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होम लोन टैक्स फ़ायदे

होम लोन पर मिलने वाली इनकम टैक्स छूट के बारे में ज्यादा जानें

हाउसिंग लोन सबसे ज्यादा लिया जाने वाला क्रेडिट है, इसके साथ लाखों लोग अपने सपनों की संपत्ति खरीद पाते हैं। क्या आने वाले समय में आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं?

इंटरेस्ट रेट और अवधि जैसे जरूरी फैक्टर पर ध्यान देने के अलावा, आपको होम लोन पुनर्भुगतान में मिलने वाले टैक्स डिडक्शन पर भी नजर रखनी चाहिए। 

सालाना टैक्स लायबिलिटी पर आप कितनी बचत कर सकते हैं? (How much can you save on yearly tax liabilities?)

इसका छोटा सा जवाब है, यह निर्भर करता है। यह उम्र, टैक्स योग्य इनकम, मूल पुनर्भुगतान और असेसमेंट ईयर के लिए इंटरेस्ट रकम जैसे कुछ फैक्टर पर निर्भर करता है। कुछ और फैक्टर के बारे में भी सोचा जा सकता है। 

उदाहरण के लिए, पुराने नियमों के अंतर्गत टैक्स का आंकलन करने वाले लोग नए टैक्स नियमों की तुलना में होम लोन पुनर्भुगतान के लिए अलग-अलग टैक्स छूट का फायदा लेते हैं। 

आप अभी भी अपने होम लोन टैक्स फ़ायदे को लेकर भ्रमित हैं? यह गाइड आपकी मदद करने के लिए है! 

होम लोन पर मिलने वाले इनकम टैक्स फ़ायदे

इनकम टैक्स ऐक्ट, 196, होम लोन पर टैक्स छूट के लिए कई प्रोवीजन ऑफर करता है। निम्न तीन बड़े एरिया हैं, जहां ऐसे उधार लेने वाले छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं:

  • होम लोन की मूल रकम के पुनर्भुगतान से आईटीए के सेक्शन 80 सी के अंतर्गत ₹1.5 लाख तक का सालाना टैक्स डिडक्शन हो सकता है।
  • होम लोन के इंटरेस्ट भुगतान पर, आप इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 24 के अंतर्गत ₹2 लाख तक का टैक्स डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं।
  • अगर आप पहली बार घर के मालिक बने हैं तो सेक्शन 80ईई के प्रावधान के अंतर्गत ₹50000 का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन भी मिल सकता है। यह डिडक्शन लोन के इंटरेस्ट का भुगतान करने पर मिलता है। 

याद रखिए कि टैक्स डिडक्शन की गणना सिर्फ आपकी टैक्स योग्य इनकम पर की जाती है न कि आपकी कुल इनकम पर।

उदाहरण के लिए इनकम टैक्स के पुराने नियमों के अंतर्गत, ₹2.5 लाख से ज्यादा की कमाई करने वाले टैक्स देने के उत्तरदायी होंगे।

अब मान लीजिए कि आपकी सालाना कमाई ₹4 लाख है। इस मामले में, होम लोन फ़ायदे ₹1.5 लाख ( ₹4 लाख- ₹2.5 लाख) की टैक्स योग्य इनकम पर ही लागू होंगे और न कि पूरे साल की कमाई पर। 

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होम लोन टैक्स फ़ायदे के लिए विभिन्न सेक्शन और शर्तें

ऊपर बताए गए प्रोवीजन उन खास बचत की झलक पेश करते हैं जिनका इनकम टैक्स लायबिलिटी पर क्लेम किया जा सकता है।

फिर भी आपको लागू सेक्शन के साथ वह नियम और शर्तें समझ लेनी चाहिए, जिनके अंतर्गत ऐसी बचत मिलती होती हैं:

1. सेक्शन 80सी (होम लोन मूल पुनर्भुगतान पर डिडक्शन)

टैक्सपेयर किसी खास फाइनेंशियल ईयर में ₹1.5 लाख की अधिकतम डिडक्शन सीमा के साथ सिर्फ एक बार ही इस लाभ के लिए क्लेम कर सकते हैं। 

हालांकि, मूल पुनर्भुगतान रकम के अलावा, इस खास लाभ की गणना में संबंधित संपत्ति से जुड़ी अन्य लागत जैसे स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज को भी शामिल किया जाता है। 

