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भारत में मोटर वाहन परमिट के प्रकार

Source: doctorswithoutmotors

वाहन परमिट आपको भारत के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा करने की अनुमति देता है। यह परमिट ज्यादातर माल और यात्रियों को ले जाने वाले कमर्शियल वाहनों को दिए जाते हैं।

यहां मोटर वाहन परमिट के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गई हैं!

भारत में मोटर वाहन परमिट क्या है?

मोटर वाहन परमिट एक आधिकारिक दस्तावेज़ है जो आपके वाहन को भारत में एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा करने की अनुमति देता है।  भारत में लाइसेंस दो प्रकार के होते हैं -

●   राष्ट्रीय परमिट

●   स्थानीय परमिट

राज्य सरकार इन दोनों प्रकार के परमिटों को मंजूरी देती है।  वाहन जहां भी जाएं उन्हें यह अपने पास रखना होगा।

मोटर वाहन परमिट की ज़रूरत क्या है?

अवैध या अवांछित वाहनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने से रोकने के लिए वाहन परमिट ज़रूरी है।

मोटर वाहन परमिट के प्रकार क्या हैं?

वाहन के प्रकार के आधार पर मोटे तौर पर 2 प्रकार के मोटर वाहन परमिट होते हैं।  वह माल और यात्री वाहनों के लिए होते हैं।

मालवाहक वाहनों के लिए उपलब्ध परमिट

माल वाहन के लिए 3 प्रकार के वाहन परमिट होते हैं।  वे हैं -

1. माल वाहक

इस प्रकार का परमिट माल ढोने वाले वाहनों के लिए ज़रूरी होता है।  यह परमिट आप मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद वाहन को राज्य के अंदर चलाने की अनुमति होती है।

2. माल वाहक परमिट का काउंटर हस्ताक्षर

यह परमिट एक राज्य द्वारा जारी किया जाता है और अन्य राज्यों में स्थानीय अधिकारियों से अप्रूवल पर ही मान्य है।  हालांकि, यहां एक अपवाद है। दिल्ली उन वाहनों को यह परमिट जारी नहीं करती है जिनका वजन 7500 किलो से ज़्यादा होता है और जो क्लीन फ्यूल पर नहीं चल रहे होते हैं।

3. राष्ट्रीय परमिट

अग़र किसी माल वाहन को गृह राज्य से बाहर जाने की ज़रूरत है, तो उसे राष्ट्रीय परमिट की ज़रूरत होगी। यह परमिट, गृह राज्य सहित, एक साथ 4 राज्यों के लिए जारी किया जाता है। साथ ही, माल वाहन की आयु 12 वर्ष से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। अग़र वाहन एक मल्टी-एक्सल वाहन है, तो परमिट स्वीकृत करने के लिए आयु 15 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।  इसके लिए आपको फॉर्म 46 और फॉर्म 48 भरने होंगे।

यात्री वाहनों के लिए उपलब्ध परमिट

यात्री वाहनों के लिए भी अलग-अलग परमिट उपलब्ध हैं।

1. वाहनों के लिए ऑटो रिक्शा और टैक्सी परमिट

यह परमिट दिल्ली में जारी किया जाता है।  इन्हें एमएलओ बुराड़ी देता है। इन वाहनों द्वारा लिए जा रहे किराए की गणना मीटर द्वारा की जाती है।  किराया पहले किलोमीटर के लिए 8 रुपये है, और फिर ऑटो रिक्शा में प्रत्येक अतिरिक्त किलोमीटर के लिए 3.50 रुपये है।  एक टैक्सी के लिए यह किराया क्रमशः ₹ 10 और ₹ 5 है।

2. मैक्सी कैब के लिए परमिट

इसे भी दिल्ली में जारी किया जाता है।  साथ ही, एसटीए इनके चार्जेज तय करता है, और वाहन में यात्रियों की कुल संख्या 13 से कम होनी चाहिए।

