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आईटीआर फ़ाइल न करने का दंड क्या है?

अपना इनकम टैक्स फ़ाइल करने के कई फायदे होते हैं। हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट के विभिन्न सेक्शन के अंतर्गत देर से किए गए भुगतान के परिणामस्वरूप कई तरह के दंड का सामना करना पड़ता है। 

हमने विभिन्न सेक्शन के अंतर्गत आईटीआर न फ़ाइल करने के लिए सभी तरह के दंड के बारे में यहां बताया है। कौन सा आपके लिए लागू होता है और आप भुगतान कैसे कर सकते हैं, यह जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए।

आईटीआर फ़ाइल न करने के लिए सेक्शन के हिसाब से दंड क्या हैं?

देर से आईटीआर फ़ाइल करने की स्थिति में आप पर लगने वाले शुल्कों के बारे में जानने के लिए निम्न टेबल देखें।

सेक्शन गलती का प्रकार लगाया गया दंड
सेक्शन 234एफ दी गई देय तिथि के बाद आईटीआर फ़ाइल करना अगर असेसमेंट ईयर के 31 दिसंबर से पहले आईटीआर की सूचना दी जाती है तो ₹5000, अगर 31 दिसंबर के बाद लेकिन असेसमेंट ईयर के 31 मार्च से पहले सूचना दी जाती है तो ₹10,000। यह उनके लिए है, जिनकी इनकम ₹5 लाख से ज्यादा है। इनकम इससे कम है तो दंड ₹1000 होगा।
सेक्शन 234ए एक व्यक्ति जो देय तिथि में आईटीआर नहीं फ़ाइल कर पाया और टैक्स बकाया है। निर्धारित देय तिथि के बाद से बकाया टैक्स रकम पर 1% प्रति माह या महीने के कुछ हिस्से पर इंटरेस्ट।
सेक्शन 271एच दी गई देय तिथि में टीडीएस और टीसीएस फ़ाइल न कर पाएं ₹10,000-₹1,00,000, सेक्शन 234ई के अंतर्गत देर से फ़ाइल करने के दंड के अलावा, जो कि टीडीएस/टीसीएस का भुगतान नहीं किए जाने तक ₹200/प्रति दिन है।
सेक्शन 270ए टैक्स योग्य इनकम वाले व्यक्ति आईटीआर नहीं फ़ाइल कर पाते हैं या रिटर्न में इनकम कम दिखाते हैं। उस इनकम पर भुगतान किए गए टैक्स का 50%, जिसके लिए कोई रिटर्न प्रस्तुत नहीं किया गया।

ऊपर टेबल में बताए गए हर आईटीआर दंड कई शर्तों के अधीन है। इनमें से एक है टैक्सपेयर का प्रकार, जिसके आधार पर कई संशोधनों पर विचार किया जा सकता है।

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इनकम टैक्स रिटर्न देर से या न फ़ाइल करने के लिए टैक्सपेयर के हिसाब से दंड क्या है?

देय तिथि के अंदर इनकम टैक्स फ़ाइल न करने के लिए टेक्सपेयर की कैटेगरी और उनके दंड की लिस्ट यहां दी गई है।

  • सैलरी पाने वाले व्यक्ति: यहां पर लोगों की 3 कैटेगरी मानी जाती हैं। 
    • ₹2.5 लाख से नीचे की कुल सालाना इनकम: कोई दंड नहीं (शून्य रिटर्न के लिए कोई आईटीआर दंड नहीं)
    • ₹5 लाख से नीचे की कुल सालाना इनकम: अधिकतम दंड ₹ 1,000 से ज्यादा नहीं हो सकता है। 
    • ₹5 लाख से ज्यादा की कुल सालाना इनकम: ₹10,000 तक
  • कंपनी: ₹10,000 तक
  • सेल्फ़ एम्प्लॉयड व्यक्ति: ₹10,000 तक
  • सीनियर सिटीजन: सेक्शन 234एफ के अंतर्गत आईटीआर फ़ाइल न करने पर उपयुक्त दंड निम्न मानदंड पूरा करने वाले सीनियर सिटीजन पर ही लागू होता है। 
    • ₹3 लाख से ज्यादा कुल सालाना इनकम के साथ आयु 60-80 साल के बीच
    • ₹5 लाख से ज्यादा कुल सालाना इनकम के साथ आयु 80 साल से अधिक

अब ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी सालाना कुल इनकम टैक्स योग्य इनकम से ज्यादा नहीं है। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो आप सोचते होंगे कि देर से आईटीआर फ़ाइल करने के लिए लगाया गया दंड आपको कैसे प्रभावित कर सकता है। हमारे पास इन सबका जवाब है।

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क्या टैक्स योग्य लिमिट से कम इनकम वाले लोगों को भी देर से आईटीआर फ़ाइल करने का दंड देना पड़ता है?

