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इनकम टैक्स ऐक्ट सेक्शन 43B: भुगतान पर स्वीकार्य डिडक्शन

इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 का सेक्शन 43B विभिन्न भुगतानों से जुड़ा है और इसके निर्देशानुसार टैक्सपेयर उसी मूल्यांकन वर्ष में बतौर खर्च इसका क्लेम कर सकते हैं जब भुगतान किया गया था। सीधे शब्दों में कहें तो, टैक्सपेयर को केवल भुगतान के वर्ष में ही सेक्शन के तहत वैधानिक खर्चों का क्लेम करने की अनुमति है, न कि इसकी बढ़ोत्तरी वाले साल में।

अगले सेगमेंट में हम इनकम टैक्स रिटर्न के सेक्शन 43B के तहत विभिन्न प्रकार के पेमेंट और भुगतान व अपवादों को समझेगें।

इनकम टैक्स ऐक्ट सेक्शन 43B क्या है?

इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 43B के तहत, पीजीबीपी (बिज़नेस या पेशे से जुड़े फ़ायदे और लाभ ) के तहत खर्चों का आंकलन करते समय, टैक्सपेयर केवल भुगतान के वर्ष में क्लेम कर सकते हैं। यह टैक्सपेयर की ओर से भुगतान के निर्दिष्ट तरीकों से जुड़ा है जो उन्हें उसी मूल्यांकन वर्ष में खर्च के रूप में भुगतान का क्लेम करने को कहता है, न कि उस वर्ष में जब यह खर्च किया गया था।

इसे विस्तार से समझने के लिए यहां एक उदाहरण दिया गया है।

मान लीजिए कि एक लॉजिस्टिक्स फर्म के मालिक मिस्टर ए ने अगस्त 2022 में कूरियर सेवाओं के लिए एक मोटरसाइकिल खरीदी। यह खरीद मार्च 2023 में वास्तविक खर्च या भुगतान के तहत की गई है। मिस्टर ए बतौर सबूत मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए इसके डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। आईटीआर दाखिल करते समय अगर मिस्टर ए ने अक्टूबर 2022 में रकम का भुगतान किया है, तो डिडक्शन मार्च 2023 को खत्म होने वाले वर्ष में किया जाएगा।

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सेक्शन 43B के तहत भुगतान के प्रकार क्या हैं जहां प्रावधान लागू होते हैं?

सेक्शन 43B के तहत भुगतान की एक विस्तृत श्रृंखला है जहां प्रावधान लागू होते हैं। वह यह हैं-

1. सरकार को टैक्स भुगतान

लागू किसी भी कानून के तहत कर, ड्यूटी, सेस या फीस के रूप में व्यक्ति की ओर से दी जाने वाली किसी भी रकम का भुगतान करते समय डिडक्शन किया जा सकता है। इसमें कस्टम ड्यूटी, जीएसटी या भुगतान किए गए किसी अन्य प्रकार के टैक्स या सेस शामिल हैं। इसके अलावा, इन टैक्स पर देय इंटरेस्ट डिडक्शन के योग्य है।

2. कर्मचारी हित लाभ के लिए योगदान

यह वह राशि है जो नियोक्ता इंपलॉई बेनिफिट फंड जैसे ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड, रिटायर फंड और अन्य के लिए भुगतान करता है।

3. कर्मचारियों को दिया गया बोनस या कमीशन

व्यक्ति फाइनेंशियल ईयर के दौरान दी गई सेवाओं के बदले कर्मचारियों को बोनस या भुगतान का पेमेंट करता है। इसके अलावा, यह रकम वास्तविक बोनस या कमीशन होना चाहिए न कि बतौर शेयरहोल्डर्स उन्हें दिया गया डिविडेंड।

नोट: किसी एजेंट और प्रिंसिपल रिलेशनशिप के तहत किसी भी कमीशन का भुगतान सेक्शन 43B का हिस्सा नहीं है।

4. लोन और एडवांस पर दिया गया इंटरेस्ट

यह समझौते के नियमों और शर्तों के अनुसार पब्लिक या स्टेट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन या स्टेट इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन से उधार लिए गए मौजूदा लोन और अन्य क्रेडिट प्रोडक्ट पर इंटरेस्ट के रूप में देय राशि को संदर्भित करता है।

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5. बैंक से लिए गए लोन पर दिया गया इंटरेस्ट

