डिजिट इंश्योरेंस करें

क्या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम करने की से आपके मोटर इंश्योरेंस पर कोई प्रभाव पड़ सकता है?

गलतियाँ हम सभी से हो सकती है, इसलिए आपकी कार के साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना भी है। अब शायद इस वजह से आप अपनी कार के बारे में सोचकर निराश हो सकते हैं, लेकिन इन्ही कारणों की वजह से तो आपने अपनी कार के लिए एक मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी ली है, ऐसी स्थितियों में आपकी कार इंश्योरेंस आपका साथ देगी और आपको किसी भी नुकसान से सुरक्षा प्रदान करने का काम करेगी।

चाहे क्षति आपके द्वारा किसी को पहुंचे या किसी और व्यक्ति द्वारा आपको या फिर आपकी कार को क्षति पहुंचे, तो ऐसी स्तिथि में आपके द्वारा अपनी कार के लिए ली गयी थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस इस क्षति को कवर करने में आपकी मदद करेगी। इसे लायबिलिटी इंश्योरेंस भी कहा जाता हैं, क्योंकि यह एक ऐसा इंश्योरेंस कवर है जो आपको आपके द्वारा किसी थर्ड-पार्टी की लायबिलिटी जैसे वाहन, व्यक्ति या संपत्ति को हुए क्षति को इंश्योरेंस के तहत कवर प्रदान करेगा। 

भारत में अगर आपके पास गाड़ी है तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, आपके पास एक थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस का होना भी आवश्यक है, और अगर आपके पास थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस नहीं है तो आगे चलकर आपको इसके लिए किसी भारी जुर्माने का भुगतान को झेलना पड़ सकता है! 🙁

अब आप समझ ही चुके होंगे, की यह इंश्योरेंस कवरेज आपके लिए कितनी आवश्यक है। अब आप यह सोच रहे होंगे की यदि आप किसी ख़राब परिस्थिति में फस जाएँ तो आप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस द्वारा क्लेम कर सकते हैं। खैर, सबसे पहले, हम आशा करते हैं कि आपके साथ ऐसा कभी न हो, और न आपके साथ ऐसी कोई दुर्घटना घटे, अगर आप फिर भी आप खुद को अवगत रखना चाहते हैं, तो इसके बारे में और अधिक जानने के लिए हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें।

थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के तहत किन चीज़ों को कवर किया जाता है?

आमतौर पर जब हम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की बात करते हैं, तो आप शायद आपके मन में भी यह ख्याल ज़रूर आता होगा की इस इंश्योरेंस में यह “थर्ड-पार्टी” है कौन?

खैर, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में, फर्स्ट-पार्टी में आप होते हैं (मतलब, इंश्योर्ड व्यक्ति या पॉलिसी होल्डर), सेकेंड-पार्टी में इंश्योरेंस कंपनी होती है जो आपको क्षति के लिए कवर प्रदान करेगी, और थर्ड-पार्टी में वो व्यक्ति होता है, जिसे दुर्घटना में आपकी कार द्वारा किसी प्रकार की क्षति पहुंची है। उदाहरण के लिए, अगर किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति को आपकी कार द्वारा क्षति पहुँचती है, तो ऐसे में वो व्यक्ति आपके थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस से संबंधित जानकारी का इस्तेमाल कर आपकी इंश्योरेंस कंपनी से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम कर सकता है। 

मूल रूप से आपके थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस का लक्ष्य, उस घायल थर्ड-पार्टी को कवर प्रदान करना होता है, और उनके क्लेम की वजह से आपको किसी प्रकार के वित्तीय नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता। 

यहाँ कुछ स्थितियाँ हैं जिनके लिए आप अपने थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं:

  • थर्ड-पार्टी व्हीकल को नुकसान – कार चलाते समय अगर आपकी कार की टक्कर किसी दूसरे व्यक्ति के वाहन के साथ हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में आपकी थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस इस दुर्घटना से होने वाले सभी प्रकार के नुकसान को कवर कर आपको परेशानियों से बचाने का काम करेगी। 
  • थर्ड-पार्टी की संपत्ति का नुकसान – अगर आपकी कार के कारण किसी व्यक्ति के घर या संपत्ति को हानि पहुँचती है, तो ऐसी स्थिति में आपकी थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस, उस व्यक्ति के हुए नुकसान की भरपाई करने में आपकी मदद करेगी। 
  • थर्ड-पार्टी को पर्सनल नुकसान पहुंचना - अगर आपकी कार के कारण किसी थर्ड-पार्टी व्यक्ति को शारीरिक चोट पहुँचती है (या सबसे खराब स्थिति में मृत्यु), तो ऐसे में आपकी थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस उस क्षति की भरपाई करने में आपकी मदद करेगी। 
  • आपके लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर - एक पर्सनल एक्सीडेंट कवर का होना बहुत जरुरी है, क्योंकि यदि आप (ओनर या ड्राइवर) किसी दुर्घटना में घायल हो जाते हैं, तो ऐसे में यह कवर आपकी मदद करता है। लेकिन यदि आपके पास पहले से एक पर्सनल एक्सीडेंट कवर नहीं है, तो यह कवर आपके मौजूदा थर्ड-पार्टी पॉलिसी में ऐड किया जा सकता है। 

*डिजिट में हमारे पास आपके लिए एक स्पेशल पैकेज पॉलिसी भी है, जिसमें आपकी कार के लिए एक थर्ड पार्टी पॉलिसी के साथ एक फायर कवर भी साथ में प्रदान किया जायेगा।

थर्ड-पार्टी पॉलिसी में क्या कवर नहीं है?

जैसा आपने देखा कि थर्ड-पार्टी पॉलिसी द्वारा आपको बहुत से मामलों में नुकसान से बचाने के लिए कवर प्रदान किया जाता है, लेकिन ऐसे भी कई स्थितियां हैं जिन पर ये इंश्योरेंस आपको कवर प्रदान नहीं करेगी। उनमें से कुछ स्थितियों के बारे में हमने निचे बताया है:

  • आपके अपने वाहन को हुए किसी भी नुकसान के लिए - एक थर्ड-पार्टी पॉलिसी द्वारा खुद के हुए किसी भी प्रकार के नुकसान को कवर नहीं, जिसमें आपकी कार के एक्सीडेंटल डैमेज या आग के कारण हुई किसी भी प्रकार की क्षति शामिल है। 
  • अगर आप सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते हैं - अगर आप कानून के नियमों का उल्लंघन करते हुए कार ड्राइव करते हैं, जैसे शराब पीकर ड्राइव करना या बिना लाइसेंस के ड्राइव करना, तो ऐसे मामलों में आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपको कवर प्रदान नहीं करेगी। 
  • जब कार का गलत तरीके से उपयोग किया जा रहा हो - यदि आप अपनी कार का इस्तेमाल किसी ऐसे काम के लिए करते हैं जो इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता, जैसे उदाहरण के लिए, भौगोलिक सीमा के बाहर ड्राइव करना या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पर्सनल कार का इस्तेमाल करना। 
  • एक एक्सपायर पॉलिसी का होना - यह शायद किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है, लेकिन जैसा आप इस बात को जानते हैं, की अगर आप अपनी पॉलिसी को रिन्यू कराना भूल गए हैं और यह एक्सपायर हो चुकी है, तो ऐसी स्थिति में भी अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटती है तो उसे कवर नहीं किया जायेगा।

थर्ड-पार्टी क्लेम करना आपके इंश्योरेंस को कैसे प्रभावित कर सकता है?

अबतक आप यह समझ चुके होने, की आपके थर्ड पार्टी इंश्योरेंस द्वारा किन चीज़ों पर कवर प्रदान किया जाता है, और शायद अब आप यह सोच रहे होंगे, कि क्या थर्ड पार्टी क्लेम करने से आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी प्रभावित हो सकती है? (आपके प्रिय कार को नुकसान के अलावा!) तो इसका बेहद सरल उत्तर हाँ है। जब आप थर्ड-पार्टी क्लेम फाइल करते हैं, तो आगे चलकर आपके इंश्योरेंस पर इस प्रकार प्रभाव पड़ सकता है। 

  • प्रीमियम - जब आप मोटर इंश्योरेंस क्लेम करते हैं, तो ऐसा करने की वजह से जब आप आगे अपने इंश्योरेंस को रिन्यू करवाएंगे तो आपको उसके प्रीमियम में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मुख्य रूप से, अगर आप किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और इसके क्लेम फाइल करते हैं, तो कंपनी द्वारा आपको "रिस्की" लेबल दिया जा सकता है, जिस कारण आगे चलकर आपको अपनी इंश्योरेंस के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। 
  • NCB – नो क्लेम बोनस (या NCB) एक प्रकार का डिस्काउंट होता है, जो आपको आपकी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है, अगर आपने बीते वर्षों में किसी भी प्रकार का क्लेम फाइल नहीं किया है तो, यह डिस्काउंट 20-50% के बीच हो सकता है। लेकिन अगर आपने किसी भी प्रकार का क्लेम किया तो आपको ये डिस्काउंट नहीं दिया जायेगा। 

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस क्लेम के प्रभाव से कैसे बच सकते हैं?

थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस क्लेम के बारे में इतना कुछ जानने के बाद, शायद अब आप यह सोच रहे होंगे कि क्या आप किसी प्रकार अपने इंश्योरेंस की NCB पर पड़ने वाले बड़े प्रभाव को कम कर सकते हैं? तो चलिए अब हम एक-एक कर उन तरीकों को समझने की कोशिश करते हैं। 

  • छोटे-छोटे क्लेम करने से बचें - यदि आपकी कार को पहुंची क्षति ज्यादा बड़ा नहीं है, जैसे अगर आपके कार पर डेंट पड़ा है या आपकी कार के लाइट्स टूट जाते हैं, और उसकी रिपेयरिंग की लागत बहुत ज्यादा नहीं है, तो अपने NCB को बनाये रखने के लिए आपको खुद ही इस रिपेयरिंग का भुगतान कर लेना चाहिए। बार-बार क्लेम करने से आपके इंश्योरेंस का प्रीमियम भी बढ़ सकता है, इसलिए जितना हो सके आपको छोटे-छोटे क्लेम करने से खुद को बचाना चाहिए।
  • एक कम्प्रेहैन्सिव इंश्योरेंस खरीदें - कम्प्रेहैन्सिव इंश्योरेंस पॉलिसी आपके ओन डैमेज और थर्ड-पार्टी लायबिलिटी दोनों को ही कवर करती है, इसलिए आपको हमेशा अपनी कार के लिए एक कम्प्रेहैन्सिव इंश्योरेंस के साथ जाना चाहिए। जब आप इस प्रकार की पॉलिसी को खरीदते हैं, तो आप कई विशेष प्रकार के ऐड-ऑन भी अपने इंश्योरेंस के साथ जोड़ सकते हैं। 

क्लेम कैसे फाइल करें?

अब आप इस बात को भली भांति समझ गए होंगे, की अगर आप क्लेम फाइल करने के बारे में सोचते हैं तो आपके इंश्योरेंस में क्या बदलाव आ सकते हैं, अब शायद आप यह जानने के लिए उत्सुक होंगे की थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस को क्लेम करने की क्या प्रक्रिया है?

अगर किसी दुर्घटना में आपकी कार द्वारा किसी थर्ड-पार्टी व्यक्ति या संपत्ति को क्षति पहुँचती है, तो ऐसे में आपको निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करने की आवश्यकता पड़ेगी:

  • स्टेप 1: थर्ड पार्टी को पुलिस स्टेशन में जाकर, इस घटना की सूचना को देते हुए FIR फाइल करने को कहना चाहिए। 
  • स्टेप 2: इसके बाद आपको अपने मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी की एक कॉपी उस थर्ड-पार्टी व्यक्ति को देनी पड़ेगी, जिसे आपके द्वारा क्षति पहुँची है। 
  • स्टेप 3: स्थिति के बारे में जितनी जल्दी हो सके अपनी इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें।* 

*कंपनी द्वारा आपको नुकसान की तस्वीरें, पुलिस के पास दर्ज की गई FIR, अपना क्लेम फॉर्म, पॉलिसी के दस्तावेज, ड्राइविंग लाइसेंस, कार की RC, और किसी भी रेप्लेस्मेंट या रिपेयर के बिल जैसे दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा जा सकता है।

  • स्टेप 4: जैसा की आपको पता ही है, की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम के सेटलमेंट की प्रक्रिया मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) द्वारा पूरी की जाती है, इसलिए थर्ड पार्टी को क्लेम अमाउंट प्राप्त करने के लिए MACT में जाकर एक केस फाइल करने की ज़रूरत पड़ेगी। 
  • स्टेप 5: यदि आपको आपकी क्षति के लिए कोई कंपनसेशन दिया जाना होगा, तो इसके भुगतान की पूरी ज़िम्मेदारी आपके इंश्योरर की होगी। 

 

हालांकि, ऐसी किसी भी स्थिति में जहां आपकी कार को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा क्षति पहुंची है, तो ऐसी स्थिति में आप थर्ड-पार्टी व्यक्ति कहलायेंगे, फिर आप उस व्यक्ति के थर्ड पार्टी पालिसी के अंतर्गत उसकी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कंपनसेशन प्राप्त कर सकते हैं। 

हम आशा करते हैं कि हमारे इस लेख से आपको थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस क्लेम करने से आपके मोटर इंश्योरेंस पर क्या प्रभाव पड़ सकता है इस बात की बेहतर समझ मिली होगी। 

जैसा कि भारत में इस प्रकार के इंश्योरेंस का होना सभी के लिए अनिवार्य है, इसलिए आपके लिए यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है (खैर ये उपयोगी तो नहीं है) कि यह सब किस प्रकार काम करते हैं, खासकर यदि आपको भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना का सामना करना पड़े तो।