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भारत में विदेशी कार/बाइक कैसे इम्पोर्ट करें

अगर आप मोटर के शौकीन हैं और दुनिया भर से बेहतरीन ऑटोमोबाइल इकट्ठा करना चाहते हैं, तो आपको भारत में कार और बाइक इम्पोर्ट करने के बारे में पता होना चाहिए। सबसे पहले, आपको यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि आपको यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे और समय खर्च करने की जरूरत पड़ती है।

साथ ही, विदेश से अपना पसंदीदा वाहन भारत में इम्पोर्ट कराने के लिए एक जटिल प्रक्रिया और कई तरह के नियमों का पालन करने के लिए तैयार हो जाएं।

तो आपको इन बातों की जानकारी होनी चाहिए!

भारत में नई कार/बाइक इम्पोर्ट करने के लिए जरूरी नियम

विदेश से भारत में कार या बाइक कानूनी तौर पर इम्पोर्ट करने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • संबंधित कार या बाइक उस देश से इम्पोर्ट किया जा सकता है जहां उसे असेंबल किया गया हो या उसका निर्माण किया गया हो।
  • इम्पोर्ट की गई कार या बाइक का निर्माण और उसका विकास भारत से बाहर हुआ हो।
  • कार के मामले में, उसकी ड्राइविंग सीट दाहिने हाथ पर होनी चाहिए।
  • यह वाहन पूरी तरह से नया होना चाहिए, इसका लीज, सेल, रजिस्ट्रेशन या ऐसी अन्य बातों से संबंध नहीं होना चाहिए।
  • इम्पोर्ट की हुई कार कानूनी तौर पर भारत में तीन नेवल डॉक से आ सकती हैं जो चेन्नई, मुम्बई और कोलकाता में मौजूद हैं।
  • आपकी कार या बाइक का स्पीडोमीटर स्पीड स्टैटिस्टिक्स को किलोमीटर/घंटे में दिखाने वाला होना चाहिए न कि माइल/घंटे वाला।
  • वाहन की हेड लाइट इस प्रकार होनी चाहिए जिससे वाहन के बाएं तरफ आसानी से रौशनी पड़ सके।

अगर आप भारतीय तटों पर इस्तेमाल किए हुए वाहन इम्पोर्ट करना चाहते हैं तो आपको अलग नियमों का पालन करना होता है।

भारत में इस्तेमाल की हुई कार या बाइक इम्पोर्ट करने के लिए जरूरी नियमों

अगर आप इस्तेमाल किया हुआ वाहन इम्पोर्ट करना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए नियमों का पालन करना चाहिए:

  • इम्पोर्ट के समय सेकेंड हैंड वाहन 3 साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए। इसलिए कार या बाइक की इम्पोर्ट संबंधी औपचारिकताओं को पूरा करने से पहले उसके निर्माण की तारीख का पता लगा लें।
  • ऐसी कार की ड्राइविंग सीट सीधे हाथ पर होनी चाहिए।
  • इस्तेमाल किए हुए वाहन की हेडलाइट सड़क पर दाहिनी तरफ पर्याप्त रौशनी देने वाली होनी चाहिए।
  • यह वाहन लीज़ किया, बिका, रजिस्टर हुआ या लोन किया हुआ होना चाहिए।
  • यह कार या बाइक भारत के 3 नेवल डॉक्स से इम्पोर्ट होना चाहिए जो कोलकाता, चेन्नई और मुम्बई में स्थित हैं।
  • स्पीडोमीटर किलोमीटर/घंटा वाला होना चाहिए न कि माइल्स/घंटा वाला।
  • केवल सड़क पर चलाने योग्य सेकेंड हैंड वाहनों को इम्पोर्ट करने की अनुमति है। कार या बाइक के इम्पोर्ट से पहले कम से कम 5 सालों की वैधता वाला रोडवर्दी प्रमाणपत्र होना जरूरी है।

फिर भी, हर भारतीय नागरिक को भारतीय तटों पर विदेश से कार इम्पोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जाती।

भारत में व्यावसायिक तौर पर कौन वाहन इम्पोर्ट कर सकता है?