2. सेक्शन 24 (होम लोन के इंटरेस्ट भुगतान पर डिडक्शन)

अपने घर की संपत्ति के लिए होम लोन के इंटरेस्ट भुगतान के आधार पर आप अपनी इनकम टैक्स लायबिलिटी पर ₹2 लाख तक के अधिकतम डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। किराए पर दी गई घर की संपत्ति पर डिडक्शन के लिए ऐसी कोई अधिकतम सीमा नहीं है।

हालांकि, इसका क्लेम करने के लिए, विचारधीन इमारत का निर्माण 5 साल के अंदर हो जाना चाहिए। ऐसा न कर पाने पर टैक्सपेयर के लिए बचत की संभावना घटकर ₹30000 तक कम हो जाएगी।

3. सेक्शन 80 ईई (पहली बार संपत्ति खरीदने के लिए होम लोन के इंटरेस्ट पर टैक्स डिडक्शन)

अगर आपके नाम पर अन्य कोई संपत्ति ना हो, यह सेक्शन तब ही लागू होता है। इस अतिरिक्त लाभ का क्लेम करने के लिए जिन अन्य शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए, वह हैं:

  • होम लोन की मूल रकम ₹35 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 
  • संपत्ति की वैल्यू ₹50 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 
  • लोन 1 अप्रैल 2016 और 31 मार्च 2017 के बीच स्वीकृत होना चाहिए। 
  • इन प्रोविजन के अलावा, किफायती घर के मामले में सेक्शन 80ईईए के अंतर्गत आपको टैक्स डिडक्शन मिल सकता है। 

इसके अंतर्गत, सेक्शन 24 के तहत इंटरेस्ट संबंधित छूट के अलावा टैक्सपेयर होम लोन के इंटरेस्ट भुगतान पर ₹1.5 लाख की अतिरिक्त टैक्स बचत का क्लेम कर सकते हैं। आप पूरा पुनर्भुगतान ना हो जाने तक इस फ़ायदे के लिए क्लेम करते रह सकते हैं। 

ध्यान देने वाली शर्त यह है कि इनमें से ज्यादातर टैक्स डिडक्शन संपत्ति का निर्माण पूरा हो जाने के बाद ही लागू होते हैं। अगर आप बिल्कुल तैयार संपत्ति खरीद रहे हैं तो यह फ़ायदे शुरू से ही मिलने लगेंगे।

इसके अलावा, यदि आप अधिग्रहण के 5 साल के भीतर संबंधित संपत्ति को बेचने का निर्णय लेते हैं, तो उस बिंदु तक आपके क्लेम किए गए टैक्स फ़ायदे शून्य माने जाते हैं। अगले फाइनेंशियल ईयर के दौरान यह आपकी टैक्स योग्य इनकम में जुड़ जाएगा।

जैसा कि आप देख सकते हैं कि होम लोन पर इनकम टैक्स छूट से बड़ी बचत की जा सकती है।

लेकिन ज्वाइंट होम लोन के मामले में क्या होता है। ऐसे मामलों में किस तरह के उधार लेने वाले इनकम टैक्स डिडक्शन का क्लेम करने के उत्तरदायी होते हैं? 

ज्वाइंट होम लोन टैक्स लायबिलिटी को कैसे कम करते हैं?

अगर आप ऐसे को-बॉरोअर के साथ होम लोन ले रहे हैं जो को-ओनर भी हों तो टैक्स बचत की संभावना दोगुनी होती है। सेक्शन 80 सी और 24 के अंतर्गत, दोनों उधार लेने वाले इंटरेस्ट भुगतान पर ₹2 लाख तक की टैक्स छूट और मूल पुनर्भुगतान पर ₹1.5 लाख तक के फ़ायदे लेने के योग्य होते हैं। इसलिए हर उधार लेने वाले होम लोन पर ₹3.5 लाख तक के सालाना इनकम टैक्स फ़ायदों का क्लेम कर सकते हैं।

[स्रोत]

नए और पुराने नियमों के अंतर्गत होम लोन टैक्स डिडक्शन में अंतर

यूनियन बजट 2020 ने एक प्रस्तावित टैक्स व्यवस्था पेश की, जो मौजूदा टैक्स स्लैब रेट को कम करती है। इसके अतिरिक्त, नए नियम मौजूदा टैक्सेशन मैथड में मिलने वाली कई छूटों और टैक्स-सेविंग प्रोविजन को समाप्त कर देते हैं।

इस नई व्यवस्था में स्थानांतरित होने का निर्णय लेने वाले होम लोन उधारकर्ताओं को पता होना चाहिए कि जब लोन पुनर्भुगतान के आधार पर डिडक्शन की बात आती है तो उन्हें क्या उम्मीद करनी चाहिए।

नए टैक्स नियमों में पेशकश की गई है कि आईटीए के सेक्शन 24 के अंतर्गत खुद इस्तेमाल में आने वाली संपत्ति के लिए होम लोन लेने वाले टैक्सपेयर इंटरेस्ट भुगतान पर इनकम टैक्स लाभों का क्लेम नहीं कर सकते हैं। इसलिए ऐसे नियम टैक्स बचत की संभावना को ₹2 लाख तक कम करते हैं।

हालांकि, होम लोन इंटरेस्ट पर टैक्स छूट उन लोगों के लिए अभी भी लागू होगी जिन्होंने संबंधित संपत्ति को उधार दिया हुआ है। ऐसे लोग अभी भी निम्न तरीके से लाभ ले सकते हैं:

  • किराए से हुई कुल इनकम के 30% पर स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू होता है। अपनी नेट रेंटल इनकम का पता लगाने के लिए प्रॉपर्टी से आने वाली कुल रेंटल इनकम में से म्युनिसिपल टैक्स की रकम को घटा दें।
  • एक बार जब स्टैंडर्ड डिडक्शन की गणना हो जाती है तो लोग इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 2बी के अंतर्गत इंटरेस्ट लायबिलिटी पर होम लोन टैक्स फ़ायदे के लिए क्लेम कर सकते हैं। 

हालांकि टैक्स आंकलन के नए सिस्टम में शिफ्ट होना वैकल्पिक है। 

कुछ अन्य प्रोविजन के साथ होम लोन टैक्स छूट का फ़ायदा लेने के लिए आप पुराने नियमों के अंतर्गत आने वाले टैक्स लाभों का पालन कर सकते हैं। 

होम लोन टैक्स बेनिफिट कैलकुलेटर क्या है?

होम लोन टैक्स बेनिफिट कैलकुलेटर एक खास ऑनलाइन टूल है जो ऐसे लोन का भुगतान करने के दौरान आपके टैक्स डिडक्शन का आंकलन करने में आपकी मदद कर सकता है।

टैक्स-बचत से जुड़े विभिन्न मौकों से संबंधित जानकारी लेने के बाद भी टैक्सपेयर के लिए असल डिडक्शन का आंकलन करना कठिन हो सकता है। ऐसा करने के दौरान बड़ी और कठिन गणनाएं भी करनी पड़ सकती हैं।

वहीं दूसरी तरफ टैक्स बेनिफिट कैलकुलेटर तुरंत परिणाम देता है। आप इसका उपयोग होम लोन लाभों का हिसाब-किताब करने से पहले और बाद में सही टैक्स लायबिलिटी को निर्धारित करने के लिए कर सकते हैं।

आप ऐसे कैलकुलेटर टूल का इस्तेमाल कैसे करते हैं? 

होम लोन टैक्स डिडक्शन कैलकुलेशन के लिए जरूरी फैक्टर

टैक्स बेनिफिट कैलकुलेटर कुछ खास जानकारी को देखते हुए आपके इनकम टैक्स बकाया की गणना करते हैं।

