कैटरेक्ट सर्जरी को कवर करने वाला हेल्थ इंश्योरेंस

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कैटरेक्ट हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

कैटरेक्ट हेल्थ इंश्योरेंस का सीधा सा मतलब उस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से है जो कैटरेक्ट के इलाज को कवर करती है। कैटरेक्ट बुढ़ापे में आंख की होने वाली सामान्य कंडीशन है, लेकिन यह आंख में चोट लगने से भी हो सकती है।

डिजिट की पॉलिसी में इसके लिए इलाज शामिल है और हमारे डेकेयर प्रोसीज़र के तहत इसे बिना किसी एडिशनल कॉस्ट के कवर किया जाता है।

आपको कैटरेक्ट सर्जरी को कवर करने वाला हेल्थ इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए?

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किसी भी कंवेशनल कैटरेक्ट सर्जरी (फ़ेकोमल्सीफ़िकेशन) में हर आंख पर ₹40,000 तक ख़र्च हो जाते हैं, जबकि नई ब्लेडलेस सर्जरी में तो ₹85,000 से ₹1.2 लाख तक ख़र्च हो जाते हैं!(1)

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कैटरेक्ट का कोई नेचुरल इलाज मौजूद नहीं है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ द्वारा पब्लिश 2017 की रिव्यू ऑफ़ स्टडीज से साबित हो गया है कि कैटरेक्ट का एकमात्र इलाज सर्जरी है। (2)

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अमेरिका या यूरोप में कैटरेक्ट की समस्या होने की औसत उम्र 70+ है। लेकिन भारत में यह समस्या 50 साल की उम्र से ही बड़ी तेजी से बढ़ रही है। (3)

कैटरेक्ट क्या है?

कैटरेक्ट आंख की वह कंडीशन है जब आंख के लेंस में धुंधलापन आने लग जाता है। यह समस्या बुजुर्गों में काफ़ी हद तक सामान्य हो चुकी है और अगर इसका इलाज नहीं कराया जाता है, तो इसके कारण आंख में आंशिक या पूर्ण अंधापन हो सकता है ।

कैटरेक्ट कैसे होता है?

कैटरेक्ट होने का कोई एक कारण नहीं है। हालांकि, यह बुजुर्गों में सामान्य है, पर भारत में ट्रेंड चल रहा है जहां कैटरेक्ट 50 साल की उम्र में भी हो रहा है!

भारत में डायबिटीज की समस्या का बढ़ना और फैलना भी इसका कारण हो सकता है। डायबिटीज और बढ़ती उम्र के अलावा कैटरेक्ट होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

  • ऑक्सीडेंट का ओवर प्रोडक्शन, यानि ऑक्सीजन मॉलिक्यूल जो नॉर्मल डेली लाइफ़ के कारण कैमिकल तौर पर बदल जाते हैं
  • धुम्रपान
  • अल्ट्रावायलेट रेडिएशन
  • स्टेरॉयड और अन्य दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल
  • कुछ बीमारियां, जैसे कि डायबिटीज
  • आंख में पहले की लगी चोट के ट्रॉमा से
  •  रेडिएशन थैरेपी

कैटरेक्ट के लक्षण

  • धुंधला दिखना
  • रात में देखने में परेशानी होना
  • रंगों का हल्का दिखना
  • तेज रोशनी में देखने में परेशानी
  • रोशनी के आसपास चौंध (halos) दिखना
  • प्रभावित आंख में डबल विज़न
  • चश्मे का नंबर बार-बार बदलने के ज़रूरत होना 

कैटरेक्ट के प्रकार

आमतौर पर लोग इस गलतफ़हमी में रहते हैं कि कैटरेक्ट सिर्फ़ एक ही तरह का होता है और सिर्फ़ बड़ी उम्र से संबंधित होता है।

हालांकि, यह सच नहीं है। कैटरेक्ट कई तरह का हो सकता है जो इसके कारण या यह आंख के किस हिस्से को प्रभावित करता है, पर निर्भर करता है। नीचे कैटरेक्ट के अलग अलग प्रकार दिए गए हैं:

