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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) दुनिया भर में व्यापार और स्वास्थ्य क्षेत्र को तेजी से बदल रहा है। आपको याद दिलाना चाहेंगे कि एआई एक तरह का कंप्यूटर या सिस्टम है जिसे इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने और डेटा एनालेसिस, फैसला लेने, और समस्याओं को सुलझाने जैसे कामों के लिए प्रोग्राम किया गया है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में, यह तेजी से बीमारी का पता लगाने में मदद करता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि इसके नतीजे प्रभावी और गलती के बिना हो। इस तरह, यह हेल्थ इंश्योरेंस में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। आइए हेल्थ इंश्योरेंस मेें एआई की भूमिका समझते हैं।
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) ग्राहक को बेहतर और आसान हेल्थ इंश्योरेंस सेवाएं देने में इंश्योरेंस कंपनी की मदद करता है। प्रीमियम कैलकुलेट करने से लेकर कैशलेस क्लेम निपटाने तक., यह इंश्योरेंस प्रक्रिया के कई पहलुओं को सुधारने में मदद कर सकता है। यहां जानिए कैसे:
किसी भी पॉलिसी में इंश्योरेंस क्लेम उसका सबसे अहम पहलू होता है। इंश्योरेंस क्लेम को मैनुअल तरीके से निपटाना एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है, क्योंकि इसमें बहुत से घटक और दस्तावेज शामिल होते हैं। लेकिन एआई की मदद से क्लेम की इस अवधि को कम किया जा सकता है।
क्लेम प्रक्रिया को ऑटोमेट करने से, इंश्योरेंस कंपनी तेजी से फ्रॉड क्लेम और सही क्लेम का पता लगा सकती है, क्योंकि एआई प्रभावी ढंग से डेटा का विश्लेषण कर सकता है और तय किए गए नियमों के आधार पर लोगों से ज्यादा तेजी से रिपोर्ट दे सकता है।
जैसा कि हमने ऊपर देखा, एआई डेटा का विशेलषण करके और उसे अलग-अलग श्रेणी में विभाजित करके जल्द ही फ़्रॉड क्लेम का पता लगा सकता है। इससे इंश्योरेंस कंपनी की बड़ी बचत होती है क्योंकि उनके निर्णय लेने की क्षमता और उसकी इनसाइट एआई की मदद से पहले से बेहतर हो जाती हैं। इस वजह से सही क्लेम को पहले से ज्यादा जल्दी निपटाया जा सकता है।
आपके पिछले डेटा और मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर एआई आपको अपने लिए सबसे अच्छी पॉलिसी चुनने में मदद करता है। यह इंश्योरेंस कंपनी को ग्राहकों के लिए टेलर-मेड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान तैयार करने में भी मदद कर सकता है। इस प्रकार, आप ऐसा हेल्थ प्लान खरीद सकते हैं जो आपकी जरूरतों के मुताबिक हो और आपको गैर जरूरी सेवाओं का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस सिस्टम चैटबॉट को चलाने में मदद कर सकता है, जिससे यूज़र को इंश्योरेंस कंपनी से बात करने में सुविधा हो जाती है। वे तमाम सवालों के जवाब तुरंत दे सकते हैं। साथ ही, इंश्योरेंस क्लेम, कागजी कार्यवाई, प्रोडक्ट और अन्य से संबंधित बहुत सी आम समस्याओं को झट से सुलझा सकते हैं। इस प्रकार, एआई बेहतर कस्टर सर्विस मैनेजमेंट प्रदान कर सकता है जो 24x7 उपलब्ध रहे। इससे इंश्योरेंस कंपनी को प्रशासनिक खर्च की बचत करने में मदद मिलती है।
अंडरराइटिंग में इंश्योरेंस कंपनी किसी भी व्यक्ति को पॉलिसी देते समय उसके जोखिम का पता लगाती है, जिससे प्रीमियम पर प्रभाव पड़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस में, यह कई घटकों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, पहले से मौजूद बीमारी और अन्य।
जब इसे मैनुअल तरीके से किया जाता है, तो यह प्रक्रिय समय लेने वाली हो सकती है साथ ही इसमें कई तरह की मेडिकल प्रक्रिया और जांच शामिल हो सकती है। लेकिन, तकनीक के साथ, एआई पहले से मौजूद डाटा और स्वास्थ्य उपकरण जैसे फ़िटनेस ट्रैकर की मदद से एआई इस प्रक्रिया को तेज करके जल्द निर्णय दे सकता है।
एआई बहुत सी इंश्योसें प्रक्रिया को संचालित कर सकता है, जैसे फ्रॉड का पता लगाना या अंडरराइटिंग और बार बार होने वाली प्रशासनिक प्रक्रिया को ऑटोमेट कर सकता है। इस प्रकार, इंश्योरेंस कंपनी प्रभावी प्रक्रिया सुनिश्चित कर सकती है साथ ही अपने रिसोर्स और खर्चों का बेहतर इस्तेमाल कर सकती है।
इसके अलावा, मशीन लर्निंग की मदद से क्लेम के मेडिकल खर्च के बारे में गहराई से पता लगाया जा सकता है, जिससे इंश्योरेंस कंपनी अपनी कीमतों और जोखिम प्रबंधन को बेहतर तरीके से एडजस्ट कर सकती है। इन सभी चीजों से, इंश्योरेंस को पॉलिसी धारक और इंश्योरेंस कंपनी दोनों के लिए कम खर्चीला बनाया जा सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस में अर्टीफ़ीशियल इंटेलिजेंस के तमाम फायदों के बावजूद, आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि इसके कुछ नुकसान भी हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस में एआई का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण बदलाव है, और इससे बहुत तेजी से सुधार लाए जा सकते हैं और इंश्योरेंस कंपनी और पॉलिसी धारक के संबंध को बेहतर बनाया जा सकता है। यह यूज़र के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करता है, साथ ही हर तरह की प्रक्रिया को आसान कर देता है। लेकिन इसमें अभी भी बहुत तरह के सुधार की गुंजाइश है, लेकिन यह साफ है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस बेहतर कस्टमर सर्विस प्रदान करके हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करने में मदद करना जारी रखेगा।
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (या एआई) एक ऐसा शब्द है जो मनुष्य के इंटेलिजेंस की नकल करने वाले प्रोग्राम किए हुए मशीन इंटेलिजेंस को परिभाषित करता है। पैटर्न का पता लगाना, समस्या सुलझाना, और भविष्यवाणी करने जैसी समय लगाने वाली प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करने के लिए इसे कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जाता है। इस कार्य के लिए वह डेटा को इस प्रकार ऐनालाइज करता है जैसा करना मनुष्य के लिए कठिन हो सकता है।
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (या एआई) एक ऐसा शब्द है जो मनुष्य के इंटेलिजेंस की नकल करने वाले प्रोग्राम किए हुए मशीन इंटेलिजेंस को परिभाषित करता है। पैटर्न का पता लगाना, समस्या सुलझाना, और भविष्यवाणी करने जैसी समय लगाने वाली प्रक्रियाओं को ऑटोमेट करने के लिए इसे कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जाता है। इस कार्य के लिए वह डेटा को इस प्रकार ऐनालाइज करता है जैसा करना मनुष्य के लिए कठिन हो सकता है।
आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस तेजी से डेटा का विश्लेषण कर लेता है साथ ही उचित क्लेम और फ़्रॉड में अंतर पहचान लेता है। इससे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के निपटान की लंबी अवधि को कम किया जा सकता है।
आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस तेजी से डेटा का विश्लेषण कर लेता है साथ ही उचित क्लेम और फ़्रॉड में अंतर पहचान लेता है। इससे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के निपटान की लंबी अवधि को कम किया जा सकता है।
मशीन लर्निंग और एआई की मदद से इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी अंडरराइटिंग में शामिल जोखिम का सटीक तरीके से पता लगा सकती है, और इसके आधार पर प्रीमियम और नुकसान का पता लगाया जा सकता है। इससे फ्रॉड क्लेम की पहचान की जा सकती है साथ ही ऑटोमेट प्रशासनिक प्रक्रिया से इंश्योरेंस कंपनी को ज्यादा फायदा हो सकता है।
मशीन लर्निंग और एआई की मदद से इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी अंडरराइटिंग में शामिल जोखिम का सटीक तरीके से पता लगा सकती है, और इसके आधार पर प्रीमियम और नुकसान का पता लगाया जा सकता है। इससे फ्रॉड क्लेम की पहचान की जा सकती है साथ ही ऑटोमेट प्रशासनिक प्रक्रिया से इंश्योरेंस कंपनी को ज्यादा फायदा हो सकता है।
एआई की मदद से डाटा का इस्तेमाल करके बीमारी का समय से पहले पता लगाया जा सकता है, जिससे उसके उपचार को प्रभावी ढंग से बेहतर बनाया जा सकता है। इससे किसी मरीज की जरूरत के हिसाब से उपचार की सुविधा विकसित करने, बीमारी के प्रबंधन को नियंत्रित करने और चैटबॉट के इस्तेमाल से कम खर्चीली डायग्नोस्टिक सेवा प्राप्त की जा सकती है।
एआई की मदद से डाटा का इस्तेमाल करके बीमारी का समय से पहले पता लगाया जा सकता है, जिससे उसके उपचार को प्रभावी ढंग से बेहतर बनाया जा सकता है। इससे किसी मरीज की जरूरत के हिसाब से उपचार की सुविधा विकसित करने, बीमारी के प्रबंधन को नियंत्रित करने और चैटबॉट के इस्तेमाल से कम खर्चीली डायग्नोस्टिक सेवा प्राप्त की जा सकती है।
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अस्वीकरण #1: *ग्राहक बीमा लेते समय विकल्प चुन सकता है। प्रीमियम राशि तदनुसार भिन्न हो सकती है। बीमाधारक को प्रस्ताव फॉर्म में पॉलिसी जारी करने से पहले किसी भी पूर्व-मौजूदा स्थिति या चल रहे उपचार का खुलासा करना आवश्यक है।
अस्वीकरण #2: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए जोड़ी गई है और इंटरनेट पर विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई है। डिजिट इंश्योरेंस यहां किसी भी चीज का प्रचार या सिफारिश नहीं कर रहा है। कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले जानकारी की पुष्टि करें।
Last updated: 2024-03-24
CIN: U66010PN2016PLC167410, IRDAI Reg. No. 158.
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