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हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन/राइडर से संबंधित सभी बातें जो आपको जाननी चाहिए

आपने एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस योजना खरीदी है,और आपको इस बात से राहत मिल रही है कि अब से आपके स्वास्थ्य संबंधी सभी खर्चे कवर किए गए हैं। लेकिन कुछ खास जरूरतें हैं जिनको हेल्थ इंश्योरेंस योजना कवर नहीं करती है।

फिर उनके लिए क्या?

यही वो कारण है जहां हेल्थ इंश्योरेंस राइडर की जरूरत पर नज़र जाती है!

अगर आपके पास पहले से ही हेल्थ इंश्योरेंस योजना है तो इस बात की बहुत उम्मीद है कि आपने ऐड-ऑन या राइडर के बारे में सुना होगा। अब इस बात को विस्तार से बताने की ज़रूरत है कि वे क्या करते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन या राइडर क्या हैं ?

संक्षेप में कहें तो ये शर्तें अतिरिक्त फायदे या कवरेज वाली हैं, जो मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस योजना की सुविधाओं में तो नहीं आतीं लेकिन अतिरिक्त प्रीमियम देने पर अलग से जोड़ दी जाती हैं ।

हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन या राइडर हेल्थ इंश्योरेंस योजना के साथ ही ऊपर से लिया जा सकता है, ताकि इसके फायदों को बढ़ाया जा सके या पूर्व-निर्धारित घटनाओं के लिए इंश्योर की गई राशि का फायदा उठाया जा सके।

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेन्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (आईआरडीएआई)   के अनुसार, सिंगल हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत आने वाले सभी राइडर्स या ऐड-ऑन के लिए कुल प्रीमियम, मूल प्रीमियम राशि के 30% से अधिक नहीं हो सकता।

उदाहरण के तौर पर, आप ₹ 7,00,000 बीमा राशि के लिए ₹ 5,000 प्रतिवर्ष प्रीमियम के फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस योजना की सुविधा ले रहे हैं। आपने अपनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना में 5 ऐड-ऑन जोड़ने का निर्णय लिया। इस मामले में आईआरडीएआई(IRDAI) के बताए हुए नियम के अनुसार आपके द्वारा दिया गया अतिरिक्त प्रीमियम ₹ 1500 (5000 x 30%) से अधिक नहीं होना चाहिए।

हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?

भारत में विभिन्न प्रकार की ऐड-ऑन हेल्थ इंश्योरेंस योजनाएं निम्न लिखित हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन क्या कवर होता है?
कमरे के किराए में छूट इस हेल्थ इंश्योरेंस राइडर के अंतर्गत या तो आप अपनी पॉलिसी में दिए गए हॉस्पिटल के कमरे के किराए की उप सीमा बढ़ा सकते हैं, या कमरे के किराए के लिए नई उप-सीमा चुन सकते हैं।
मैटरनिटी कवर ये राइडर गर्भावस्था और बच्चे के जन्म से जुड़े हुए सभी खर्चों को कवर करता है।
हॉस्पिटल कैश कवर यह इंश्योरेंस देने वाले द्वारा प्रतिदिन कैश एलाउंस के रूप में दी जाने वाली सुविधा है, जो हॉस्पिटल में भर्ती के दौरान बीमा धारक को दी जाती है।
क्रिटिकल बीमारी कवर कैंसर, हृदय रोग, आदि जैसी बीमारियां।
व्यक्तिगत दुर्घटना कवर किसी भी व्यक्ति को सभी प्रकार की दुर्घटना में लगी चोटें, जिसमें विकलांगता, मृत्यु आदि भी शामिल है।
ज़ोन अपग्रेड यह ऐड-ऑन, इंश्योर हुए व्यक्ति किस क्षेत्र में इलाज की मांग कर रहा है, इस आधार पर सहायता के लिए अतिरिक्त वित्तीय फायदे की अनुमति देता है।
आयुष उपचार कवर इस ऐड-ऑन में,आप वैकल्पिक उपचार के तरीकों (आयुर्वेद, यूनानी, योग, सिद्ध, और होम्योपैथिक) के लिए वित्तीय सुविधा कवर करते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं में ऐड-ऑन के प्रकार- व्याख्या