व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल के लिए नीचे बताई गई प्रोफ़ाइल के लोग आसानी से देश में कार या बाइक इम्पोर्ट करा सकते हैं:

  • शारीरिक तौर पर विकलांग लोग।
  • मल्टीनेशनल बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन, जिनका भारत में भी कार्यालय है, वे कार इम्पोर्ट कर सकते हैं।
  • ऐसा व्यक्ति जो विदेश में रह रहे संबंधी से वाहन मंगवा रहा हो।
  • विदेश मंत्रालय या मानद वाणिज्य दूतावास के सदस्य की अनुमति से वाहन इम्पोर्ट किया जा सकता है।
  • वह कंपनी जो भारत के बाहर काम करती हैं और विदेशी इक्विटी में शामिल हैं।
  • एनआरआई या विदेशी नागरिक जो इस देश में स्थांतरित होने से दो वर्ष पहले भारत में नहीं रह रहे थे।
  • धर्मार्थ ट्रस्ट या रजिस्टर हुए धार्मिक मंडल भी इन्हें इम्पोर्ट करवा सकते हैं।
  • सूचना और प्रसारण मंत्रालय से मान्यता प्राप्त पत्रकार भी इस प्रकार की सुविधा की मांग कर सकते हैं।

भारत में कार इम्पोर्ट करने के लिए जरूरी दस्तावेज और कागजी कार्यवाही

तमाम नियमों का पालन करने के साथ ही, कस्टम से विदेशी कार इम्पोर्ट करने के लिए आपको एक विस्तृत कागजी कार्यवाही भी पूरी करनी होती है।

इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए यहां कुछ कागजी कार्यवाही बताई गई है:

  • इस कार या बाइक की इंश्योरेंस पॉलिसी के कागज
  • वाहन की इनवॉएस
  • बैंक ड्राफ़्ट
  • गैट घोषणा, यह इम्पोर्ट किए हुए सामान की कीमत से संबंधित कस्टम की घोषणा होती है  
  • वाहन के लिए साख पत्र या खरीद आदेश
  • बिल ऑफ़ लैडिंग जो कैरियर द्वारा यह स्वीकार करने के लिए जारी किया जाने वाला आधिकारिक दस्तावेज है कि उन्हें शिपमेंट के लिए सामान मिल गया है।
  • इम्पोर्ट का लाइसेंस
  • टेस्ट रिपोर्ट
  • ड्यूटी इंटाइटेलमेंट पासबुक, ड्यूटी एक्जेमशन इंटाइटेलमेंट सर्टिफ़िकेट या एक्पोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया जैसे कुछ अन्य दस्तावेज हैं जो आपको देने होते हैं।

इनके अलावा भी कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है। इम्पोर्ट की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको इनके बारे में कस्टम के अधिकारियों से पता लगा लेना चाहिए।

भारत वापस आने वाले एनआरआई भी अपनी कार को ट्रांसफ़र करवा सकते हैं

अगर आप भारतीय नागरिक हैं और अब विदेश से वापस भारत आ रहे हैं, तो आप विदेश में निर्मित अपने वाहन को इम्पोर्ट कर सकते हैं, लेकिन आपको नीचे दी गई शर्तों को पूरा करना होगा:

  • वाहन इम्पोर्ट करने से पहले आप पिछले दो वर्षों से भारत में निवास न कर रहे हों।
  • साथ ही, इम्पोर्ट के योग्य बनने के लिए आप इस स्थानांतरण के बाद देश में कम से कम एक वर्ष के लिए निवास करने की तैयारी में हों।
  • वापस आने के छ: महीनों के भीतर ही बाइक या कार का ट्रांसफ़र होना चाहिए।
  • आपने इस मौजूदा ट्रांसफ़र से पहले कम से कम तीन वर्ष पूर्व तक इसी प्रकार का ट्रांसफ़र न करवाया हो।
  • अगर आपके वाहन की क्षमता 75 सीसी से 500सीसी के बीच है, तो ऐसे मामलों में नई और पुरानी कारों के प्रतिबंधों की अवहेलना की जाती है।
  • ऐसे ट्रांसफ़र के बाद आप कम से कम दो वर्षों के गुजर जाने तक अपना इम्पोर्ट किया हुआ वाहन बेच नहीं सकते।
  • ट्रांसफ़र की ऐसी प्रक्रिया परिवार के केवल एक ही सदस्य द्वारा की जा सकती है।

