कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स
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यह मोटर इन्शुरन्स पॉलिसी व्यवसाय में प्रयोग होने वाले वाहनों के लिए है और इसे अपने अनुरूप कस्टमाइज किया जा सकता है। कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स कमर्शियल वाहनों को या उनकी वजह से होने वाले किसी भी नुकसान और घाटे की भरपाई करता है। इसमें वाहनों को किसी दुर्घटना, तोड़फोड़, प्राकृतिक कारणों तथा आग से होने वाले नुकसान शामिल है। सभी व्यापारों के लिए अपने सभी तरह के कमर्शियल वाहन जैसे कि ऑटो रिक्शा, कैब, स्कूल बस और ट्रक के लिए कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स खरीदना जरूरी होता है।
हम अपने ग्राहकों का बहुत ध्यान रखते हैं, जानिए कैसे.....
ये जानना भी बहुत जरूरी है कि आपके कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स पॉलिसी में क्या कवर नहीं किया जाता है, जिससे कि जब आप क्लेम करें तो आपको किसी भी तरह की हैरानी या समस्या ना हो। यहाँ पर कुछ ऐसी स्थितियाँ बतायी गयी हैं:
आपके कमर्शियल व्हीकल की जरूरत के अनुसार हम दो तरह की पॉलिसी प्रदान करते हैं। हालाँकि वाहन के मामले में रिस्क और कमर्शियल व्हीकल के इस्तेमाल को देखते हुए स्टैंडर्ड/फर्स्ट-पार्टी पैकेज पॉलिसी लेने की सलाह दी जाती है। जो कि आपके कमर्शियल व्हीकल को सुरक्षित करनें के साथ ही इसे इस्तेमाल करने वाले ड्राइवर-मालिक को भी आर्थिक रूप से सुरक्षित करता है।
आपके कमर्शियल व्हीकल की वजह से किसी थर्ड-पार्टी व्यक्ति या संपत्ति को होने वाली क्षतिI |
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आपके बीमित वाहन के द्वारा जब किसी दूसरे वाहन को ढोया जाता है, तो इस दौरान उस ढोये जाने वाले वाहन के कारण किसी थर्ड-पार्टी को होने वाला नुकसानI |
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प्राकृतिक कारणों से, आग लगने पर, चोरी होने पर या दुर्घटना के कारण खुद के वाहन को नुकसान पहुँचने या चोरी होने परI |
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मालिक-ड्राइवर के घायल या मौत होने परI अगर मालिक-ड्राइवर के पास पहले से ही खुद के लिए कोई दुर्घटना कवर ना होI |
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हमें 1800-258-5956 पर कॉल करें या hello@godigit.com पर ईमेल करें।
अपनी डिटेल जैसे कि पॉलिसी नम्बर, दुर्घटना का स्थान, दुर्घटना कि दिनांक व समय तथा इन्शुरन्स पालिसी नंबर पास में रखें ताकि प्रक्रिया को आसानी से पूरा किया जा सके।
जब भी आप किसी कम्पनी द्वारा इन्शुरन्स प्लान लेते हैं तो ये सवाल सबसे पहले आपके दिमाग मे आना चाहिए। अच्छा है कि आप यह पूछ रहे हैं!
