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महिलाओं को अलग से हेल्थ इंश्योरेंस लेने की ज़रूरत क्यों है?

आज महिलाएं बंदिशों को तोड़ रही हैं और जीवन के हर पहलू में समानता चाह रही हैं। हालांकि, अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में अलग-अलग भूमिकाओं के बीच संतुलन बनाते हुए, वे अपने स्वास्थ्य पर बहुत ध्यान नहीं दे पातीं।

इसके पीछे एक वजह तो यह है कि महिलाएं या तो अपने पति के हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होती हैं या फिर अपनी कंपनी के दिए हए कॉर्पोरेट प्लान का वे हिस्सा बन जाती हैं। हालांकि, फैमिली फ्लोटर प्लान और ग्रुप हेल्थ प्लान दोनों ही उनकी ज़रूरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं होते।

इसलिए, इन सबके अलावा महिलाएं अलग से ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने पर विचार कर सकती हैं जो खास तौर पर उनके लिए बनाया गया हो और जिसमें गर्भावस्था, प्रजनन संबंधी समस्याओं, ओवेरियन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर जैसी ऐसी बीमारियों को कवर किया जाता हो, जो महिलाओं को होती हैं।

महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्यों ज़रूरी है?

खास तौर पर महिलाओं के लिए डिज़ाइन किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, आपको महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में कवर करने में मदद करेगी। हालांकि, सवाल यह है कि आपको इसकी जरूरत क्यों है?

आईडीआरएआई के एक सर्वेक्षण के अनुसार, सिर्फ 39% महिलाओं ने माना कि उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है। [1]

इन महिलाओं में सिर्फ 22% ने अपने लिए इंश्योरेंस खरीदा था; बाकी महिलाएं कॉर्पोरेट प्लान या फैमिली प्लान पर निर्भर थीं। [2]

महिलाओं की सेहत से जुड़ी समस्याएं पुरुषों से अलग होती हैं, जिनमें स्तन, गर्भाशय और ओवरी के कैंसर या मातृत्व जैसी चीजें शामिल हैं। [3]

हर महिला को अलग से हेल्थ इंश्योरेंस कवर क्यों लेना चाहिए उसके 10 कारण

1. स्त्री रोग संबंधी समस्याएं

महिलाओं के लिए तैयार किया गया हेल्थ इंश्योरेंस, महिलाओं की प्रजनन प्रणाली से जुड़ी हर तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कवर करता है। इसमें पुरानी स्थितियां और गर्भाशय फाइब्रॉएड, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस), एंडोमेट्रियोसिस या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी बीमारियां शामिल हैं।

2. क्रिटिकल इलनेस कवरेज

दुर्भाग्य से, पुरुषों की तुलना में महिलाएं कई गंभीर बीमारियों के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होती हैं, जैसे कि हृदय रोग, स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग, एनीमिया और गठिया। इसके कई कारण हैं, जैसे कि जेनेटिक और धीमी जीवन शैली।

हालांकि, इससे मेडिकल खर्च ज़्यादा हो सकता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि महिलाओं के पास गंभीर बीमारियों के लिए कवरेज हो, जो उन्हें ऐसे समय में मदद कर सके।

3. कैंसर का इलाज

महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन का कैंसर है, इसके बाद सर्विक्स, ओवेरियन, फेफड़े और पेट के कैंसर होते हैं। वास्तव में, भारत में 28 में से एक महिला को अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर होने की संभावना होती है।

इस तथ्य को देखते हुए कि अगर इसका पता चला और जल्दी इलाज किया गया, तो महिलाओं के ज़िंदा रहने का प्रतिशत अधिक होने की संभावना है, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपकी स्वास्थ्य बीमा योजना बीमारी और उसके उपचार को कवर करती है।

4. डायबिटीज के लिए कवरेज

महिलाओं में डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं। एक सामान्य कारण गर्भावस्था के दौरान होने वाला डायबिटीज है। यह एक प्रकार का डायबिटीज है जो गर्भावस्था के दौरान उन महिलाओं में भी विकसित हो सकता है जिन्हें पहले से यह बीमारी नहीं थी। बच्चे के जन्म के बाद वैसे तो ब्लड शुगर सामान्य हो जाता है, लेकिन इसकी वजह महिलाओं को जीवन में आगे टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का अधिक खतरा होता है।

गर्भावस्था के डायबिटीज से कम से कम 2% से 10% प्रेगनेंसी प्रभावित होती हैं और यह संख्या बढ़ेगी ही क्योंकि महिलाएं देरी से बच्चे पैदा करने का विकल्प चुनती हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान डायबिटीज को कवर करता हो।

5. हृदय संबंधी रोगों का बढ़ना

महिलाएं भी आजकल तनावपूर्ण जीवन जी रही हैं, जिसका अर्थ है कि पुरुषों की तुलना में उन्हें हृदय रोग होने का खतरा अधिक है। वास्तव में, 35 वर्ष से ज़्यादा उम्र की पांच में से तीन महिलाओं (लगभग 69% गृहिणियों और 67% कामकाजी महिलाओं) को हृदय रोगों का खतरा है।

