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टीडीएस क्या है: अर्थ, टीडीएस सर्टिफिकेट को कैसे देखें और डाउनलोड करें

टीडीएस का मतलब बिल का भुगतान करते हुए आधिकारिक डिडक्टर की ओर से सोर्स पर काटे गए टैक्स से है। यह भारत की केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाता है और किसी भी इनकम पर लागू होता है। डिडक्शन के अलग-अलग प्रोविजन और डिडक्शन की लिमिट के साथ टीडीएस के अंतर्गत 27 सेक्शन हैं।

टीडीएस क्या है?

टीडीएस एडवांस इनकम टैक्स, 1961 के ऐक्ट के अंतर्गत आता है और सभी संस्थाएं इसके भुगतान के लिए उत्तरदायी होती हैं। टीडीएस सरकार की ओर से टैक्स चोरी रोकने और इनकम के सोर्स पर इसे इकट्ठा करने का टूल है। इनकम के स्त्रोत में शामिल है, सैलरी, इंटरेस्ट, किराया, ब्रोकरेज, प्रोफेशनल सर्विस वगैरह। 

अगर एक फाइनेंशियल ईयर में टीडीएस इनकम टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा हो जाता है तो आपको रकम वापस मिल सकती है। अतिरिक्त रकम आईटीआर फाइल करके और डिडक्टर की ओर से जारी फॉर्म 26एएस/टीडीएस सर्टिफिकेट के आधार पर टीडीएस क्लेम करके रिफंड हो सकती है।अगर प्राप्तकर्ता, भुगतानकर्ता/डिडक्टी पैन कार्ड नहीं दे पाता है तो उसकी इनकम पर ज्यादा टीडीएस लग सकता है। टीडीएस जमा करने के लिए टैन और पैन दो जरूरी डॉक्यूमेंट हैं।

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टीडीएस कौन काट सकता है?

एक संगठन (व्यक्तियों या एचयूएफ के अलावा) जिसकी अकाउंट बुक का ऑडिट किया जाता है। वह सीमा के अधीन कुछ भुगतानों से टीडीएस काटने और टीडीएस चालान के माध्यम से सरकार को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। टीडीएस के तहत किया गया भुगतान, चुकाए गए बिल से डिडक्शन के योग्य होता है। व्यक्ति या एचयूएफ टीडीएस नहीं काट सकते हैं क्योंकि वह ऐसा डिडक्शन करने के लिए अधिकृत नहीं होते हैं। वह कुछ भुगतानों पर टीडीएस काट सकते हैं, अगर वह एक ऐसा 'बिज़नेस' चलाते हैं जिसका टर्नओवर या बिक्री या प्राप्तियां 1 करोड़ रुपए से अधिक है ('प्रोफेशन' के मामले में, लिमिट 50 लाख रुपए है)।

डिडक्टर की ओर से टीडीएस सरकारी अकाउंट में हर महीने के 7वें दिन जमा किया जाना चाहिए। अलग-अलग प्रोडक्ट और सर्विस के लिए टीडीएस डिडक्शन के रेट अलग-अलग होते हैं। 

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टीडीएस की डिडक्शन क्यों की जाती है?

देय तिथि या असल भुगतान के समय, में जो भी पहले हो, टीडीएस उस पर कटना चाहिए। अगर इंवॉइस मई, 2023 की है लेकिन भुगतान जून 2023 को किया जाना है तो मई (चालान जारी करने का समय) में टीडीएस बकाया हो जाएगा, इसलिए इसकी डिडक्शन मई में होनी चाहिए और भुगतान 7 जून से पहले। 

टीडीएस क्यों काटा जाता है, का जवाब यह कब काटा जाता है, के कांसेप्ट को आसान बना सकता है। टीडीएस बिना बाद की तारीख का इंतजार किए इनकम के स्त्रोत पर लागू इनकम टैक्स का हिस्सा है। इसलिए, इसे काटने का सही समय किसी रकम या बिल का भुगतान करते समय होता है।

अलग-अलग तरह के भुगतान के लिए टीडीएस की दर क्या है?