आमतौर पर ऐसे टूल टैक्सपेयर से निम्न जानकारी मांगेगे।

  • आंकलन का साल - यह वह साल है जिसके लिए आप इनकम टैक्स बकाया का आंकलन करना चाहते हैं।
  • कैटेगरी - एक असेसी की कैटेगरी पुरुष, स्त्री, सीनियर सिटीजन या सुपर सीनियर सिटीजन हो सकती है। ध्यान रखें कि सीनियर सिटीजन या सुपर सीनियर सिटीजन 60 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्तियों की तुलना में एक अलग टैक्स स्लैब के अंतर्गत आते हैं। 
  • सालाना कमाई - टैक्स लायबिलिटी का निर्धारण करने के लिए एक साल में हुई आपकी कमाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आपने पुराने नियमों के मुताबिक टैक्स का आंकलन करना चुना हो या नए तरह के आंकलन को लेकिन ₹2.5 लाख प्रति साल तक की इनकम टैक्स फ्री ही रहेगी। लागू दरों के मुताबिक सिर्फ इस रकम से ज्यादा इनकम पर ही टैक्स लगेगा। 
  • भुगतान की गई इंटरेस्ट की रकम - आगे आंकलन वाले साल के दौरान होम लोन पर लगने वाले कुल इंटरेस्ट का भुगतान करना होगा। यह जानकारी सेक्शन 24 के आधार पर डिडक्शन की गणना करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। 
  • मूल पुनर्भुगतान की रकम -ठीक इसी तरह अगली फील्ड में असेसमेंट ईयर के दौरान आपकी ओर से पुनर्भुगतान की गई होम लोन की मूल रकम दर्ज करनी होगी। यह जानकारी सेक्शन 80 सी के अंतर्गत आपके टैक्स फ़ायदों की गणना करने के लिए जरूरी है।

एक बार जब आप यह जानकारी कैलकुलेटर में दर्ज कर देंगे तो इसमें तीन बड़ी जानकारी दिखाई देंगी।

सबसे पहले होम लोन फ़ायदे के बिना भुगतान किए जाने वाले टैक्स की रकम दिखेगी।

इसके बाद, टैक्सपेयर हाउसिंग लोन उधारकर्ता के लिए कुछ टैक्स-सेविंग प्रोविजन को ध्यान करते हुए अपनी लायबिलिटी के बारे में जानेंगे।

आखिर में, अलग-अलग सेक्शन होम लोन पुनर्भुगतान की वजह से हुई आपकी टैक्स बचत के बारे में बताएंगे।        

हाउसिंग लोन टैक्स बेनिफिट कैलकुलेटर के फायदे

अब जब आपको इन कैलकुलेटर के काम करने का तरीका समझ आ गया है तो जानिए कि आपको इनका इस्तेमाल क्यों करना चाहिए।

  • गणना तेज होती है - होम लोन पुनर्भुगतान से टैक्स डिडक्शन तक आने के लिए किसी को भी कठिन गणना करनी पड़ सकती है। इसमें बहुत समय लगता है और ज्यादातर लोगों के लिए यह चुनौती भरा भी होता है। डिसपोजल पर टैक्स बेनिफिट कैलकुलेटर के साथ टैक्सपेयर लायबिलिटी को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। इसके अलावा वह मौजूदा होम लोन बकाया की वजह से टैक्स भुगतान पर हुई बचत की रकम का आंकलन कर सकते हैं।
  • सटीक परिणाम - इन गणना में एक गलती आपकी टैक्स भुगतान की योजना को खराब कर सकती है। जब आपकी बकाया रकम भरने का समय आएगा तो आपके ऊपर उतनी लायबिलिटी आ सकती हैं, जिनकी अपने पहले कल्पना भी नहीं की होगी। इसलिए ऐसी दिक्कतों से बचने के लिए आप होम लोन बेनिफिट कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ किसी भी तरह की गलती नहीं होगी जिससे लागू टैक्स छूट का आवेदन करने के बाद आपको असल टैक्स लायबिलिटी की समझ भी विकसित होगी।
  • समझने में आसान इंटरफेस - आसान इंटरफेस की वजह से ऐसे कैलकुलेटर का इस्तेमाल करना बहुत आसान है। जिन लोगों ने ऐसे ऑनलाइन टूल को पहले इस्तेमाल नहीं किया है, वे भी इसको आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह से ऐसे कैलकुलेटर आंकलन करने वालों के लिए कम से कम कठिनाई सुनिश्चित करते हैं।

अपना टैक्स दाखिल करने से पहले इस कैलकुलेटर टूल का उपयोग करने के ये कुछ प्रमुख कारण हैं।

याद रखिए कि टैक्स लायबिलिटी के आंकलन में हाउसिंग लोन फ़ायदे के अलावा कुछ अन्य डिडक्शन और छूट जुड़े होते हैं।

भले ही कैलकुलेटर आपकी होम लोन की अवधि के आधार पर बचत का आंकलन कर सकते हैं लेकिन यह अवेन्यू के माध्यम से अतिरिक्त टैक्स बचत की मात्रा का निर्धारण नहीं कर सकते हैं।          

होम लोन न सिर्फ आपको आपकी पसंद की संपत्ति लेने में मदद कर करते हैं बल्कि इनकम टैक्स भुगतान को भी कम कर सकते हैं।

फिर भी, एक उधारकर्ता होने के नाते, योग्यता, मूल पुनर्भुगतान और बकाया इंटरेस्ट के आधार पर आपको होम लोन पर सटीक टैक्स छूट की जांच करनी चाहिए।

होम लोन टैक्स फ़ायदों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

निर्माणधीन संपत्ति के लिए होम लोन पर लागू टैक्स फ़ायदे क्या हैं?

निर्माणधीन संपत्ति के लिए होम लोन के मूल पुनर्भुगतान पर टैक्स फ़ायदे रेडी-टू-मूव संपत्ति के बराबर ही होते हैं। इसलिए इस तरह के मामलों में, सेक्शन 80 सी के अंतर्गत आप ₹1.5 लाख तक के क्लेम कर सकते हैं। [स्रोत]

हालांकि, इंटरेस्ट भुगतान पर ₹2 लाख तक के टैक्स डिडक्शन के लिए निर्माण पूरा हो जाने से पहले क्लेम नहीं किया जा सकता है।

इस उदाहरण में, डिडक्शन प्रोजेक्ट के पूरा होने तक अधिकतम पांच सालों के लिए जमा किया जाता है। घर के मालिक, घर बन जाने वाले साल से पांच साल की किश्तों के माध्यम से इसका क्लेम कर साकते हैं। 

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होम इम्प्रूवमेंट लोन लेने वाले उधारकर्ताओं के पास टैक्स बचत के क्या विकल्प होते हैं?

अगर आपने अपने घर को बेहतर करने के लिए लोन लिया है तो सेक्शन 24 के अंतर्गत ऐसे लोन के इंटरेस्ट भुगतान पर टैक्स डिडक्शन मिलता है। हर साल उधारकर्ता इंटरेस्ट लायबिलिटी के आधार पर ₹30000 तक के डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते है। 

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हालांकि, ध्यान रखिए कि लोन मूल पुनर्भुगतान के आधार पर ऐसे लोन आपके टैक्स बकाया को कम नहीं करते हैं। 

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क्या आप होम टॉप-अप लोन टैक्स छूट के योग्य हैं?

जो उधारकर्ता अपनी संपत्ति को रेनोवेट या रिपेयर कराने के लिए हाउसिंग लोन पर टॉप-अप लोन लेते हैं वो सेक्शन 24 के अंतर्गत टैक्स फ़ायदे लेने के योग्य होते हैं। वे ₹30000 तक के सालाना टैक्स डिडक्शन का फ़ायदा ले सकते हैं।

हालांकि, अगर आप घर बनवाने या खरीदने के लिए मूल रकम का इस्तेमाल करते हैं तो लोन के मूल पुनर्भुगतान और इंटरेस्ट भुगतान पर क्रमशः ₹1.5 लाख और ₹2 लाख के टैक्स फ़ायदे उनके लिए उपलब्ध हैं। 

[स्रोत 1]

[स्रोत 2]

आपकी दूसरी संपत्ति पर होम लोन के लिए टैक्स छूट की गणना कैसे की जाती है?

अगर दो घरों में से एक में खुद रहते हैं और दूसरा खाली है तो लोग अपने दूसरे होम लोन पर भी पहले लोन की तरह टैक्स फ़ायदों के लिए क्लेम कर सकते हैं।

दूसरी ओर, किराए पर दी गई संपत्ति के मामले में, उधारकर्ता 30% के स्टैंडर्ड डिडक्शन और कुल इंटरेस्ट भुगतान के लिए क्लेम कर सकते हैं। इंटरेस्ट भुगतान डिडक्शन पर कोई भी ऊपरी सीमा नहीं है।

अगर संपत्ति पर अधिग्रहण के 5 साल के अंदर बेच दी जाती है तो इंटरेस्ट भुगतान पर होम लोन टैक्स बचत का क्या होता है?

अगर खरीद के पांच साल के अंदर संपत्ति को बेच देते हैं तो इंटरेस्ट भुगतान पर आधारित काटे गए टैक्स आपकी टैक्स योग्य इनकम में जुड़ जाते हैं।

इसलिए, जब टैक्सपेयर अपनी संपत्ति बेचने का निर्णय लेते हैं तो सेक्शन 80सी के अंतर्गत वह अपने होम लोन पर मिलने वाले सभी फ़ायदे छोड़ देते हैं। 

[स्रोत]