1. कमरे के किराए में छूट

एक स्टैण्डर्ड हेल्थ इंश्योरेंस योजना में हॉस्पिटल के कमरे का किराया एक दायरे में सीमित कर दिया जाता है। जब आप ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं में कमरे के किराए में छूट के लिए ऐड-ऑन शामिल कर देते हैं, दायरा बढ़ा देते हैं, या सीमा-रहित लागू कर देते हैं।

कोई सीमा नहीं होने की हालत में, कमरे का किराया इंश्योरर्ड राशि की सीमा तक हो सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस राइडर और महत्वपूर्ण हो जाता है, अगर आप महानगर के शहरों के हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं, जहां हॉस्पिटल के कमरे का किराया बहुत अधिक है।

उदाहरण के तौर पर, आपकी स्टैण्डर्ड हेल्थ इंश्योरेंस योजना में कमरे के किराए का दायरा ₹ 1500 प्रति रात का है। इस वजह से, आप कमरे के किराए में छूट के लिए ऐड-ऑन लेते हैं और उप-सीमा बढ़ कर ₹ 4000 प्रति रात हो जाती है।

2. मैटरनिटी कवर

मैटरनिटी कवर  के साथ आप गर्भावस्था और बच्चे के जन्म से जुड़े हुए सभी खर्चों को कवर करने की सुविधा पाते हैं। कुछ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी की मेच्योरिटी के समय तक बच्चे के खर्चे या  मैटरनिटी कवर के तहत बच्चे के जन्म से 3 महीने तक को कवर करने सुविधा भी देते हैं।

3. हॉस्पिटल कैश कवर

इस हेल्थ इंश्योरेंस राइडर के तहत, इंश्योरर द्वारा आपके हॉस्पिटल में भर्ती होने के समय के दौरान प्रतिदिन कैश एलाउंस की सुविधा दी जाती है। इंश्योर हुए व्यक्ति को एलाउंस लेने के लिए 24 घंटे से अधिक या एक दिन हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहिए।

यह हॉस्पिटल में भर्ती होने के दौरान किए जाने वाले भुगतान के खर्चों की भरपाई के लिए दिया जाता है, और इसका इस्तेमाल वाहन, भोजन आदि ज़रूरी खर्चों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।

4. क्रिटिकल बीमारी कवर

इस ऐड-ऑन के तहत, इंश्योरेंस कंपनियां किसी भी गंभीर बीमारी का पता चलने पर इंश्योर हुए व्यक्ति को एक-मुश्त राशि दे देती है, भले ही उपचार में बढ़ा हुआ खर्च कितना भी हो।

माना,आपने ₹ 5 लाख इंश्योर की गयी राशि की हेल्थ इंश्योरेंस योजना का फायदा उठाया। आप क्रिटिकल बीमारी कवर ऐड-ऑन जो ₹ 15 लाख है का फायदा उठाने का भी फैसला करते हैं।

अगर आपको कैंसर होने की जानकारी मिलती है, और आप इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम करते हैं, इस मामले में आपको तुरंत ₹ 15 लाख एक-मुश्त राशि दे दी जाएगी भले ही आपके इलाज का खर्च ₹ 9.5 लाख ही हो।

5. व्यक्तिगत दुर्घटना कवर

यह ऐड-ऑन इंश्योर हुए व्यक्ति के लिए दुर्घटना में हुए नुकसान की भरपाई के लिए वित्तीय कवर देता है। इसमें आंशिक विकलांगता, स्थायी विकलांगता, मृत्यु आदि शामिल हैं।

दुर्घटना की वजह से मृत्यु हो जाने पर इंश्योर हुए व्यक्ति का परिवार इस ऐड-ऑन के तहत आने वाली एक-मुश्त राशि पाता है।

6. जोन अपग्रेड

जोन अपग्रेड में आप भिन्न-भिन्न शहरी क्षेत्र में इलाज के लिए ऊंचा वित्तीय कवर पा सकते हैं। क्षेत्रों को शहर के मेडिकल खर्चों के हिसाब से बांटा गया है। किसी खास क्षेत्र में मेडिकल खर्च जितना अधिक होगा, उसे ऐसे वर्गीकरण में उतना ही अधिक रखा जाएगा।

