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रिन्यूअल के दौरान कार इंश्योरेंस का प्रीमियम क्यों बढ़ जाता है?

अगर आप अच्छे ड्राइवर हैं और पिछले कई सालों में आपने एक बार भी कार इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया गया है, तो रीन्यूअल के समय कार इंश्योरेंस प्रीमियम का बढ़ना काफी परेशान करने वाला हो सकता है। अगर आप अक्सर अपने आप से पूछते हैं: मेरा कार इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ क्यों रह है? मैंने कोई क्लेम नहीं किया है और मेरी कार थोड़ी ही पुरानी है!", चिंता न करें, हम यहां आपकी मदद के लिए हैं।

अभी भी ऐसे कई फैक्टर हैं जो आपके कार इंश्योरेंस प्रीमियम को बढ़ा सकते हैं। अगर आप इन्हें समझ लेते हैं तो यह जानने की बेहतर स्थिति में होंगे कि इस बढ़त को कम करके पैसे कैसे बचाए जाएं। 😊

यहां पर कुछ कारण बताए गए हैं जिनकी वजह से भले ही आपने क्लेम ना किया हो लेकिन आपका कार इंश्योरेंस प्रीमियम पिछले साल के मुकाबले बढ़ सकता है।

आपके कार इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करने वाले फैक्टर कौन-कौन से हैं?

आपका प्रीमियम वह राशि है जो आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी को अपनी कार इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत कवरेज लेने के लिए अदा करते हैं। ज्यादातर मामलों में, प्रीमियम सालाना अदा किया जाता है।

कई सारे फैक्टर हैं जो प्रीमियम की लागत को प्रभावित करते हैं और इनमें से कुछ हैं:

  • आपकी कार की इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी) - आपकी कार का आईडीवी दरअसल आपकी कार की मार्केट वैल्यू होती है और यह वह अधिकतम राशि है जो कार का नुकसान होने की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी आपको भुगतान करेगी: आपकी कार का आईडीवी जितना ज्यादा होगा, उसका प्रीमियम उतना ही ज्यादा होगा।
  • कार की बनावट और मॉडल - हर कार और इसकी जरूरत अलग-अलग होती है और इसलिए कार की लागत कितनी होगी इस पर कार की बनावट और मॉडल का प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, यह कार के आईडीवी और कार प्रीमियम पर असर डालेगा।
  • आपकी कार का डेप्रिसिएशन - ज्यादातर बार समय के साथ खराब होने के चलते डेप्रीसिएशन आपकी कार और इसके पुर्जों की असल कीमत होती है। कार जितनी पुरानी होगी, डेप्रीसिएशन की कीमत उतनी ही ज्यादा होगी, जो कि आपके आईडीवी से विपरीत ढंग से अनुपातिक होता है। आपकी कार का डेप्रिसिएशन जितना ज्यादा होगा (यह जितनी पुरानी होगी), आईडीवी और प्रीमियम उतने ही कम होंगे।
  • आपकी कार के ईंधन का प्रकार - प्रीमियम पर आपकी कार में इस्तेमाल होने वाले ईंधन का असर पड़ सकता है। आमतौर पर, डीजल कार के प्रीमियम ज्यादा होते हैं जबकि इलेक्ट्रिक कार के प्रीमियम कम होते हैं। 
  • ऐड-ऑन का चुनाव - कई सारे ऐड-ऑन आपके प्रीमियम की दर को बढ़ा सकते हैं, लेकिन अगर आपने पूरे साल कोई भी क्लेम नहीं किया है, तो इनमें से कुछ असल में आपके प्रीमियम को कम कर सकते हैं।
  • आपकी भौगोलिक स्थिति - अक्सर बड़े शहरों के साथ ज्यादा जोखिम जुड़े होते हैं और इसलिए अगर आप ऐसी जगह में रहते हैं तो आपका प्रीमियम ज्यादा हो सकता है। उदाहरण के लिए, मुंबई में कार के लिए प्रीमियम, सूरत में उस कार के प्रीमियम से ज्यादा होगा। 
  • नो क्लेम बोनस या एनसीबी - एक नो क्लेम बोनस वह रिन्यूअल बेनिफिट है जिसे इंश्योरेंस कंपनी प्रीमियम पर ऑफर करती हैं। यह पिछले साल कोई भी क्लेम न करने वालों के लिए होता है। तो अगर आपके पास एनसीबी है तो कार इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू होने के समय आपका प्रीमियम कम होगा। 
  • पिछले साल किए गए क्लेम - अगर आपने पिछले पॉलिसी वाले साल में कोई भी क्लेम किया है तो कुछ इंश्योरेंस कंपनी आपके क्लेम और ड्राइविंग से जुड़े इतिहास को देखते हुए आपके कार इंश्योरेंस प्रीमियम को बढ़ा सकती हैं ।