3. फट-फट सेवा

यह परमिट उन वाहनों को जारी किया जाता है जो एक विशेष मार्ग पर चलते हैं और, चालक सहित, 10 लोगों को ले जाते हैं।

4. इको-फ्रेंडली सेवा

यह परमिट सभी तिपहिया वाहनों को जारी किया जाता है जो बैटरी पर चलते हैं।   इसके अलावा, इसमें ड्राइवर के साथ 11 की क्षमता होनी चाहिए।

5. चार्टर्ड बसों के लिए परमिट

यह वाहन परमिट मुख्य रूप से किराए और भुगतान उद्देश्य के लिए जारी किया जाता है। इसमें परमिट होल्डर और ऑपरेटर के बीच एक कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए जाते हैं।  इससे बस को एक निश्चित रूट पर चलाया जा सकता है।  बस चालक के पास रूट पर यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की सूची होनी चाहिए और किसी और को यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

6. स्टेज कैरिज के लिए परमिट

दिल्ली परिवहन निगम और अन्य निजी बसें परमिट की इस कैटेगरी में आती हैं। दिल्ली सरकार यह परमिट शहर के विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों को जारी करती है।

7. अस्थायी आधार पर परमिट

यह परमिट दिल्ली से बाहर के वाहनों को सीमित अवधि के लिए मंजूर किए जाते हैं। ऐसी कई शर्तें हैं जिनके तहत एक कार को अस्थायी परमिट दिया जाता है।  वह इस प्रकार हैं -

  • उन वाहनों के लिए जो शहर की सीमा से बाहर चलते हैं और जिनमें यात्री होते हैं:
    • किसी भी धार्मिक कार्य या संकल्प के लिए।
    • या, किसी भी साइक्लिकल व्यवसाय के लिए।
    • वह जिन्हें परमिट के रिन्यूअल के लिए आवेदन करने की ज़रूरत है।
 
  • मोटर कैब के लिए परमिट प्राप्त करने के लिए, नीचे दी गई शर्तों को पूरा करना ज़रूरी है:
    • वाहन सफेद होना चाहिए।
    • साथ ही, उनमें बैठने की क्षमता 5 की होनी चाहिए।
    • टेलीफोन के साथ एक कार्यालय होना चाहिए ताकि यात्री वाहन बुक कर सकें।
    • इसके अलावा, अग़र आपके पास परमिट के लिए आवेदन कर रही कार को खरीदने के लिए ज़रूरी राशि है तो परमिट पाने में इससे मदद मिलेगी।
    • वाहनों के लिए पार्किंग की भी पर्याप्त जगह होनी चाहिए।

8. रेंट-ए-कैब परमिट

रेंट-ए-कैब परमिट का फ़ायदा उठाने के लिए, आपको नीचे दी गई शर्तों का पालन करना होगा।

  • आपके पास 24-घंटे टेलीफोन होना चाहिए।
  • वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग की जगह होनी चाहिए।
  • आपको कम से कम 50 कारों का मालिक होना चाहिए, और उनमें से 50% वातानुकूलित होनी चाहिए।
  • यात्री टैक्स का भुगतान उस राज्य में किया जाना चाहिए जहां वाहन चलता है।

9. संस्थान या स्कूल बसें

इन बसों को सुनहरे पीले रंग में रंगा जाता है और आमतौर पर इन्हें रोड टैक्स से छूट दी जाती है।  साथ ही, यह शैक्षिक संस्थानों के स्वामित्व में होती हैं।

10. ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट या एआईटीपी

अग़र वाहन एक बस है, तो वह सफेद होनी चाहिए और वह लक्ज़री बस होनी अनिवार्य है। इसके अलावा, 5 सेमी चौड़ाई का एक नीला रिबन बस की बॉडी के बीच में लगा होना चाहिए। वाहन के दोनों किनारों पर "टूरिस्ट " शब्द लिखा होना चाहिए।

