingatv

आज के वक्त में आधार सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। हालांकि, मेन्युअल तरीके के केवाईसी करना परेशानी भरा हो सकता है जिसमें आपको खुद प्रमाणित की हुई ढेर सारी फोटोकॉपी देनी होंगी।

आधार ई-केवाईसी इस परेशानी से बचाने में मदद करता है! खुद की जा सकने वाली डिजिटल प्रमाणीकरण की यह प्रक्रिया बेहद आसान और तेज है जो आपका महत्वपूर्ण समय बचाती है।

आपके लिए यह सब नया है, तो इससे जुड़ी पूरी जानकारी देने वाला हमारा लेख पढ़ें।

आधार ई-केवाईसी क्या है?

ई-केवाईसी बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप कही भी केवाईसी के लिए अपने दस्तावेज देते हैं। फर्क बस इतना है कि यह डिजिटल तरीके से की जाने वाली पूरी प्रक्रिया है। आधार से संबंधित ई-केवाईसी, किसी भी व्यक्ति की उसकी मर्जी से की जाने वाली एक डिजिटल पहचान प्रमाणीकरण की प्रक्रिया है। इसमें, यूआईडीएई के डेटाबेस में मौजूद बायोमैट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी की मदद से पहचान पत्र का वेरिफ़िकेशन किया जाता है।

यह जानकारी यूआईडीएआई की ओर से पहले ही वेरिफ़ाई की जा चुकी होती है इसलिए, इसमें अनचाही कागजी कार्रवाई और उनकी पुष्टि की जरूरत नहीं होती है। इस काम के लिए आधार का इस्तेमाल करने से पहचान पत्र के सूबत, पते का सबूत, उम्र का सूबत वगैरह से जुड़े दस्तावेज़ देने जैसी परेशान से भरी प्रक्रिया से बच जाते हैं, क्योंकि यह इन सारी जानकारियों के लिए एक वैध दस्तावेज़ है।

आधार ई-केवाईसी और आधार प्रमाणीकरण में क्या अंतर है?

कई लोगों को आधार ई-केवाईसी और आधार प्रमाणीकरण को लेकर दुविधा होती है, क्योंकि उनके लिए यह दोनों ही प्रक्रियाएं लगभग एक जैसी ही हैं। हालांकि, इन दोनों के काम करने का तरीका अलग होता है।

  • आधार प्रमाणिकरण: यह असल में एक वेरिफ़िकेशन की प्रक्रिया है जिसमें आधार कार्ड धारक के आधार में दर्ज बायोमैट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा को सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपॉजिटरी (सीआईडीआर) में सुरक्षित किया जाता है। इस वॉल्ट में, दर्ज के गए डेटा को आधार में मौजूद डेटा से मिलान करते हुए उसकी सत्यता की जांच उसे प्रमाणित किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें, तो सेवा प्रदाताओं को आपके जनसांख्यिकीय डेटा का ऐक्सेस नहीं मिलता है जो कि अक्सर प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के दौरान परेशानी का कारण बनता है।

  • आधार ई-केवाईसी: मैं इस प्रक्रिया में, सेवा प्रदाता यूआईडीएआई डेटाबेस से आपकी हर निजी जानकारी जैसे नाम, पता, लिंग, जन्म तारीख वगैरह तक सीधे पहुंच सकता है और आपकी पहचान स्थापित करने में आपकी सहायता करने के लिए इसे स्वयं सत्यापित कर सकता है।

आधार कार्ड से ई-केवाईसी करना प्रभावी होने के साथ-साथ एक तेज़ और आसान प्रक्रिया है। अगर आपको इस आसान सी प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है, तो यहां इसकी पूरी जानकारी दी गई है।

आधार ई-केवाईसी वेरिफ़िकेशन कैसे पूरा करें?

आप आधार ई-केवाईसी की प्रक्रिया ऑनलाइन या ऑफलाइन पूरी कर सकते हैं। दोनों में ही किसी तरह के दस्तावेज़ की जरूरत नहीं होती है।

आधार ई-केवाईसी करने की ऑनलाइन प्रक्रिया

अगर आपको इस बात से हैरानी हो रही है कि ऑनलाइन कैसे केवाईसी वेरिफ़ाय किया जा सकता है, तो ऐसा करने के कई तरीके हैं।

1) बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के जरिये

बायोमैट्रिक के जरिये आधार ई-केवाईसी करने का विकल्प चुनने पर ग्राहक को नीचे बताई गई प्रक्रिया से गुजरना होता है।

  • पहला चरण: अपने सेवा प्रदाता को अपना आधार कार्ड दें। वे आपका आधार नंबर या यूनिक पहचान नंबर (यूआईडी) नोट कर लेंगे।

  • दूसरा चरण: इसके बाद, वे बायोमैट्रिक स्कैनर की मदद से आपके फिंगरप्रिंट और रेटिना की तस्वीर लेंगे।

  • तीसरा चरण: इसके बाद यह जानकारी यूआईडीएआई को भेजी जाती है जो आपके आधार नंबर के हिसाब से उसके डेटाबेस में मौजूदा जानकारी से इसका मिलान करता है।