  • न्यूक्लियर कैटरेक्ट : लेंस के बीच में बनता है और न्यूक्लियस (आंख के सेंटर में) को पीला/भूरा कर देता है।
  • कॉर्टिकल कैटरेक्ट : कील के आकार का होता है, न्यूक्लियस के किनारे के आसपास बनता है।
  • पोस्टीरियर कैप्सुलर कैटरेक्ट : दूसरे कैटरेक्ट की तुलना में बहुत तेजी से बनता है और आंखों के लेंस के पिछले हिस्से को प्रभावित करता है।
  • कॉनजेनिटल कैटरेक्ट : कैटरेक्ट के प्रकारों में से एक जो बढ़ती उम्र के कारण नहीं होता है बल्कि जन्म से मौजूद होता है या बच्चे के पहले साल के दौरान बनता है।
  • सेकेंडरी कैटरेक्ट : किसी अन्य बीमारी या अंदरूनी हेल्थ कंडीशन जैसे डायबिटीज और ग्लूकोमा के कारण होता है। इसके अलावा , स्टेरॉयड और अन्य दवाओं के इस्तेमाल से भी कैटरेक्ट हो सकता है।
  • ट्रॉमेटिक कैटरेक्ट : कभी-कभी, आंख में चोट लगने के बाद ट्रॉमा कैटरेक्ट बना सकता है, हालांकि ऐसा होने में सालों लग सकते हैं।
  • रेडिएशन कैटरेक्ट : किसी व्यक्ति के कैंसर के रेडिएशन इलाज से गुजरने के बाद बनता है।

क्या कैटरेक्ट से बचाव का कोई उपाय है?

हां, कैटरेक्ट को मुख्य रूप से आपकी आंखों की हेल्थ और लाइफ़स्टाइल को हेल्दी बना कर रोका जा सकता है। कैटरेक्ट को रोकने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:

  • अपनी आंखों को अल्ट्रावायलेट बी किरणों से बचाने के लिए धूप में धूप का चश्मा पहनें।
  • नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं, ख़ास तौर से तब, जब आप आमतौर पर आंखों की समस्याओं का सामना करते हैं या 65 साल से ज़्यादा उम्र के हैं।
  • धुम्रपान बंद करें!
  • ऐसे फलों और सब्जियों का सेवन नियमित तौर पर करें जिनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
  • जैसा कि अन्य बीमारियों को रोकने के लिए करते है - हमेशा हेल्दी वजन बनाए रखने की कोशिश करें।
  • अगर आप डायबिटीज के रोगी हैं तो अपने डायबिटीज का लेवल कंट्रोल में रखें।

क्या कैटरेक्ट से जुड़े कोई रिस्क फ़ैक्टर हैं?

हां, कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें दुर्भाग्य से दूसरों की तुलना में कैटरेक्ट होने का खतरा ज़्यादा होता है। इनमें से कुछ रिस्क फ़ैक्टर इस प्रकार हैं:

  • बढ़ती उम्र
  • ज़्यादा शराब पीना
  • नियमित तौर पर धुम्रपान करना
  • मोटापा
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • आंख की पुरानी चोटें
  • कैटरेक्ट की फ़ैमिली हिस्ट्री
  • बहुत ज़्यादा धूप में निकलना
  • डायबिटीज
  • एक्स-रे और कैंसर के इलाज से रेडिएशन के संपर्क में आना

कैटरेक्ट सर्जरी क्यों ज़रूरी है?