आमतौर पर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों और इंस्टिट्यूट पर आईटीआर फ़ाइल न करने के लिए दंड नहीं लगता है, जिनकी कुल इनकम छूट की लिमिट से कम हो। हालांकि, यूनियन बजट 2019 ने असेसमेंट ईयर 2020-21 से प्रभावी इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन पेश किए हैं, जो टैक्स योग्य इनकम न होने के बावजूद निम्न परिस्थितियों में टैक्सपेयर के लिए आईटीआर फ़ाइल करना अनिवार्य बनाते हैं।

  • जिन्होंने बिजली खपत पर ₹1 लाख से ज्यादा खर्चे किए हों।
  • जिन लोगों ने विदेशी यात्रा पर ₹2 लाख से ज्यादा खर्चे किए हों।
  • जिन लोगों के पास बैंक के एक या कई करंट अकाउंट में ₹1 करोड़ से ज्यादा का जमा हो।
  • जो भारतीय नागरिक हैं लेकिन उनकी इनकम विदेशी संपत्ति से होती है।

इनकम टैक्स ऐक्ट के नए संशोधनों में शामिल शर्तों में से एक या अन्य को आप पूरा करते हैं तो आपको आईटीआर न फ़ाइल करने के लिए बताया गया दंड देना होगा। जैसा कि पहले ही बताया गया है, यह उन लोगों पर भी लागू होता है जिनकी कुल इनकम टैक्स योग्य नहीं है।

अब जब आप जानते हैं कि कौन सी स्थितियों में आपको आईटीआर फ़ाइल करना होगा तो बताई गई देय तिथि के अंदर अपना रिटर्न फ़ाइल न करने पर दंड का भुगतान करने की प्रोसेस के बारे में भी आपको पता होना चाहिए।

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आईटीआर दंड का भुगतान कैसे करें?

ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों प्रोसेसओं के माध्यम से देर से आईटीआर फ़ाइल के दंड का भुगतान किया जा सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न ना फ़ाइल करने का दंड भुगतान करने का प्रोसेस यहां बताया गया है।

ऑनलाइन प्रोसेस

चरण 1: इनकम टैक्स ई-फ़ाइलिंग के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।

चरण 2: बाएं वाले कॉलम में “ई-पे टैक्स” पर क्लिक करें।

चरण 3: आपको एक नई विंडो में मैसेज दिखेगा कि भुगतान जारी रखने के लिए आपको एनएसडीएल की वेबसाइट पर जाना होगा।“अन्य बैंकों के प्रोटीअन (पहले एनएसडीएल) टैक्स पेमेंट पेज पर जाने के लिए” यहां क्लिक करें।

चरण 4: अब आप एनएसडीएल की वेबसाइट के नए पेज पर आ जाएंगे, जिसमें “नॉन-टीडीएस/टीसीएस” के अंतर्गत चालान के कई ऑप्शन मिल जाएंगे। “चालान नंबर/आईटीएनएस280.” के अंतर्गत “आगे बढ़ें” पर क्लिक करें।

चरण 5: अगले पेज पर आपको भरने के लिए फ़ॉर्म मिलेगा। 

चरण 6: आगर आप व्यक्तिगत टैक्सपेयर के तौर पर आईटीआर फ़ाइल न करने के लिए दंड का भुगतान कर रहे हैं, तो “लागू होने वाले टैक्स के लिए”, “(0021) इनकम टैक्स (कंपनियों के अलावा अन्य)” का चुनाव करें। आगे अब चुनें “टाइप ऑफ पेमेंट” के अंतर्गत “(300)सेल्फ असेसमेंट टैक्स” को चुनें।

चरण 7: अब पेमेंट मोड “नेट बैंकिंग” और “डेबिट कार्ड” में से चुनाव करें। अन्य मामलों में, ड्रॉप-डाउन मेन्यू से बैंक का चुनाव करें। अपना बैंक अकाउंट नंबर भरें और सही असेसमेंट ईयर चुनें।

चरण 8: अब अपने निवास का विवरण, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर फील्ड में भरें। दिया गया सिक्योरिटी कोड भरें और “आगे बढ़ें” पर क्लिक करें।

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ऑफ़लाइन प्रोसेस

आईटीआर देर से जमा करने के शुल्क का ऑनलाइन भुगतान आप निम्न चरण के साथ ऑनलाइन भी कर सकते हैं।

चरण 1: इनकम टैक्स इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

चरण 2: होम पेज पर टॉप मेन्यू से “फ़ॉर्म्स/डाउनलोड्स” को चुनें। ड्रॉप-डाउन मेन्यू के “चालान” पर क्लिक करें।

चरण 3: अगले पेज पर, आपको डाउनलोड किए जाने वाले चालान की लिस्ट मिलेगी। अपनी सुविधानुसार “आईटीएनएस-280” के बगल वाले “पीडीएफ” और “फ़ाइलेबल फ़ॉर्म” में से किसी विकल्प पर क्लिक करें।

चरण 4: डाउनलोड किया हुआ फ़ॉर्म नीचे दी गई तस्वीर जैसा दिखेगा।

अगर आप डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं तो आपको यह फ़ॉर्म नजदीकी बैंक ब्रांच से भी मिल जाएगा। सही जानकारी के साथ इस फ़ॉर्म को भरें।अब, संबंधित बैंक में दंड रकम के साथ इस फ़ॉर्म को सब्मिट करें। आप कैश या चेक से भुगतान करके रसीद ले सकते हैं।

चालान की रसीद भुगतान की पुष्टि के तौर पर काम करेगी और इसे बाद में चालान सत्यापन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह डॉक्यूमेंट न होने पर आप यह साबित नहीं कर पाएंगे कि दंड का भुगतान आपने टैक्स दिया है और या फिर गंभीर परिणाम भी हो अकते हैं।

टैक्स रिटर्न ना फ़ाइल करने के लिए क्या आपको कैद की सजा हो सकती है?

अभी तक, यहां पर देय तिथि में आईटीआर फ़ाइल ना करने के परिणामों से संबंधित कुछ परिस्थितियों के बारे में बताया गया था। अगर टैक्सपेयर असेसमेंट ईयर के लिए अपना इनकम टैक्स नहीं फ़ाइल कर पाता/पाती है तो उस व्यक्ति को सेक्शन142(1), 148, या 153ए के अंतर्गत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस मिलेगा। अगर इसके बाद भी आईटीआर फ़ाइल नहीं किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति को टैक्स चोरी के लिए इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 276सीसी के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ सकता है।

कारावास के संबंध में खास बातें निम्न हैं।

  • ₹25 लाख से ज्यादा संभावित टैक्स चोरी के लिए: आईटीआर ना फ़ाइल करने के लिए दंड के साथ कम से कम 6 महीने के लिए की जेल, जो बढ़कर 7 साल भी हो सकती है।
  • अन्य मामलों के लिए: निर्धारित दंड के साथ 3 महीने की जेल, जो 2 साल तक बढ़ सकती है।

देर से टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने के लिए दिए जाने वाले विभिन्न दंडों के बारे में विस्तृत गाइड के बारे में यहां बताया गया है। अगर आप इस बार समय से आईटीआर फ़ाइल नहीं कर पाएं हैं तो समय रहते दंड भर दें। इसके साथ ही अब जब आप विपरीत परिस्थितियों के बारे में जानते हैं तो अगले असेसमेंट ईयर में ऐसे परिणामों से बचने के लिए आईटीआर समय से फ़ाइल कर दें।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या सेक्शन 234ए के अंतर्गत टैक्सपेयर को आईटीआर देर से फ़ाइल करने के लिए ब्याज के आलावा दंड का भुगतान भी करना होता है?

सेक्शन 234ए के अंतर्गत जब आपके ऊपर टैक्स की बकाया रकम होती है तो आपको सिर्फ ब्याज का भुगतान ही करना होता है। अगर आपने सभी टैक्स का भुगतान नहीं किया है तो आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न भी नहीं फ़ाइल कर पाएंगे। इसलिए देर से आईटीआर फ़ाइल करने के लिए दंड यहां लागू नहीं होता है। देर से आईटीआर फ़ाइल करने के परिणाम यहां बहुत सीमित हैं।

क्या देर से आईटीआर दंड फ़ाइल करने पर सीनियर सिटीजन को कुछ छूट मिलती है?

हां, यूनियन बजट 2021 में अगर सीनियर सिटीजन निम्न मानदंड पूरे करते हैं तो उनको इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने पर कुछ छूट दी गई है। 

  • उनकी उम्र 75 साल से ज्यादा है। 
  • उनकी इनकम का जरिया सिर्फ पेंशन और फिक्स्ड डिपॉजिट हैं।
  • इसके साथ ही ब्याज उसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से मिलना चाहिए, जहां पेंशन जमा है।
  • संबंधित व्यक्तियों को अपने संबंधित फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को जरुरी जानकारी देते हुए एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा।
  • बताया गया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन केंद्रीय सरकार की ओर से अधिसूचित में से एक होना चाहिए। 

इन मानदंडों को पूरा करने वालों को आईटीआर फ़ाइल न करने के लिए दंड नहीं देना पड़ता है। हालांकि, उन्हें तब भी इनकम टैक्स का भुगतान करना होगा, जिसका डिडक्शन उनके बैंक काउंट से किया जाएगा।

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क्या आईटीआर फ़ाइल न करने पर सेक्शन 276सीसी के अंतर्गत मुकदमा चलाने में कोई छूट मिलती है?

हां, निम्न मानदंडों को पूरा करने वाले लोग इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 276CC के अंतर्गत कार्यवाही के अधीन नहीं हो सकते हैं।

  • टैक्सपेयर असेसमेंट ईयर खत्म होने से पहले आईटीआर प्रस्तुत करता है।
  • टैक्सपेयर की ओर से टीडीएस और एडवांस टैक्स से इतर उनकी कुल इनकम पर दिया गया कुल टैक्स ₹10,000 से ज्यादा ना हो।

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