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इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 192A की व्याख्या

इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन192A कर्मचारी भविष्य निधि खाते से निकासी रकम के स्रोत पर टैक्स डिडक्शन से संबंधित है।

जब कर्मचारी चौथी अनुसूची के नियम, भाग ए के तहत निर्दिष्ट शर्तों को पूरा नहीं कर पाते हैं, तो इस सेक्शन के तहत ईपीएफ के ट्रस्टियों को भुगतान करते समय स्रोत पर टैक्स काटा जा सकता है। 

व्यक्ति निकासी रकम से डिडक्शन के लिए टीडीएस से जुड़े विशिष्ट दिशानिर्देश और आगामी खंड में अतिरिक्त महत्वपूर्ण जानकारी पा सकते हैं।

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सेक्शन 192A के तहत टीडीएस डिडक्शन कब लागू होता है?

कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत मान्यता प्राप्त संस्थाएं जो कर्मचारियों को संचित निधि का भुगतान करने के योग्य हैं, निम्नलिखित स्थितियों में टीडीएस काट सकती हैं:

  • निकासी के समय कर्मचारी को किया गया भुगतान ₹ 50,000 से अधिक होने पर टीडीएस काटा जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसी व्यक्ति ने किसी कंपनी में 5 साल से कम काम किया हो। 
  • जब कोई कर्मचारी अपनी संचित भविष्य निधि को पुराने से नए पीएफ खाते में ट्रांसफर करता है। यह स्थिति तब होती है जब वह कोई कंपनी बदलता है।
  • इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 192A तब लागू होता है जब कोई नियोक्ता किसी कर्मचारी को उसकी शारीरिक बीमारी के कारण नौकरी से निकाल देता है। अन्य कारणों में किसी बिज़नेस वेंचर या उस परियोजना को बंद कर देता है जिसमें वह कर्मचारी काम कर रहा था, आदि। 
  • इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 192A तब लागू होता है जब कोई व्यक्ति ₹ 50,000 से अधिक निकालता है। इसके अतिरिक्त, उनके पास एक कॉर्पोरेशन में 5 साल से कम काम करने का अनुभव हो। 
  • टीडीएस डिडक्शन की सीमा तब लागू होती है जब निकासी की कुल रकम ₹ 50,000 से अधिक हो। 

सेक्शन 192A के तहत प्रोविडेंट फंड की निकासी पर टीडीएस दर क्या

डिडक्शन करने वाले प्रोविडेंट फंड खातों से निकाली गई रकम पर 10% टीडीएस काटता है। इसके लिए खाताधारकों को अपना पैन कार्ड जमा करना होगा।

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यदि वे फॉर्म 15H या 15G प्रदान करते हैं, तो डिडक्शन करने वाला इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 192A के तहत टीडीएस नहीं काटेंगे। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति अपना पैन कार्ड नहीं दे पाता है तो वे अधिकतम मार्जिनल रेट पर टीडीएस काटेंगे।

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सेक्शन 192A के तहत टीडीएस डिडक्शन कब लागू नहीं होता है

निम्नलिखित परिस्थितियों पर एक नज़र डालें, जिनके दौरान डिडक्शन करने वाले इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 192A के तहत स्रोत पर टैक्स नहीं काटते हैं:

  • ईपीएफ खाते से निकासी की रकम ₹ 50,000 से कम है।
  • एक व्यक्ति 5 साल की लगातार सेवा प्रदान करने के बाद ईपीएफ से रकम निकालता है।
  • एक व्यक्ति अपने पैन कार्ड के साथ फॉर्म 15H या फॉर्म 15G प्रस्तुत करता है। [स्रोत]

इस प्रकार, व्यक्तियों को इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 192A के बारे में इन बिंदुओं को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इस सेक्शन के बारे में जानने से उन्हें निकासी प्रक्रिया को समझने और टीडीएस डिडक्शन को कम करने में मदद मिलेगी। इससे उन पर टैक्स का बोझ कम होगा और उनकी बचत अधिक होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 192A के तहत पैन कार्ड देना अनिवार्य है?

यदि किसी व्यक्ति ने किसी संगठन में 5 वर्ष से अधिक समय तक काम किया है तो पैन कार्ड देना अनिवार्य नहीं है। उसे फॉर्म 15G या 15H जमा करने की भी जरूरत नहीं है।

इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 192A कब लागू हुया?

इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 192A 1 जून 2015 से लागू हुआ।