टीडीएस की दर विभिन्न सेक्शन के अनुसार अलग-अलग होती है ।

अलग-अलग टीडीएस दरों को समझने के लिए निम्न टेबल को देखें

भुगतान का सेक्शन और प्रकृति 

भुगतान करने वाला  लागू दर 
सेक्शन 192, सैलरी सैलरी पाने वाले व्यक्ति लागू इनकम टैक्स स्लैब
सेक्शन 192ए, ईपीएफ का समय से पहले विड्रावल व्यक्तिगत  कुल रकम का 10%
सेक्शन 193, सिक्योरिटी पर इंटरेस्ट की रकम व्यक्तिगत  10%
सेक्शन 194, डिविडेंड घरेलू कंपनियां 10%
सेक्शन 194ए, संपत्ति और सिक्योरिटी पर इंटरेस्ट टैक्सपेयर और एचयूएफ को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को ऑडिट कराना होगा 10%
सेक्शन 194बी, किसी प्रतियोगिता या लॉटरी के माध्यम से इनकम रकम पर लागू व्यक्तिगत  30%
सेक्शन 194बीबी, हॉर्स रेस जीतने पर इनामी रकम कोई भी व्यक्ति 30%
सेक्शन 194सी, कांट्रेक्टर टैक्सपेयर और एचयूएफ को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को ऑडिट कराना होगा व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए 1% और अन्य टैक्सपेयर के लिए 2 %
सेक्शन 194डी, इंश्योरेंस कमिशन इंश्योरेंस एग्रीग्रेटर व्यक्तियों और एचयूएफ के लिए 5% और अन्य एजेंट्स के लिए 10%
सेक्शन 194डीए, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी व्यक्तिगत  1%
सेक्शन 194ई, नॉन-रेजिडेंशियल खिलाड़ी को किया गया भुगतान व्यक्तिगत  20%
सेक्शन 194ईई, एनएसएस के अंतर्गत डिपॉजिट व्यक्तिगत  10%
सेक्शन 194जी, लॉटरी टिकट की बिक्री से मिला कमिशन व्यक्तिगत  10%
सेक्शन 194एच, कमाए गए कमिशन या ब्रोकरेज पर टीडीएस टैक्सपेयर और एचयूएफ को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को ऑडिट कराना होगा 5%
सेक्शन 194आई, किराए पर टीडीएस टैक्सपेयर और एचयूएफ को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को ऑडिट कराना होगा 2%(मशीन या उपकरण से) या 10% (लैंड, बिल्डिंग और फर्नीचर से)
सेक्शन 194आईए, अचल सम्पत्तियों के हस्तांतरण के लिए अर्जित किए गए फंड पर टीडीएस (कृषि भूमि को छोड़कर) व्यक्तिगत  1%
सेक्शन 194आईबी, व्यक्तियों और एचयूएफ की ओर से किराया टैक्सपेयर और एचयूएफ को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को ऑडिट कराना होगा 5%
194आईसी, अनुबंध पर भुगतान व्यक्तिगत  10%
सेक्शन194जे, रॉयल्टी, प्रोफेशनल या टेक्नीकल सर्विसेस टैक्सपेयर और एचयूएफ को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को ऑडिट कराना होगा 10%
194एलए, अचल संपत्ति के अधिग्रहण के लिए मुआवजा व्यक्तिगत  10%
सेक्शन 194एलबी, एनफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड इंटरेस्ट से हुई इनकम एनफ्रास्ट्रक्चर डेट फंड 5%
194एलबीए, बिजनेस ट्रस्ट की यूनिट से इनकम बिजनेस ट्रस्ट रेजिडेंशियल इंडिविजुअल के लिए 10% और एनआरआई के लिए 5%
सेक्शन 194एलबीबी, इंवेस्टमेंट फंड की यूनिट से हुई इनकम इंवेस्टमेंट फंड 40%
सेक्शन 194एलबीसी, सिक्योरिटाईजेशन ट्रस्ट के इंवेस्टमेंट पर हुई इनकम पर टीडीएस सिक्योरिटाईजेशन ट्रस्ट व्यक्तियों के लिए 25% और एचयूएफ और इंवेस्टमेंटकों के लिए 30%
सेक्शन 194एलसी, भारतीय कंपनी से हुई इनकम भारतीय कंपनी और बिजनेस ट्रस्ट 5%
सेक्शन 194एलडी, किसी खास सरकारी सिक्योरिटी और बॉन्ड के इंटरेस्ट से हुई इनकम पर टीडीएस व्यक्तिगत  5%
सेक्शन 195 गैर-संगठनात्मक इकाई या विदेशी कंपनी को हुआ भुगतान व्यक्तिगत  जैसा कि डीटीएए या इनकम टैक्स ऐक्ट में बताया गया 
सेक्शन 196बी, ऑफशोर फंड से इनकम व्यक्तिगत  10%
सेक्शन 196सी, विदेशी करंट बॉन्ड से इनकम व्यक्तिगत  10%
सेक्शन196डी, विदेशी संस्थागत इंवेस्टमेंट कों से इनकम व्यक्तिगत  20%

हालंकि, अगर आप पैन कार्ड जमा नहीं करते हैं तो इसका डिडक्शन 20% पर होगा। 

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टीडीएस को कैसे जमा करवाएं?

टीडीएस का कॉन्सेप्ट है कि यह आपके इनकम स्रोत से ही डिडक्ट किया जाएगा और सरकार के पास भेज दिया जाएगा। इस प्रकार डिडक्शन करने वाली संस्था की यह जिम्मेदारी होती है कि वह इस पैसे को सरकार के पास जमा करवा दें। टीडीएस डिपॉजिट करवाने की प्रक्रिया निम्न है: 

  • ई पेमेंट के लिए एनएसडीएल की वेबसाइट पर जाएं।
  • टीसीएस/टीडीएस सेक्शन के अंतर्गत चालान नंबर ITNS 281 को चुनें। यहां आपको टैन, असेसमेंट ईयर, पिन कोड और मोड ऑफ पेमेंट भरना होता है।
  • इसके बाद रेगुलर असेसमेंट में टीडीएस और टीडीएस डिडक्टिड या पेबल के बीच एक को चुनें। "जमा" पर क्लिक करें।
  • टैन के साथ एक कंफर्मेशन नंबर आ जाएगा। मास्टर डेटा के आधार पर टैक्सपेयर का नाम भी आ जाएगा।
  • इसके बाद आप भुगतान पेज पर आ जाएंगे। अपना भुगतान कर सकेंगे।

भुगतान हो जाने के बाद, भुगतान के सबूत के तौर पर सीआईएन के साथ काउंटरफॉइल, पेमेंट कंफर्मेशन और बैंक विवरण मिल जाएंगे। अब आपको टीडीएस रिटर्न भरना होगा। 

टीडीएस रिटर्न क्या है?

टीडीएस के बारे में जानते समय, लोगों को टीडीएस रिटर्न के बारे में भी पता होना चाहिए। यह टैक्सपेयर को टीडीएस के तौर पर काटी गई अतिरिक्त रकम वापस करता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर टीडीएस इनकम टैक्स का एक भाग है तो इसे भरने के बाद भी व्यक्ति के पास साल के अंत में हर साल इनकम टैक्स लायबिलिटी क्यों होती है?

आपको समझना होगा कि पेमेंट में देरी को रोकने के लिए टीडीएस इनकम के सोर्स पर कटने वाला एक टैक्स है। अगर भुगतान किया गया टीडीएस आपकी टैक्स लायबिलिटी से ज्यादा हो जाता है तो सरकार अतिरिक्त रकम वापस कर देती है।

यह रिटर्न लेने के लिए आपको अपने टैक्स डिडक्टर से टीडीएस सर्टिफिकेट लेना चाहिए। टीडीएस रिटर्न फाइल करने के दौरान टीडीएस सर्टिफिकेट का होना जरूरी होता है। 

टीडीएस रिटर्न कब फाइल करें?

 

आप साल के हर क्वार्टर में एक सुनिश्चित तारीख पर अलग-अलग ट्रांजेक्शन के लिए टीडीएस फाइल कर सकते हैं। इसे फाइल करते समय आपको टैन, डिडक्टी का पैन, भुगतान का प्रकार और भुगतान की रकम भरनी होगी। 

टीडीएस फाइल करने की तारीख निम्न हैं -

फॉर्म नंबर ट्रांजेक्शन का प्रकार जिस पर टीडीएस कटा है रिटर्न फाइल करने की देय तारीख
24क्यू/26क्यू सैलरी क्यू1 – 31 जुलाई, क्यू2 – 31अक्टूबर, क्यू3 – 31 जनवरी, क्यू4 – 31 मई
27क्यू नॉन-रेजिडेंट को किया गया कोई भी भुगतान (सैलरी नहीं) क्यू1 – 31 जुलाई, क्यू2 – 31 अक्टूबर, क्यू3 – 31 जनवरी, क्यू4 – 31 मई
26क्यूबी संपत्ति की बिक्री टीडीएस डिडक्शन के महीने के आखिर से 30 दिन
26क्यूसी किराया टीडीएस डिडक्शन के महीने के आखिर से 30 दिन

टीडीएस रिटर्न कैसे फाइल करे?

