ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस

डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस में ज़ोन अपग्रेड का विकल्प पाएं

ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में सबकुछ जानें

भारत के शहरों को उनकी आबादी के हिसाब से तीन टियर में वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण हाउस रेंट अलाउंस आवंटन के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसके कई दूसरे इस्तेमाल भी हैं; उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की कीमतें।

हां, आपने सही सुना!

आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आपका स्वास्थ्य और इंश्योर की गई कुल रकम ही आपके पॉलिसी की प्रीमियम भुगतान राशि को निर्धारित करने वाले कारक नहीं होते। आपका आवासीय शहर भी आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी की कीमत निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस वर्गीकरण को ज़ोन आधारित हेल्थ इंश्योरेंस के नाम से जाना जाता है।

आइए, इसके अर्थ के बारे में विस्तार से जानते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस में ज़ोन का क्या मतलब होता है?

यह एक सामान्य ज्ञान है कि बड़े मेट्रो शहरों में स्वास्थ्य के देखभाल की कीमत छोटे शहरों से ज्यादा होती है। इसीलिए, छोटे शहरों में स्वास्थ्य देखभाल की मांग को ज्यादा किफायती बनाने के लिए इंश्योरेंस कपनियों ने ज़ोन-आधारित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बनाई हैं।

लेकिन, इस संबंध में 'ज़ोन' शब्द का क्या मतलब होता है?

इसका मतलब तीन ज़ोन से होता हैं जिनमें भारत के शहरों को वर्गीकृत किया गया है, जैसे:

ज़ोन ए ज़ोन बी ज़ोन सी
दिल्ली, एनसीआर, मुंबई (नवी मुंबई, थाने और कल्याण सहित) हैदराबाद, सिकंदराबाद, बेंगलोर, कोलकाता, वड़ोदरा, चेन्नई, पुणे और सूरत ज़ोन ए और बी में आने वाले शहरों के अलावा बाकी सभी शहर ज़ोन सी में आते हैं

लेकिन इलाज खर्च के मुताबिक शहरों का वर्गीकरण एक इंश्योरेंस कंपनी का दूसरी से अलग हो सकता है (ऊपर दिया गया वर्गीकरण डिजिट इंश्योरेंस के लिए है)।

अब, ज़ोन ए शहरों में इलाज खर्च ज़ोन बी शहरों की तुलना में काफी ज्यादा होता है। ज़ोन सी के शहरों में चिकित्सा खर्च और भी कम है। इसीलिए, ज़ोन आधारित इंश्योरेंस प्लान इसके लिए दी गई प्रीमियम की रकम को ही शहर के इलाज खर्च के मुताबिक तय किया जाता है।

 

इसके बारे में और जानें:

ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत प्रीमियम की कैलकुलेशन कैसे की जाती है?

ज़ोन-आधारित हेल्थ इंश्योरेंस का एक मुख्य फ़ायदा यह है कि यह हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को 10% -20% तक कम कर देता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप दिल्ली (ज़ोन ए का शहर) के निवासी हैं, तो आपको 10 लाख रुपए के इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम के रूप में 6,448 रुपए तक का भुगतान करना पड़ सकता है, लेकिन अगर आप सूरत में रहते तो आपको यही पॉलिसी लगभग 5,882 रुपए में उपलब्ध होती। इसके अलावा, अगर आप किसी भी ज़ोन सी के शहर में रह रहे हैं, तो आपकी प्रीमियम की कीमत और भी कम हो जाएगी (केवल रु. 5,315)।

ज़ोन अपग्रेड कवर कैसे मददगार है?

ज़ोन अपग्रेड कवर तब काम आता है जब पॉलिसीधारक ज़ोन सी या ज़ोन बी के शहर में होता है और इलाज कराने के लिए ऊपरी ज़ोन में जाना चाहता है।

इसमें, ज़ोन अपग्रेड कवर पॉलिसीधारकों को जहां वो जा रहे हैं, उस शहर में इलाज खर्च के मुताबिक प्रीमियम का भुगतान करने की अनुमति देकर प्रीमियम भुगतान को प्रभावित करता है।

अगर हम ऊपर दिए गए उदाहरण को देखें, और सूरत से दिल्ली में जाना चाहें ,तो इलाज खर्च की कीमत अपने आप ही बढ़ जाएगी। ऐसे में, आप ज़ोन अपग्रेड कवर ले सकते हैं और दिल्ली की जरूरतों के मुताबिक ज्यादा भुगतान कर सकते हैं। 