डिजिट का क्लेम्स रिपोर्ट कार्ड पढ़ेंचाहे आप अपने वाहन को अपने मुख्य व्यवसाय के रूप में इस्तेमाल कर रहे हों या नहीं, परन्तु किसी भी तरह के कमर्शियल व्हीकल की सुरक्षा करना बहुत जरूरी है। वैसे तो कमर्शियल वाहनों के लिए इन्शुरन्स पॉलिसी लेने का नियम बनाया गया है लेकिन एक स्टैण्डर्ड/फर्स्ट-पार्टी इन्शुरन्स पैकेज लेकर आप ना सिर्फ वाहन को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि इससे ड्राइवर-मालिक को भी किसी विपरीत परिस्थिति जैसे कि प्राकृतिक स्थिति, आग, चोरी और दुर्घटना के समय आर्थिक रूप से सुरक्षित किया जा सकता है।
अगर आपके व्यापार में काफी सारे वाहन इस्तेमाल होते हैं तो निश्चित रूप से आपको स्टैण्डर्ड पैकेज पॉलिसी लेनी चाहिए। ये ना सिर्फ गाड़ी के मालिक और ड्राइवर को सुरक्षित करता है बल्कि आपके व्यापार को भी किसी भी तरह के आर्थिक नुकसान से बचाता है। वैसे भी, हर तरह के व्यापार में जोखिम जरूर होता है। ऐसे में, कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स आपको ऐसे कम से कम एक प्रकार के रिस्क से तो बचा कर रखता ही है।
बिल्कुल, किसी भी कमर्शियल व्हीकल का इन्शुरन्स कराना बहुत जरूरी है। कानूनी नियम के अनुसार तो ये जरूरी है ही, साथ ही स्टैंडर्ड कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स पॉलिसी लेने से ये आपके वाहन के साथ ही आपको भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम करता है। इस बीमा पॉलिसी की सहायता से आप किसी अनहोनी जैसे कि चोरी, आग या दुर्घटना की स्थिति में अपने व्यापार को भी आर्थिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
इस समय मार्केट में बहुत सी कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स पॉलिसी मौजूद हैं। ऐसे में, आपको खुद के लिए ऐसी इन्शुरन्स पॉलिसी चुननी चाहिए जो कि आसान हो, जिसमें फायदे अधिक हो और जिसे क्लेम करने में भी किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। किसी भी इन्शुरन्स पॉलिसी के लिए ये सभी चीजें सबसे ज्यादा महत्व रखती हैं।
यहाँ पर कुछ टिप्स दिए गए हैं जिसकी मदद से आप खुद के वाहन के लिए सर्वश्रेष्ठ कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स पॉलिसी ले सकते हैं:
सबसे सस्ता कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स प्लान लेना आपको पहली नजर में बहुत अच्छा लग सकता है, लेकिन जब भी कमर्शियल व्हीकल के लिए इन्शुरन्स प्लान की तुलना करें तो उसके अन्य घटकों जैसे कि सर्विस लाभ और क्लेम में लगने वाले समय आदि को भी ध्यान में रखें।
आपके वाहन के प्रकार के अनुसार तथा कमर्शियल व्हीकल के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इसके रिस्क कम या ज्यादा हो सकते हैं। ऐसे में कमर्शियल इन्शुरन्स पॉलिसी लेते समय इन बातों पर भी ध्यान दें, ताकि आपके वाहन के साथ ही व्यापार को भी आर्थिक मजबूती मिल सके:
सर्विस लाभ: किसी भी अनहोनी के समय अच्छी सर्विस ही आपके लिए सबसे मददगार चीज होती है। ऐसे में, किसी भी कम्पनी के इन्शुरन्स प्लान को लेते समय उसके सर्विस लाभ पर जरूर ध्यान दें और कोशिश करें कि इस आप खुद के अनुसार चुनें।
जैसे कि - डिजिट आपको 24*7 कस्टमर केयर सपोर्ट देने के साथ ही 1400+ गैराज नेटवर्क की भी सुविधा देता है।
क्लेम सेटलमेंट में तेजी: इन्शुरन्स पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य क्लेम ही होता है! इसलिए किसी भी कम्पनी का इन्शुरन्स प्लान लेते समय उसके क्लेम को करने में लगने वाले समय को जरूर जान लें।
इसके साथ ही, हम जीरो हार्डकॉपी पॉलिसी पर काम करते हैं, इसका मतलब हम आपसे डॉक्युमेंट्स की सिर्फ सॉफ्ट कॉपी ही माँगते हैं। सब कुछ पेपरलेस और बेहद आसान है!
अपनी आई डी वी चेक करें: ऑनलाइन होने वाले बहुत से इन्शुरन्स प्लान में आई डी वी (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) यानी कि वाहन के निर्माता द्वारा आपके वाहन की कीमत बेहद कम दी जाती है। आई डी वी आपके प्रीमियम को तो प्रभावित करता ही है साथ ही आपको सही क्लेम सेटलमेंट मिले इसे भी सुनिश्चित करता है।
वाहन की चोरी होने पर या उसके नुकसान के वक्त आपको एहसास होगा कि आपकी आई डी वी को गलत या बहुत कम आँका गया था! डिजिट में हम आपको ऑनलाइन इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदते वक्त ही खुद से ही आई डी वी निर्धारित करने की स्वतंत्रता देते हैं।
सर्वोत्तम मूल्य: यहाँ पर बताये गए सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आप खुद के लिए बेस्ट कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स प्लान खरीदें। ऐसा इन्शुरन्स प्लान चुनिए जो कि सही दाम में हो, अच्छी सर्विस दे रहा हो और बेशक उसका क्लेम भी फास्ट होना चाहिए!