इस प्रकार, जब आप अभी भी युवा और स्वस्थ हैं, एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना बहुत महत्वपूर्ण है जो इन समस्याओं को कवर करता है ताकि आपका प्रीमियम कम हो।

6. हाइपरटेंशन

हाइपरटेंशन एक और गंभीर समस्या है जिसे अक्सर महिलाओं में अनदेखा कर दिया जाता है। हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर, दक्षिण एशिया में हर साल लगभग 15 लाख लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार होते है।

यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में शहरी क्षेत्रों में 20-40% लोग हाइपरटेंश से पीड़ित हैं और उन्हें अन्य कई परेशानियां हो सकती हैं, खासकर गर्भावस्था के दौरान।

7. मेंटल हेल्थ कवरेज

जीवन में तनाव और चिंता के बढ़ने के कारण महिलाएं अवसाद जैसे कई मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं।

जबकि आईआरडीएआई ने यह अनिवार्य किया है कि सभी मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मानसिक बीमारियों के उपचार को कवर करते हैं, ऐसे इंश्योरेंस की तलाश करना महत्वपूर्ण है जो इसके लिए पर्याप्त कवरेज प्रदान करता हो। जब आपको अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत होती है, तो अधिकांश मेंटल हेल्थ कवर आपके खर्चों को मैनेज करते हैं। केवल कुछ इंश्योरेंस कंपनियां, कंसल्टेशन जैसे बाह्य रोगी देखभाल के खर्चों को कवर करती हैं।

8. मैटरनिटी कवरेज

सेहत की देखभाल के बढ़ते खर्चों के साथ, गर्भावस्था और मदरहुड के खर्च भी बहुत बढ़ गए हैं। आमतौर पर, मदरहुड के फायदे किसी व्यक्तिगत या फै़मिली के हेल्थ इंश्योरेंस में ऐड-ऑन कवर के रूप में दिए जाते हैं। इसमें प्रसव के खर्च से लेकर गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं के साथ-साथ अस्पताल के खर्च तक सब कुछ शामिल है।

इसलिए, भविष्य में दो बच्चों की चाह रखने वाली हर महिला को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास यह कवर हो और यह आपके सभी आवश्यक खर्चों को कवर करेगा। एक ऐसी पॉलिसी चुनने की कोशिश करें, जिसमें इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, या चिकित्सकीय रूप से आवश्यक टर्मिनेशन जैसी एक्स्ट्रा चीज़ें भी शामिल हों।

9. नवजात शिशु का खर्च

एक अन्य महत्वपूर्ण कारक ध्यान में रखना है कि हेल्थ इंश्योरेंस एक महिला के नवजात शिशु (आमतौर पर पहले 90 दिनों तक) की हेल्थकेयर को कवर कर सकता हो, जो मेडिकल जटिलताओं, या जन्मजात अक्षमताओं के मामलों में एक बड़ा वरदान हो सकता है।

अक्सर इसे मेटरनिटी कवर के हिस्से के रूप में शामिल किया जाता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपने ऐसी पॉलिसी चुनी हो जिसमें यह भी शामिल हो।

10. सालाना हेल्थ चेक-अप

कई महिलाएं दर्द या बेचैनी जैसे छोटे संकेतों और लक्षणों को अनदेखा करते हुए यह सोचकर कि यह इतनी बड़ी बात नहीं है, डॉक्टर के पास तब ही जाती हैं जब पहले से ही कोई परेशानी होती है।

हालांकि, नियमित सालाना चेक-अप कराने से आपकी पूरी सेहत की देखबाल करने और किसी भी ऐसी बीमारी का जल्द पता लगाने में मदद मिल सकती है जो अंदर बढ़ रही हो। डायबिटीज़ को रोकने के लिए ब्लड शुगर के स्तर, स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राम, या सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए पैप स्मीयर के मामले में यह बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

रोगों की इन शुरुआती पहचानों के साथ, आप कई बीमारियों को रोकने, उनका इलाज करने और उन्हें ठीक कर पाएंगी, जो भविष्य में सेहत की देखभाल में होने वाले खर्च में बड़ी बचत कर सकता है।

महिला हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के फायदे

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे महिलाओं के लिए डिज़ाइन किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में निवेश करना फ़ायदेमंद हो सकता है:

  • कॉर्पोरेट पॉलिसी से अलग कवरेज लें - कॉर्पोरेट पॉलिसी फायदेमंद हो सकती है, लेकिन अतिरिक्त कवर लेना और ज्यादा उपयोगी होता है। इसलिए, अगर आप अपने सम इंश्योर्ड से ज़्यादा खर्च कर देती हैं, तो आपकी वित्तिय स्थिति पर पर कोई बुरा असर नहीं होगा। इसके अतिरिक्त, अगर आप अपनी नौकरी खो देती हैं या रिटायर हो जाती हैं, तब भी आपको कवर किया जाएगा।
  • टैक्स में फायदा लें - आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80डी के तहत, जब आप अपने लिए, जीवनसाथी, माता-पिता या बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं, तो आप टैक्स लाभ और रिटर्न का दावा कर सकते हैं।
  • इससे आपको वित्तीय अज़ादी मिलेगी - जब आपको अपनी सेहत से संबंधित खर्चों के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, तो इससे वित्तीय स्थिरता पाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह आपको खर्च की चिंता किए बिना सबसे बेहतर इलाज प्राप्त करने की भी अनुमति देगा।

हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने से पहले महिलाओं को किन बातों पर विचार करना चाहिए?