यह ऐड-ऑन आपको अलग-अलग क्षेत्रों में उपचार लागत में फर्क होने की वजह से थोड़े अधिक प्रीमियम के साथ अकाउंट की अनुमति देता है। लेकिन बाद में आप अपने कुल प्रीमियम पर 10%-20% की बचत कर सकते हैं।

भारत में विभिन्न जोन:

  • जोन ए - दिल्ली/एनसीआर (NCR), मुंबई (नवी मुंबई, ठाणे और कल्याण शामिल)
  • जोन बी  - हैदराबाद, सिकंदराबाद, बंगलूरु, कोलकाता, अहमदाबाद, वडोदरा, चेन्नई, पुणे और सूरत। 
  • जोन सी - ए और बी में शामिल सभी शहरों को छोड़ कर अन्य सभी शहर सी क्षेत्र में आते हैं।

डिजिट में फ़िलहाल हमारे पास दो ज़ोन हैं: ज़ोन ए (ग्रेटर हैदराबाद, दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर मुम्बई) और ज़ोन बी (बाकी सभी क्षेत्र)। अगर आप ज़ोन बी में हैं, तो आपको प्रीमियम पर अतिरिक्त छूट मिलती है। इतना ही नहीं, हमारे यहां ज़ोन आधारित को-पेमेंट भी नहीं मांगा जाता।

7. आयुष कवर

आप वैकल्पिक चिकित्सा तरीके से जुड़े हुए इलाज के हॉस्पिटल में भर्ती होने होने पर हुए खर्चों के लिए वित्तीय कवर का फायदा उठा सकते हैं। जिसमें- आयुर्वेद, यूनानी, योग, सिद्ध, और होम्योपैथिक शामिल हैं।

यह कवर केवल वृद्ध नागरिकों या व्यक्ति के 60 साल से अधिक होने पर ही मिलता है।

 

अस्वीकरण: अलग-अलग इंश्योरेंस प्रोवाइडर द्वारा अलग-अलग तरह के ऐड-ऑन उपलब्ध कराया जाता है। अपनी इंश्योर कंपनी से जानकारी लें कि वह आपको किस तरह के ऐड-ऑन उपलब्ध करा रही है।

लेकिन, क्या आपको हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत आने वाले सभी ऐड-ऑन या राइडर लेने की जरूरत है?

बिल्कुल नहीं!

अगर आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के सभी राइडर बस इसलिए ले लेते हैं क्योंकि यह सुरक्षित है, तो यह आपके जेब पर बहुत बड़ा बोझ बन जाएगा।

इसलिए, समझदारी इसी में है कि इंश्योरेंस का चयन व्यक्तिगत मौजूद मेडिकल स्थिति, पारिवारिक मेडिकल इतिहास, जीवनचर्या आदि को ध्यान में रख कर करें, चयन से पहले देख लें कि कौन सा ऐड-ऑन किस व्यक्ति के लिए सही है।

महत्वपूर्ण: कोरोना हेल्थ इंश्योरेंस के फायदों को समझें

हेल्थ इंश्योरेंस ऐड-ऑन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या ऐड-ऑन कैशलेस सेटेलमेंट के लिए उपलब्ध है?

हाँ, ऐड-ऑन आपके इंश्योरर नेटवर्क वाले हॉस्पिटल के लिए कैशलेस सेटलमेंट के लिए उपलब्ध हैं।

जोन अपग्रेड कवर के लिए शहरों का वर्गीकरण कैसे किया है?

इसके लिए, इंश्योरेंस कंपनी शहरों के मेडिकल खर्चों की लागत को ध्यान में रख कर वर्गीकरण करती है।

क्या हॉस्पिटल कैश कवर का इस्तेमाल मेडिकल के खर्चों के अलावा अन्य मद में भी कर सकते हैं?

हाँ, हॉस्पिटल कैश कवर के तहत पाए हुए कैश एलाउंस को इस्तेमाल करने के लिए कोई बंधन नहीं है।