ज़ोन बेस्ड प्रीमियम की उदाहरण सहित कैलकुलेशन

इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए आइए इस उदाहरण को नीचे दी गई टेबल देखते हैं:

ज़ोन सी ज़ोन बी ज़ोन ए
20% सह-भुगतान के साथ प्रीमियम है रु. 5315 10% सह-भुगतान के साथ प्रीमियम है रु. 5882 0% सह-भुगतान के साथ प्रीमियम है रु. 6448
कोई नहीं ज़ोन अपग्रेड ऐड-ऑन शुल्क के रूप में रु. 567 (ज़ोन सी -> बी) का भुगतान करें ज़ोन अपग्रेड ऐड-ऑन शुल्क के रूप में रु. 1133 (ज़ोन सी -> ए) का भुगतान करें
कोई नहीं 10% सह-भुगतान शुल्क बचाएं 20% सह-भुगतान शुल्क बचाएं

 

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के ज़ोन आधारित मूल्य निर्धारण में नीचे दिए गए विवरणों का भी पालन करना होगा:

पॉलिसिधारक के आवास में बदलाव - मान लीजिए कि आप मेरठ के निवासी हैं, लेकिन काम की वजह से आपको मुंबई जाना पड़ेगा। इसलिए, अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप ज़ोन अपग्रेड कवर का फ़ायदा उठा सकते हैं और अपने ज़ोन को मेरठ से मुंबई में अपग्रेड कर सकते हैं।

क्योंकि मेरठ (ज़ोन बी का शहर) की तुलना में मुंबई (ज़ोन ए का शहर) में इलाज खर्च ज्यादा है, इसलिए इंश्योरेंस कंपनी आपके प्रीमियम भुगतान को इसके मुताबिक समायोजित करेगी और आपको ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

दूसरी तरफ, अगर आप ज़ोन बी या सी के शहर में रहते हैं, लेकिन किसी भी ज़ोन ए शहर (बेहतर अस्पतालों और सुविधाओं के कारण) में अपना इलाज कराना चाहते हैं, तो आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ ज़ोन अपग्रेड कवर का फ़ायदा उठाना चाहिए।

उन्नत इलाज का क्लॉज - कुछ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं जो पॉलिसीधारक के ज़ोन सी शहर से ज़ोन बी या ज़ोन ए शहर में जाने पर उनकी पॉलिसी कवरेज को सीमित कर देती हैं।

ऐसे मामले वाले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में, इंश्योरेंस कंपनी ज्यादातर एक सह-भुगतान का क्लौज़ देती है, जिसमें इंशयोर किए गए व्यक्ति को स्वास्थ्य देखभाल में हुए खर्च का एक भाग का भुगतान खुद ही करना होता है।

 

इसके बारे में और जानें:

ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कैसे अपग्रेड करें?

डिजिट इंश्योरेंस जैसी इंश्योरेंस कंपनियां ज़ोन अपग्रेड ऐड-ऑन की पेशकश करते हैं जो पॉलिसीधारकों को अपने शहरों में इलाज खर्च के मुताबिक अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को अपग्रेड करने का फ़ायदा लेने की अनुमति देता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप किसी ज़ोन सी शहर के निवासी हैं और आपके पास सिर्फ उस शहर में इलाज खर्च को कवर करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो इसे आप ज़ोन बी या ज़ोन ए के इलाज खर्च के मुताबिक बनाने के लिए ज़ोन-अपग्रेड ऐड-ऑन का फ़ायदा उठा सकते हैं।

इस अपग्रेड के साथ आप अगर ज़ोन बी या ए के शहरों में इलाज कराना चाहते हैं तो इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत ज्यादा कवरेज ले सकते हैं। आप बस इस ऐड-ऑन कवर का विकल्प चुन सकते हैं और अपने प्लान में ज़ोन-आधारित अपग्रेड ले सकते हैं।

ज़ोन ए या ज़ोन बी में क्या बेहतर है?

प्रतिस्पर्धी चिकित्सा के मामले में ज़ोन ए शहरों को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। भले ही वे ज़ोन बी या ज़ोन सी के शहरों की तुलना में ज्यादा महंगे हैं, लेकिन आप इन शहरों में सबसे उन्नत स्वास्थ्य देखभाल पा सकते हैं। इस तरह, इन शहरों में इलाज खर्च अन्य दो क्षेत्रों की तुलना में स्वतः ही ज्यादा है।

ज़ोन ए इलाज के मामले में बेहतर होने के साथ ही इसका मतलब ज्यादा कीमत और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए ज्यादा प्रीमियम भुगतान भी होता है।

लेकिन, ज़ोन अपग्रेड कवर का फ़ायदा उठाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। आप बस अपनी मौजूदा पॉलिसी में अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके इसे अपग्रेड कर सकते हैं।

ज़ोन आधारित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में आपने विस्तार से जान लिया है तो आइए अब इसके नुकसान और फ़ायदों के बारे में भी संक्षेप में जान लें।

ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे मददगार होती है?

ज़ोन बी या ज़ोन सी शहरों में रहने वाले और उसी शहर में ही स्वास्थ्य सेवा चाहने वालों के लिए ज़ोन-आधारित इंश्योरेंस प्लान प्रीमियम भुगतान को काफी कम कर सकती है।

यह एक ऐसा भत्ता है जो लोगों को उनके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के प्रति उनकी वित्तीय देनदारी को कम करने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा, अगर वे ज़ोन ए शहर में स्वास्थ्य सेवा लेना चाहते हैं, तो इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करने और इसे अपग्रेड करने का विकल्प उनके पास हमेशा होता है। जब वे एक ऊंचे क्षेत्र में अपग्रेड होते हैं, तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ज़ोन ए शहर में इलाज खर्च को कवर करने के लिए पर्याप्त हो जाती है। इससे वे क्लेम के समय इलाज खर्च बचा सकते हैं और उन्हें अलग-अलग ज़ोन के लिए इलाज खर्च में आए अंतर के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता है।

इस तरह, यह स्वास्थ्य देखभाल लाभ लेने के लिए एक बहुत सुविधाजनक तरीका है।

ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के नकारात्मक पक्ष

ज़ोन-आधारित प्लान के ज्यादातर मामलों में इंश्योरेंस कंपनियां एक कोपे क्लॉज लगाती हैं। इस सह-भुगतान क्लॉज के साथ इंश्योरेंस प्रीमियम सस्ता हो सकता है, लेकिन आपको लंबे समय में अपने इलाज खर्च को कवर करने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। ऐसे में पॉलिसी आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

क्या ज़ोन बेस्ड कीमत पर इंश्योरेंस लेना एक सही विचार है?

एड-ऑन ज़ोन-आधारित हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना फ़ायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे आपको अपने स्वास्थ्य देखभाल के लिए अपने प्रीमियम भुगतान पर काफी बड़ी राशि बचाने में मदद मिलेगी।

लेकिन, यह सुनिश्चित करने के लिए आपकी स्वास्थ्य देखभाल पॉलिसी के इस प्रावधान की तय शर्तों को देखना जरूरी है ताकि आप जो कर रहे हैं, उसके बारे में अच्छी तरह से जानते हों!

इसलिए, अच्छी तरह से शोध करें, पॉलिसी की शर्तें देखें और ज़ोन-आधारित कीमत तय होने के प्रावधान के साथ अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को और भी ज्यादा फ़ायदेमंद बनाएं!

ज़ोन बेस्ड हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मैं मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर ज़ोन अपग्रेड कवर का फ़ायदा उठा सकता हूं?

यह शर्त इंश्योरेंस कंपनियों की ऑफ़र की गई पॉलिसी के लिए खास है। कभी-कभी, जब इंश्योरेंस कंपनी ऐड-ऑन देती है, तो वो इसके साथ एक प्रतीक्षा अवधि या ऐसी ही अन्य शर्तें रखती हैं।

क्या सह-भुगतान क्लॉज पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद है?

भले ही सह-भुगतान क्लॉज आपके प्रीमियम भुगतान को कम कर देता है, लेकिन यह क्लेम निपटारे के दौरान आपकी वित्तीय देनदारी बढ़ा सकता है। इसलिए, ऐसी पॉलिसी लेना बेहतर है जो इस क्लॉज को लागू नहीं करती है।

क्या शहरों का ज़ोन बेस्ड वर्गीकरण सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए समान होता है?

नहीं, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भुगतान के लिए ज़ोन-आधारित वर्गीकरण अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के बीच अलग-अलग हो सकता है।