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आईटीआर न फ़ाइल करने पर क्या होता है

अगर किसी फाइनेंशियल ईयर के लिए इनकम टैक्स फ़ाइल नहीं किया जाता है, तो सरकार आप पर कार्रवाई कर सकती है। इसके अलावा, इन आदेशों का पालन न करना एक गैरकानूनी काम है, अगर आपको विदेश जाना है या लोन लेने है, तो इसका आप पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

इसलिए सभी नागरिकों को पता होना चाहिए कि अगर आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फ़ाइल न किया जाए, तो आप पर दंड लग सकता है।

इस लेख में विभिन्न दंड, तारीख और इनकम टैक्स का भुगतान न करने से जुड़े परिणामों के बारे में बताया जाएगा। ''अगर मैं भारत में इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करता हूं तो क्या होगा?" जवाब जानने के लिए आप आगे पढ़ सकते हैं। 

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 (एवाई2023-24) के लिए इनकम टैक्स फ़ाइल करने की तारीख क्या है?

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स फ़ाइल करने की अहम तारीखें निम्न हैं:

टैक्सपेयर की श्रेणी टैक्स फ़ाइल करने की नियत तिथि - फाइनेंशियल ईयर 2022-23
व्यक्ति/हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली/ एओपी/बीओआई(ऑडिटिंग की जरूरत नहीं ) 31 जुलाई 2023
बिजनेस जिनमें ऑडिटिंग की जरूरत हो 31 अक्टूबर 2023
जिन बिजनेस में ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट की जरूरत होती है 30 नवंबर 2023
संशोधित आईटीआर 31 दिसंबर 2023
विलंबित/विलंबित आईटीआर 31 दिसंबर 2023

16 जुलाई, 2023 तक इन तारीखों में कोई विस्तार नहीं किया गया है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए तारीखें अभी रिलीज नहीं हुई हैं।

[स्रोत]

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए एडवांस टैक्स इंस्टॉलमेंट फ़ाइल करने की तारीखें क्या हैं?

फाइनेंशियल ईयर के आखिर में इनकम टैक्स के तौर पर एकमुश्त राशि का भुगतान करने की बजाए टैक्सपेयर किश्त के तौर पर कमाई के मुताबिक इनकम टैक्स का एडवांस में भुगतान कर सकते हैं। इसको एडवांस टैक्स कहते हैं। 

एडवांस टैक्स के भुगतान की देय तिथि इनकम टैक्स विभाग की ओर से दी जाती हैं, जो निम्न हैं:

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए देय तिथि या अग्रिम टैक्स फ़ाइल करना कंप्लायंस की प्रकृति टैक्स भुगतान
15 जून 2023 पहली किश्त टैक्स लायबिलिटी का 15%
15 सितंबर 2023 दूसरी किश्त टैक्स लायबिलिटी का 45%
15 दिसंबर 2023 तीसरी किश्त टैक्स लायबिलिटी का 75%
15 मार्च 2024 चौथी किश्त टैक्स लायबिलिटी का 100%
15 मार्च 2024 प्रिजम्प्टिव स्कीम टैक्स लायबिलिटी का 100%

आईटीआर फ़ाइल करने के क्या फायदे हैं?

एक जिम्मेदार और आज्ञाकारी नागरिक होने नाते, टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना जरूरी है। टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने के फायदे और महत्व नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं:

  • दंड से बचना: टैक्स डिपार्टमेंट सेक्शन 234एफ के अंतर्गत टैक्स फ़ाइल और उसका भुगतान न करने वालों पर दंड लगता है। आईटीआर की समय सीमा निकल जाने के बाद जुर्माने का भुगतान करना औसत व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है।
  • बैंक से लोन लेना: जब आप घर/कार खरीदने या मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए लोन का आवेदन करते हैं तो पिछले तीन सालों के आईटीआर की जरूरत होती है।
  • आईटीआर का विवरण जरूरी है: सैलरी के लिए आईटीआर दस्तावेज़ जरूरी होते हैं क्योंकि उनमें फॉर्म16 के मुकाबले ज्यादा जानकारी होती है। इनमें आपकी सैलरी और अन्य सोर्स से इनकम की जानकारी होती है। इसके अतिरिक्त,आईटीआर उस संचित इनकम उस के प्रमाण की तरह भी काम करता है जो व्यक्ति ने पूरे साल विभिन्न माध्यमों से कमाई है।
  • वीजा लेने के लिए: कुछ विदेशी देशों जैसे यूके, यूएस, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया वीजा देने के लिए पिछले साल की आईटीआर रसीद मांग सकते हैं। इससे वे इस बात को लेकर संतुष्ट हो जाते हैं कि आप इन देशों में रहते हुए अपना ध्यान रखने में समर्थ हैं।
  • अगले फाइनेंशियल ईयर में होने वाले घाटे की भरपाई की जा सके: जब तक आप आईटीआर नहीं फ़ाइल कर देते हैं तब तक आप किसी भी तरह के घाटे को अगले फाइनेंशियल ईयर में नहीं ले जा सकते हैं। इस प्रकार, रिटर्न दाखिल करना महत्वपूर्ण है ताकि आप बाद के सालों में नुकसान का क्लेम कर सकें।
  • क्लेम रिफंड फ़ाइल करना: इनकम टैक्स रिफंड एक सामान्य प्रक्रिया है और बहुत से लोग इसे हर साल फ़ाइल करते हैं। अपनी टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा का भुगतान कर देने वाले टैक्सपेयर रिफंड का क्लेम करने के योग्य हो जाते हैं।
  • टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना: विदेशी या हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन खासतौर पर किसी संपत्ति की बिक्री या स्थानंतरण के लिए व्यक्ति को एक्ट के सेक्शन 281 के अंतर्गत टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट देना होता है। नियमित तौर पर आईटीआर फ़ाइल करने वाला व्यक्ति ही टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।
  • सरकारी टेंडर के योग्य: अगर कोई व्यक्ति टेंडर फ़ाइल करके सरकारी प्रोजेक्ट करना चाहता है तो पिछले कुछ सालों के इनकम टैक्स रिटर्न जरूरी हो सकते हैं। इसलिए, नियमित आईटीआर ऐसे जरूरी टेंडर के लिए किसी को भी योग्य बना सकता है।

