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हेल्थ इंश्योरेंस में डे केयर ट्रीटमेंट/प्रक्रिया

डे केयर प्रक्रिया क्या है?

डे केयर प्रक्रिया का मतलब उन मेडिकल ट्रीटमेंट और प्रक्रियाओं से हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। लेकिन मेडिकल क्षेत्र में हुई प्रगति और तकनीक के चलते 24 घंटे से ज्यादा के लिए नहीं, ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अब काफी छोटी हो गई है।

डे केयर ट्रीटमेंट के सबसे चर्चित उदाहरणों में शामिल है मोतियाबिंद की सर्जरी,नसल साइनस एस्पिरेशन, कैंसर कीमोथैरेपी, कैंसर रेडियोथैरेपी वगैरह।

 डिजिट सिंपलीफिकेशन: जब प्रक्रिया में सिर्फ एक दिन की जरूरत है तो अस्पताल में बेवजह क्यों रुका जाए!

किसको डे केयर प्रक्रिया/ट्रीटमेंट कहा जाएगा?

नोट: डे केयर प्रक्रिया के बारे में जो अहम बात ध्यान दी जानी चाहिए वह है, सभी शॉर्ट-टर्म ट्रीटमेंट को डे केयर प्रक्रिया नहीं माना जाता है। इसलिए इसको ओपीडी परामर्श जैसा नहीं समझा जाना चाहिए।

डे केयर ट्रीटमेंट सख्ती से उन ट्रीटमेंट, सर्जरी और ऑपरेशन से संबंधित है, जिनमें मेडिकल क्षेत्र में हुई प्रगति और तकनीक के चलते 24 घंटे से कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो।

जिसमें आपके हेल्थ इंश्योरेंस में “हॉस्पिटलाइजेशन एक्स्पेंसेस” के तहत 24 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होना कवर होता है। इसके अलावा फ्रेक्चर, खिंचाव और अन्य चिकित्सीय परामर्श जैसी छोटी मेडिकल दिक्कतों के लिए जरूरी ओपीडी परामर्श, आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के मुताबिक ओपीडी बेनिफिट या ओपीडी कवर के अंतर्गत कवर होते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस में डे केयर ट्रीटमेंट क्यों जरूरी है?

नॉन-हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चों की राशि अस्पताल में भर्ती होने की लागत से करीब दोगुनी होती है।(1)

कैंसर और किडनी फेल होने जैसी बीमारियों में पूरे ट्रीटमेंट के हिस्से जैसे कीमोथैरेपी और डायलिसिस के तौर पर डे केयर की जरूरत होती है, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े ज्यादातर खर्चे होते हैं। (3)

मेडिकल क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के चलते कई ट्रीटमेंट करने में 24 घंटे से भी कम का समय लगता है (2)

क्या हेल्थ इंश्योरेंस में डे केयर की प्रक्रिया कवर होती है?

पुराने दिनों में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सिर्फ ऐसे ट्रीटमेंट और अस्पताल में भर्ती होने को ही कवर करती थीं जिसमें 24 घंटे से ज्यादा का समय लगा हो। हालांकि, चिकित्सीय क्षेत्र में हुई प्रगति और तकनीक के चलते बहुत से ट्रीटमेंट पहले के मुकाबले बेहद कम समय में हो सकते हैं। 

इसमें मोतियाबिंद सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी, डायलेसिस, हाइमेनेक्टॉमी और आर्थ्रोस्कोपिक, नी एस्पिरेशन के साथ कई अन्य प्रक्रिया शामिल हैं। 

तथ्य यह है कि ऐसे कई ट्रीटमेंट हैं जो 24 घंटों के अंदर किए जा सकते हैं और ना सिर्फ बहुत से मरीजों को इसकी जरूरत होती है, बल्कि इसमें स्वास्थ्य देखभाल के खर्चे भी बहुत होते हैं, आईआरडीएआई (भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) की ओर से इसे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में लाया गया है। 

इसके लिए भगवान का शुक्रिया! इस प्रकार, डे केयर प्रक्रिया से मतलब उस ट्रीटमेंट से है जिसमें मेडिकल क्षेत्र में हुई प्रगति के चलते सिर्फ 24 घंटों के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है। 

इसका अच्छा उदाहरण होगा कि जब किसी को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया जाता है, जिसके बाद उनका अस्पताल में ख्याल रखा जाएगा और उसी दिन उन्हें डिसचार्ज भी कर दिया जाएगा। 

डे केयर प्रक्रिया और ओपीडी में अंतर क्या है?

