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ITR-1 सहज फॉर्म क्या है और इसे कौन भर सकता है? कहीं आप भी तो नहीं हैं इसके दायरे में?

आपको पता है, आईटीआर-1 को 'सहज फॉर्म' के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, ‘सहज फॉर्म’ वैसे टैक्सपेयर भरते हैं, जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रूपए तक है। इनकी इनकम सैलरी से, प्रॉपर्टी से या फिर इंटरेस्ट सहित दूसरे स्रोतों से हो सकती है। टैक्स कॉम्पलाइन्स को आसान बनाने के लिए ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उनकी इनकम व स्रोतों के आधार पर विभाजित करता है। यहां हम विशेष रूप से आईटीआर-1 के बारे में सब कुछ जानने की कोशिश करेंगे।

आईटीआर-1 क्या है?

आईटीआर-1 फॉर्म को आईटीआर-1 ‘सहज फॉर्म’ के रूप में भी जाना जाता है और यह उन लोगों के लिए है, जिनकी इनकम 50 लाख रूपए तक है। इसका मतलब यही हुआ कि ज्यादातर सैलरी पाने वाले व्यक्तियों को आईटीआर-1 फाइल करना होता है। आपको यह भी जानना चाहिए कि यह कैसा दिखता है।

आईटीआर-1 फॉर्म कैसा दिखता है?

आईटीआर-1 ‘सहज फॉर्म’ में 7 अलग-अलग भाग होते हैं। आइए आईटीआर-1 की संरचना पर एक नजर डालते हैं।

  • भाग ए - सामान्य जानकारी 2021-22
  • भाग बी - ग्रॉस टोटल इनकम
  • भाग सी - डिडक्शन और कुल टैक्सेबल इनकम
  • भाग डी- ड्यू टैक्स का कैलकुलेशन
  • भाग ई- अन्य जानकारी
  • अनुसूची आईटी: एडवांस टैक्स और सेल्फ असेसमेंट टैक्स भुगतान का विवरण।
  • अनुसूची: टीडीएस टीडीएस/टीसीएस का विवरण

[स्रोत]

आईटीआर-1 किसके लिए है?

आईटीआर-1 ‘सहज फॉर्म’ उन निवासी व्यक्तियों के लिए एक पेज का अपेक्षाकृत सरल फॉर्म है, जिनकी इनकम ₹50 लाख तक है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आईटीआर-1 के लिए कौन एलिजिबल है, तो पहले जान लें कि इनकम निम्नलिखित स्रोतों से होनी चाहिए:

  • सैलरी या पेंशन से इनकम 
  • एक घर की संपत्ति से इनकम 
  • अन्य स्रोतों से इनकम 
  • कृषि इनकम 5000 रूपए तक

क्लब किए गए इनकम टैक्स रिटर्न के मामले में, जहां पति/पत्नी या नाबालिग शामिल हैं, यह केवल तभी किया जा सकता है जब उनकी इनकम उपरोक्त विनिर्देशों तक सीमित हो।

[स्रोत]

आईटीआर-1 फाइल करने से किसे बाहर रखा गया है?

आईटीआर-1 फाइल करने का तरीका जानने के लिए आगे बढ़ने से पहले यह जान लें कि इसके लिए कौन अयोग्य है।

  •  एक व्यक्ति जिसकी इनकम ₹50 लाख से ज्यादा है
  •  एक व्यक्ति जो या तो किसी कंपनी का निदेशक है और उसके पास असेसमेंट इयर के किसी भी समय कोई असूचीबद्ध इक्विटी शेयर भी है
  •  निवासी सामान्यतः निवासी और गैर-निवासी नहीं है
  •  जिन व्यक्तियों को इनकम होती है-
    • एक से अधिक गृह संपत्ति
    • कानूनी जुआ, लॉटरी, घुड़दौड़, आदि।
    • लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म टैक्स योग्य कैपिटल गेन
    • कृषि इनकम ₹5,000 से ऊपर
    • बिजनेस और प्रोफेशन 
    • एक निवासी जिसके पास भारत के बाहर संपत्ति है या वह भारत के बाहर किसी खाते में हस्ताक्षर करने वाला प्राधिकारी है
    • एक व्यक्ति जो भुगतान किए गए विदेशी टैक्स से राहत या 90/90ए/91 के तहत रिलीफ का क्लेम करता है

[स्रोत]

अपना आईटीआर-1 कैसे फाइल करें?

आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आईटीआर-1 फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा किया जा सकता है।

आईटीआर-1 ऑफलाइन कैसे फाइल करें

केवल नीचे बताए गए व्यक्ति ही फॉर्म ऑफ़लाइन फाइल कर सकते हैं

  • एक व्यक्ति जो पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र का हो।
  • एक व्यक्ति या एचयूएफ जिसकी इनकम ₹5 लाख से ज्यादा नहीं है और जिसने इनकम रिटर्न में रिफंड का क्लेम भी नहीं किया है।

रिटर्न एक भौतिक कागज के रूप में जमा किया जाता है और आईटी विभाग इन कागजात को जमा करने के समय एक एक्नॉलेजमेंट जारी करता है। आईटीआर-1 फाइल करने के लिए जरुरी दस्तावेज़ अपने पास रखना ना भूलें।

आईटीआर-1 ऑनलाइन कैसे फाइल करें

आईटीआर-1 की ई-फाइलिंग में निम्नलिखित शामिल हैं-

  • इलेक्ट्रॉनिक रूप से डेटा ट्रांसमिट करके टैक्स एक्नॉलेजमेंट को डाउनलोड करने के बाद इसे सीपीसी बेंगलुरु को हस्ताक्षरित भेजना होगा।
  • ऑनलाइन रिटर्न फाइल करके और फिर आधार कार्ड, बैंक खाते, नेट बैंकिंग या डीमैट खाते के माध्यम से आईटीआर-1 को ई-वेरिफिकेशन करना होगा।

अगर आपने पहला तरीका अपनाया है, तो कुछ दिनों में आपके रजिस्टर ईमेल आईडी पर एक एक्नॉलेजमेंट भेज दिया जाएगा। आप इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं, और फिर आपको 30 दिनों के भीतर सीपीसी बेंगलुरु को एक्नॉलेजमेंट भेजना होगा।

वैकल्पिक रूप से आप ई-वेरिफिकेशन भी कर सकते हैं। अब आप समझ गए होंगे कि आईटीआर-1 फॉर्म ऑनलाइन कैसे जमा किया जाता है।

2020-21में आईटीआर-1 में बड़े बदलाव

इंडिविजुअल टैक्सपेयर जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं-

  • बैंक में ₹1 करोड़ का नकद जमा करना।
  • विदेश यात्रा पर ₹2 लाख या उससे ज्यादा का खर्च होना।
  • ₹1 लाख या उससे ज्यादा का खर्च।

ऐसे लोगों को आईटीआर-1 फाइल करना चाहिए। टैक्सपेयर को जमा या व्यय की राशि भी बतानी होगी।

जिन व्यक्तियों की सैलरी, एक घर की संपत्ति या अन्य इनकम से कुल इनकम ₹50 लाख है, उन्हें पहले की तरह ही फाइल करना होगा।

ऐसे निवासी व्यक्ति जिनके पास संयुक्त स्वामित्व में एकल संपत्ति है, वे भी आईटीआर-1 सहज फाइल कर सकते हैं अगर उनकी कुल इनकम ₹50 लाख है।

इसके तहत टैक्सपेयर को 1 अप्रैल से 30 जून तक किए गए इन्वेस्टमेंट या जमा या टैक्स सेविंग के भुगतान की राशि का अलग से खुलासा करना होगा।

दरअसल, आईटीआर-1 सहज को फाइल करना आसान बना दिया गया है, ताकि सैलरी पाने वालों को फाइल करने में कोई परेशानी न हो। इस फॉर्म के साथ वे अनुपालन शुल्क से बचाए बिना अपने घरों और कार्यालयों में आराम से अपना टैक्स फाइल कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अससेस्मेंट ईयर में मेरी इनकम ₹50 लाख से ज्यादा थी। इस वर्ष मुझे कौन सा फॉर्म फाइल करना चाहिए?

अगर आपकी इनकम ₹50 लाख से ज्यादा है, तो आपको अपनी इनकम के स्रोत के आधार पर आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-3, या आईटीआर-4 फाइल करना होगा। अगर आप सैलरी पाने वाले व्यक्ति हैं और आपकी इनकम 50 लाख रूपए से ज्यादा है, तो आपको आईटीआर-2 फाइल करना चाहिए।

क्या मैं कृषि इनकम में छूट के साथ आईटीआर-1 फाइल कर सकता हूं?

हां! आप तभी फाइल कर सकते हैं, जब आपकी कृषि इनकम ₹5000 से ज्यादा न हो। अगर यह इससे ज्यादा है तो आपको आईटीआर-2 फाइल करना होगा।

मैं आईटीआर-1 में अपने बैंक खातों की रिपोर्ट कैसे करूं?

सभी चालू और बचत खातों का विवरण बताना आवश्यक है। हालांकि, अगर आपका खाता 3 साल से ज्यादा समय से निष्क्रिय है, तो आपको इसके बारे में बताने की जरुरत नहीं है।