वाहन चलाना बहुत से लोगों के लिए बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इससे उन्हें सुविधा और स्वतंत्रता मिलती है। दूसरे शब्दों में कहें तो, एक जगह से दूसरी जगह जाने की सुविधा से जीने का तरीका आसान हो जाता है। अक्सर, गाड़ी चलाना सीखना और उसके बाद वैध ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना भी हमारे जीवन की बड़ी उपलब्धि होती है!
लेकिन, गाड़ी चलाना एक जिम्मेदारी भी है, गाड़ी चलाते समय सभी ट्रैफ़िक नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है, खास तौर पर शराब पीकर गाड़ी न चलाना आपकी बड़ी जिम्मेदारी है। आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका कोई गलत फैसला और गलत व्यवहार कहीं दुर्घटना का कारण तो नहीं बन रहा या दूसरों के जीवन को खतरे में तो नहीं डाल रहा।
जीवन बहुत अनमोल होता है, इसलिए गाड़ी चलाते समय आपको यह ध्यान होना चाहिए कि घर पर कोई आपका इंतजार कर रहा है। व्यक्ति को हर वक्त ट्रैफ़िक नियमों का पालन करना चाहिए, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी वजह से कहीं दूसरों का जीवन खतरे में तो नहीं पड़ रहा। और सबसे जरूरी बात यह है कि आपको शराब पीकर गाड़ी चलाने से बचना चाहिए। शराब पीकर गाड़ी चलाना भारत में बहुत चिंताजनक है।
क्या शराब पीकर गाड़ी चलाना गैर कानूनी है?
हां, यह गैरकानूनी है! मोटर वाहन अधिनियम 1988, के सेक्शन 185 के मुताबिक, शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना गैरकानूनी है। अगर 100एमएल खून में 30एमजी से ज्यादा एलकोहल की मात्रा पाई जाती है, या फिर चालक के खून के नमूने में ड्रग्स की मौजूदगी पाई जाती है, तो भारतीय कानून के अंतर्गत उस व्यक्ति को दंड दिया जा सकता है और उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
शराब पीकर गाड़ी चलाना जुर्म की श्रेणी में आता है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए, जिनमें चालक शराब या ड्रग्स के नशे में पाए गए। देश में सभी प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं में से, 1.9% घटनाओं का कारण शराब या ड्रग्स लेने के बाद गैर जिम्मेदार तरीके से गाड़ी चलाना रहा। इस कारण से साल 2021 में, 2,935 लोगों की मौत हुई और 7,235 लोगों को चोटें आईं।. (1)