डे केयर प्रक्रिया ओपीडी
इसका मतलब क्या है? डे केयर प्रक्रिया से मतलब उस ट्रीटमेंट से है जिसमें मेडिकल क्षेत्र में हुई प्रगति के चलते सिर्फ 24 घंटों के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है। ओपीडी का मतलब है आउट पेशेंट डिपार्टमेंट, इसमें रोजमर्रा में डॉक्टर से लिए जाने वाले परामर्श या छोटे ट्रीटमेंट जैसे मामूली टांके और फ्रेक्चर को शामिल किया जाता है।
अस्पताल में भर्ती होना अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत, < 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं
उदाहरण कीमोथैरेपी, त्वचा, स्किन ट्रांसप्लांटेशन और रेस्टोरेशन, लिगामेंट फटना, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, कॉर्नियल इंसिश़न, रेडियोथैरेपी और कीमोथैरेपी के साथ कई अन्य डे केयर के उदाहरण में शामिल हैं । किसी भी बीमारी के लिए चिकित्सीय परामर्श जैसे मौसमी फ़्लू, चोट के चलते मामूली ड्रेसिंग, स्वास्थ्य से जुड़ी नियमित जांचें और परामर्श ओपीडी के दूसरे अन्य उदाहरणों में शामिल है ।
क्या कवर होता है ? हेल्थ इंश्योरेंस में डे केयर प्रक्रिया आमतौर पर कुल इंश्योर की हुई राशि तक कवर होती है । इसमें अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के क्लेम किए गए डे केयर ट्रीटमेंट के खर्चे शामिल हैं। हेल्थ इंश्योरेंस में ओपीडी बेनिफिट या ओपीडी कवर आमतौर पर खास राशि तक सीमित और हर इंश्योरेंस कंपनी में अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, हेल्थ इंश्योरेंस करने वाली कई कंपनी 5,000 रुपए प्रति साल तक की ओपीडी ऑफर करती हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस में डे केयर प्रक्रिया और ट्रीटमेंट के फायदे

डे केयर की प्रक्रिया ऑपरेशन या सर्जरी से आगे की है। डे केयर ट्रीटमेंट में आमतौर पर कई खर्चे शामिल होते हैं जैसे डायगनॉस्टिक, दवाएं, अस्पताल में भर्ती होना, वाईटल, इंजेक्शन और अस्पताल में भर्ती होने के बाद के खर्चे भी।

इसलिए जब सबको साथ में रखते हैं तो किसी खास ट्रीटमेंट के लिए कुल बिल काफी ज्यादा हो सकता है। यहीं पर आपका हेल्थ इंश्योरेंस काम आता है क्योंकि ये आपको आपके ट्रीटमेंट के लिए आर्थिक तौर पर कवर करता है। 

हेल्थ इंश्योरेंस में डे केयर ट्रीटमेंट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या डे केयर प्रक्रिया मुझे लेनी पड़ेगी या फिर ये मेरे हेल्थ इंश्योरेंस में पहले से शामिल है?

सौभाग्य से, नहीं! डे केयर प्रक्रिया आपके हेल्थ इंश्योरेंस में पहले से शामिल है। आपको इसके लिए अलग से ऐड-ऑन खरीदने की जरूरत होती है।

क्या कोविड-19 के लिए भी कोई डे केयर प्रक्रिया है?

नहीं, कोविड-19 के लिए किसी खास डे केयर ट्रीटमेंट के बारे में विवरण नहीं दिया गया है।

हेल्थ इंश्योरेंस में कितनी डे केयर प्रक्रिया कवर की जाती हैं?

हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होने वाली डे केयर प्रक्रियाओं की लिस्ट हर इंश्योरेंस करने वाली कंपनी में अलग-अलग होती है। हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस करने वाली कंपनी करीब 100 डे केयर प्रक्रियाओं को कवर करती हैं।

क्या कोई निश्चित राशि है जितने तक मैं डे केयर प्रक्रिया में क्लेम कर सकता हूं?

डिजिट हेल्थ इंश्योरेंस के साथ डे केयर के ट्रीटमेंट को कुल इंश्योर की हुई राशि तक कवर किया जाता है।

क्या डे केयर प्रक्रिया में वरिष्ठ नागरिकों को भी कवर मिलता है?

हां, डे केयर प्रक्रिया में वरिष्ठ नागरिकों को भी कवर मिलता है।