  • सर्जरी के अलावा कैटरेक्ट का कोई नेचुरल इलाज नहीं है - दुर्भाग्य से, जैसा कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ ने भी माना है, वर्तमान में सर्जरी के अलावा कैटरेक्ट का कोई नेचुरल इलाज मौजूद नहीं है। इसलिए, अपने विज़न को बेहतर बनाने के लिए और कैटरेक्ट के लक्षण और नतीजों से बचने के लिए, आपको कैटरेक्ट की सर्जरी ही करवानी होगी।
  • इलाज नहीं कराने पर कैटरेक्ट आंशिक या पूर्ण अंधेपन का कारण बन सकता है - उम्र और आंख की कंडीशन के अनुसार इसके लक्षण समय के साथ बिगड़ सकते हैं और इसका समय पर इलाज (सर्जरी के ज़रिए) नहीं कराने पर यह आंख में आंशिक या पूर्ण अंधेपन का कारण बन सकता है। इसलिए, अगर आपको या आपके माता-पिता में से एक को या दोनों को आंखों में कैटरेक्ट की समस्या है, तो कैटरेक्ट सर्जरी का विकल्प चुनना महत्वपूर्ण होगा ताकि आंखों को और ज़्यादा ख़राब होने से बचाया जा सके।
  • कैटरेक्ट सर्जरी विज़न को बरकरार रखती है - इस सब में अच्छी खबर यह है कि,मेडिकल एडवांसमेंट के कारण, कैटरेक्ट सर्जरी वास्तव में सबसे सुरक्षित सर्जरी में से है। आपको मुश्किल से कुछ ही घंटों के लिए भर्ती होने की ज़रूरत होती है, इसलिए यह अन्य सर्जरी की तुलना में बहुत ही छोटी और सफल प्रोसेस है। इसमें रिकवरी भी जल्दी होती है।
  • जीवन की क्वॉलिटी में सुधार आता है  - आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि आंखें आत्मा की खिड़की है और इस खिड़की से दुनिया देख सकते हैं! यह सिर्फ़ छोटी-छोटी पुतलियां भले हो, लेकिन हम इन पर इतने ज़्यादा निर्भर हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए, कैटरेक्ट की सर्जरी करवाने से न सिर्फ़ विज़न की क्वॉलिटी में सुधार होता है, बल्कि जीवन की क्वॉलिटी में भी पूरा सुधार होता है।

भारत में कैटरेक्ट सर्जरी की कॉस्ट कितनी है?

जबकि फ़ेकोमल्सीफ़िकेशन कैटरेक्ट सर्जरी कैटरेक्ट सर्जरी का सबसे सामान्य रूप है, पर कैटरेक्ट के लिए दूसरे तरह की सर्जरी भी होती हैं ।

आपके डॉक्टर ने जो रेकमंड किया है, जिस शहर में आप रहते हैं, जिस अस्पताल को आप चुनते हैं और आप कितने साल के हैं, इन सबके आधार पर भारत में कैटरेक्ट सर्जरी की कॉस्ट अलग-अलग हो सकती है। नीचे देखें भारत में तीन अलग-अलग प्रकार की कैटरेक्ट सर्जरी के लिए लगभग कितना ख़र्च आएगा:

फ़ेकोमल्सीफ़िकेशन कैटरेक्ट सर्जरी एडिशनल कैप्सुलर कैटरेक्ट सर्जरी ब्लेडलेस कैटरेक्ट सर्जरी
यह क्या है: कैटरेक्ट के लिए सबसे सामान्य सर्जरी है, कैटरेक्ट को ब्रेक डाउन और रिमूव करने के लिए, लोकल एनेस्थेसिया का इस्तेमाल करते हुए, प्रभावित कॉर्निया में छोटे चीरे लगाए जाते हैं। यह क्या है: फ़ेकोमल्सीफ़िकेशन कैटरेक्ट सर्जरी के समान, लेकिन इसमें लगने वाले चीरे सामान्य से बड़े होते हैं। यह क्या है: इस सर्जरी में चीरा लगाने के किसी भी तरीके का इस्तेमाल नहीं होता है, बल्कि कैटरेक्ट का कंप्यूटर पर फ़ेमटोसेकंड लेजर से इलाज किया जाता है जो कैटरेक्ट को डिसॉल्व कर देता है।
कॉस्ट : प्रभावित आंख पर इसकी कॉस्ट लगभग ₹40,000 आती है। कॉस्ट : प्रभावित आंख पर ₹40,000 से ₹60,000 के बीच। कॉस्ट : यह देखते हुए कि यह सर्जरी काफ़ी लेटेस्ट और टेक्निकल है, इसलिए यह अन्य सर्जरी की तुलना में ज़्यादा महंगी है, यानी प्रभावित आंख पर करीब ₹85,000 से ₹120,000 तक की कॉस्ट आ जाती है।

 सोर्स 

डिस्क्लेमर : ऊपर दी गई कॉस्ट सिर्फ़ अनुमानित कॉस्ट हैं और यह एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल और एक शहर से दूसरे शहर में अलग-अलग हो सकती हैं।

डिजिट के कैटरेक्ट हेल्थ इंश्योरेंस कवर की क्या खूबियां है?

आसान ऑनलाइन प्रक्रिया- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया पेपर रहित, आसान, तेज और रुकावट रहित होती है। क्लेम के दौरान भी हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं पड़ती।

 

उम्र या जोन आधारित को-पेमेंट नहीं- हमारा हेल्थ इंश्योरेंस बिना उम्र या जोन आधारित को-पेमेंट के उपलब्ध है। इसका मतलब है कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के समय, आपको अपनी जेब से कुछ भी खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती।

कमरे के किराए की बाध्यता नहीं- हम समझते हैं कि हर किसी की अलग अलग प्राथमिक्ता होती है। इसीलिए हमारे यहां कमरे के किराए की बाध्यता नहीं है। अपनी पसंद से अस्पताल का कोई भी कमरा चुनें।

एसआई वॉलेट बेनिफ़िट- अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान आपकी इंश्योरेंस की राशि खत्म हो जाती है, तो हम आपके लिए उसे रीफ़िल कर देंगे।

किसी भी अस्पताल में उपचार कराएं- कैशलेस उपचार के लिए भारत में हमारे 10500+ नेटवर्क अस्पतालों में से चयन करनें या रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।

 वेलनेस बेनिफ़िट- सबसे बेहतरीन हेल्थ और वेलनेस पार्टनर के साथ कोलैबोरेशन करके डिजिट ऐप पर खास वेलनेस बेनिफ़िट पाएं।

डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस के फ़ायदे

को-पेमेंट नहीं
कमरे के किराए की बाध्यता नहीं
कैशलेस अस्पताल पूरे भारत में 10500+ नेटवर्क अस्पताल
इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर हां
वेलनेस बेनिफ़िट 10+ वेलनेस पार्टनर
शहर आधारित डिस्काउंट 10% तक डिस्काउंट
विश्व भर में कवरेज हां*
गुड हेल्थ डिस्काउंट 5% तक डिस्काउंट
कंज्यूमेबल कवर एडऑन के रूप में उपलब्ध

*केवल वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान में उपलब्ध

 

डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस में कैटरेक्ट सर्जरी के लिए क्लेम कैसे करें?

डिजिट का हेल्थ इंश्योरेंस 'डेकेयर प्रोसीजर' के तहत कैटरेक्ट सर्जरी को कवर करता है क्योंकि यह ऐसा मेडिकल इलाज है जिसमें मेडिकल एडवांसमेंट के कारण अस्पताल में 24 घंटे से भी कम समय के लिए भर्ती होने की ज़रूरत होती है।

अगर आप कैटरेक्ट की सर्जरी करवाना चाहते हैं, और आपने हमारे यहां इंश्योरेंस करवा रखा है - तो आप नीचे बताए अनुसार क्लेम कर सकते हैं:

ए. रिइंबर्समेंट क्लेम

  • हमें शेडयूल सर्जरी और अस्पताल में भर्ती होने की सूचना पहले से या भर्ती होने के दो दिनों के अंदर दें। फिर भी, चूंकि कैटरेक्ट की सर्जरी आमतौर पर पहले से शेडयूल होती है, इसलिए बेहतर होगा कि हमें पहले ही सूचित कर दिया जाए, ताकि एन वक्त में किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े!
  • आप हमें 1800-258-4242 पर कॉल करके सूचित कर सकते हैं या हमें  healthclaims@godigit.com  पर ईमेल कर सकते हैं और हम आपको आपके सभी ज़रूरी डॉक्युमेंट अपलोड करने के लिए लिंक भेजेंगे। सर्जरी के बाद, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि रिइंबर्समेंट जल्द से जल्द हो जाए। 

बी. कैशलेस क्लेम

  • अगर आप कैशलेस क्लेम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस नेटवर्क अस्पताल को चुनें, जिसमें आप कैटरेक्ट की सर्जरी करवाना चाहते हैं, इसे यहां देखें
  • हमें ऊपर दिए गए नंबर या ईमेल पर कम से कम 72 घंटे पहले सूचित करें।
  • नेटवर्क अस्पताल डेस्क पर अपना ई-हेल्थ कार्ड दिखाएं और कैशलेस रिक्वेस्ट फ़ॉर्म मांगें। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आपके क्लेम पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा!

कैटरेक्ट को कवर करने वाले हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

किस ऐज़ ग्रुप में कैटरेक्ट होने का खतरा ज़्यादा होता है?

ज़्यादातर, सीनियर ऐज़ ग्रुप में कैटरेक्ट होने का खतरा ज़्यादा होता है।

क्या सभी मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस कैटरेक्ट सर्जरी को कवर करते हैं?

नहीं, यह अलग अलग हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के नियमों और शर्तों पर निर्भर करेगा। अपने पॉलिसी डॉक्यूमेंट को चेक करना हमेशा सही रहता है या अपनी इंश्योरेंस कंपनी से यह जानने की कोशिश करें कि यह कवर होगा या नहीं,😊 डिजिट पर, यह डेकेयर प्रोसीजर के तहत कवर किया जाता है।

कैट्रैक्ट सर्जरी के लिए क्या कोई वेटिंग पीरियड होती है?

हां। डिजिट में, कैट्रैक्ट सर्जरी के लिए कम से कम 2 साल की वेटिंग पीरियड होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह खास तरह की बीमारी है।

 

अगर मुझे डायबिटीज है, तो क्या इसका मतलब मुझे कैटरेक्ट भी हो जाएगा?

नहीं, सिर्फ़ डायबिटीज होने का यह मतलब नहीं है कि आपको कैटरेक्ट हो जाएगा। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि जो लोग डायबिटीज (ख़ास तौर पर हाई लेवल डायबिटीज) के शिकार हैं, उन्हें सेकेंडरी कैटरेक्ट होने का खतरा ज़्यादा रहता है।

क्या मुझे कैटरेक्ट सर्जरी के लिए अलग से ऐड-ऑन कवर लेना होगा?

यह आपकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पर निर्भर करेगा। हालांकि, डिजिट में कैटरेक्ट सर्जरी को डेकेयर प्रोसीजर के तहत कवर किया जाता है जो हमारे सभी हेल्थ इंश्योरेंस विकल्पों में बाई डिफ़ॉल्ट शामिल है।

क्या कैटरेक्ट से पीड़ित हर एक व्यक्ति को सर्जरी की ज़रूरत होती है?

यह मुख्य रूप से आपके लक्षण और वर्तमान विज़न क्वॉलिटी पर निर्भर करता है। कैटरेक्ट से पीड़ित ज़्यादातर लोगों को, सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह सुरक्षित है और विज़न की क्वॉलिटी को बेहतर बनाए रखता है। हालांकि, वर्तमान में आपकी आंखें कितनी प्रभावित हैं, इस आधार पर सर्जरी में देरी की जा सकती है। इस मामले में आपका आई स्पेशलिस्ट आपकी आंखों के चेकअप और एग्जामिनेशन के बाद सही सलाह दे सकता है।