टीडीएस रिटर्न फाइल करने के लिए-

1. आपको इंडियन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा। 

2. अब आपको नेविगेशन बार के टीडीएस टैब में "टीडीएस अपलोड करें" पर क्लिक करना होगा। 

3. नीचे दी गई जानकारी भरने के बाद वैलिडेट पर क्लिक करें-

  • एफवीयू वर्जन
  • फाइनेंशियल ईयर
  • फॉर्म का नाम
  • क्वार्टर
  • अपलोड का प्रकार

4. अब आपको टीडीएस की जिप फाइल अपलोड करनी होगी। आपको एक सिग्नेचर फाइल या फिर डीएससी को अटैच करना होगा। सभी फाइल को चुनने के बाद आपको "अपलोड" पर क्लिक करना होगा। 

5. अगर टीडीएस सफलतापूर्वक भरा जाता है तो आपकी मेल आईडी और रजिस्टर्ड फोन नंबर पर मैसेज भेजा जाता है। 

भरे हुए टीडीएस रिटर्न को देखने के लिए आपको नेविगेशन बार में टीडीएस टैब के व्यू फाइल टीडीएस टैब पर क्लिक करना होगा। 

सरकार के पास टीडीएस जमा करवाने की देय तारीख

सरकार को टीडीएस का भुगतान करने की देय तारीख उसी महीने का 7वां दिन होता है। उदाहरण के लिए अगर आपका टीडीएस 1 से 30 सितंबर के बीच डिडक्ट हुआ है तो आपको इसे 7 अक्टूबर तक डिपॉजिट करना होगा। हालांकि, यह दो मामलों में अलग हो सकता है:

  • अगर टीडीएस मार्च में कटा है तो आप उसे कैलेंडर ईयर के हिसाब से 30 अप्रैल तक भर सकते हैं।
  • अगर आपका टीडीएस किराए या फिर किसी भी प्रॉपर्टी के खरीदने पर कटा है तो जिस महीने टीडीएस कटा है उसके अगले 30 दिन के अंदर आप उसे डिपॉजिट करवा सकते हैं।

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टीडीएस सर्टिफिकेट क्या है?

 

अगर आप टीडीएस सर्टिफिकेट क्या है, का जवाब ढूंढ लेते हैं तो अलग-अलग सोर्स की इनकम पर टीडीएस डिडक्शन से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको मिल सकते हैं। यह एक ऐसा सर्टिफिकेट होता है जो टीडीएस डिडक्ट करने वाली संस्था उस व्यक्ति के नाम पर बनाती है जिसका टीडीएस डिडक्ट किया गया है। यह एक तरह का सबूत होता है जिसमें यह पता चलता है कि आपकी रकम सरकार तक पहुंच चुकी है। 

आपको यह भी जानना चाहिए कि टीडीएस सर्टिफिकेट किस प्रकार का है और टीडीएस सर्टिफिकेट के अलग-अलग कितने प्रकार होते हैं? 

फॉर्म भुगतान के प्रकार का सर्टिफिकेट फ्रिक्वेंसी और देय तिथि
फॉर्म 16 सैलरी का भुगतान सालाना, 31 मई
फॉर्म 16 ए नॉन-सैलरी भुगतान रिटर्न फाइल करने की देय तिथि से 15 दिन तक हर क्वार्टर
फॉर्म 16 बी संपत्ति की बिक्री रिटर्न फाइल करने की देय तिथि से 15 दिन के हर ट्रांजेक्शन
फॉर्म 16 सी किराया रिटर्न फाइल करने की देय तिथि से 15 दिन के हर ट्रांजेक्शन

टीडीएस सर्टिफिकेट देखने के चरण

आप डिडक्टर से टीडीएस सर्टिफिकेट लेने के साथ निम्न चरणों का पालन करके इसे ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं:

1. ट्रेसेस के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं। कैप्चा कोड भरके “आगे बढ़ें” पर क्लिक करें। 

2. नीचे बताए गए दस्तावेज प्रदान करें -

  • डिडक्टर का टैन
  • भुगतान करने वाले का पैन
  • टीडीएस सर्टिफिकेट नंबर 
  • फाइनेंशियल ईयर 
  • इनकम का स्रोत 
  • सर्टिफिकेट के मुताबिक टीडीएस रकम 

3. “वेलिडेट” पर क्लिक करें।

4. टीडीएस सर्टिफिकेट दोबारा डाउनलोड करने के लिए आपको निम्न डाटा देना होगा:

  • पैन
  • टैन 
  • फाइनेंशियल ईयर
  • क्वार्टर
  • रिटर्न का प्रकार 

अब “डाउनलोड करें” पर क्लिक करें।

टीडीएस सर्टिफिकेट ऑप्शन डिडक्टी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है?