[स्रोत 1]

[स्रोत 2]

कैसे पता करें कि आईटीआर फ़ाइल हो गया है या नहीं?

आपने पिछले कुछ सालों के लिए आईटीआर फ़ाइल कर दिया है या नहीं, यह जांचने के लिए आपको नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा।

स्टेप 1: आईटीआर की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।

स्टेप2: पासवर्ड और पैन नंबर के साथ लॉग इन करें।

स्टेप 3: ई-फ़ाइल> इनकम टैक्स रिटर्न> फ़ाइल किया गया रिटर्न देखें को चुनें

स्टेप 4: ऊपर किया गया यह चुनाव इनकम टैक्स पोर्टल पर दिखाएगा कि इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल कर दिया गया है।

इनकम टैक्स न फ़ाइल करने के परिणाम

इनकम टैक्स न फ़ाइल करने के परिणाम यहां बताए हैं

सैलरी पाने वाले लोगों के लिए

अगर आईटीआर फाइनेंशियल ईयर की 31 जुलाई के बाद फ़ाइल किया गया है तो लेट फीस ₹5,000 होगी। इसके अतिरिक्त जिन लोगों की कुल सालाना इनकम ₹5 लाख से ज्यादा है उनका अधिकतम दंड ₹1,000 तक होगा।

स्वः रोजगार वालों के लिए

स्वः रोजगार वालों के लिए भी नियम ऊपर जैसा ही है, भुगतान की गई लेट फीस के लिए ₹5,000 जुर्माने के तौर पर देने होंगे। और अगर आपकी इनकम ₹5 लाख से ज्यादा नहीं है तो आपको सिर्फ ₹1000 का भुगतान करना होगा।

कंपनी के लिए

आईटीआर के देर से हुए भुगतान के नियम कंपनी के लिए भी वैसे ही हैं। दंड ₹5,000 होगा लेकिन अगर इनकम ₹5 लाख से कम है तो आपको ₹1000 का दंड देना होगा।

सीनियर सिटीजन के लिए

अगर सीनियर सिटीजन देय तिथि पर आईटीआर नहीं फ़ाइल कर पाते हैं उनको भी देरी के लिए ₹5,000 का दंड देना होगा और अगर उनकी इनकम ₹5 लाख से कम है तो ₹1000 का दंड लगाया जाएगा।

हमेशा जांचें कि अगर आईटीआर दाखिल नहीं किया जाता है, आप समय सीमा के भीतर देय राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो क्या होगा।

[स्रोत]

अगर मैं तारीख पर भुगतान नहीं कर पाता हूं तो क्या कोई शुल्क या दंड लगेगा?

देय तिथि में आईटीआर फ़ाइल न होने के मामले में, टैक्सपेयर अपेक्षित दंड देने के बाद रिटर्न फ़ाइल कर सकता है। इस फ़ाइलिंग को बिलेटेड रिटर्न कहते हैं; हालांकि यह सलाह दी जाती है कि आईटीआर की 31 जुलाई, 2023 की देय तिथि से पहले ही भुगतान किया जाए क्योंकि आपको ऐसा न करने पर निम्न परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।

