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भारत में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को केंद्रीय बजट के दौरान नई वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा की।

बाद में, 18 मार्च 2021 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पूरी जानकारी के साथ इस योजना की घोषणा की। इस योजना के पीछे 15-20 साल से पुराने वाहनों को चरण दर चरण तरीके से चलन से हटाने का विचार था। सरकार ने यह कदम शहरी प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए उठाया है।

तो, बिना देरी किए, आइए भारत में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के सभी जानकारियों पर गौर करें।

वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी क्या है?

वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी में कहा गया है कि सरकार 15 साल से ज्यादा के व्यावसायिक वाहनों और 20 साल से ज्यादा के यात्री वाहनों को चरण दर चरण तरीके से चलन से हटा देगी, अगर वह कार्बन उत्सर्जन और फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाते हैं।

इस पॉलिसी के पीछे की सोच प्रदूषण को कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है, जो महामारी के बाद से ख़राब है। कुछ लोग इसे मूल वाहन निर्माताओं की मांग को बढ़ावा देने के तरीका भी मानते हैं।

वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी घोषणा की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

भारत में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं यहां दी गई हैं।

  • अनुपयुक्त वाहनों को स्क्रैप करने की व्यवस्था होगी।

  • लोगों को भविष्य में पर्यावरण के अनुकूल, सुरक्षित और टेक्निकली फिट वाहन खरीदने के लिए तैयार रहना चाहिए।

  • पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने से विशिष्ट स्थानों पर प्रदूषण कम होगा।

  • ऐसा करने का विकल्प चुनने वाले वाहन मालिकों के लिए कुछ फ़ायदे होंगे।

वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के क्या फायदे हैं?

नई वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के कई फायदे हैं। उनमें से कुछ पर नज़र डालें!

  • अनुपयुक्त वाहनों को हटाने से वायु प्रदूषण कम होगा और वायु की गुणवत्ता बेहतर होगी।

  • वाहन मालिकों को पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर टैक्स बेनिफिट मिल सकता है।

  • यह रीसाइक्लिंग उद्योग के पुनर्गठन और उसके विकास को बढ़ावा देगा।

  • पूरे ऑटोमोबाइल क्षेत्र को फ़ायदा मिलेगा क्योंकि स्क्रैपिंग केंद्रों में नौकरियों की मांग ज़्यादा होगी।

  • नए वाहनों की मांग रहेगी, क्योंकि पुराने वाहनों को स्क्रैप जो कर दिया जाएगा।

वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के मानदंड क्या हैं?

15 वर्ष से ज़्यादा पुराने व्यावसायिक और निजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करते समय फिटनेस टेस्ट लिया जाना चाहिए। अगर टेस्ट में वाहन अनफिट लगता है, तो मालिक को इसकी मरम्मत करनी होगी और फिर से टेस्ट के लिए आवेदन करना होगा। अब अगर कार दोबारा लिए जाने वाले टेस्ट में फेल हो जाती है, तो इसे एंड-ऑफ-लाइफ वाहन (ईएलवी) घोषित कर दिया जाएगा। फिर, यह स्क्रैपिंग के योग्य हो सकती है। 

स्क्रैप की जाने वाली कारों के लिए नीचे दिए गए अतिरिक्त योग्यता क्राइटेरिया मानदंड अनिवार्य होंगे: 

  • जिन कारों के रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र एक्सपायर हो गए हैं या एक्सपायर होने वाले हैं, वह इस योग्य हैं।  

  • रजिस्टर्ड टेस्ट सेंटर पर फिटनेस टेस्ट में फेल होने वाले वाहन इसके योग्य होंगे।

  • दुर्घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कारों जो रिपेयर नहीं हो सकती है, उनको स्क्रैप किया जा सकता है।  

  • जब्त कारें भी इस योग्य होंगी। 

स्क्रैपेज पॉलिसी के लिए वाहनों का वर्गीकरण क्या है?

चूंकि वाहन कई प्रकार के होते हैं, वाहन स्क्रैपिंग कानून सभी वर्गों के लिए समान नहीं हो सकते हैं। इसलिए, सरकार ने उन्हें विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया है।

  • व्यावसायिक वाहन: 15 साल बीत जाने के बाद व्यावसायिक वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा। अगर वह इस टेस्ट में पास हो जाता है तो उसे चलने की इजाजत मिल जाएगी। अन्यथा, यह चलन में नहीं रह सकता है और व्यावसायिक वाहनों के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार इसे स्क्रेप कर दिया जाएगा।

  • सरकारी वाहन: सरकार इस पॉलिसी को 1 अप्रैल 2022 से लागू करेगी। राज्य और केंद्र सरकार के सभी वाहन जो 15 वर्ष से ज़्यादा पुराने हैं, उन्हें स्क्रेप कर दिया जाएगा।

  • निजी वाहन: 15 वर्षों के बाद, इन वाहनों को भी टेस्ट किया जाएगा और वह इस फिटनेस टेस्ट को पास होने पर ही सड़क पर चलने के योग्य होंगे।

  • विंटेज वाहन: भारत में वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी पुराने वाहनों पर लागू नहीं होगी क्योंकि उसे अच्छी तरह से मेंटेन किया जाता है और कम बार चलाया जाता है।

वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी में वाहन मालिकों के लिए भी कई फायदे हैं। नया वाहन खरीदने पर उन्हें 5% की छूट मिल सकती है। उन्हें केवल स्क्रैपर्स से मिला प्रमाण पत्र दिखाना है। इसलिए, पूरी वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी मालिकों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।

वाहन स्क्रैपेज के लिए प्रोत्साहन योजना क्या हैं?

अगर आप नया वाहन खरीदने के लिए पुराने वाहनों को स्क्रैप कर रहे हैं, तो आप वाहन निर्माता से 5% तक की छूट ले सकते हैं। इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन फ़ीस भी जीरो होगी। कार मालिक स्क्रैप वैल्यू ले सकते हैं, जो कार के एक्स-शोरूम का लगभग 4%-6% है। इसके अलावा, कुछ राज्य सरकारें ऐसे कार मालिकों को मोटर वाहन टैक्स पर 25% तक (गैर-परिवहन वाहनों के लिए) और 15% तक (परिवहन वाहनों के लिए) रियायत देती हैं। 

वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत वाहन मालिकों के लिए कई फायदे हैं। नया वाहन खरीदने पर उन्हें 5% की छूट मिल सकती है। उन्हें केवल स्क्रैपर्स से मिला प्रमाण पत्र दिखाना है। इसलिए, पूरी वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी मालिकों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अगर आपका वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है तो क्या होगा?

अगर आपका वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे 2 बार तक टेस्ट देने की अनुमति है। फेल होने का मतलब है कि इसे रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए यह सड़कों पर नहीं चल सकता है।

मेरे वाहन को फिटनेस टेस्ट कब देना अनिवार्य है?

रजिस्ट्रेशन साइकिल पूरा होने पर वाहन को फिटनेस टेस्ट देना होता है।

स्क्रैपिंग पॉलिसी कब लागू होगी?

व्यावसायिक वाहन 1 अप्रैल 2023 से अपना अनिवार्य टेस्ट शुरू करेंगे। यात्री वाहनों के लिए 1 जून 2024 शुरुआती तारीख़ है।