इसके बारे में ज्यादा जानें:

आपका कार इंश्योरेंस प्रीमियम क्यों बढ़ जाता है?

हर साल अपने प्रीमियम को बढ़ते देखना अच्छा तो नहीं लगता है लेकिन यहां पर कुछ फैक्टर बताए गए हैं, जो आपके इंश्योरेंस प्रीमियम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें से कुछ असल में आपके नियंत्रण में हैं;

वे चीज़ें जो आपके नियंत्रण में हैं

  • आपकी ड्राइविंग की आदत: अगर आप उस तरह के ड्राइवर हैं जो यातायात सुरक्षा नियमों को नहीं मानते हैं। आप सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं या रेड लाइट क्रॉस कर जाते हैं, तो इसकी वजह से कानूनी दिक्कत हो सकती है जो आपके इंश्योरेंस प्रीमियम पर असर डाल सकती है। 
  • आपने कितने क्लेम फ़ाइल किए हैं: पिछले साल अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए क्लेम फाइल करने या इंश्योरेंस कंपनी के साथ आपके नियमित क्लेम फाइल करने पर आपका प्रीमियम बढ़ सकता है। यह साधारण गणित है- जोखिम जितना ज्यादा होगा, प्रीमियम भी उतना ही बढ़ता जाएगा।
  • कार की बनावट और मॉडल: जैसा कि ऊपर बताया गया है आपकी कार की बनावट और मॉडल (और इसलिए इसकी लागत कितनी है)आपके आईडीवी पर असर डालेंगे। और आईडीवी जितना ज्यादा होगा, प्रीमियम भी उतना ही बढ़ता जाएगा। इसके अतिरिक्त, अगर निर्माता ने आपके कार मॉडल को बनाना बंद कर दिया है तो इसके पुर्जे ढूंढना मुश्किल होगा, इस तरह से भी प्रीमियम बढ़ आएगा। 
  • आपकी पसंद की इंश्योरेंस कंपनी: हर इंश्योरेंस कंपनी प्रीमियम की गणना थोड़े अलग तरह से करती है, इसका मतलब है कि आपको उसे ढूंढना है जो आपके लिए आपकी परिस्थिति के हिसाब से बेस्ट हो, खासतौर पर अब आप उन फैक्टर को जानते हैं जो आपके प्रीमियम को प्रभावित करते हैं।

वे चीज़ें जो आपके नियंत्रण में नहीं है

  • आपकी भौगोलिक स्थिति: यह काफी हद तक आपके नियंत्रण में होता है लेकिन सिर्फ तब ही जब आप कहीं और जा सकें। लेकिन आमतौर पर, आप जिस शहर में रहते हैं, वह आपके प्रीमियम को प्रभावित करता है। आमतौर पर बड़े शहर छोटी जगहों के मुकाबले ज्यादा जोखिम भरे होते हैं और इनमें ज्यादा प्रीमियम भी होते हैं।
  • थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की दर में बढ़त: भारत में, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की दरों* को पालन करने के लिए आईआरडीएआई जिम्मेदार होता है। और रिव्यू के बाद, यह दरें हर साल बढ़ जाती हैं जो आपके अपने कार इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित कर सकती हैं। 
  • कार कितनी पुरानी है: जैसा कि हमनें पहले बताया है कि डेप्रिसिएशन की वजह से आपकी कार जितनी पुरानी होगी, इसकी कीमत उतनी ही कम होती जाएगी। ज्यादातर बार ऐसा कार खराब होने की वजह से होता हैं, बल्कि जब एक नई चार शोरूम से बाहर आती है, इसकी कीमत में 5% का ह्रास मान लिया जाता है। इन सबका मतलब है कि कार जितनी पुरानी होगी, इसकी कीमत उतनी कम होती जाएगी और इसलिए प्रीमियम भी कम होगा। 
  • आपकी अपनी उम्र: जैसा कि वह कहते हैं, जितनी ज्यादा उम्र उतने ज्यादा समझदार, तो अगर बड़े रूप में समझें तो आपकी उम्र जितनी कम होगी (खास तौर पर अगर आप 25 साल से कम उम्र के हैं) प्रीमियम उतना ही ज्यादा होगा!