  • अलग-अलग पॉलिसी देखें - आज बाजार में कई इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं, इसलिए अलग-अलग पॉलिसी को देखें और उन्हें शामिल करके और बाहर करके प्रीमियम को भी समझें।
  • सही कवरेज पाएं - महिलाओं को उन पॉलिसी की तलाश करनी चाहिए जो खास गंभीर बीमारियों जैसे स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओवेरियन कैंसर के साथ-साथ मातृत्व और बांझपन कवरेज को कवर करती हैं।
  • सही सम इंश्योर्ड चुनें - एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनें जो आपको अपने सम इंश्योर्ड को अनुकूलित करने की अनुमति देती है। आपको सलाह दी जाती है कि इंश्योरेंस कवर कम से कम 5 लाख का हो और अगर संभव हो तो ₹10-20 लाख का टॉप-अप कवर।
  • आसान क्लेम प्रोसेस - क्लेम, इंश्योरेंस के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक हैं, इसलिए ऐसी कंपनी की तलाश करें, जिसकी क्लेम प्रोसेस आसान हो, क्योंकि यह आपको बहुत सारी परेशानी से बचा सकती है।
  • अतिरिक्त सेवा के फायदे - बहुत सारी बीमा कंपनियां बहुत सारे अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करती हैं, जैसे 24X7 ग्राहक सहायता, कैशलेस अस्पताल में भर्ती, और बहुत कुछ।

महिलाओं के लिए अपनी सेहत का ध्यान रखना और उसे प्राथमिकता देना बहुत जरूरी है। हेल्थ इंश्योरेंस के बिना, इन मुद्दों से निपटने से आर्थिक तनाव हो सकता है और आपकी बचत में कमी आ सकती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की तलाश करें जो विशेष रूप से आपकी मेडिकल समस्याओं को पूरा करती हो। यह जरूरत के समय आपको वित्तीय मदद करेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

महिलाओं के लिए अलग हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के क्या लाभ है?

जब महिलाओं को एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मिलता है जो खासतौर से उनके लिए बनाया जाता है, तो यह आम महिलाओं को खास स्थितियों जैसे गर्भावस्था, प्रजनन संबंधी मुद्दों, ओवेरियन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर आदि को कवर करने में मदद करेगी।

महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवर में क्या देखना चाहिए?

 एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान देखें जो इस तरह की चीजों को कवर करे:

  • अस्पताल के खर्च
  • निजी एक्सिडेंट कवर
  • अस्पताल में भर्ती होने से पहले और अस्पताल में भर्ती होने के बाद के शुल्क
  • एम्बुलेंस शुल्क
  • सालान हेल्थ चेकअप
  • मनोरोग कवर
  • और अन्य फायदे जैसे: मेटरनिटी खर्च, क्रिटिकल इलनेस कवर, दैनिक अस्पताल कैश कवर, और बहुत कुछ

महिलाओं के लिए कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस पर्याप्त क्यों नहीं है?

कॉर्पोरेट पॉलिसी होना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। अगर आप अपने सम इंश्योर्ड से ज़्यादा राशि का भुगतान करते हैं, तो आपको अपनी जेब से भुगतान करना होगा और अगर आप अपनी नौकरी खो देते हैं, या सेवानिवृत्त हो जाते हैं, तो आप को कवर नहीं किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, आपकी कंपनी अपनी हेल्थ पॉलिसी को बदलने या संशोधित करने का निर्णय ले सकती है और कुछ ऐसी विशेषताओं को बाहर कर सकती है जो आपके लिए महत्वपूर्ण थीं। इसलिए, व्यक्तिगत हेल्थ पॉलिसी में निवेश करना बेहतर है।

महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सही उम्र कब है?

हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का सबसे अच्छा समय तब होगा जब आप युवा हों, आदर्श रूप से आपके 20 के दशक में। जब आप युवावस्था में शुरू करती हैं, तो आपके प्रीमियम बहुत सस्ते होते हैं, आप वेटिंग पीरियड को जल्द पूरा कर पाएंगी, और आपसालों के लिए क्युमुलेटिव बोनस प्राप्त कर सकती हैं।

इसके अतिरिक्त, बीमारियां या दुर्घटनाएं युवा महिलाओं को भी प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए अगर आपको कभी किसी बीमारी के इलाज की आवश्यकता होती है, तो स्वास्थ्य बीमा होने से यह सुनिश्चित होगा कि आप अपनी शुरुआती बचत को नहीं खाएंगे।