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5 महत्वपूर्ण मोटर इंश्योरेंस टर्मिनोलॉजीज़ जो आपको जाननी चाहिए

यदि आपने हाल ही में कोई कार या बाइक पहली बार खरीदी है, या आप मोटर इंश्योरेंस की दुनिया में नए हैं तो आप उन सभी जटिल टर्म्स या जर्गोंस से थोड़ी कठिनाई महसूस कर रहे होंगे जो आपको ऑनलाइन और आपकी अपने पॉलिसी डाक्यूमेंट्स में देखने को मिलती है। 

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यहां डिजिट में, हमारे पास भारत में कार इंश्योरेंस के A-Z की कुछ संक्षिप्त परिभाषाओं के साथ एक उत्कृष्ट ग्लोसरी उपलब्ध है।

लेकिन कभी-कभी यह काफी नहीं होता, तो चलिए कुछ जरुरी टर्म्स के बारे में जानते हैं जो आपको अपने मोटर इंश्योरेंस के लिए जानना अनिवार्य है।

इन सभी विवरणों को जानने से आपको अपने कार के लिए सही मोटर इंश्योरेंस चुनने में सहायता मिलेगी, खासकर इसलिए क्योंकि भारत में कानूनी तौर पर कम से कम थर्ड पार्टी पॉलिसी रखना अनिवार्य है।

1. थर्ड पार्टी पॉलिसी

डिजिट सरलीकरण: हम सभी गलतियाँ करते हैं! यह पॉलिसी आपके लिए कवर करता है यदि आपकी गलती के कारण किसी और को परेशानी हो !

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस, जिसे हम थर्ड पार्टी लायबिलिटी के नाम से भी जानते हैं, यह आपको आकस्मिक हानि पर अपने लायबिलिटी के हुए नुकसान के लिए कवर प्रदान करती है, जो आपको किसी थर्ड-पार्टी कार, व्यक्ति या संपत्ति के द्वारा हुई है।

ऐसी परिस्थिति में, फर्स्ट-पार्टी में कार मालिक यानी आप होते हैं, और सेकंड-पार्टी में इंश्योरेंस कंपनी होती है, और इन दोनों पक्षों के अलावा एक व्यक्ति थर्ड-पार्टी में भी होता है, जिसके वाहन या सम्पति को आपके कार द्वारा किसी प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़ा हो। 

दुर्भाग्य से, आपकी थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस आपके कार के हुए नुकसान को कवर नहीं करती। (जो स्वयं के हुए नुकसान कवर या कम्प्रेहैन्सिव कार इंश्योरेंस में शामिल है) हालांकि, मोटर व्हीकल्स एक्ट ऑफ़ इंडिया के अनुसार कम से कम एक थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है।

उदाहरण के लिए, यदि आप गलती से किसी अन्य व्यक्ति के कार के बंपर या किसी अन्य व्यक्ति की साइकिल को नुकसान पहुंचाते हैं, तो आपकी थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस आपके द्वारा हुए नुकसान को कवर करेगी।

इनके बारे में और जाने:

2. कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी

डिजिट सरलीकरण: क्योंकि आप अपने दिल से जिसे प्यार करते हैं, उसकी रक्षा करना चाहते हैं। आपके अपने वाहन के लिए 360 डिग्री सुरक्षा।

 कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी एक ऑल-इंक्लूसिव इंश्योरेंस है जो आपको थर्ड-पार्टी के नुकसान के साथ ही आपके अपनी कार को किसी प्रकार की दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा, आग या चोरी जैसे मामलों में कवर प्रदान करती है।

अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियों में आगे चलकर चलकर आप अपनी पॉलिसी को कई अन्य ऐड-ऑन कवर जैसे पैसेंजर कवर, ब्रेकडाउन असिस्टेंस और जीरो-डिप्रीशिएशन कवर के साथ कस्टमाइज कर सकते हैं।

हालांकि कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस के लिए आपको जिस प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है वह थर्ड-पार्टी पॉलिसी की तुलना में अधिक होता है, फिर भी आपको इसमें जिस प्रकार की कवरेज रेंज और सुविधाएं देखने को मिलती है वह इस प्रीमियम के अनुसार काफी कोस्ट अफ्फेक्टिवे है। 

इनके बारे में जाने:

3. एनसीबी या नो क्लेम बोनस

डिजिट सरलीकरण: अच्छे व्यवहार को पुरस्कृत किया जाना चाहिए! साल भर एक अच्छा ड्राइवर बनने का इनाम!

नो क्लेम बोनस या NCB एक प्रकार की छूट है जो इंश्योरेंस कंपनियां आपके मोटर इंश्योरेंस के प्रीमियम पर देती हैं, यदि आपने पिछले वर्षों में किसी प्रकार का इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया है तो।

इसलिए, यदि आप पॉलिसी ईयर के दौरान सुरक्षित रूप से कार चला रहे हैं तो, आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपको पॉलिसी रिन्यूअल के समय आपके प्रीमियम पर छूट प्रदान करती है। यह नो क्लेम बोनस छूट 20% -50% तक होती है और प्रत्येक क्लेम-लेस ईयर के साथ बढ़ती जाती है।

निचे बताया गया है कि नो क्लेम बोनस के लिए आमतौर पर छूट की गणना किस प्रकार की जाती है:

क्लेम फ्री ईयर नो क्लेम बोनस
1 साल के बाद 20%
2 साल के बाद 25%
3 साल के बाद 35%
4 साल के बाद 45%
5 साल के बाद 50%

इसमें सबसे अच्छी चीज़ यह है कि पॉलिसी बदलते समय आप अपने NCB को अलग इंश्योरेंस कंपनी के साथ भी आगे बढ़ा सकते हैं, और यहां तक की जब आप अपनी पुरानी कार को बेचकर नई कर लेते हैं तब आप अपने पुराने कार की एनसीबी को नई कार की इंश्योरेंस में ट्रांसफर भी कर सकते हैं। 

अपने NCB को अच्छा बनाये रखने के लिए आपको हमेशा समय पर अपना इंश्योरेंस रिन्यू करते रहना चाहिए।

 

4. IDV या इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू

डिजिट सरलीकरण: तो आप वास्तव में जानते हैं कि आपकी कार की कीमत कितनी है!