 *ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है

आप अपना कार इंश्योरेंस प्रीमियम कम कैसे कर सकते हैं?

आपके कार इंश्योरेंस प्रीमियम को बढ़ा सकने वाले फैक्टर्स के बावजूद, कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे आप अपने इंश्योरेंस प्रीमियम को कम कर सकते हैं। 

यहां पर कुछ टिप्स बताए गए हैं, जिनका आप पालन कर सकते हैं:

  • छोटे क्लेम करने से बचें: सबसे अच्छा काम आप यह कर सकते हैं कि जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक पॉलिसी अवधि में छोटे क्लेम बिल्कुल ना करें। हां, यह तब ही संभव है जब आप इसको वहन कर सकें और नो क्लेम बोनस को खोना न चाहें। 
  • देख लें कि आपका आईडीवी बहुत ज्यादा न हो: जैसा कि हमनें पहले ही बताया है कि आईडीवी बाजार में आपकी कार की मौजूदा कीमत और वह अधिकतम राशि है जो कार चोरी होने या बुरी तरह खराब हो जाने पर आपकी इंश्योरेंस कंपनी भुगतान करेगी। लेकिन याद रखिए, अगर आप गलत तरीके से ज्यादा आईडीवी सेट करते हैं तो यह आपका प्रीमियम भी बढ़ा सकता है। इसलिए हमेशा सुनिश्चित करें कि आईडीवी आपकी कार की वैल्यू के हिसाब से ही हो और इससे ज्यादा बिल्कुल न हो!
  • एनसीबी को बचाएं: अगर आप क्लेम करते हैं तब भी नो क्लेम बोनस प्रोटेक्शन ऐड-ऑन कवर आपके एनसीबी को बरकरार रखता है। इसलिए पॉलिसी रिन्यूअल के दौरान आपका प्रीमियम कम ही रहता है। 
  • अपनी पॉलिसी समय पर रिन्यू कराएं: अगर आपका कार इंश्योरेंस समाप्त हो जाता है तो आपको बहुत सारा जुर्माना भरना पड़ सकता है। और जुर्माने के तौर पर आपको प्रीमियम से कहीं ज्यादा का भुगतान करना पड़ सकता है (कुछ फायदों के साथ जैसे एनसीबी गंवाना)। 
  • एंटी थेफ़्ट डिवाइस इंस्टॉल करना: कई इंश्योरेंस कंपनी आपकी कार में एंटी थेफ़्ट डिवाइस या अन्य सिक्योरिटी फीचर इंस्टॉल करने पर प्रीमियम में छूट देती हैं क्योंकि यह डिवाइस चोरी से बचाने के साथ खतरे को भी कम करती हैं।
  • बहुत ज्यादा बदलाव करने से बचें: जब आप अपनी कार में बहुत से बदलाव करते हैं जैसे सीएनजी किट लगाना तो इन बदलावों को अपनी इंश्योरेंस कंपनी की ओर से कवर किए जाने की जरूरत होती है। इसका मतलब है कि यह आपके कार इंश्योरेंस प्रीमियम में जोड़ दिए जाएंगे। 
  • सही ऐड-ऑन का चुनाव करें: सही ऐड-ऑन का चुनाव करके आपके प्रीमियम पर बड़ा अंतर आ सकता है। उदाहरण के लिए, जब आप क्लेम करेंगे तो नो क्लेम बोनस प्रोटेक्शन आपके एनसीबी को बरकरार रख सकता है जबकि जीरो डेप्रीसिएशन के साथ आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपकी कार में डेप्रीसिएशन को नहीं मानेंगी। हालांकि, आपको जरूरी ऐड-ऑन का चुनाव करते हुए सावधान रखना होगा क्योंकि वरना वह आपके प्रीमियम को बढ़ा सकते हैं।