कोई भी रकम समझौते के तहत नियमों और शर्तों के अनुसार किसी बैंक से लिए गए लोन और एडवांस पर इंटरेस्ट के रूप में देय है।

नोट: प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी को छोड़कर, कोई भी बैंक को-ऑपरेटिव या प्राइमरी को-ऑपरेटिव एग्रीकल्चर और ग्रामीण विकास बैंक हो सकता है।

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6. कर्मचारियों का लीव एनकैशमेंट

यह नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को उनकी छुट्टियों की शेष राशि के एनकैशमेंट के लिए दी जाने वाली रकम है।

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7. भारतीय रेलवे को भुगतान

टैक्सपेयर की ओर से भारतीय रेलवे को भुगतान की गई किसी भी रकम के भुगतान को खर्च के रूप में क्लेम किया जा सकता है।

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8. एमएसएमई को दी गई रकम

फाइनेंस बिल 2023 में नए संशोधनों के अनुसार, भुगतान के आधार पर एमएसएमई भुगतान के लिए डिडक्शन की अनुमति दी जाएगी।

इनकम टैक्स रिटर्न की सेक्शन 43B के तहत अपवाद क्या हैं?

एक्रुअल-बेस्ड अकॉउंटिंग सिस्टम को चुनने वाले टैक्सपेयर इनकम टैक्स ऐक्ट की सेक्शन 43B के तहत डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। वह यह हैं-

  • व्यक्ति को व्यापारिक आधार पर खातों की एक बुक मेंटेन करनी चाहिए।
  • खर्च का भुगतान इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख पर या उससे पहले किया जाना चाहिए।
  • इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय व्यक्ति को भुगतान का सबूत जमा करना होता है। इसके अलावा, इनकम टैक्स रिटर्न के नए फॉर्म के साथ बतौर अटैचमेंट सबूत लगाने की भी अनुमति है। इसलिए, व्यक्ति को मूल्यांकन प्रोसेस के लिए उन्हें मूल्यांकन अधिकारी के सामने प्रस्तुत करना होगा।

इसके अलावा, कुछ ऐसे खर्चे हैं जो इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 43B के तहत अस्वीकार्य हैं। वह हैं-

  • 'लोन और एडवांस पर दिए गए इंटरेस्ट' और 'बैंक से लिए गए लोन पर दिए गए इंटरेस्ट' में तय इंटरेस्ट फायदा, अगर पेमेंट नहीं किया गया है और लोन या एडवांस में परिवर्तित किया गया है, तो सेक्शन 43B के तहत डिडक्शन नहीं किया जाता है। इस तरह के इंटरेस्ट की अनुमति केवल उस वर्ष में दी जाती है जिसमें परिवर्तित लोन का भुगतान किया जाता है। यह उन व्यक्तियों के लिए ध्यान देने वाली बात है जो बिज़नेस या पेशे चलाते हैं और व्यापारिक आधार पर अपनी बुक मेंटेन करते हैं।
  • यह ध्यान रखना जरूरी है कि इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 43B के तहत इंटरेस्ट लायबिलिटी को शेयर कैपिटल में बदलने की अनुमति नहीं है। टैक्सपेयर को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सेक्शन 43B इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 139(1) के तहत इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने की नियत तारीख पर या उससे पहले किए गए योगदान को कवर नहीं करता है।

इनके अलावा, टैक्सपेयर को बढ़ोत्तरी और भुगतान दोनों के संदर्भ में इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 43B के तहत उपलब्ध छूट के बारे में विस्तृत ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें टैक्स पर पैसे बचाने के तरीकों के बारे में पता होना चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या टीडीएस सेक्शन 43B के अंतर्गत आता है?

नहीं, टीडीएस इसमें शामिल नहीं है और इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 43B के तहत डिडक्शन का क्लेम नहीं किया जा सकता है। यह डिडक्शन करने वाले की ओर से काटा गया टैक्स है और सरकार के खजाने में जमा किया जाता है, और इस प्रकार यह कोई खर्च नहीं है।

क्या सेक्शन 43B पीएफ और ईएसआई को कवर करती है?

हां, सेक्शन 43B तभी लागू होता है जब नियोक्ता पीएफ और ईएसआई में योगदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, संबंधित वेलफेयर ऐक्ट के अनुसार नियत तारीख पर या उससे पहले भुगतान किए जाने पर कर्मचारियों के योगदान पर भी डिडक्शन होता है।