भारत में विदेशी वाहन इम्पोर्ट करने के लिए क्या कस्टम ड्यूटी लगती है?

नई या इस्तेमाल की हुई पूरी तरह से निर्मित इकाई या सीबीयू को लाने के लिए भारी टैक्स या कस्टम देने के लिए तैयार हो जाएं। ज्यादातर नए वाहनों के लिए, आपको 60-100% तक इंपोर्ट ड्यूटी चार्ज देना होता है। इस्तेमाल की हुई कार के लिए, यह ड्यूटी 125% तक और भी ज्यादा होती है।

$40000 से ज्यादा कीमत वाले सीबीयू पर 100% तक का कस्टम चार्ज लगता है। हालांकि, अगर आपकी कार की कीमत $40000 से कम है, तो आप इसे 60% इंपोर्ट ड्यूट देकर प्राप्त कर सकते हैं।

इंश्योरेंस, कार/बाइक की लागत और सीआईएफ़ मूल्य को ध्यान में रखते हुए, इम्पोर्ट किए हुए चार पहिया वाहनों के लिए कुल भुगतान 165% और इम्पोर्ट किए हुए दोपहिया वाहनों के लिए लगभग 116% हो सकता है।  संबंधित वाहन के रजिस्टेÑशन के लिए आपको अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मेरी कार की कीमत लगभग 45 लाख रुपए है। इसे भारत में इम्पोर्ट करने पर इस पर कितनी इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी?

चार पहिया वाहन मालिक को कार की असल कीमत का 150-200% तक का भुगतान इंपोर्ट ड्यूटी के तौर पर करना होता है। इसलिए 45 लाख रुपए की कार की इंपोर्ट ड्यूटी 90 लाख रुपए तक हो सकती है।

क्या एक वर्ष पहले विदेश से भारत वापस आए एनआरआई अपनी कार भारत में इम्पोर्ट कर सकते हैं?

एनआरआई भारत में अपना वाहन तभी इम्पोर्ट कर सकते हैं अगर वे देश में पिछले दो वर्षों से न रह रहे हों। इसलिए, ऐसे मामलों में, कार मालिक कार इम्पोर्ट नहीं करवा सकते। इम्पोर्ट की प्रक्रिया पूरी करने से पहले उन्हें अगले एक वर्ष के लिए विदेश में निवास करना होगा।

क्या व्यक्ति 1920 में निर्मित विंटेज कार भारत में इम्पोर्ट कर सकता है?

भारत उन्हीं विंटेज कार को इम्पोर्ट करने की अनुमति देता है जिनका निर्माण 1 जनवरी 1950 के बाद हुआ हो। इसलिए, आप 1920 में बनी विंटेज कार को भारत में इम्पोर्ट नहीं कर सकते।

बाएं हाथ पर ड्राइविंग सीट वाली कार को भारत में कौन इम्पोर्ट कर सकता है?

लोगों और व्यापारिक इकाइयों को भारत में केवल सीधे हाथ वाली ड्राइविंग सीट इम्पोर्ट करने की अनुमति है। हालांकि, कार निर्माता कंपनियों को इस नियम से बाहर रखा गया है।

ऐसे व्यापार भारत में सीधे हाथ में ड्राइविंग सीट वाले वाहन इम्पोर्ट कर सकते हैं, लेकिन केवल रिसर्च और टेस्टिंग के उद्देश्य से। किसी भी परिस्थिति में ऐसी कारें भारत में बेची या रीसेल नहीं की जा सकतीं।