रेड लाइट जंपिंग/तोड़ने पर चालान के बारे में अपडेट
दुर्घटनाओं के कारण मृत्यु के मामलों में भारत सबसे ऊपर है। 2016 में, 1.5 लाख से ज्यादा भारतीय लोगों को सड़क दुर्घटना के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। यह आंकड़ा बहुत ज्यादा है। इनमें से लगभग 60% दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की वजह से हुईं, वहीं अन्य का कारण ट्रैफ़िक नियमों का पालन न करना और रेड लाइट सिग्नल तोड़ना रहा।
ये आकड़े बताते हैं कि ट्रैफ़िक नियमों को सख्ती से लागू करने का समय आ चुका है, खास तौर पर सिग्नल के नियमों को। ट्रैफ़िक नियमों को सिग्नल पर सहजता के गाड़ी चलाने के लिए बनाया गया, खास तौर पर चौराहों के लिए।
लाल रंग की वेवलेंथ सबसे ज्यादा होती है और इसे आप दूर से भी देख सकते हैं और सजग हो सकते हैं। यह खतरे का रंग है जो आपको अपनी स्पीड कम करने का इशारा करता है। ट्रैफ़िक सिग्नल में रेड लाइट सबसे ऊपर होती है ताकि आप इसे दूर से भी आसानी से देख सकें। पीली लाइट बताती है कि लोगों को रुकने या आगे बढ़ने के लिए धीरे गाड़ी चलानी है। बहुत से चालक इसका पालन करते हैं, लेकिन कुछ लोग नजरअंदाज कर देते हैं। ग्रीन लाइट आपको रुके हुए लोगों के सामने से निकल जाने का इशारा करती है।
आपको ट्रैफ़िक नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए नहीं तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
क्या रेड लाइट सिग्नल तोड़ना गैरकानूनी है?
ट्रैफ़िक नियम या रेड लाइट सिग्नल तोड़ना अपराध माना जाता है और मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत इसे गैर कानूनी कहा गया है।
रेड लाइट सिग्नल तोड़ने पर क्या चालान लगता है?
अगर आप ट्रैफ़िक नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको 1000/- रुपए का जुर्माना भरना पड़ता है। मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन से पहले, रेड लाइट सिग्नल तोड़ने पर 100-300 रुपए का चालान कटता था।
ये राशि ट्रैफ़िक नियम तोड़ने वाले सभी प्रकार के वाहनों के लिए एक समान है। ये वाहन के प्रकार पर निर्भर नहीं करता।