  • चौथा चरण: दोनों जानकारी का मिलान होने के बाद आपकी पहचान की पुष्टि हो जाती है।

वेरिफ़िकेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, यूआईडीएआई आपके सेवा प्रदाता को आपसे जुड़ी सारी जानकारी जैसे कि आपका नाम, नंबर, जन्म तारीख और तस्वीर वगैरह भेज जेता है।

यूआईडीएआई, एजेंट को उसके सर्वर में इसकी एक सॉफ्ट कॉपी रखने की सुविधा भी देता है इस तरह वह एजेंट को जरूरत होने पर आपका डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।

इस तरह ऑनलाइन केवाईसी करने की प्रक्रिया पूरी होती है! 

2) मोबाइल ओटीपी के जरिये प्रमाणिकरण

आप चाहें तो ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण की प्रक्रिया भी चुन सकते हैं जो कि नीचे बताए गए तरीके से पूरी होती है।

  • पहला चरणः अपना आधार कार्ड सेवा प्रदाता को दें।

  • दूसरा चरण: यूआईडीएआई आपके रजिस्टर किए हुए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजेगी।

  • तीसरा चरण: अब, यह ओटीपी आपके सेवा प्रदाता द्वारा दिए गए डिवाइस में दर्ज करें।

इसके बाद, यूआईडीएआई आपकी जानकारी एजेंट को देगा। यह सब बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया की तरह ही है।

आधार ई-केवाईसी की ऑफलाइन प्रक्रिया

अगर ऊपर बताई गई कोई भी ऑनलाइन प्रक्रिया संभव न हो, तो आपका सेवा प्रदाता नीचे बताई गए किसी भी तरीके से ऑफलाइन केवाईसी के लिए आपका आधार नंबर ले सकता हैः

1) क्यूआर कोड स्कैन करके:

सेवा प्रदाता आपके आधार कार्ड पर मौजूदा क्यूआर कोड को मोबाइल स्कैनर की मदद से स्कैन करते हुए, आपके जनसांख्यिकीय डेटा को इकट्ठा करके ऑफलाइन तरीके से यूआईडीएआई केवाईसी वेरिफ़िकेशन पूरी कर सकता है। इस तरह से आपका डेटा लेने की प्रक्रिया में यूआईडीएआई के डेटाबेस का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती है।

2) बिना किसी दस्तावेज़ के ऑफलाइन ई-केवाईसी की प्रक्रिया:

आप चाहें तो आगे बताई गई प्रक्रिया की मदद से भी आधार ई-केवाईसी ऑफलाइन कर सकते है।

पहला चरण: यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.

Source: resident.uidai

दूसरा चरण: अपना यूआईडी या वीआईडी, सुरक्षा कोड डालें और “ओटीपी भेजें” पर क्लिक करें।

तीसरा चरण: आपके नंबर पर आया ओटीपी डालें और आधार एक्सएमएल डाउनलोड करें। इसमें आपकी जानकारी जैसे कि आपका नाम, लिंग, जन्म तारीख, पता, ईमेल पता और मोबाइल नंबर होता है। यह यूआईडीएआई के डिजिटल हस्ताक्षर के साथ आती है और इसे खोलने के लिए 4 अंकों को गुप्त कोड चाहिए होता है।

चौथा चरण: इसके बाद आप यह एक्सएमएल फाइल अपने सेवा प्रदाता को दे सकते हैं, जो फ़ाइल में मौजूद पढ़ी जा सकने वाली जानकारी की मदद से आपकी पहचान सत्यापित करेगा।

इस प्रक्रिया में दस्तावेज़ आधारित वेरिफ़िकेशन का खर्च बचता है। साथ ही, किसी भी व्यक्ति की आधिकारिक पहचान पूरी करने के लिए तेज तरीका है।

आधार ई-केवाईसी प्रक्रिया के और क्या-क्या फायदे हैं यह जानना है?

पढ़ते रहिये!

आधार ई-केवाईसी के क्या फायदे हैं?

बिना दस्तावेज़ और वक्त बचाने की वजह से आधार ई-केवाईसी से ये फायदे मिलते हैं।

  • यूआईडीएआई के डेटाबेस से ली गई जानकारी पहले से वेरिफ़ाई होती है और इसे और प्रमाणित करने की जरूरत नहीं होती है।

  • प्रमाणीकरण की इस प्रक्रिया में कोई शुल्क नहीं लगता।

  • यह सहमति के आधार पर साझा की जाने वाली जानकारी है। मतलब यह कि आप जब तक बायोमैट्रिक या ओटीपी के जरिये सेवा प्रदाता को आपके डेटा का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देते तब तक यूआईडीएआई आपका डेटा शेयर नहीं करती।