टीडीएस सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि डिडक्ट की गई रकम जब्त नहीं की जाएगी और सरकार के पास जमा भी नहीं की जाएगी। इसलिए आप समय पर यह संबंधित डॉक्यूमेंट दिखाकर टीडीएस रिटर्न क्लेम कर सकते हैं।

टीडीएस को देर से या न भरने पर क्या दंड भरना पड़ता है?

रिटर्न देर से फाइल करने के लिए 

टैक्स न भरना एक दंडनीय अपराध है, हालांकि देर से भुगतान करने पर दंड का सामना करना पड़ता है। पेमेंट की देय तिथि से टैक्स फाइल करने तक दंड ₹200 प्रति दिन होता है।अगर आपकी लेट फीस सारे टैक्स अमाउंट से ज्यादा हो जाती है तो लेट फाइन टीडीएस की भुगतान योग्य रकम के जितना होगा।

उदारहण के लिए, आपके टीडीएस की भुगतान योग्य रकम ₹5000 और देय तिथि 20 मई है। आपने 24 नवंबर को पहले क्वाटर का रिटर्न फाइल किया था, तो आप 105 दिनों से लेट हो गए हैं।

₹200 X दिन 105 = ₹21000

इसलिए, आपकी भुगतान योग्य टीडीएस रकम ₹5000 है जो ₹21000 से कम है। आपको दंड के तौर पर केवल ₹5000 ही भरने होंगे।

टीडीएस का देर से भुगतान करने के लिए [सोर्स]

अगर टीडीएस समय से डिडक्ट हो गया है लेकिन उसका भुगतान टीडीएस डिपॉजिट की देय तिथि तक नहीं किया गया है तो इस स्थिति में टीडीएस भुगतान की असल तारीख तक 1.5% प्रति महीने का इंटरेस्ट लगाया जाएगा।

अगर टीडीएस नहीं कटता है तो जिस तारीख को टीडीएस कटना था से लेकर जब यह असल में कटा है, तब तक हर महीने 1% प्रति महीने का इंटरेस्ट लगता है।

किस स्थिति में टैक्सपेयर टैक्स की रकम के रिफंड या लागू टीडीएस में डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते है?

  • जब आपकी कुल इनकम आपके इनकम टैक्स भुगतान योग्य स्लैब में न आ रही हो। 
  • जब भुगतान किया गया टीडीएस टैक्स भुगतान योग्य लायबिलिटी से ज्यादा हो। 
  • टैक्स का भुगतान करने वाले व्यक्ति को वर्तमान महीने की इनकम में नुकसान हुआ हो। 
  • जब पिछले साल का जोखिम इस साल कैरी फॉरवर्ड कर दिया गया हो। 
  • जब टैक्सपेयर टैक्स में छूट के योग्य हो। 

आप टीडीएस डिडक्शन से बचने के लिए फॉर्म 15जी या 15एच को भर कर जमा कर सकते हैं। टीडीएस का रिफंड या नॉन रिडक्शन क्लेम करने के लिए फॉर्म 13 भरा जा सकता है। 

टैक्सपेयर को पता होना चाहिए कि टीडीएस क्या होता है और रिटर्न फाइल करने और अधिकतम बेनिफिट प्राप्त करने के लिए इसे क्यों काटा जाता है। यह भुगतान करने वालो को लाभ देने वाला एक्ट है जो इनकम टैक्स के भुगतान को काफी आसान बना देता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सैलरी पर टीडीएस का क्या रेट है?

सैलरी पर टीडीएस इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। सैलरी पर लगने वाली दर को सेस के साथ लागू किया जाता है।

क्या टीडीएस सैलरी की सीटीसी रकम पर भी लागू होता है?

इनकम टैक्स आपकी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस पर लागू होता है। टीडीएस आपकी टैक्स लायबिलिटी के स्लैब पर निर्भर करता है। इस आधार पर टीडीएस सीटीसी पर लागू नहीं होता है।