लाइसेंस के संबंध में ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें -

  • राष्ट्रीय परमिट मोटर कैब जारी होने की तारीख से 9 साल तक वैध है।  अन्य वाहनों के लिए यह 8 साल है।
  • अग़र वाहन को 2 वर्ष से कम पुरानी कार से बदल दिया गया है, तो किसी भी रिन्यूअल की कोई ज़रूरत नहीं है।
  • इसके अलावा, मोटर वाहनों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पीने के पानी की सुविधा, इनडोर पर्दे, छोटे पंखे और चालक के लिए एक अलग केबिन की सुविधा होनी चाहिए।

विभिन्न वाहनों के परमिट के लिए फ़ीस

विभिन्न वाहन के लिए परमिट शुल्क क्या-क्या हैं? नीचे जानिए।

स्थानीय वाहन परमिट

वाहन का प्रकार फ़ीस की राशि (₹) परमिट अवधि
लाइट गुड्स व्हीकल या एलजीवी 2000 और ऑथोराइजेशन के लिए 500 5 साल और 1 साल
हैवी गुड्स व्हीकल या एचजीवी 2500 5 साल

राष्ट्रीय वाहन परमिट

वाहन का प्रकार फ़ीस की राशि (₹) परमिट अवधि
लाइट गुड्स व्हीकल या एलजीवी 2015 और ऑथोराइजेशन के लिए 500 5 साल और 1 साल
हैवी गुड्स व्हीकल या एचजीवी 2515 5 साल

मोटर वाहन परमिट की फीस और अवधि

वाहन का प्रकार राशि (₹) परमिट अवधि
बसों का आल इंडिया टूरिस्ट परमिट 500 1 साल
बसों का कांट्रेक्ट कैरिज परमिट 1100 5 साल
हरियाणा और पंजाब के लिए काउंटर सिग्नेचर - एलजीवी और एचएमवी के लिए 1500 & 2500 दोनों 5 साल
अन्य स्टेट स्टेज कैरिज के लिए काउंटर सिग्नेचर 2500 5 साल
हैवी गुड्स व्हीकल 1615 5 साल
लाइट गुड्स व्हीकल 1215 5 साल
एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट का परमिट 500 4 महीने
स्टेज ब्लूलाइन, रेडलाइन, सुविधा और अंतरराज्यीय परमिट (रिन्यूअल फ़ीस) के लिए स्टेज कैरिज परमिट 1100 5 साल
जैसा कि पहले ही बताया गया है, अवैध वाहनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने से रोकने के लिए वाहन परमिट ज़रूरी है।  यह सभी जानकारी भारत में मोटर वाहन परमिट से संबंधित हैं।

राष्ट्रीय वाहन परमिट प्राप्त करने के लिए स्टेट-वाइज़ फ़ीस

राज्य का नाम राशि (₹)
आंध्र प्रदेश 3000
असम 5000
बिहार 5000
चंडीगढ़ 1500
गुजरात 5000
हरियाणा 5000
हिमाचल प्रदेश 5000
जम्मू और कश्मीर 5000
केरल 5000
मध्य प्रदेश 5000
महाराष्ट्र 5000
मेघालय 5000
ओडिशा 5000
पॉन्डिचेरी 1500
पंजाब 5000
राजस्थान 5000
तमिलनाडु 3000
उत्तर प्रदेश 5000
पश्चिम बंगाल 5000

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

वाहन परमिट के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

कोई भी भारतीय नागरिक या परिवहन के संचालक या कोई भी सहकारी समिति जो परिवहन व्यवसाय में आना चाहती है, वाहन परमिट प्राप्त कर सकता है।

मोटर वाहन परमिट के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ क्या हैं?

परमिट के लिए आपको जिन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी वे हैं-

  • फॉर्म संख्या 46 और 48
  • वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  • वाहन का इंश्योरेंस सर्टिफिकेट
  • परिवहन प्राधिकरण के पक्ष में डिमांड ड्राफ्ट
  • राष्ट्रीय परमिट फीस
  • ग्रीन टैक्स का भुगतान
  • गृह राज्य के लिए वर्तमान तिमाही का टैक्स भुगतान प्रमाण
  • वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट