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क्या ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना सही है?

हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जा सकता है। लेकिन, बहुत से लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के बारे में नहीं सोचते हैं और इसका एक मुख्य कारण उसका खर्च है। जो लोग हर महीने या तय आय पर जीते हैं, उनके लिए सालाना प्रीमियम का एकमुश्त भुगतान करना मुश्किल हो सकता है।

इसलिए, भारतीयों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की क्षमता को बढ़ाने के लिए, 2019 में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरजीएआई) ने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसीहोल्डर्सों को ईएमआई पर सालाना हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने का विकल्प प्रदान करने के लिए कहा। इस तरह, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए त्रैमासिक, मासिक और अर्ध-वार्षिक किश्तों में एक निश्चित राशि का भुगतान करना संभव है।

ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के फायदे

मासिक आधार पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कर पाने के कई फायदे हैं:

1. ज्यादा सुविधा

ईएमआई के रूप में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने का विकल्प, हर महीने की आय पर निर्भर रहने वाले बहुत से लोगों के लिए इसे और भी ज्यादा सुविधाजनक बनाता है। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन भुगतान करने में आसानी इसे और भी बेहतर अनुभव बनाती है। इन दोनों खासियतों ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस को ज्यादा आसान बनाने में भी मदद की है।

2. बढ़ते मेडिकल खर्च से निपटें

इन दिनों, बढ़ती मेडिकल खर्चों के साथ, सेहत की देखभाल के लिए होने वाले खर्चों को कवर करने में आर्थिक सहायता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस होना जरूरी है। इसका मतलब यह है कि ज्यादा सम इंश्योर्ड पाना महत्वपूर्ण है, जिसके लिए ज्यादा प्रीमियम देनी पड़ सकती है। साथ ही, ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने के विकल्प की वजह से, यह कई लोगों के लिए आसानी से मैनेज करने लायक हो जाता है और इस तरह उन्हें इन बढ़ते खर्चों से निपटने में आसानी होती है।

3. खरीदने में ज्यादा आसान

जो लोग मासिक आय पर निर्भर होते हैं, उन्हें अपनी प्रीमियम के लिए एकमुश्त भुगतान करना काफी चुनौतीपूर्ण लग सकता है। इसलिए, जब वे मासिक, त्रैमासिक, या अर्ध-वार्षिक आधार पर ईएमआई के ज़रिये ज्यादा लचीले प्रीमियम भुगतान को चुन सकते हैं, तो उन्हें ज्यादा किफायती हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज आसानी से मिल पाता है और अच्छे इलाज से समझौता नहीं करना पड़ता है।

4. सीनियर सिटीजन के लिए फायदेमंद

सीनियर सिटीजन की सेहत खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है और इस वजह से उन्हें अपने हेल्थ इंश्योरेंस के लिए ज्यादा प्रीमियम का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, सीनियर सिटीजन की मासिक आय भी सीमित हो सकती है। इस प्रकार, ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध होने से, वे अब एक आवश्यक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा ले सकते हैं और अपनी बचत मैनेज करने की चिंता किए बिना इलाज प्राप्त कर सकते हैं।

5. ज्यादा कवरेज चुनें

ऐसे कई पॉलिसी धारक हैं जो व्यापक कवरेज, या ज्यादा सम इंश्योर्ड लेना पसंद करते हैं, लेकिन एक ही भुगतान में उच्च प्रीमियम का खर्च वहन नहीं कर सकते। लेकिन, मासिक ईएमआई भुगतान के साथ, वे अब एक साथ भुगतान किए बिना ज्यादा कवरेज का विकल्प चुन सकते हैं।

6. टैक्स लाभ प्राप्त करें

यहां तक कि जब कोई ईएमआई के जरिये से अपनी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करता है, तब भी वे आयकर अधिनियम की धारा 80डी के अनुसार टैक्स लाभ के पात्र होते हैं। वे इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के अनुसार अपने आयकर पर कटौती का क्लेम कर सकते हैं।

ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के क्या नुकसान हैं?

ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस लेने के कुछ नुकसान या कमियां भी हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है:

  • अतिरिक्त प्रीमियम - कई मामलों में, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए मासिक ईएमआई भुगतान, प्रीमियम पर अतिरिक्त खर्च के साथ आ सकता है। उदाहरण के लिए, उन्हें एकमुश्त भुगतान की तुलना में लगभग 3 से 5 प्रतिशत ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।
  • क्लेम की प्रतीक्षा - पॉलिसी धारक तब तक पॉलिसी के लिए क्लेम नहीं कर सकते जब तक कि एक निश्चित संख्या में किश्तों का भुगतान नहीं किया जाता है। ऐसा सालाना प्रीमियम के मामले में नहीं है।
  • उच्च एसआई की आवश्यकता हो सकती है - कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां केवल ईएमआई विकल्प की पेशकश करती हैं अगर सम इंश्योर्ड एक खास राशि से ज्यादा होती है, उदाहरण के लिए, 5 लाख का एसआई और जो कम लोग कम सम इंश्योर्ड का विकल्प चुनते हैं, वे इसका लाभ नहीं उठा सकते हैं।
  • छूट से वंचित - पॉलिसी धारक जो ईएमआई पर अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करते हैं, वे प्रीमियम राशि का एकमुश्त भुगतान करने पर दी जाने वाली कुछ छूटों से भी वंचित रह सकते हैं।

ईएमआई पर सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुनें?

ईएमआई की पेशकश करने वाले कई अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ यह जानना मुश्किल हो सकता है कि किसे चुनना है। इस मामले में कुछ कारकों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे:

  • एक ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस की तलाश करें जिसमें नो कॉस्ट ईएमआई हो, जिसका मतलब है कि एक सालाना प्रीमियम की तुलना में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होता है।
  • सुनिश्चित करें कि पॉलिसी आपकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और आपके द्वारा अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर किए जा रहे लोगों के लिए कवरेज प्रदान करती है।
  • नियमों और शर्तों को पढ़कर देखें कि आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या शामिल नहीं है।
  • सुनिश्चित करें कि इंश्योरेंस कंपनी, अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा देती है, और उसका एक प्रतिष्ठित ग्राहक सेवा रिकॉर्ड है।

निष्कर्ष

भारत जैसे देश में, जहां हेल्थ इंश्योरेंस ले पाना एक बड़ी समस्या है वहां ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा फायदेमंद है। यह लोगों को कॉम्प्रहेंसिव हेल्थ कवरेज पाने की मंज़ूरी मिल सकती है, भले ही वे पॉलिसी मूल रूप से उनकी पहुंच से बाहर हों।

इस प्रकार, जब तक आप ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की कमियों को नज़रअंदाज़ नहीं करते हैं, तब तक यह आपको और आपके परिवार को बढ़ते मेडिकल खर्चों से सुरक्षित रखने का एक बेहतर और किफायती तरीका हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

आप ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कैसे कर सकते हैं?

अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, अपने इंश्योरेंस कंपनी से भुगतान के लचीले विकल्पों के बारे में बात करें। अगर उनके पास यह सुविधा है, तो आप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक आधार पर किस्तों में कर सकेंगे।

फिर भुगतान उसी तरह से किया जाता है जैसे रेगुलर वार्षिक प्रीमियम भुगतान, या तो ऑफ़लाइन, ऑनलाइन या आपके खाते से ऑटो-डेबिट को चालू करके।

ईएमआई पर किसे हेल्थ इंश्योरेंस का विकल्प चुनना चाहिए?

ईएमआई पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो मासिक आय पर निर्भर करते हैं, युवा पेशेवर जो अभी शुरुआत कर रहे हैं जो एक बार में बड़ी राशि खर्च नहीं करना चाहते हैं, साथ ही सीनियर सिटीजन के लिए जो बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का सामना करते हैं, उनके लिए एक अच्छा विकल्प है।

ईएमआई पर भुगतान किए जाने पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की गणना कैसे की जाती है?

जब आप ईएमआई पर प्रीमियम का भुगतान करते हैं तब भी प्रीमियम की गणना उसी तरह की जाती है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे:

  • आपके द्वारा चुना गया सम इंश्योर्ड
  • आपने जो हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुना है
  • परिवार के कितने सदस्यों का इंश्योरेंस हुआ है
  • जिन लोगों का इंश्योरेंस हुआ है उनकी उम्र
  • लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जैसे कि धूम्रपान
  • पहले से मौजूद मेडिकल स्थितियां जैसे कि मधुमेह, ब्लड प्रेशर या अस्थमा
  • वह शहर जहां आप रहते हैं, और इसकी चिकित्सा लागत या जोखिम