सरल शब्दों में आपके कार का IDV या इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू, आपके कार की मार्केट वैल्यू होती है। मूल रूप से, यह आपके कार के हुए नुकसान या क्षति के मामले में कितनी अधिकतम धनराशि का भुगतान किया जा सकता है इस बात की कैलकुलेशन करने में मदद करती है। 

इसकी गणना किस प्रकार की जाती है? किसी भी कार के IDV को आमतौर पर कार की उम्र के अनुसार डिप्रीशीएशन के लिए निर्माता की बिक्री मूल्य को एडजस्ट करके कैलकुलेट की जाती है।

और अगर आपके कार में बाहरी रूप से लगे एसेसरीज भी हैं, तो उनके लिए IDV की अलग से गणना की जाएगी और फिर इसे कार के IDV मूल्य के साथ जोड़ा जाएगा।

ऐसे मामलों में IDV की कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार की जाएगी -

IDV = (मैन्युफैक्चरर की लिस्टेड कीमत - डिप्रीशीएशन ) + (एसेसरीज की कीमत - डिप्रीशीएशन )

इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) की कैलकुलेशन के लिए आमतौर पर अपनाई जाने वाली डिप्रीशीएशन सूची निचे दी गयी है:

कार की आयु डिप्रीशीएशन %
6 महीने से अधिक नहीं 5%
6 महीने से अधिक लेकिन 1 वर्ष से अधिक नहीं 15%
1 वर्ष से अधिक लेकिन 2 वर्ष से अधिक नहीं 20%
2 वर्ष से अधिक लेकिन 3 वर्ष से अधिक नहीं 30%
3 वर्ष से अधिक लेकिन 4 वर्ष से अधिक नहीं 40%
4 वर्ष से अधिक लेकिन 5 वर्ष से अधिक नहीं 50%

मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आपके कार की आईडीवी की कैलकुलेशन सही से करके दें, क्योंकि यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि आपका कार अंडर-इंश्योर्ड तो नहीं है। आपका प्रीमियम भी आपके IDV से प्रभावित होता है। इसलिए, हमेशा सुनिश्चित करें कि आपकी IDV एक्यूरेट है या नहीं।

5. डिप्रीशीएशन या जीरो डेप्रिसिएशन

डिजिट सरलीकरण: सिर्फ इसलिए कि आपका कार पुराना है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसे इसका पूरा मूल्य नहीं मिलना चाहिए।

डिप्रीशीएशन आपके कार और समय के साथ उसके पुर्जों के वास्तविक मूल्य में डिप्रीशीएशन को बताता है, जो मुख्यतः टूट-फूट के कारण होते हैं।

वास्तव में, जैसे ही एक कार शोरूम से बाहर निकल जाती है या बिक जाती है तो उसी समय उसके मूल्य में 5% का डेप्रिसिएशन आ जाता है!

आपके कार का डिप्रीशीएशन उसकी उम्र पर आधारित होता है (ऊपर दी गई टेबल को देखें)। जब एक इंश्योर्ड कार को किसी भी प्रकार का नुकसान (जैसे ऐसी क्षति जो ठीक न की जा सके या चोरी) होता है, और आप क्लेम फाइल करते हैं, तो ऐसे मौकों पर इंश्योरर आमतौर पर भुगतान करने से पहले इस डेप्रिसिएशन कॉस्ट को घटा देता है, और निर्णित राशि का भुगतान करता है।

जब मामूली कार क्षति जैसे माइनर कार डैमेज होता है तो ऐसे सिनेरियो में केवल उस पार्ट की डिप्रीशीएशन पर विचार किया जायेगा।

कार के मामले में, विभिन्न पार्ट और एक्सेसरीज दोनों निम्न प्रकार से अलग-अलग दरों डिप्रीशीएशन करते हैं:

कार पार्ट्स डिप्रीशीएशन
अधिक टूट-फूट वाले हिस्से - रबर के पुर्जे, प्लास्टिक के पुर्जे, बैटरी, ट्यूब और टायर आदि। 50%
फाइबर ग्लास पार्ट्स 30%
मैटेलिक पार्ट्स 0% से 50%, कार की आयु के अनुसार

अब आप सोच रहे होंगे कि जीरो डेप्रिसिएशन क्या होता है। मूल रूप से, यह एक ऐड-ऑन कवर है जिसे आप इंश्योरेंस खरीदते वक़्त प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आपकी इंश्योरेंस कंपनी रिपेयरिंग या रिप्लेसमेंट के लिए आपके क्लेम सेटलमेंट अमाउंट की कैलकुलेशन करते समय आपके कार और उसके पार्ट्स के डिप्रीशीएशन पर विचार नहीं करेगी।

हालांकि यह ऐड-ऑन आपके प्रीमियम को बढ़ा देता है, जीरो-डिप्रीशिएशन कवर द्वारा दिए जाने वाले लाभ पूरी तरह से बढ़ी हुई लागत के लायक हैं।

इनके बारे में जाने:

 

उम्मीद है, की ये टर्म्स अब आपको मोटर इंश्योरेंस की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे, ताकि अगली बार जब आप अपने कार के लिए कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें या रिन्यू करें तो आप सभी मुश्किल टर्म्स या शब्दजाल से कठिनाई महसूस करना बंद कर सकें!