  • लेट फीस: अगर आप 31 जुलाई, 2023 की देय तिथि पर भुगतान नहीं करते हैं तो सेक्शन 234F के अंतर्गत आपको ₹5,000 लेट फीस का भुगतान करना होगा। हालांकि, अगर आपकी कुल इनकम ₹5 लाख से कम है तो दंड ₹1,000 तक कम हो जाएगा। [स्रोत]
  • कारावास: अगर अप तय फाइनेंशियल ईयर के लिए जानबूझकर आईटीआर फ़ाइल नहीं करते हैं तो इनकम टैक्स अधिकारी आपके खिलाफ जुर्माने के साथ 3 महीने से 2 साल तक की अवधि के कारावास का आरोप दायर कर सकता है। अगर आप पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बड़ी राशि बकाया है तो आपकी सजा 7 साल तक बढ़ सकती है।[स्रोत]
  • अतिरिक्त इंटरेस्ट: अगर आप देय तिथि से पहले रिटर्न फ़ाइल करने से चूक जाते हैं तो भुगतान की गई टैक्स राशि पर सेक्शन 234ए के अंतर्गत 1% प्रति महीने या आंशिक महीने का इंटरेस्ट लगाया जा सकता है।[स्रोत]
  • घाटे का समायोजन: अगर आपको स्टॉक मार्केट, म्युचुअल फंड या अपने किसी बिजनेस में घाटा होता है तो अपनी टैक्स लायबिलिटी कम करने के लिए उनकी घोषणा आप अपनी अगले साल की इनकम में कर सकते हैं।
     हालांकि, आईटीआर डेडलाइन तक भुगतान न करने के मामले में यह सुविधा आपके लिए उपलब्ध नहीं होगी।
  • बिलेटेड रिटर्न: तय डेडलाइन के बाद आईटीआर फ़ाइल करने को बिलेटेड रिटर्न कहते हैं। इसके अंतर्गत, ऊपर बताई गई दरों के मुताबिक आपको लेट फीस और इंटरेस्ट देना होगा और आप अपने घाटों को भी अगले फाइनेंशियल ईयर में नहीं ले जा पाएंगे।
     इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, बिलेटेड रिटर्न फ़ाइल करने की देय तिथि फाइनेंशियल ईयर की 31 दिसंबर होती है। (जब तक सरकार की ओर से बढ़ाई ना जाए) एफवाई 2022-23 के लिए, बिलेटेड रिटर्न की देय तिथि 31 दिसंबर, 2023 है। [स्रोत]

पिछले साल का इनकम टैक्स फ़ाइल न करने पर क्या होगा?

अगर पिछले साल का आईटीआर फ़ाइल नहीं किया जाता है तो आप आईटी डिपार्टमेंट के ऑनलाइन पोर्टल पर कोंडोनेशन ऑफ डिले के लिए आवेदन करके बाद में इसे ऑनलाइन फ़ाइल कर सकते हैं। हालांकि, आप चालू फाइनेंशियल ईयर से पहले के केवल दो वर्षों के लिए ही आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप एफवाई 2021-22 और एफवाई 2022-23 के लिए अपना आईटीआर फ़ाइल करना चाहते हैं तो ऐसा एफवाई 2023-24 के अंत तक उदाहरण के लिए 31 मार्च, 2024 तक करना चाहिए।

हालांकि, आपको चालू फाइनेंशियल ईयर की 31 जुलाई की देय तिथि पर भुगतान न कर पाने पर ₹5000 के दंड का भुगतान करना होगा। अगर आपके पास फ़ाइलिंग ना करने का असल कारण है और इनकम टैक्स ऑफिसर आपकी बात से संतुष्ट हो जाते हैं तो हो सकता है कि आपको दंड न देना पड़े। 

क्या कोई शुल्क या दंड भी है?

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए, अगर टैक्सपेयर देय तिथि के बाद लेकिन 31 दिसंबर पर या इससे पहले आईटीआर की घोषणा करता है तो उसे ₹5000 का भुगतान करना होगा। 

निष्कर्ष यह है कि, अगर इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नहीं किया जाता है तो नागरिकों और बिजनेस को दंड का भुगतान करना होगा। इससे बचने के लिए सभी लोगों को इनकम टैक्स बकाया का तेजी से भुगतान करना चाहिए। इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल न करना गंभीर अपराध है और लोगों को इस अपराध की स्थिति के बारे में पता होना चाहिए।

आईटीआर फ़ाइल न करने के परिणामों से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अगर हम भारत में इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं तो क्या होता है?

अगर एक व्यक्ति आईटीआर फ़ाइल नहीं करता है और आईटीआर की तारीख से चूक जाता है तो उनका रिटर्न देर से फ़ाइल और रिफंड होगा, और उसकी प्रक्रिया देर से पूरी होगी। इसके साथ, लेट फ़ाइलिंग फीस सेक्शन 234F के अंतर्गत लागू होती है।

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क्या आईटीआर फ़ाइल न करने पर कारावास की सजा भी हो सकती है?

आईटीआर फ़ाइल न करने पर कारावास की सजा भी हो सकती है, इसमें अवधि 3 महीने से 2 साल के बीच या ज्यादा टैक्स लायबिलिटी के मामले में 7 साल तक हो सकती है। 

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