  • आपको इस बात की चिंता नहीं रहती कि आपकी निजी जानकारी के साथ छेड़छाड़ होगी क्योंकि यूआईडीएआई सिर्फ रजिस्टर किए गए संस्थान और एजेंट को ही आधार केवाईसी ऑनलाइन करने की सुविधा देती है। इसके अलावा, सेवा प्रदाता द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बायोमैट्रिक सेंसर को भी वेरिफ़ाई किया जाता है।

  • प्रदान किए गए डिजिटल दस्तावेज़ एक सुरक्षित चैनल के माध्यम से साझा किए जाते हैं, जो दस्तावेज़ अवैध की अवैध कॉपी बनाने संभावना को कम करता है।

यदि आप इस सुविधाजनक सुविधा का लाभ उठाने के लिए अपनी पात्रता स्थिति जानना चाहते हैं, तो उसके लिए भी प्रावधान है।

अपना आधार केवाईसी स्टेटस कैसे देखें?

अगर आप कोई आर्थिक लेन-देन से जुड़ी सेवा का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको केवाईसी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। हालांकि, अगर आप इस बात से आश्वस्त नहीं हैं कि आप केवाईसी का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं तो यह जानने के लिए आगे दिए गए तरीके का पालन करें।

पहला चरण: केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी (केआरए) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

दूसरा चरण: अपना स्थायी खाता संख्या (पैन नंबर) डालें।

आपको तत्काल यह पता लग जाएगा कि आप केवाईसी का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं। अगर आप नहीं कर रहे हैं, तो आधार आधारित बायोमैट्रिक की मदद से आप इसके लिए प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

आधार ई-केवाईसी के कई फायदों को देखते हुए, हम समझते हैं कि आप केवाईसी अनुपालन करने के तरीके को खोजने के लिए उत्सुक क्यों हैं। हालांकि, यह एक ऐसा विषय है जिसे हम किसी और दिन के लिए अभी छोड़ना चाहेंगे!

कौन सी संस्थाएं आधार ई-केवाईसी का इस्तेमाल करती हैं?

कुछ संस्थाएं हैं, जो अब आधार ई-केवाईसी की मदद से अपने ग्राहकों की पुष्टि करने लगी हैं। इनमें से कुछ हैः

  • ट्रेडिंग खाते
  • एलपीजी सेवा प्रदाता
  • बैंक और म्युचुअल फंड हाउस
  • रेलवे
  • शेयर दलाल
  • स्टॉक एक्सचेंज
  • केवाईसी पंजीकरण एजेंसियां

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ऑनलाइन आधार ई-केवाईसी का चयन करते समय किन बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है?

सेवा प्रदाताओं को नीचे बताए गए कारणों की वजह से, ऑनलाइन आधार ई-केवाईसी के दौरान कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

  • जरूरी तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर और डिवाइसों की कमी की वजह से
  • जरूरी इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने की वजह से

इस तरह के मामलों में, प्रमाणीकरण की प्रक्रिया ऑफलाइन की जा सकती है।

आधार ई-केवाईसी के लिए क्या मुझे अपने आधार कार्ड का फिजिकल कॉपी भी देनी होगी?

नहीं, आधार ई-केवाईसी पूरी तरह से पेपरलेस प्रक्रिया है और इसमें किसी भी तरह के दस्तावेज़ देने की जरूरत नहीं होती है।

किसी अन्य दस्तावेज़ के वेरिफ़िकेशन की ऑफलाइन प्रक्रिया के बजाय आधार ई-केवाईसी की ऑफलाइन प्रक्रिया कैसे ज्यादा प्रभावी है?

किसी अन्य पहचान पत्र जैसे पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी या पासपोर्ट के वेरिफ़िकेशन के दौरान ऐसा कोई भी तरीका नही होता जिसमें इन दस्तावेज़ों को प्रमाणित किया जा सके और ग्राहक के किसी फर्जी दस्तावेज़ ले लेने की आशंका बहुत ज्यादा होती है। दूसरी तरफ एक्सएमएल फाइल जो कि आधार के ई-केवासी में इस्तेमाल की जाती है उस पर डिजिटल हस्ताक्षर होते हैं और यह यूआईडीएआई द्वारा सुरक्षित होता है। इतना ही नहीं, एजेंट एक्सएमएल रीडर की मदद से सामग्री को पढ़कर उसे वेरिफ़ाई कर सकते हैं, ताकि प्रक्रिया पूरी की जा सके।

क्या मेरा सेवा प्रदाता मेरे ऑफ़लाइन बिना किसी दस्तावेज़ ई-केवाईसी डेटा को अन्य संस्थाओं के साथ साझा कर सकता है?

नहीं, निजी संस्थानों और एजेंटों को XML फ़ाइल या शेयर कोड जैसे किसी भी ऑफ़लाइन ई-केवाईसी विवरण को साझा करने, प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया गया है। इस तरह के गोपनीय डेटा को लीक करना, आधार अधिनियम, 2016 की धारा 29 (2), 29 (3) और 37, आधार प्रमाणीकरण विनियम, 2016 की धारा 17 और 25, और आधार शेयरिंग सूचना विनियमन, 2016 की धारा 4 और 6 के तहत दंड के अधीन है।