क्या रिन्यूअल पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में कोई बदलाव हुआ है?

जानें कि जब आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस का रिन्यूअल करते हैं तो क्या होता है अपनी डिजिट पॉलिसी को तुरंत रिन्यू करें

रिन्यूअल पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम क्यों बढ़ता है?

क्या आपने कभी नोट किया है कि रिन्यूअल पर आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ जाता है और आपको पता ही नहीं है कि ऐसा क्यों होता है? यह जानने के लिए पढ़ें कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम हर साल क्यों बढ़ता है, आप इस बढ़ोतरी को कैसे कम कर सकते हैं और डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस के साथ क्या क्या रिन्यूअल फ़ायदे प्राप्त कर सकते हैं।

आपके वेतन से लेकर, आपके घर के किराए, ईंधन और खाने की प्राइस तक। समय और मुद्रास्फ़ीति (इंफ्लेशन) आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम सहित जीवन के हर खर्चों को प्रभावित करते हैं।

और इन अधिकांश चीज़ों की तरह, इस बढ़ोतरी की बेसिक वज़ह भी मुद्रास्फ़ीति है। यह आपको चौंका सकता है (या नहीं) लेकिन हेल्थकेयर इंडस्ट्री में मुद्रास्फ़ीति अन्य इंडस्ट्रीज़ की अपेक्षा बहुत ज़्यादा होता है।

हालांकि, हेल्थ संबंधी मुद्रास्फ़ीति के अलावा कई अन्य कारण भी हैं जिनकी वज़ह से आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम रिन्यूअल पर बढ़ सकता है जैसे कि आपकी उम्र, कवरेज फ़ायदे , वर्ष के दौरान आपके द्वारा किए गए क्लेम और निश्चित रूप से आपकी ओवरआल हेल्थ और सेहत भी।

आइए इनमें से प्रत्येक कारण की गहराई से जांच करें और देखें कि रिन्यूअल पर आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम क्यों बढ़ता है, और आप इस संबंध में क्या कर सकते हैं।

रिन्यूअल पर आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ने के कारण

#1 हेल्थकेयर मुद्रास्फ़ीति

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, हेल्थकेयर में मुद्रा स्फ़ीति 12 से 18% की दर से बढ़ रहा है! इसमें दवाओं की लागत, हॉस्पिटल में एडमिशन चार्ज, विभिन्न ट्रीटमेंट की कॉस्ट, मेडिकल एडवांसमेंट आदि शामिल है।

इन खर्चों में बढ़ोतरी के कारण, आपकी इंश्योरेंस कंपनी को भी हर साल आपकी सम इंश्योर्ड में बढ़ोतरी करनी पड़ती है ताकि आपके क्लेम करते समय आपका कवरेज इनकी कॉस्ट को कवर करने में सक्षम बना रहे।

यही कारण है कि जब आप नए पॉलिसी वर्ष के लिए रिन्यूअल करते हैं तो आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में भी बढ़ोतरी हो जाती है।

आप इस संबंध में क्या कर सकते हैं?

बुरी खबर यह है कि, चूंकि यह सीधे चिकित्सा खर्चों से जुड़ी है, और आपके सम इंश्योर्ड में बढ़ोतरी भी आवश्यक है, आप इस संबंध में ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं।

हालांकि, अच्छी खबर यह है कि कुछ इंश्योरेंस कंपनी आपकी क्लेम हिस्ट्री के आधार पर रिन्यूअल डिस्काउंट और बोनस देती हैं।

इसलिए, यह देखने के लिए कि आपके प्लान में इनमें से कोई फ़ायदे हैं या नहीं, अपनी इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करें (या केवल अपने पॉलिसी डाक्यूमेंट्स की जांच करें)। अगर आपका डिजिट के साथ हेल्थ इंश्योरेंस है - तो आप अपनी पॉलिसी समरी देख सकते हैं।

फिर भी, हां, हम उन लोगों को क्यूमुलेटिव बोनस बेनिफिट देते हैं जिन्होंने पिछले वर्ष में कोई क्लेम नहीं किया है। इसका मतलब है, हम आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में कोई बढ़ोतरी किए बिना आपकी सम इंश्योर्ड बढ़ाते हैं! 😊

इसे अपनी हेल्थ की अच्छी देखभाल के बदले एक छोटा सा इनाम मानें !

इसके अतिरिक्त, हम ऐड-ऑन कवर भी प्रदान करते हैं, जहां आप अपने सम इंश्योर्ड को हर साल 25,000 रुपये या 50,000 रुपये तक खुद ब खुद बढ़ाकर मुद्रास्फ़ीति-प्रूफ होने के लिए अपने प्लान को कस्टमाइज़ कर सकते हैं!

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने क्लेम किया है या नहीं, और इस फ़ायदे के लिए प्रीमियम में बढ़ोतरी केवल रिन्यूअल के समय ही लागू होगी।

#2 आपकी क्लेम हिस्ट्री

कुछ इंश्योरेंस कंपनी वर्ष के दौरान आपके द्वारा किए गए क्लेम्स की संख्या और अमाउंट के आधार पर आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी करती हैं। हालांकि, यह ज़रूरी भी नहीं कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ऐसा करें।

यह जांचने के लिए कि क्या आपका हेल्थ इंश्योरेंस आपके क्लेम की हिस्ट्री के आधार पर प्रीमियम को बढ़ाता है, अपने पॉलिसी डाक्यूमेंट्स खोलें और अपने क्लेम सेक्शन, या उस सेक्शन की जांच करें जहां नियम और शर्तें दी हुई हैं।

अगर आपके पास डिजिट की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो आपको चिंता करने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि हम आपके द्वारा किए गए क्लेम्स की संख्या या अमाउंट के आधार पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी नहीं करते हैं।

आप इस संबंध में क्या कर सकते हैं?

अगर आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपके क्लेम की हिस्ट्री के आधार पर प्रीमियम में बढ़ोतरी करती है, तो आप अपने मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी के साथ इस संबंध में ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि यह उनके नियमों और शर्तों का हिस्सा है।

हालांकि, आप किसी अन्य हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पर अपना प्लान पोर्ट करने पर विचार कर सकते हैं जो इस शर्त के साथ नहीं आता है। पोर्टिंग एक ऐसी चीज है जिसे आप केवल रिन्यूअल के दौरान ही कर सकते हैं, इसलिए अन्य विकल्पों की जांच करें और उसी के अनुसार अपना निर्णय लें।

#3 आपकी उम्र

आप यह पहले से ही जानते होंगे कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम आम तौर पर आपकी उम्र सहित विभिन्न फैक्टर्स पर डिपेंड करता है।

कुछ मामलों में, उम्र में बढ़ोतरी भी रिन्यूअल पर आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को अफेक्ट कर सकती है। यह रिन्यूअल के दौरान या उसके ठीक पहले 60 की उम्र को छूने वालों के लिए विशेष रूप से सच है।

आप इस संबंध में क्या कर सकते हैं?

आप समय को पीछे तो नहीं ले जा सकते और फिर से युवा नहीं हो सकते हैं, लेकिन आप जो कर सकते हैं वह यह है कि आप जिस सम इंश्योर्ड के लिए जाते हैं, उसके बारे में ध्यान रखें। अगर आप अपेक्षाकृत युवा हैं, तो आपको शायद बहुत ज़्यादा कवरेज की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर आपके पास अपने सीनियर माता-पिता के लिए कोई प्लान है, तो उन्हें हायर कवरेज की आवश्यकता हो सकती है।

इसलिए, हमेशा अपनी और अपने परिवार के सम इंश्योर्ड को उनकी उम्र और हेल्थ संबंधी ज़रूरतों के आधार पर कस्टमाइज़ करें।

#4 कवरेज फ़ायदों में बदलाव

अपने हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यूअल के दौरान, आप अपने इंश्योरेंस कंपनी के नियमों और शर्तों के आधार पर अपने कवरेज और फ़ायदों में बदलाव करवा सकते हैं।

आप इसे इस हक़ीक़त के कारण भी चुन सकते हैं कि अगर आपको लगता है कि आपको ज़्यादा कवरेज की आवश्यकता नहीं है या कुछ परिस्थितियों में बदलाव के कारण (हो सकता है कि आप मेटरनिटी ऐड-ऑन का ऑप्शन चुनने का प्लान बना रहे हों या हाल ही में कोई स्वास्थ्य समस्या डायग्नोज़ हो गई हो जिसके लिए ज़्यादा कवरेज की ज़रूरत पड़ेगी) आप अपने कवरेज फ़ायदों को बदलना चुन सकते हैं।

इसलिए, अगर आप ऐड-ऑन का ऑप्शन चुनने या अपने सम इंश्योर्ड को बढ़ाने का निर्णय लेने जैसे बदलाव करते हैं; तो आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भी उसी के आधार पर बढ़ जाएगा।

आप इस संबंध में क्या कर सकते हैं?

इस मामले में आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का डिटेल में रिव्यू करें, इस तरह आप देख सकते हैं कि आपके प्लान में क्या कवरेज और फ़ायदे उपलब्ध हैं, और क्या वह आपकी बढ़ती हेल्थ ज़रूरतों के लिए पर्याप्त हैं या नहीं। आप अपनी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी के साथ अन्य सम इंश्योर्ड ऑप्शंस को भी खोज और उन्नत कर सकते हैं।

एक और चीज जो आप कर सकते हैं, वह है अन्य हेल्थ इंश्योरेंस प्लांस की ऑनलाइन तुलना करना - बस यह देखने के लिए कि क्या कोई अन्य प्लान है जो आपकी आज की स्थिति के लिए बेहतर और उपयुक्त है।

#5 आपका स्वास्थ्य और अच्छाई

अब, आप पहले से ही समझते हैं कि कि मुद्रास्फ़ीति के कारण आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कम से कम थोड़ा तो बढ़ ही जाएगा। हालांकि, अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी इस बात पर भी विचार करते हैं कि आप पिछले वर्ष में कितने स्वस्थ रहे हैं और आपको उसी के अनुसार रिवॉर्ड भी देते हैं।

उदाहरण के लिए: डिजिट पर, अगर आपने वर्ष के दौरान कोई क्लेम नहीं किया है - तो हम आपको एक संचयी बोनस लाभ प्रदान करते हैं, यानि हम रिन्यूअल के दौरान आपके प्रीमियम में कोई बढ़ोतरी किए बिना आपका कवरेज बढ़ा देते हैं!

इसी तरह, कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी भी रिन्यूअल पर आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को बढ़ा सकते हैं अगर आपको हाल ही में किसी बीमारी का पता चला है जिसके लिए आपको ज़्यादा कवरेज की आवश्यकता होगी।

आप इस संबंध में क्या कर सकते हैं?

इसका स्पष्ट उत्तर यह है कि आपको अपने हेल्थ की अच्छी देखभाल करनी चाहिए! हालांकि, हम जानते हैं कि जीवन अनिश्चित है और कभी-कभी आप कितने भी सावधान क्यों न हों, चीजें हो ही जाती हैं!

अगर आप वर्ष के दौरान छोटे क्लेम को टाल सकते हैं, तो भी आप संचयी बोनस लाभ जैसे फ़ायदे ले सकते हैं।

उदाहरण के लिए; मान लें कि आपको वर्ष के दौरान फ्रैक्चर हुआ है - आप उसके लिए क्लेम न करने का ऑप्शन चुन सकते हैं (क्योंकि इसमें उतना ज़्यादा खर्च नहीं होगा )।

इस तरह, आपके बीते वर्ष के दौरान कोई क्लेम हिस्ट्री नहीं होगी और आपके प्रीमियम में किसी भी बढ़ोतरी के बिना, आपके सम इंश्योर्ड में बढ़ोतरी हो सकती है।

अपने हेल्थ इंश्योरेंस का रिन्यूअल करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायर होने से कम से कम दो महीने पहले, अपने प्लान को रिव्यू करें। अपने प्लान को आँख बंद करके रिन्यू करने से पहले कुछ बातों पर विचार करना अच्छी आदत है। अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का रिन्यूअल करते समय आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे:

1. क्या आपका सम इंश्योर्ड पर्याप्त है?

हो सकता है कि आपने प्लान लेते समय न्यूनतम सम इंश्योर्ड या उससे ज़्यादा का ऑप्शन चुना हो और आपको अब एहसास हो रहा हो कि आपका कवरेज या तो बहुत कम है, या आपकी ज़रूरतों के हिसाब से बहुत ज़्यादा है।

ज़्यादातर इंश्योरेंस कंपनी आपको रिन्यूअल के समय अपने सम इंश्योर्ड को बढ़ाने का ऑप्शन देती हैं। वह आपसे इसका कारण पूछ सकती हैं और जितना आप अपने सम इंश्योर्ड को बढ़ाने का निर्णय लेते हैं, उसके आधार पर आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी भी कर सकती हैं ।

2. क्या आप परिवार के किसी सदस्य को जोड़ना चाहेंगे?

शायद आपने अभी एक परिवार शुरू किया है या आपने तय किया है कि आप अपने जीवनसाथी को भी अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में जोड़ना चाहते हैं। इन बातों पर विचार करें, और अपनी इंश्योरेंस कंपनी को किसी भी नए सदस्य को जोड़ने के बारे में बताएं।

आप फैमिली फ्लोटर ऑप्शन में शिफ्ट करके अपने प्लान के अंदर परिवार के सदस्यों को भी शामिल कर सकते हैं या प्रत्येक सदस्य के लिए इंडिविजुअल प्लान ख़रीद सकते हैं।

3. क्या ऐड-ऑन ले लिया जाए?

अपने रिन्यूअल के दौरान सोचने वाली एक और बात यह है कि क्या आप नए ऐड-ऑन कवर का विकल्प चुनना चाहते हैं या नहीं। उदाहरण के लिए: हो सकता है कि अब तक आपने अपने प्लान में किसी ऐड-ऑन का विकल्प नहीं चुना था, लेकिन अब आप मैटरनिटी और न्यूबॉर्न बेबी कवर का ऑप्शन चुनना चाहते हैं। इस मामले में, अपने इंश्योरेंस कंपनी को बताएं और रिन्यूअल के दौरान इसे अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में जोड़ें।

4. क्या आप अपनी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से खुश हैं, या आप पोर्टिंग का सोच रहे हैं?

बहुत से लोग अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स को इसलिए बंद कर देते हैं क्योंकि वह अपनी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी से खुश नहीं होते हैं। यह कवरेज फ़ायदों या केवल इसकी सर्विस और प्रोसेसज़ के कारण भी हो सकता है।

हालांकि, पोर्टिंग सिर्फ रिन्यूअल के समय ही की जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको अपनी वर्तमान इंश्योरेंस कंपनी को एक्सपायरी डेट से कम से कम 45 दिन पहले इसके बारे में बताना होगा ताकि वह बदलाव कर सकें।

अगर आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी से खुश नहीं हैं, तो ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस प्लांस को कम्पेयर करें और एक ऐसे प्लान और इंश्योरेंस कंपनी पर पोर्ट करें जो आपके लिए सबसे बेहतर काम करे ।

5. क्या आप अपने कवरेज में बदलाव चाहते हैं?

अब, अपने सम इंश्योर्ड और नए कवर्स को चुनने के अलावा, आपको यह देखने के लिए भी अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को रिव्यू करना चाहिए कि क्या आप अपने कवरेज में कोई अन्य बदलाव चाहते हैं या नहीं।

उदाहरण के लिए: मान लें कि आपने एक बेसिक कवरेज प्लान का ऑप्शन चुना है और अब ज़्यादा फ़ायदों के साथ इसे कॉम्प्रिहेंसिव प्लान में बदलना चाहते हैं। इस मामले में, आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी से चेक कर सकते हैं कि क्या आप अपने पसंद के प्लान में बदल सकते हैं और इसके जवाब के अनुसार आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यूअल के समय यह करवा सकते हैं।

अपने हेल्थ इंश्योरेंस को रिन्यू करने और रिन्यूअल के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बचत करने के टिप्स

हमेशा अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिव्यू और रिन्यूअल का प्रोसेस पहले से शुरू करें, एक्सपाइरी डेट तक इंतज़ार करना हमेशा ग़लत सोच है! इसके बारे में सोचने के लिए कम से कम 45-दिनों पहले इसकी शुरुआत करना बेहतर तरीका है! इस तरह, आप किसी भी रिन्यूअल फ़ायदे या बोनस से नहीं चूकेंगे (अगर आप अपनी पॉलिसी को एक्सपाइरी डेट से पहले रिन्यू नहीं करते हैं तो रिन्यूअल फ़ायदे और कोई भी विशेष बोनस नहीं मिलेगा)।

अगर आप अपने परिवार के सदस्यों के लिए नई इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लांस को ले रहें हैं या रिन्यूअल कर रहे हैं, तो सभी के लिए बराबर सम इंश्योर्ड को आँख बंद कर न चुनें । उम्र के साथ सबकी हेल्थकेयर ज़रूरतें अलग अलग हो सकती हैं, इसलिए अपने परिवार के सदस्यों के लिए सम इंश्योर्ड को उनकी ज़रुरत के हिसाब से चुनें। उदाहरण के लिए: आपके छोटे बच्चे के लिए 1-2 लाख का मिनिमम कवरेज लिया जा सकता है लेकिन हो सकता है कि आपके माता-पिता को 5 से 10 लाख से ज़्यादा सम इंश्योर्ड की ज़रुरत हो। सही सम इंश्योर्ड का चुनाव सीधे आपके प्रीमियम को अफेक्ट करेगा और शायद आपको कुछ पैसे बचाने में भी मदद करेगा।

अगर आपको वर्ष के दौरान कोई नई बीमारी या रोग का पता चलता है, तो रिन्यूअल के दौरान अपनी इंश्योरेंस कंपनी को इस बारे में ज़रूर बताएं और अपनी पॉलिसी में उस बीमारी के कवरेज के बारे में अच्छी तरह से जांच कर लें ताकि आपके किसी भी क्लेम के दौरान आखिरी वक़्त पर आपको कोई आश्चर्य न हो!

आपकी इंश्योरेंस कंपनी रिन्यूअल पर क्या फ़ायदे दे रही है, यह देखने के लिए अपनी पॉलिसी जांचें। इससे, आप उन्हें अपने हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यूअल के दौरान प्राप्त करना सुनिश्चित कर सकते हैं।