यहाँ पर कुछ ऐसे घटक बताये गए हैं, जो कि आपके कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स के प्रीमियम को प्रभावित कर सकते हैं:
मॉडल, इंजन और वाहन की बनावट: बेशक, आपके कमर्शियल वाहन की रिस्क वैल्यू उस वाहन के प्रकार पर निर्भर करती है।
किसी कैब के लिए किया गया कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स बेशक किसी बड़े वाहन जैसे कि ट्रक या स्कूल बस के लिए किए गए इन्शुरन्स से सस्ता होगा, क्योंकि इसकी बनावट और वाहन का प्रकार अलग है। इसके साथ ही वाहन के निर्मित होने का वर्ष और वर्तमान में उसकी स्थिति भी आपके प्रीमियम को प्रभावित करती है।
लोकेशन: आपका कमर्शियल व्हीकल किस जगह पर रजिस्टर्ड हुआ है और ये कहाँ पर चलाया जा रहा है इससे भी आपके प्रीमियम पर काफी प्रभाव पड़ता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि लोकेशन की वजह से वाहन में विभिन्न जोखिम की संभावनाएं बढ़ जाती है। जैसे कि ऐसे वाहन जो कि दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद और बैंगलोर जैसे महानगरों में इस्तेमाल हो रहें हैं, वहाँ पर दुर्घटना होने का जोखिम अन्य छोटे शहरों के वाहनों की तुलना में अधिक होगा।
नो-क्लेम बोनस: अगर आपके पास पहले से ही कोई कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स मौजूद है और अब आप उसे अपग्रेड करवाना चाहते हैं या किसी नई इन्शुरन्स कम्पनी की तलाश कर रहे हैं - ऐसी स्थिति में आपका एन सी बी (नो क्लेम बोनस) भी ध्यान में रखा जाएगा और आपको प्रीमियम में छूट भी दी जायेगी।
नो क्लेम बोनस का मतलब ये है कि आपके कमर्शियल व्हीकल के लिए पिछले एक साल या उससे भी ज्यादा समय में कोई बीमा क्लेम नहीं किया गया है।
इन्शुरन्स प्लान के प्रकार: कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स में मुख्यतः दो तरह के इन्शुरन्स आते हैं। इसके बाद, आपका इन्शुरन्स प्रीमियम भी इस पर भी निर्भर करता है कि आप कौन सा प्लान चुन रहे हैं।
आवश्यक थर्ड-पार्टी प्लान कम प्रीमियम के साथ आता है, लेकिन ये सिर्फ आपके वाहन से किसी दूसरे को पहुँचने वाले नुकसान की भरपाई करता है तथा वाहन के मालिक (अगर वो बीमित वाहन में सफर कर रहा है) के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसे भी आर्थिक मदद देने का प्रावधान करता है। दूसरी ओर, स्टैंडर्ड/फर्स्ट-पार्टी पैकेज पॉलिसी में प्रीमियम अधिक है, लेकिन ये दुर्घटना के समय खुद के वाहन और वाहन के मालिक-ड्राइवर को भी होने वाली क्षति की प्रतिपूर्ति भी करता है।
कमर्शियल व्हीकल का उद्देश्य: प्रत्येक कमर्शियल व्हीकल का उपयोग अलग-अलग उद्देश्य के लिए किया जाता है। कुछ कमर्शियल व्हीकल का उपयोग यात्रियों को लाने ले जाने के लिए किया जाता है, वहीं कुछ कमर्शियल वाहनों का उपयोग सामान ढोने के लिए और निर्माण कार्यों के दौरान किया जाता है। ऐसे में, आपके इन्शुरन्स प्लान में ये चीज भी मायने रखती है कि आपके वाहन का उद्देश्य क्या है?
जाहिर है कि एक ऑटो रिक्शा का इन्शुरन्स सामान ढोने वाले ट्रक के इन्शुरन्स से सस्ता होता है, ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं होता है क्योंकि ऑटो रिक्शा का साइज ट्रक के साइज से छोटा होता है, बल्कि इसलिए भी होता है क्योंकि ट्रक में ले जाया जाने वाला सामान भी ज्यादा भारी होता है और कई बार सामान भी कीमती होता है, ऐसे में इन्शुरन्स में उस सामान का भी कवर दिया जाता है।
आई डी वी क्या है?
इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू उस अधिकतम राशि को कहते हैं, जो कि इन्शुरन्स कम्पनी द्वारा वाहन के चोरी हो जाने या नष्ट हो जाने कि स्थिति में आपको भुगतान किया जाता है। ये कीमत वाहन निर्माता के द्वारा निर्धारित किये गए दाम और आपके वाहन की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है।
एन सी बी (नो क्लेम बोनस) क्या है?
नो क्लेम बोनस (एन सी बी) पॉलिसी लेने वाले को प्रीमियम में दिया जाने वाला छूट है जो कि उसे एक पॉलिसी वर्ष में क्लेम ना करने के बदले में दिया जाता है। नो क्लेम बोनस 20 से 50 प्रतिशत तक दिया जा सकता है, जिसे आप पॉलिसी खत्म होने के समय कमर्शियल वाहन से किसी भी तरह की दुर्घटना ना होने की स्थिति में हासिल करते हैं।
छूट (डिडक्टेबल) क्या है?
डिडक्टिबल उस राशि को कहते हैं जो कि पालिसी धारक को इसके लिए क्लेम करते वक्त दिया जाता है। साधारणतः दो तरह की डिडक्टिबल राशि होती है; पहली जो कि आवश्यक है, और दूसरी स्वैच्छिक जो कि आप अपने व्यापार के अनुसार निर्धारित कर सकते हैं।
आपका स्वैच्छिक डिडक्टिबल जितना अधिक होगा प्रीमियम उतना ही कम होगा। हालाँकि स्वैच्छिक डिडक्टिबल राशि चुनते समय ये जरूर ध्यान में रखें कि ये वो राशि है जिसे आपको क्लेम करते वक्त भुगतान करनी होती है।
कैशलेश क्लेम क्या है?
अगर आप अपने कमर्शियल व्हीकल को डिजिट के नेटवर्क वाले रिपेयरिंग सेंटर पर रिपेयर करवाने का विकल्प चुनते हैं, तो हम हम इस रिपेयरिंग में आने वाले खर्चे का भुगतान सीधे ही रिपेयर सेंटर को कर देते हैं। इसे ही कैशेलेस क्लेम कहा जाता है।
कृपया ध्यान दें - अगर यहाँ कोई अन्य खर्च, जैसे कि कोई छूट या अतिरिक्त खर्च, या रिपेयर में ऐसा खर्च जो कि आपके इन्शुरन्स पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है, आता है तो इसका भुगतान वाहन मालिक को खुद से करना होता है।
थर्ड पार्टी के दायित्व से आपका क्या मतलब है?
जब आपके कमर्शियल व्हीकल की वजह से किसी दूसरे व्यक्ति के वाहन या उसे कोई नुकसान पहुँचता है, उसे थर्ड पार्टी दायित्व कहा जाता है। इस स्थिति में आपकी इन्शुरन्स पॉलिसी (सिर्फ लाइबिलिटी पॉलिसी/स्टैंडर्ड पैकेज पॉलिसी) का दायित्व है कि वो दूसरे व्यक्ति को होने वाले नुकसान की आर्थिक भरपाई करे।
कमर्शियल वाहनों के इन्शुरन्स में साधारण कार इन्शुरन्स की तुलना में अधिक खतरा रहता है। एक ट्रक का ही उदाहरण लेते हैं। किसी ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ये अपने आकार और इसमें लदे हुए सामान के कारण ज्यादा नुकसान का कारण बनता है।
इसी तरह टैक्सी और बस में भी अधिक रिस्क होता है, क्योंकि वो रोजाना बहुत से यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं और उनकी सुरक्षा का दायित्व भी इनके ऊपर होता है।
आसान भाषा मे कहें तो किसी नॉर्मल कार की इन्शुरन्स पॉलिसी इस तरह से तैयार की जाती है कि ये सिर्फ आपको और आपके परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने का काम कर सके, जबकि एक कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स खासतौर पर उन लोगों के लिए तैयार किया जाता है जो कि वाहनों को व्यापार के उद्देश्य से प्रयोग करते हैं।
दोनों ही तरह की पॉलिसियों को स्थिति और उनके रिस्क के अनुसार व्यवस्थित किया गया है।
कमर्शियल व्हीकल इन्शुरन्स को खरीदना या इसे रिन्यू कराने के कारण निम्न है: